Salient points of the joint press conference : BJP National Spokesperson Shri Gaurav Bhatia, Delhi BJP State President Shri Adesh Gupta & Shri Pravesh Verma (MP)


16-11-2022
Press Release

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया, दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री आदेश गुप्ता एवं सांसद श्री प्रवेश वर्मा की संयुक्त प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु

 

यमुना के पानी में जो घुला है जहर, यह है अरविंद केजरीवाल की गलत नीतियों और निकम्मेपन का कहर। यमुना के जल में मल घोलने का पाप किया है अरविंद केजरीवाल ने। इस पाप की कोई प्रायश्चित नहीं है।  राम तेरी यमुना मैली, हो गई पापी अरविंद केजरीवाल के पाप धोते-धोते: गौरव भाटिया

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भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी अरविंद केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के जल, थल और नभ को प्रदूषित किया है। 2015 के घोषणापत्र में अरविंद केजरीवाल ने यमुना को साफ़ करने का वादा किया था और आज भी वे यही वादे दोहरा रहे है लेकिन यमुना साफ़ होने के बजाय और मैली होती जा रही है: गौरव भाटिया

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अरविंद केजरीवाल लगभग 50 महीने 13 दिसंबर 2018 को सियोल गए थे यह सीखने गए कि नदी को कैसे साफ किया जाता है। अरविंद केजरीवाल जी सियोल से क्या सीखकर आए थे कि आज भी यमुना नदी में फिक्ल कॉलिफार्म या सीवेज सामग्री स्वीकृत मानदंड से लगभग 1,200 गुना से अधिक: गौरव भाटिया

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दिल्ली में यमुना नदी के 57 किमी स्ट्रेच में लगभग 126 जगहों पर कचरा/नाले का पानी यमुना नदी में मिलता है लेकिन अब तक केवल 32 को ही इंटरसेप्ट किया गया है है। इतना ही नहीं, दिल्ली में लगभग 20 सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का जरूरत है लेकिन केवल 5 ही काम कर रहे हैं: गौरव भाटिया

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दिल्ली में यमुना नदी के सबसे पहले एंट्री पॉइंट पर फिक्ल कॉलिफार्म जहां 1200/ml है जबकि अधिकतम permissible limit 2,500/100 ml है लेकिन आईएसबीटी पुल और अजगरपुर तक पहुँचते-पहुँचते यह लगभग 6.10 लाख प्रति ml हो जाती है: गौरव भाटिया

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यमुना नदी जब आईएसबीटी पुल और अजगरपुर में dissolved ऑक्सीजन की मात्रा जो दिल्ली में यमुना के एंट्री पॉइंट पल्ला में 8.8 ml प्रति लीटर होती है, वह घट कर शून्य हो जाती है जबकि dissolved ऑक्सीजन की न्यूनतम मात्रा 5 मिलीग्राम प्रति लीटर होनी ही होनी चाहिए: गौरव भाटिया

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बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड की मात्रा दिल्ली में यमुना के एंट्री पॉइंट पर जहाँ 2.5 मिलीग्राम प्रति लीटर थी जो अजगरपुर में बढ़कर 75 मिलीग्राम तक पहुंच जाती है जबकि यह अधिकतम 3 मिलीग्राम प्रति लीटर से अधिक नहीं रहना चाहिए: गौरव भाटिया

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केजरीवाल सरकार ने सौ महीने में कितनी बार और कितनी जगह डिसिल्टिंग कराया है? केजरीवाल सरकार ने एक भी ड्रेजिंग और डिसिल्टिंग मशीन नहीं खरीदी, क्यों? डिसिल्टिंग के कार्य पर क्यों अरविंद केजरीवाल सरकार ने महज डेढ़ से दो करोड़ रुपये खर्च किए: गौरव भाटिया

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यमुना नदी के किनारे कई किलोमीटर तक सिल्ट जमा हुआ है लेकिन इसकी सफाई की व्यवस्था नहीं की जा रही। केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के बाद जब दिल्ली के उपराज्यपाल महोदय ने इस पर एक्शन लिया तो केवल तीन महीने में तीन किमी यमुना नदी पूरी तरह कचरा मुक्त कर दिया गया: गौरव भाटिया

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अगर दिल्ली की केजरीवाल सरकार भी केंद्र सरकार के मार्गदर्शन में मिशन मोड में काम करती तो बीते 8 साल में दिल्ली में यमुना नदी के 57 किलोमीटर भाग को दो-दो बार साफ़ किया जा चुका होता: गौरव भाटिया

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शराब घोटाले में आरोपी नंबर वन मनीष सिसोदिया को नई शराब नीति लाने और घोटाला करने के लिए पर्याप्त मात्रा में समय था लेकिन दिल्ली को स्वच्छ जल उपलब्ध कराने के लिए समय नहीं था। दिल्लीवासियों को स्वच्छ एवं शुद्ध जल तो उपलब्ध नहीं हो रहा है बल्कि उन्हें जहरीला पानी जरूर मिल रहा है: गौरव भाटिया

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जो यमुना नदी दिल्ली के लिए वरदान थी, आज वही पावन नदी दिल्ली सरकार की नाकामी की वजह से मैली हो गयी है। दिल्ली में लगभग 3.50 करोड़ लीटर गंदा पानी प्रतिदिन यमुना नदी में गिरता है। एसटीपी प्लांट लागकर यमुना नदी को  साफ रखने की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार की है: आदेश गुप्ता

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दिल्ली के टैक्सपेयर्स का पैसा केजरीवाल अपने राजनीतिक कामों और विज्ञापनों के लिए उड़ा रहे हैं लेकिन जब बात युमना की साफ-सफाई की आती है तो वे कहते हैं कि उनके पास पैसे नहीं हैं: आदेश गुप्ता

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केन्द्र सरकार ने यमुना नदी साफ करने के लिए ओखला में 57 लाख लीटर पानी साफ करने की क्षमता वाला एसटीपी प्लांट लगाया है जो जल्द शुरू होगी। इस प्लांट को लगाने के समय भी दिल्ली सरकार ने कई अड़ंगे लगाए थे: आदेश गुप्ता

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2015 में केजरीवाल ने वादा किया था कि यमुना को साफ किया जाएगा और दिल्ली को प्रदूषण मुक्त बनाया जाएगा। लेकिन 8 साल बाद भी यमुना साफ हुई और ही दिल्ली का प्रदूषण कम हुआ है। दिल्ली सरकार की नाकामी की वजह से आज यमुना में इतनी गंदगी है: आदेश गुप्ता

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अरविंद केजरीवाल जी, आपको सियोल जाने की कोई जरूरत नहीं है, आप बस साबरमती रिवरफ्रंट जाकर देख लीजिए। जो पैसा आपने विज्ञापन पर खर्च कर दिया है, उससे यमुना पर भी रिवरफ्रंट बन जाता: प्रवेश वर्मा

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया, दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री आदेश गुप्ता एवं सांसद श्री प्रवेश वर्मा ने आज बुधवार को पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में एक महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता को संबोधित किया और पावन यमुना को मैली करने और इसे साफ़ करने में केजरीवाल सरकार की अक्षमता और अकर्मण्यता को लेकर दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार पर जोरदार हमला बोला। श्री भाटिया ने प्रेस वार्ता की शुरुआत करते हुए दिल्ली में जल, थल और नभ को प्रदूषित करने के लिए भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे आम आदमी पार्टी और उसके संयोजक मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जिम्मेदार ठहराया।

 

श्री गौरव भाटिया ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने यमुना नदी की डिसिल्टिंग के काम पर महज डेढ़ से दो करोड़ रुपये खर्च किये जबकि वे अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए देशभर में अपने फोटो के विज्ञापन पर सालाना 800 करोड़ रुपये तक खर्च कर देते हैं। उन्होंने कहा कि 2015 के घोषणापत्र में अरविंद केजरीवाल ने यमुना को साफ़ करने का वादा किया था और आज भी वे यही वादे दोहरा रहे है लेकिन यमुना साफ़ होने के बजाय और मैली होती जा रही है। राम तेरी यमुना मैली, हो गई पापी अरविंद केजरीवाल के पाप धोते-धोते। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली में यमुना नदी के 57 किमी स्ट्रेच में लगभग 126 जगहों पर कचरा/नाले का पानी यमुना नदी में मिलता है लेकिन अब तक केवल 30-32 की ही पहचान हो पाई है। इतना ही नहीं, दिल्ली में लगभग 20 सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की जरूरत है लेकिन वर्तमान में ये केवल 5 ही है। यमुना नदी के किनारे लगभग 12 किलोमीटर तक सिल्ट जमा हुआ है लेकिन इसकी सफाई की व्यवस्था नहीं की जा रही। केंद्र की श्री नरेन्द्र मोदी सरकार के हस्तक्षेप के बाद जब दिल्ली के उपराज्यपाल महोदय ने इस पर एक्शन लिया तो केवल तीन महीने में तीन किलोमीटर यमुना नदी पूरी तरह कचरा मुक्त कर दिया गया। अगर इस तरह दिल्ली की केजरीवाल सरकार मिशन मोड में काम करती तो अब तक दिल्ली में यमुना नदी के 57 किलोमीटर भाग को दो-दो बार साफ़ किया जा चुका होता।

 

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने फिक्ल कॉलिफार्म, बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड और डिजायर्ड ऑक्सीजन की मात्रा के मानकों का उल्लेख करते हुए बताया कि किस तरह दिल्ली में आते ही यमुना मैली हो जाती है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में यमुना नदी के सबसे पहले इंट्री पॉइंट पर फिक्ल कॉलिफार्म जहां 1200/ml है जबकि permissible limit 2,500/100 ml है लेकिन आईएसबीटी पुल और अजगरपुर तक पहुँचते-पहुँचते यह लगभग 6.10 लाख प्रति ml हो जाती है। इसी तरह यमुना नदी जब आईएसबीटी पुल और अजगरपुर में dissolved ऑक्सीजन की मात्रा जो दिल्ली में यमुना के एंट्री पॉइंट पल्ला में 8.8 मिलीग्राम प्रति लीटर होती है, वह घट कर शून्य हो जाती है जबकि dissolved ऑक्सीजन की न्यूनतम मात्रा 5 मिलीग्राम प्रति लीटर होनी ही होनी चाहिए। बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड की मात्रा दिल्ली में यमुना के एंट्री पॉइंट पर जहाँ 2.5 मिलीग्राम प्रति लीटर थी जो अजगरपुर में बढ़कर 75 मिलीग्राम तक पहुंच जाती है जबकि यह अधिकतम 3 मिलीग्राम प्रति लीटर से अधिक नहीं रहना चाहिए। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के आंकड़ों के अनुसार यमुना में मल कोलीफॉर्म या सीवेज सामग्री स्वीकृत मानदंड से लगभग 1,200 गुना से अधिक है।

 

अरविंद केजरीवाल पर करारा हमला करते हुए श्री भाटिया ने कहा कि इश्तिहारजीवी अरविंद केजरीवाल बिना ऑक्सीजन के रह लेंगे लेकिन अखबार में अपनी तस्वीर नहीं देखेंगे तो उनके गले और फेफड़ों में दिक्कत हो जाएगी। उन्होंने कहा कि यमुना के पानी में जो घुला है जहर, यह है अरविंद केजरीवाल की गलत नीतियों और निकम्मेपन का कहर। यमुना के जल में मल घोलने का पाप किया है अरविंद केजरीवाल ने। इस पाप की कोई प्रायश्चित नहीं है।

 

श्री भाटिया ने अरविंद केजरीवाल से छः सवाल पूछे और कहा कि 12 घंटे में स्वयं अरविंद केजरीवाल को प्रेस वार्ता करके इसका सही-सही जवाब देना चाहिए।

 

       पहला सवाल- केजरीवाल सरकार ने सौ महीने में कितनी बार और कितनी जगह डिसिल्टिंग कराया है?

       दूसरा सवाल - केजरीवाल सरकार ने एक भी ड्रेजिंग और डिसिल्टिंग मशीन नहीं खरीदा है ऐसा क्यों?

       तीसरा सवाल - 126 नाले का गंदा पानी नजफगढ़ नाले से होते हुए यमुना नदी में गिरती हैं उनमें से सिर्फ 32 को अब तक इंटरसेप्ट किया गया है। 90 से ज्यादा नालों पर काम क्यों नहीं किया गया?

       चौथा सवाल - दिल्ली में कम से कम 20 सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की आवश्यकता थी और दिल्ली में आज सिर्फ 5 है। ऐसा क्यों?

       पांचवां सवाल - केजरीवाल सरकार ने डिसिल्टिंग के कार्य पर महज डेढ़ से दो करोड़ रुपये खर्च किए। यदि ये आंकड़े गलत हैं तो अरविंद केजरीवाल दिल्लीवासियों को अविलंब बताएं कि उन्होंने इस पर अब तक कितनी राशि खर्च की है?

       छठा सवाल - केंद्र सरकार के हस्तक्षेप से दिल्ली में ड्रेनेज सिस्टम के तीन किलोमीटर स्ट्रेच की सफाई तीन महीने में हो सकती है तो केजरीवाल सरकार साढ़े आठ साल में क्या कर रही थी? शराब घोटाले में आरोपी नंबर वन उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने गत 3 नवंबर को कहा कि नजफगढ़ नाले की सफाई करेंगे। आपको साढ़े 8 साल में इसकी याद क्यों नहीं आई? आप पिछले आठ साल तक क्या कर रहे थे?

 

भाजपा प्रवक्ता ने हमले की धार को और तेज करते हुए कहा कि मनीष सिसोदिया को नई शराब नीति लाने और घोटाला करने के लिए पर्याप्त मात्रा में समय था लेकिन दिल्ली को स्वच्छ जल उपलब्ध कराने के लिए समय नहीं था। दिल्लीवासियों को स्वच्छ एवं शुद्ध जल तो उपलब्ध नहीं हो रहा है बल्कि उन्हें जहरीला पानी जरूर मिल रहा है। भारतीय जनता पार्टी के सवालों का उत्तर देने की हिम्मत अरविंद केजरीवाल में नहीं है। केजरीवाल सरकार ने जल, थल और नभ की स्वच्छता के नाम पर बजट बढ़ाया लेकिन कुछ भी काम नहीं किया। 

 

श्री भाटिया ने कहा कि अरविंद केजरीवाल 13 दिसंबर 2018 को सियोल गए थे, लगभग 50 महीने पहले यमुना नदी को साफ करने के लिए केजरीवाल जी यह सीखने गए थे कि नदी को कैसे साफ किया जाता है। अरविंद केजरीवाल जी सियोल से क्या सीखकर आए थे कि आज भी यमुना नदी में मानक से 1200 गुना अधिक गंदगी है?

 

अरविंद केजरीवाल कहते थे कि दिल्ली की हवा साफ कर दूंगा। पंजाब में पराली जलने से दिल्ली की हवा प्रदूषित हो रहा है। मेरे पास उसे साफ़ करने का फ़ॉर्मूला है। अब पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है लेकिन पराली समस्या पहले से भी अधिक बढ़ गई है। निठ्ठले, निकम्मे और कट्टर बेईमान हैं अरविंद केजरीवाल।

 

प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री आदेश गुप्ता ने कहा कि जो यमुना नदी दिल्ली के लिए वरदान थी, आज वही पावन नदी मैली हो गई है। दिल्ली सरकार की नाकामी की वजह से यमुना मैली हो गयी है। दिल्ली में लगभग 3.50 करोड़ लीटर गंदा पानी प्रतिदिन यमुना नदी में गिरता है। एसटीपी प्लांट लागकर यमुना नदी को  साफ रखने की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार की है। दिल्ली में 26 एसटीपी प्लांट हैं किंतु उनमें से 80 प्रतिशत प्लांट खराब हैं जो काम नहीं कर रहे हैं। 2016 में एनटीजी की रिपोर्ट आयी है कि सभी एसटीपी प्लांट्स को अपग्रेड किया जाए ताकि नाले से साफ पानी ही यमुना नदी में गिराया जाए। केन्द्र सरकार के जलशक्ति मंत्रालय ने दिल्ली सरकार को इस बाबत कई पत्र भी लिखे हैं लेकिन दिल्ली की निकम्मी केजरीवाल सरकार ने अब तक इस पर कोई काम नहीं किया है।

 

श्री आदेश गुप्ता ने कहा कि दिल्ली के टैक्सपेयर्स का पैसा केजरीवाल अपने राजनीतिक कामों और विज्ञापनों के लिए उड़ा रहे हैं। वहीं जब बात युमना की साफ-सफाई की आती है तो केजरीवाल कहते हैं कि उनके पास यमुना को साफ करने के लिए पैसे नहीं हैं। केन्द्र सरकार ने यमुना नदी साफ करने के लिए ओखला में एसटीपी प्लांट लगाया है। 57 लाख लीटर पानी साफ करने की क्षमता वाली ओखला की प्लांट जल्द शुरू होगी। इस प्लांट को लगाने के समय भी दिल्ली सरकार ने बहुत सारे अड़ंगे लगाए थे। 2015 में केजरीवाल ने वादा किया था कि यमुना को साफ किया जाएगा और दिल्ली को प्रदूषण मुक्त बनाया जाएगा। लेकिन 8 साल बाद भी न यमुना साफ हुई और न ही दिल्ली का प्रदूषण कम हुआ है। जो यमुना दिल्ली के लिए जीवनदायिनी है, आज उसी यमुना के लिए दिल्ली की सरकार अभिशाप हो गई है। दिल्ली सरकार की नाकामी की वजह से आज यमुना में इतनी गंदगी है।

 

प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए भाजपा नेता और सांसद श्री प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने कहा कि लगभग 4 साल पहले अरविंद केजरीवाल सियोल गए थे ये देखने कि नदी कैसे साफ होती है। अरविंद केजरीवाल जी, आपको सियोल जाने की कोई जरूरत नहीं है, आप बस साबरमती रिवरफ्रंट जाकर देख लीजिए। जो पैसा आपने विज्ञापन पर खर्च कर दिया है, उससे यमुना पर भी रिवरफ्रंट बन जाता।

 

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