Salient points of joint press conference of Smt Diya Kumari (MP) & Smt Ranjeeta Koli (MP)


द्वारा श्रीमती दिया कुमारी -
03-08-2023
Press Release

 

 

भारतीय जनता पार्टी की नेत्री और सांसद श्रीमती दीया कुमारी और सांसद श्रीमती रंजीता कोली की संयुक्त प्रेसवार्ता के मुख्यबिन्दु

 

भारतीय जनता पार्टी की नेत्री और सांसद श्रीमती दीया कुमारी और सांसद श्रीमती रंजीता कोली ने आज केंद्रीय कार्यालय में आयोजित एक संयुक्त प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए राजस्थान में महिलाओं-बच्चियों-दलितों के साथ लगातार हो रही आपराधिक घटनाओं पर अशोक गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जो राजस्थान कभी अपनी संस्कृति और महिला सुरक्षा के लिए जाना जाता था, उस राजस्थान में आज महिलाएं अपने घरों में ही सुरक्षित नहीं हैं.   

 

सांसद दिया कुमारी ने राजस्थान की लचर कानून व्यवस्था का जिक्र करते हुए कहा कि आज भीलवाड़ा के नरसिम्हा गांव में कोयला भट्ठी में एक बच्ची की जली हुई लाश मिली। बच्ची अपनी मां के साथ खेत में थी और बकरी चरा रही थी। जब मां को बच्ची नहीं मिली, तो परिजनों ने खोज करनी शुरु कर दी. बच्ची न मिलने पर परिजनों ने थाना में रिपोर्ट दर्ज करायी। आज उस बच्ची की जली हुई लाश कोयला भट्ठी से बरामद हुई। परिजनों का आरोप है कि बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ है। परिजनों का आरोप यह भी है कि राजस्थान पुलिस को जो कार्रवाई करनी चाहिए थी, वह नहीं की। राजस्थान में सिर्फ यही एक घटना नहीं है, बल्कि दो दिन पहले इसी भीलवाड़ा में एक स्कूल में कुछ लड़कों ने एक बच्ची के वाटर बॉटल में पेशाब भर दिया। इतनी घिनौनी घटना राजस्थान में बार-बार हो रही है।

 

कुछ दिन पहले करौली के हिंडौन में भी ऐसी घटना हुई थी। जहां एक लड़की का अपहरण कर सामूहिक दुष्कर्म  किया गया, फिर उसे गोली मारकर हत्या कर दी गयी और एसिड डालकर लाश कुएं में इसलिए फेंक दी गयी थी ताकि उसकी शिनाख्त न हो सके। उसके बाद परिजन जब उस घटना की रिपोर्ट लिखाने गए तो पुलिस ने फटकार लगाते हुए उन्हें धमकी भी दी।

 

ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी राजस्थान के गृहमंत्री भी हैं। एनसीआरबी के आंकड़े के अनुसार राजस्थान देश का रेप कैपिटल बन गया है। पिछले पौने पांच सालों से राजस्थान में प्रतिदिन औसतन 15-20 दुष्कर्म की घटनाएं होती आ रही हैं।  भारतीय जनता पार्टी मुख्यमंत्री गहलोत जी से सवाल पूछना चाहती है कि आखिर राजस्थान की बच्चियों एवं महिलाओं ने क्या बिगाड़ा है कि उनके साथ दुष्कर्म और सामूहिक दुष्कर्म की घटनाएं बार बार हो रही है?

 

राजस्थान की ठप्प हो चुकी कानून व्यवस्था का जिक्र करते हुए माननीय सांसद दिया कुमारी ने कहा कि गत 28 जुलाई को 24 घंटे के अंदर ही 21 आपराधिक घटनाएं घटीं, जिसमे बूंदी के लाखेरी गांव स्थित एक घर में घुसकर महिला की हत्या, पाली के भीमगढ़ में युवक की हत्या और करौली में सात दिन पुरानी लाश मिली, राजधानी जयपुर में, जहां अशोक गहलोत जी का निवास है, वहां सरेआम सदर में एक आदमी को चाकू से गला चीर दिया गया, वहीं चितौढ़गढ में एक युवक की हत्या की हुई लाश मिली। करौली में चार लूटेरों ने एक घर में घूसकर महिला की हत्या कर दी, यह वही करौली है, जहां कुछ दिन पहले एक लड़की का अपहरण कर सामूहिक दुष्कर्म  किया गया, फिर उसे गोली मारकर हत्या कर दी गयी और एसिड डालकर लाश कुएं में इसलिए फेंक दी गयी थी ताकि उसकी शिनाख्त न हो सके। राजस्थान के ही बारां में रामलाल गुर्जर की हत्या कर दी जाती है। भरतपुर में दिनदहाड़े दो लोगों को गोलियों से भून दिया गया। जोधपुर की मथानिया में एक महिला का अपहरण कर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया, जयपुर के जालूपुरा में दो लोगों ने एक महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। पाली में 14 साल की नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म कर उसका वीडियो भी वायरल कर दिया गया, जयपुर के ही प्रतापनगर इलाके में एक युवती के साथ दुष्कर्म किया गया। राजस्थान के केकड़ी विधानसभा क्षेत्र में एक शिक्षिका के साथ दुष्कर्म किया गया, प्रतापगढ़ में एक शिक्षिका के साथ सरेआम छेड़खानी हुई और 6 छात्राओं के साथ दुष्कर्म के प्रयास किये गए. राजस्थान के चुरू मे एक विवाहिता का अपहरण कर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया। अजमेर में भी इसी प्रकार की घटना घटी और बाड़मेड़ में एक नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया। हत्या, अपहरण, दुष्कर्म और सामूहिक दुष्कर्म जैसी ये जघन्य वारदातें राजस्थान में एक ही दिन, यानि 28 जुलाई को, 24 घंटे के अंदर घटित हुईं, इससे राजस्थान की भयावह स्थिति का आकलन किया जा सकता है। आखिर राजस्थान की महिलाएं और बच्चियों को इंसाफ कौन देगा? इसका जवाब कौन देगा?

 

कुछ दिनों पूर्व, अलवर में एक मूकवधिर बालिका के साथ दुष्कर्म हुआ, लेकिन संवेदनहीनता की पराकाष्ठा ही है कि कांग्रेस की राष्ट्रीय नेता प्रियंका वाड्रा, जो यूपी जाकर कहती हैं कि लड़की हूँ लड़ सकती हूं, इस घटना पर एक शब्द तक बोलने की फुर्सत नहीं मिली.

 

प्रियंका जी को विशेष शौक है राजस्थान के रणथम्भौर में पिकनिक मनाने का. अलवर घटना के दौरान ही जब वे पिकनिक मनाने आईं, तो भाजपा का एक शिष्टमंडल उस पीड़िता परिवार की पीड़ा लेकर जब प्रियंका जी से मिलने का प्रयास किया, प्रशासन द्वारा कार्रवाई तो दूर, शिष्टमंडल के सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया. प्रशासन को इस प्रकार मैनेज किया गया कि चूँकि प्रियंका जी यहाँ है, अतः इस मुद्दे को ज्यादा नहीं उठाना है.कभी पीड़िता के परिजनों से मिलकर दिलासा दी है क्या? वे कभी किसी पीड़िता से नहीं मिलीं और न उसके परिजनों को दिलासा दी। क्या राजस्थान की लड़की लड़की नहीं है? क्या राजस्थान की लड़की इन्सान नहीं है? राजस्थान की लड़की को कौन इन्साफ दिलाएगा?

 

राजस्थान की महिला को समझ में नहीं आ रहा है कि वो कहां जाए? वहां के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अब सत्ता में रहने का अधिकार नहीं है। गहलोत सरकार के नंबर दो मंत्री शांति धारीवाल  कहते हैं कि राजस्थान मर्दों का प्रदेश है, इस तरह की घटना होना जायज है, उनके इस बात पर सदन में सत्ताधारी दल के नेता हँसते नजर आते हैं. सदन में एक जिम्मेदार पद पर आसीन मंत्री द्वारा ऐसी अशोभनीय बात करना क्या पीड़ित महिलाओं का अपमान नहीं है?

 

सीएम अशोक गहलोत के एक मंत्री सदन के पटल पर जब कहा कि मणिपुर की घटना तो चिंताजनक है, किन्तु हमलोग को अपने गिरेबां में भी झांकना चाहिए। मंत्री के उक्त कथन के चंद घंटों के भीतर उनको बर्खास्त कर दिया गया।

 

ये बेहद शर्म की बात है कि मीरा बाई, पद्मीनी का प्रदेश, जो भक्ति, शक्ति और त्याग का प्रदेश भी रहा है,  आज उस राजस्थान में महिलाओं-बच्चियों के साथ दिल दहलाने वाली घटनाएं लगातार हो रही हैं।

 

सांसद श्रीमती रंजीता कोली  ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि मैं ऐसे प्रदेश की रहने वाली हूं, जहां कहा जाता है ‘पधारो म्हारो देश’। आज गहलोत सरकार ने राजस्थान को रेपिस्ट प्रदेश बनाकर रख दिया है। पद्मीनी और पन्ना धाई का प्रदेश राजस्थान को बेटियों के सम्मान के जाना जाता था। आज उसी राजस्थान में बेटियों के साथ दिल दहलाने वाली घटनाएं हो रही हैं।

 

करौली की दिल दहलाने वाली घटना हो या फिर जोधपुर की मथनिया में महिला का अपहरण कर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना हो, ये सिर्फ एक दो घटनाएं नहीं हैं, बल्कि नित्य प्रतिदिन राजस्थान में बहन-बेटियों के साथ ऐसी घटनाएं होती रहती हैं, जबकि राजस्थान बेटियों की रक्षा के लिए जाना जाता था। ऐसी घटनाएं होने के बाद आरोपियों को जब पकड़ लिया जाता है और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बस इतना में ही अपनी पीठ थपथपाते लग जाते हैं।

 

सवाल यह है कि क्या मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ऐसी घटना होने का इंतजार करते रहते हैं। गहलोत सरकार के शासन काल में शासन-प्रशासन की ऐसी दुर्गति हो चुकी है कि राजस्थान की बेटियां सम्मान से जिंदगी भी नहीं जी पा रही हैं।

 

प्रियंका गांधी सिर्फ कुर्सी की लडाई लडती हैं। कुर्सी के लड़ाई के लिए प्रियंका गांधी ने नारा दिया था कि लड़की हूं, लड़ सकती हूं। राजस्थान में जिन महिलाओं-बच्चियों पर अत्याचार हो रहे हैं, उनके लिए प्रियंका गांधी क्यों नहीं लड़तीं? राजस्थान की बेटियों को इंसाफ दिलाने के लिए क्यों नहीं लड़ती हैं?

 

 

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