Salient points of joint press conference of Union Minister (MoS) & MP Sushree Debasree Chaudhuri & West Bengal BJP MPs & MLAs.


25-04-2020
Press Release

 

 

केंद्रीय मंत्री एवं लोक सभा सांसद सुश्री देबश्री चौधरी एवं पश्चिम बंगाल से भाजपा के लोक सभा सांसदों एवं विधायकों की संयुक्त प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु 

 

प्रेस वार्ता को रायगंज से लोक सभा सांसद एवं केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सुश्री देबश्री चौधरी, अलीपुरद्वार से लोक सभा सांसद श्री जॉन बारला, न्यू जलपाईगुड़ी से लोक सभा सांसद डॉ जयंत रे, बालुरघाट से लोक सभा सांसद डॉ सुकांता मजूमदार, बाकुला से लोक सभा सांसद डॉ सुभाष सरकार, बैरकपुर से लोक सभा सांसद श्री अर्जुन सिंह और राजरहाट से विधायक एवं पूर्व मेयर श्री सब्यसाची दत्ता ने संबोधित किया।

*****************

एक ओर तो तृणमूल सरकार बेवजह भारतीय जनता पार्टी के सेवा-व्रतियों को परेशान कर रही है, जरूरतमंदों को राशन-पानी से महरूम रखा जा रहा है, वहीं दूसरी ओर भाजपा के चुने हुए जन-प्रतिनिधियों को अकारण और जबरन होम क्वारंटाइन कर उन्हें लोगों की सेवा से भी दूर किया जा रहा है।

*****************

ममता बनर्जी सरकार की पुलिस तृणमूल कैडर की तरह कार्य करते हुए केंद्रीय मंत्रियों, भाजपा सांसदों, भाजपा विधायकों एवं भाजपा नेताओं पर एफआईआर भी कर रही है।

*****************

जहां तृणमूल सरकार द्वारा भाजपा नेताओं पर लॉकडाउन के उल्लंघन का मामला दर्ज कर उन्हें जबरन होम क्वारंटाइन किया जा रहा है, वहीं तृणमूल के विधायक, सांसद और उनके पार्टी कैडर सरेआम लॉकडाउन की धज्जियां उड़ाते हुए ममता बनर्जी का फोटो लगा कर घूम रहे हैं और राहत कार्यों का दिखावा कर रहे हैं।

*****************

मुझे जबरन क्वारंटाइन करने पर रायगंज के डीएम स्वयं व्हाट्सअप कॉल करके मुझसे सॉरी कहते हैं लेकिन पत्रकारों को कुछ और ही बोलते हैं। मैं घर से ही अपने कार्यकर्ताओं के संपर्क में रहती हूँ और जितना संभव हो सकता है, जरूरतमंद लोगों को सहायता पहुंचाने की कोशिश करती हूँ: देबश्री चौधरी

*****************

तृणमूल के कैडर केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए अच्छी क्वालिटी के चावल को बेकार चावल से बदल देते हैं और उस बेकार चावल को जनता में बाँट देते हैं। सामजिक संगठनों को भी सेवा कार्य नहीं करने दिया जा रहा: जॉन बारला

*****************

चूंकि मैं स्वयं एक डॉक्टर हूँ और इस संक्रमण के समय में मेरा पहला कर्तव्य ये बनता है कि मैं जन-सेवा के रूप में अपनी इस योग्यता का उपयोग करूं जोकि सांसद बनने से पहले मैं करता था लेकिन मुझे इस सेवा से भी स्थानीय प्रशासन ने दबाव में रोक दिया और मुझे जबरन होम क्वारंटाइन कर दिया गया: डॉ जयंत रे 

*****************

मैं जब लोगों की सहायता के लिए घर से निकला तो मुझे पुलिस ने सड़क पर छः घंटे तक रोक कर रखा और क्वारंटाइन कर दिया जबकि तृणमूल नेता दर्जनों लोगों के साथ रिलीफ डिस्ट्रीब्यूशन कर रही है जिसके वीडियो भी उपलब्ध हैं। वास्तव में यहाँ का पुलिस प्रशासन टीएमसी कैडर की तरह काम कर रहा है: डॉ सुकांता मजूमदार

*****************

पश्चिम बंगाल में तो टेस्टिंग हो रही है और ही संक्रमित और डेथ टोल के आंकड़े बताये जा रहे हैं। कई मामले तो ऐसे होते हैं कि संदिग्ध के कोरोना सैम्पल की जांच से पहले ही उसका प्रशासन के सहयोग से अंतिम संस्कार भी कर दिया जाता है। कोरोना पॉजिटिव मरीजों की मौत को भी अन्य कारणों से मौत बताकर लीपापोती कर दी जाती है: डॉ सुभाष सरकार

*****************

ममता बनर्जी तो हम सबको रोकने का हरसंभव प्रयास करेगी, हमें जबरन घरों में बंद करेगी ताकि भाजपा के नेताओं का जनता से संपर्क हो लेकिन हमने इसका मुकाबला करना है और लोगों की मदद करनी है: अर्जुन सिंह

*****************

आदरणीय प्रधानमंत्री जी गरीबों और जरूरतमंदों की सहायता करने का आह्वान करते हैं लेकिन हमें लोगों की सेवा करने से रोका जा रहा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद 30 गाड़ियों का काफिला लेकर निकलती हैं, वह खुद लॉकडाउन की धज्जियां उडाती हैं, ऐसा किसी और राज्य में नहीं हो रहा: सब्यसाची दत्ता

*****************

पश्चिम बंगाल में कोरोना के कितने पॉजिटिव और कितने निगेटिव मरीज हैं, किसी को पता नहीं। यहाँ तो यदि पत्रकार भी सच्चाई की खोज में निकलें तो उन्हें भी पकड़ कर क्वारंटाइन कर दिया जाय: सब्यसाची दत्ता

*****************

 

भारतीय जनता पार्टी के पश्चिम बंगाल के लोक सभा सांसदों एवं वरिष्ठ नेताओं ने आज वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से अपने घर से प्रेस कांफ्रेंस की और COVID-19 के संकट के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तृणमूल सरकार की दमनकारी नीतियों को उजागर करते हुए उन पर करारा प्रहार किया। कार्यक्रम का संचालन भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया सह-प्रमुख डॉ संजय मयूख ने किया। प्रेस वार्ता को रायगंज से लोक सभा सांसद एवं केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सुश्री देबश्री चौधरी, अलीपुरद्वार से लोक सभा सांसद श्री जॉन बारला, न्यू जलपाईगुड़ी से लोक सभा सांसद डॉ जयंत रे, बालुरघाट से लोक सभा सांसद डॉ सुकांता मजूमदार, बाकुला से लोक सभा सांसद डॉ सुभाष सरकार, बैरकपुर से लोक सभा सांसद श्री अर्जुन सिंह, विधाननगर के एमएलए एवं पूर्व मेयर श्री सब्यसाची दत्ता ने संबोधित किया। इस वार्ता में वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से पश्चिम बंगाल के कई पत्रकार बंधु भी उपस्थित रहे।   

 

केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा सांसदों ने तृणमूल कांग्रेस सरकार पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि एक ओर तो तृणमूल सरकार बेवजह भारतीय जनता पार्टी के सेवा-व्रतियों को परेशान कर रही है, उन्हें राशन-पानी से महरूम रखा जा रहा है, वहीं दूसरी ओर भाजपा के चुने हुए जन-प्रतिनिधियों को अकारण और जबरन होम क्वारंटाइन कर उन्हें लोगों की सेवा से भी दूर किया जा रहा है। उलटे ममता बनर्जी सरकार की पुलिस तृणमूल कैडर की तरह कार्य करते हुए केंद्रीय मंत्रियों, भाजपा सांसदों, भाजपा विधायकों एवं भाजपा नेताओं पर एफआईआर भी कर रही है। इतना ही नहीं, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत केंद्र द्वारा गरीबों को उपलब्ध कराये जा रहे चावल-दाल भी सही से राज्य में वितरित नहीं किया जा रहा। पांच किलो के बदले एक-दो किलो चावल दिया जा रहा है और वह भी बेकार चावल जबकि केंद्र सरकार अच्छा चावल उपलब्ध करा रही है। जहां तृणमूल सरकार द्वारा भाजपा नेताओं पर लॉकडाउन के उल्लंघन का मामला दर्ज कर उन्हें जबरन होम क्वारंटाइन किया जा रहा है, वहीं तृणमूल के विधायक, सांसद और उनके पार्टी कैडर सरेआम लॉकडाउन की धज्जियां उड़ाते हुए ममता बनर्जी का फोटो लगा कर घूम रहे हैं और राहत कार्यों का दिखावा कर रहे हैं।

 

प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए केंद्रीय महिला एवं बाल विकास कल्याण राज्य मंत्री सुश्री देबश्री चौधरी ने कहा कि मेरे अपार्टमेन्ट के बाहर जबरदस्ती होम क्वारंटाइन का नोटिस स्थानीय प्रशासन द्वारा चस्पा किया गया जबकि कोलकाता एयरपोर्ट पर भी स्क्रीनिंग हुई थी और मैंने स्वतः 14 दिनों के लिए खुद को होम क्वारंटाइन किया था। मुझे 13 अप्रैल तक के लिए होम क्वारंटाइन का नोटिस दिया गया था लेकिन आज 25 अप्रैल तक होम क्वारंटाइन का नोटिस हटाया नहीं गया है। रायगंज के डीएम स्वयं व्हाट्सअप कॉल करके मुझसे सॉरी कहते हैं लेकिन पत्रकारों को कुछ और ही बोलते हैं। मैं घर से ही अपने कार्यकर्ताओं के संपर्क में रहती हूँ और जितना संभव हो सकता है, जरूरतमंद लोगों को सहायता पहुंचाने की कोशिश करती हूँ।

 

अलीपुरद्वार से लोक सभा सांसद श्री जॉन बारला ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि मैंने जब भी जरूरतमंदों को सहायता पहुंचाने की कोशिश की, पुलिस ने मेरी गाड़ी सीज कर ली और लोगों की सहायता करने से मुझे रोका। 15 दिनों से 24 घंटे पुलिस वाले मेरे घर के बाहर पहरा देते हैं और मुझे निकलने नहीं देते जबकि मेरे खिलाफ लॉकडाउन के उल्लंघन का कोई मामला भी नहीं है। मुझे तो जबरन घर में बंद करके रखा गया है जबकि टीएमसी विधायक ममता दीदी की फोटो लगाकर केंद्र सरकार द्वारा दिए गए राशन को लॉकडाउन की धज्जियां उड़ाते हुए भीड़ के साथ लोगों को बाँट रही हैं। यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि तृणमूल के कैडर केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए अच्छी क्वालिटी के चावल को बेकार चावल से बदल देते हैं और उस बेकार चावल को जनता में बाँट देते हैं। सामजिक संगठनों को भी सेवा कार्य नहीं करने दिया जा रहा।

 

प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए न्यू जलपाईगुड़ी से लोक सभा सांसद डॉ जयंत रे ने कहा कि चूंकि मैं स्वयं एक डॉक्टर हूँ और इस संक्रमण के समय में मेरा पहला कर्तव्य ये बनता है कि मैं जन-सेवा के रूप में अपनी इस योग्यता का उपयोग करूं जोकि सांसद बनने से पहले मैं करता था लेकिन मुझे इस सेवा से भी स्थानीय प्रशासन ने दबाव में रोक दिया और मुझे जबरन होम क्वारंटाइन कर दिया गया। 

 

बालुरघाट से लोक सभा सांसद डॉ सुकांता मजूमदार ने बताया कि मैं जब लोगों की सहायता के लिए घर से निकला तो मुझे पुलिस ने सड़क पर छः घंटे तक रोक कर रखा और क्वारंटाइन कर दिया। मैंने माननीय राज्यपाल महोदय से बात की, उन्होंने प्रशासन से बात की लेकिन पुलिस ने कहा कि आप भीड़ लेकर सड़क पर निकले हैं, इसलिए आपने लॉकडाउन का उल्लंघन किया है। मैंने पुलिस को चुनौती दी कि मेरे घर से निकलने से लेकर पुलिस द्वारा रोके जाने तक आप एक भी सबूत दिखाएँ, CCTV की फुटेज दिखाएँ जिसमें मैं भीड़ लेकर दिखाई दिया तो मैं इस्तीफा दे दूंगा। मेरे साथ केवल एक ड्राइवर और एक सहायक मात्र था। मुझे तो उन्होंने रोक कर होम क्वारंटाइन कर दिया जबकि तृणमूल की लोक सभा प्रत्याशी जिसे मैंने चुनाव में हराया था, वह दर्जनों लोगों के साथ रिलीफ डिस्ट्रीब्यूशन कर रही है जिसके वीडियो भी उपलब्ध हैं। वास्तव में यहाँ का पुलिस प्रशासन टीएमसी कैडर की तरह काम कर रहा है।

 

इसी तरह बाकुला से लोक सभा सांसद डॉ सुभाष सरकार ने अपनी बात रखते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में तो टेस्टिंग हो रही है और ही संक्रमित और डेथ टोल के आंकड़े बताये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यहाँ डॉक्टरों की सलाह पर कोविड टेस्टिंग नहीं होती जबकि यह सरकार द्वारा नियुक्त नोडल अधिकारी की सलाह पर ही किया जाता है। कई मामले तो ऐसे होते हैं कि संदिग्ध के कोरोना सैम्पल की जांच से पहले ही उसका प्रशासन के सहयोग से अंतिम संस्कार भी कर दिया जाता है। कोरोना पॉजिटिव मरीजों की मौत को भी अन्य कारणों से मौत बताकर लीपापोती कर दी जाती है। राशन वितरण में भी जम कर धांधली होती है। पता नहीं सरकारी राशन तृणमूल के कैडरों के पास कैसे पहुँच जाता है। पांच किलो चावल भी गरीबों को नहीं दिया जा रहा जो केंद्र सरकार देती है।

 

बैरकपुर से भाजपा सांसद श्री अर्जुन सिंह ने कहा कि ममता बनर्जी तो हम सबको रोकने का हरसंभव प्रयास करेगी, हमें जबरन घरों में बंद करेगी ताकि भाजपा के नेताओं का जनता से संपर्क हो लेकिन हमने इसका मुकाबला करना है और लोगों की मदद करनी है। उन्होंने कहा कि उन पर भी तीन FIR हुआ है। केंद्र सरकार ने 15% कैपिसिटी के साथ जूट मिल शुरू करने का सुझाव दिया था और वैसे भी जूट मिल में सबसे अधिक सोशल डिस्टेंसिंग का पालन होता है लेकिन राज्य की तृणमूल सरकार ने जूट मिल की कैपिसिटी को 5% से चलाने का ऑर्डर दिया जिसके चलते कोई मिल शुरू ही हो पाई।

 

राजरहाट से भाजपा विधायक एवं पूर्व मेयर श्री सब्यसाची दत्ता ने पत्रकारों को बताया कि मैंने एक अस्पताल के जरिये लोगों की सहायता के लिए आगे आया, मेरे साथ 84 वर्षीय मेरे सहयोगी भी थे जिन के घर पुलिस ने जाकर तोड़-फोड़ की और लोगों को भोजन उपलब्ध कराने पर जबरन घर से घसीटते हुए थाने ले जाने की धमकी दी। मेरे घर पर भी पुलिस ने आकर गिरफ्तार करने की धमकी दी। मैंने 31 मार्च को पास के लिए आवेदन किया लेकिन इस पर कोई सुनवाई नहीं हुई। मैंने राज्यपाल महोदय को वस्तुस्थिति से अवगत कराया, उन्होंने भी चीफ सेक्रेटरी से बात करने की बात कही लेकिन अब तक पास नहीं बना। आदरणीय प्रधानमंत्री जी गरीबों और जरूरतमंदों की सहायता करने का आह्वान करते हैं लेकिन हमें लोगों की सेवा करने से रोका जा रहा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद 30 गाड़ियों का काफिला लेकर निकलती हैं, वह खुद लॉकडाउन की धज्जियां उडाती हैं, ऐसा किसी और राज्य में नहीं हो रहा। लोगों को सड़ा हुआ चावल दिया जा रहा है वह भी 5 किलो की जगह एक-दो किलो। पहले तो टीएमसी के कैडर पैसे लेकर चावल बांटते थे। पश्चिम बंगाल में कोरोना के कितने पॉजिटिव और कितने निगेटिव मरीज हैं, किसी को पता नहीं। यहाँ तो यदि पत्रकार भी सच्चाई की खोज में निकलें तो उन्हें भी पकड़ कर क्वारंटाइन कर दिया जाय।

 

 

(महेंद्र पांडेय)

कार्यालय सचिव

 

 

To Write Comment Please लॉगिन