salient points of press conference of BJP National spokesperson Dr Sambit Patra.


द्वारा श्री संबित पात्रा -
16-12-2019
Press Release

salient points of press conference of BJP National spokesperson Dr Sambit Patra.

 

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ संबित पात्रा की प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु

 

कांग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टियों को हर विषय पर सांप्रदायिक रंग देकर अराजकता फैलाने का षड्यंत्र रचने की आदत पड़ गई है चाहे वह अनुच्छेद 370 की समाप्ति का मामला हो, तीन तलाक का विषय हो या फिर राम मंदिर का मुद्दा हो

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कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस द्वारा नफरत की राजनीति कर देश भर में उन्माद फैलाने की साजिश की भारतीय जनता पार्टी कड़े शब्दों में निंदा करती है। विपक्षी पार्टियां बिना किसी तथ्य के नागरिकता संशोधन क़ानून के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है

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जिस तरह से विश्वविद्यालयों के छात्रों के कंधे पर बंदूक रख कर जिस प्रकार से उन्हें कुछ राजनीतिक पार्टियों द्वारा अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा के लिए मोहरा बना रही है, यह सरासर निंदनीय है

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छात्रों को पता है कि नागरिकता संशोधन कानून क्या है। वास्तव में नागरिकता संशोधन क़ानून से हिंदुस्तान के किसी भी नागरिक के किसी भी अधिकारों का हनन नहीं हो रहा है चाहे वह मुस्लिम हो, हिंदू हों या फिर किसी और जाति या धर्म के लोग हों

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क्या कारण है कि शनिवार को राहुल गाँधी को कथित तौर पर रीलॉन्च करने के लिए कांग्रेस पार्टी कीपरिवार बचाओ रैलीहोती है और रविवार से ही आगजनी और तोड़-फोड़ की घटनाएं शुरू हो जाती है। इससे साजिश की बू रही है

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कुछ वर्षों पूर्व जब जेएनयू में राष्ट्रद्रोही तत्वभारत तेरे टुकड़े होंगे' के नारे लगा रही थी, तब भी राहुल गाँधी, सीताराम येचुरी और डी राजा के साथ जेएनयू पहुंचे थे और देशद्रोही गतिविधियों का समर्थन किया था। आज भी यही लोग प्रेस वार्ता कर देश में उन्माद भड़काने की कोशिश कर रहे हैं

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एक ओर ओवैसी और अमानतुल्लाह खान जैसे लोग जिन्ना की तरह देश को बांटने की साजिश रचते हैं तो दूसरी ओर ममता बनर्जी भी पश्चिम बंगाल में जाति और धर्म की राजनीति कर रही है। वास्तव में आज ये पार्टियां एक समुदाय के वोट के लिए तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है

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कुछ दिनों पहले ही ममता बनर्जी ने एक वक्तव्य देते हुए कहा था कि पश्चिम बंगाल में जो रहेगा, उसे बंगाली ही बोलना होगा लेकिन आज उन्होंने कोलकाता में खड़े होकर अपना पूरा वक्तव्य हिंदी में दिया, क्यों? क्या यह पूरे देश में उन्माद भड़काने की साजिश नहीं है?

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नागरिकता संशोधन कानून का हिंदुस्तान के मुसलमान से तो कोई लेना-देना है और ही उनके अधिकारों पर कोई आंच ही आने वाली है

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कई ट्वीट्स के जरिये यह स्पष्ट  कहा है कि बहस, चर्चा और असहमति लोकतंत्र का अहम हिस्सा हैं। लेकिन सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना और सामान्य जनजीवन को नुकसान पहुंचाना हमारा स्वभाव नहीं है। हमें इससे सीख लेनी चाहिए

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सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने भी इससे जुड़े मामले की सुनवाई करते हुए कहा है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। आप छात्र हो सकते हैं लेकिन उन्हें शांति को भंग करने का अधिकार इससे नहीं मिल जाता है, सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने का अधिकार नहीं मिल जाता है

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ संबित पात्रा ने आज पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया और नागरिकता संशोधन कानून को लेकर कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस पर देश में आगजनी और सांप्रदायिक सौहार्द्र को तोड़ने की साजिश को लेकर जम कर प्रहार किया।

 

डॉ पात्रा ने कहा कि कांग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टियों को हर विषय पर सांप्रदायिक रंग देकर अराजकता फैलाने का षड्यंत्र रचने की आदत पड़ गई है चाहे वह अनुच्छेद 370 की समाप्ति का मामला हो, तीन तलाक का विषय हो या फिर राम मंदिर का मुद्दा हो। कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस द्वारा नफरत की राजनीति कर देश भर में उन्माद फैलाने की साजिश की भारतीय जनता पार्टी कड़े शब्दों में निंदा करती है। जिस तरह से विश्वविद्यालयों के छात्रों के कंधे पर बंदूक रख कर जिस प्रकार से उन्हें कुछ राजनीतिक पार्टियों द्वारा अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा के लिए मोहरा बना रही है, यह सरासर निंदनीय है। हम कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस सहित कुछ पार्टियों की साजिशों को कल से दिल्ली और कुछ अन्य जगहों पर देख रहे हैं। छात्रों को पता है कि नागरिकता संशोधन कानून क्या है। वास्तव में नागरिकता संशोधन क़ानून से हिंदुस्तान के किसी भी नागरिक के किसी भी अधिकारों का हनन नहीं हो रहा है चाहे वह मुस्लिम हो, हिंदू हों या फिर किसी और जाति या धर्म के लोग हों।

 

राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि कुछ वर्षों पूर्व जब जेएनयू में राष्ट्रद्रोही तत्वभारत तेरे टुकड़े होंगे' के नारे लगा रही थी, तब भी राहुल गाँधी, सीताराम येचुरी और डी राजा के साथ जेएनयू पहुंचे थे और देशद्रोही गतिविधियों का समर्थन किया था। आज भी यही लोग प्रेस वार्ता कर देश में उन्माद भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। 

 

कांग्रेस पर हमला जारी रखते हुए डॉ पात्रा ने कहा कि क्या कारण है कि शनिवार को राहुल गाँधी को कथित तौर पर रीलॉन्च करने के लिए कांग्रेस पार्टी कीपरिवार बचाओ रैलीहोती है और रविवार से ही आगजनी और तोड़-फोड़ की घटनाएं शुरू हो जाती है। इससे साजिश की बू रही है और ऐसा प्रतीत होता है कि कांग्रेस पार्टी अपने राजनीतिक फायदे के लिए इस तरह की घटनाओं को हवा दे रही है। उन्होंने कहा कि बिना किसी तथ्य के विपक्षी पार्टियां नागरिकता संशोधन क़ानून के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। एक ओर ओवैसी देश को तोड़ने वाले जिन्ना की तरह देश को बांटने की साजिश रचते हैं तो दूसरी ओर आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान भी जिन्ना के ही पदचिह्नों पर चलते दिखाई देते हैं। वहीं ममता बनर्जी भी पश्चिम बंगाल में जाति और धर्म के नाम पर लोगों को बांटने की राजनीति कर रही है। वास्तव में आज ये पार्टियां एक समुदाय के वोट के लिए तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है। उन्होंने पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ दिनों पहले ही ममता बनर्जी ने एक वक्तव्य देते हुए कहा था कि पश्चिम बंगाल में जो रहेगा, उसे बंगाली ही बोलना होगा लेकिन आज उन्होंने कोलकाता में खड़े होकर अपना पूरा वक्तव्य हिंदी में दिया, क्यों? क्या यह पूरे देश में उन्माद भड़काने की साजिश नहीं है। यह तुष्टिकरण की राजनीति की पराकाष्ठा है।

 

राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून का हिंदुस्तान के मुसलमान से तो कोई लेना-देना है और ही उनके अधिकारों पर कोई आंच ही आने वाली है। यह किसी की नागरिकता छीनने का क़ानून नहीं बल्कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना का शिकार होकर हिंदुस्तान में शरण लेने आये हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी लोगों को नागरिकता देने का कानून है। उन्होंने कहा कि आज दिल्ली पुलिस ने प्रेस वार्ता कर तथ्यों को स्पष्ट किया है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने भी इससे जुड़े मामले की सुनवाई करते हुए कहा है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। आप छात्र हो सकते हैं लेकिन उन्हें शांति को भंग करने का अधिकार इससे नहीं मिल जाता है, सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने का अधिकार नहीं मिल जाता है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कई ट्वीट्स के जरिये यह स्पष्ट  कहा है कि नागरिकता कानून पर हिंसात्मक विरोध प्रदर्शन दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है। उन्होंने कहा है कि बहस, चर्चा और असहमति लोकतंत्र का अहम हिस्सा हैं। लेकिन सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना और सामान्य जनजीवन को नुकसान पहुंचाना हमारा स्वभाव नहीं है। हमें प्रधानमंत्री जी और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जी के वक्तव्यों से सीख लेनी चाहिए।

 

(महेंद्र पांडेय)

कार्यालय सचिव

 

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