Salient points of press conference of BJP National Spokesperson Dr. Sambit Patra on 02.03.2021


02-03-2021
Press Release

 

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ संबित पात्रा द्वारा पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु

 

 

वर्तमान में कांग्रेस एक फ्रिंज पार्टी के रुप में तब्दील हो गई है. आज कांग्रेस अपनी प्रसांगिकता बनाए रखने के लिए गठबंधन पर निर्भर है।

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राहुल गाँधी जी जिस किसी भी पार्टी से गठबंधन करते हैं या जिस भी पार्टी को स्पर्श करते हैं, उस पार्टी का डूबना तय ही रहता है.

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कांग्रेस पार्टी ने अब तक जितने भी गठबंधन किये हैं वो किसी अच्छे परफॉर्मेंस, अच्छे रिफॉर्म्स या गुड गवर्नेंस के लिए नहीं किए हैं ये गठबंधन केवल इसलिए किये कि किस प्रकार तथाकथित गांधी परिवार अपनी राजनीतिक प्रासंगिकता बनाएं रखे।

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कांग्रेस अपने को धर्मनिरपेक्ष बताती है, लेकिन वही कांग्रेस पश्चिम बंगाल में हाल फिलहाल गठित अब्दुल सिद्दीकी की इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ़) के साथ गठबंधन करती नजर आ रही है। इस गठबंधन को लेकर स्वयं कांग्रेस के अन्दर ही आतंरिक कलह की स्थिति पैदा हो गई है.

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कांग्रेस पार्टी जहां केरल में वेलफेयर पार्टी ऑफ़ इंडिया के साथ गठबंधन कर लेती है जो जमात-ए-इस्लामी का फ्रंटल ऑर्गनाइजेशन है वहीँ दूसरी ओर, असम में बदरुद्दीन अजमल की पार्टी एआईयूडीएफ के साथ गठबंधन करने के लिए प्रयासरत है और पूर्व में भी कांग्रेस के साथ एआईयूडीएफ का गठबंधन रहा है.

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यह सर्वविदित है कि टेरर फंडिंग को लेकर एआईयूडीएफ के खिलाफ एनआईए की जांच प्रक्रिया भी चल रही है. जब देश विरोधी गतिविधियों के लिए किसी संगठन के खिलाफ जाँच प्रक्रिया चल रही हो, उनके साथ अपनी प्रासंगिकता बरकरार रखने के लिए येन केन प्रकारेण गठबंधन करना कहाँ तक उचित है?

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यह कांग्रेस के दोहरे चरित्र की पराकाष्ठा ही है कि पश्चिम बंगाल में एक तरफ जहाँ वह कम्युनिस्ट पार्टी के साथ गठबंधन करती है वहीं दूसरी ओर, केरल में कम्युनिस्ट पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़ती है.

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वास्तविकता यही है कि कांग्रेस को गठबंधन और गवर्नेंस से कोई मतलब नहीं है. कांग्रेस पार्टी और गाँधी परिवार का एकमात्र उद्देश्य है किसी भी प्रकार से सत्ता हासिल करना, भ्रष्टाचार फैलाना और उस राज्य को एटीएम में परिवर्तित करना ताकि गाँधी परिवार की महत्वाकांक्षा पूरी हो सके.

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कांग्रेस की अपनी कोई विचारधारा नहीं बल्कि भ्रष्टाचार, परिवारवाद, धर्म और जातिवाद के नाम पर देश में वैमनस्य फैलाना ही उनकी विचारधारा है.

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कांग्रेस पार्टी एक तरफ आईएसएफ, वेलफेयर पार्टी ऑफ़ इंडिया, मुस्लिम लीग, एसडीपीआई और  एआईयूडीएफ के साथ गठबंधन   करती है तो दूसरी तरफ महाराष्ट्र में शिव सेना के साथ पॉवर शेयरिंग करती नजर आती है. कांग्रेस के लिए इससे बड़ी विडम्बना और क्या हो सकती है.

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कांग्रेस जितनी भी दंड-बैठकी लगा ले, कितने भी गठबंधन कर ले, कांग्रेस पार्टी की नैया जो डूब चुकी है, अब वो फिर से उबरने वाली नहीं है.

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पांच राज्यों में होने जा रहे विधान सभा चुनावों में वहां की जनता का प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की विकासोन्मुखी गवर्नेंस पर गहरा विश्वास कायम है और निश्चित रुप से इन राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की जीत और ठगबंधन की हार होगी.

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एक बार राहुल गांधी ने कहा था कि हां हम मुसलमानों की पार्टी हैं, इस खबर को एक बड़े समाचार पत्र ने छापा भी था। लेकिन सत्य यही है कि कांग्रेस मुसलमानों की पार्टी भी नहीं है, ये केवल घरवालों- रॉबर्ट वाड्रा, प्रियंका वाड्रा, राहुल गाँधी और सोनिया जी की पार्टी है।

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ संबित पात्रा ने आज पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर तीखा प्रहार किया और उनके दोहरे चरित्र को उजागर करते हुए कहा कि कांग्रेस को गठबंधन और गवर्नेंस से कोई मतलब नहीं बल्कि इनका एकमात्र उद्देश्य है किसी भी प्रकार से सत्ता हासिल करना और भ्रष्टाचार फैलाना.

 

डॉ पात्रा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि वर्तमान में कांग्रेस एक फ्रिंज पार्टी के रुप में तब्दील हो गई है. आज कांग्रेस अपनी प्रसांगिकता बनाए रखने के लिए गठबंधन पर निर्भर है। पूर्व के लगभग जितने भी चुनाव हुए, चाहे बिहार के चुनाव हों या फिर उत्तर प्रदेश के, अपनी डूबती नैया को उबारने के लिए गठबंधन के सहारे कांग्रेस अपनी प्रासंगिकता कायम रखने का प्रयास करती रही है.

 

डॉ पात्रा ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि राहुल गाँधी जी जिस किसी भी पार्टी से गठबंधन करते हैं या जिस भी पार्टी को स्पर्श करते हैं, उस पार्टी का डूबना तय ही रहता है. ठीक ऐसे ही एक गठबंधन की प्रक्रिया राहुल गांधी जी और उनकी कांग्रेस पार्टी पश्चिम बंगाल चुनाव में कर रही है जिसके कारण कांग्रेस के अन्दर ही आपसी खींचतान शुरू हो चुकी है. डॉ पात्रा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने अब तक जितने भी गठबंधन किये हैं वो किसी अच्छे परफॉर्मेंस, अच्छे रिफॉर्म्स या गुड गवर्नेंस के लिए नहीं किए हैं। ये गठबंधन केवल इसलिए किये कि किस प्रकार तथाकथित गांधी परिवार अपनी राजनीतिक प्रासंगिकता बनाएं रखें।

 

डॉ पात्रा ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान ऐसे अनैतिक गठबंधन को ठगबंधन का नाम दिए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में आपसी वैमनस्य को फ़ैलाने वाला ऐसा ही एक ठगबंधन देखने को मिला है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने को धर्मनिरपेक्ष बताती है, लेकिन वही कांग्रेस पश्चिम बंगाल में हाल फिलहाल गठित अब्दुल सिद्दीकी की इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ़) के साथ गठबंधन करती नजर आ रही है। इस गठबंधन को लेकर स्वयं कांग्रेस के अन्दर ही आतंरिक कलह की स्थिति पैदा हो गई है. कांग्रेस पार्टी जहां केरल में वेलफेयर पार्टी ऑफ़ इंडिया के साथ गठबंधन कर लेती है जो जमात-ए-इस्लामी का फ्रंट ऑर्गनाइजेशन है वहीँ दूसरी ओर, असम में बदरुद्दीन अजमल की पार्टी एआईयूडीएफ के साथ गठबंधन करने के लिए प्रयासरत है और पूर्व में भी कांग्रेस के साथ एआईयूडीएफ का गठबंधन रहा है जबकि यह सर्वविदित है कि टेरर फंडिंग  को लेकर एआईयूडीएफ के खिलाफ एनआईए की जांच प्रक्रिया भी चल रही है. जब देश विरोधी गतिविधियों के लिए किसी संगठन के खिलाफ जाँच प्रक्रिया चल रही हो, उनके साथ अपनी प्रासंगिकता बरकरार रखने के लिए येन केन प्रकारेण गठबंधन करना कहाँ तक उचित है?

 

डॉ पात्रा ने कांग्रेस के दोहरे चरित्र पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस की कर्णाटक में देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पीएफआई की राजनीतिक विंग एसडीपीआई के साथ भी सांठ गांठ रही है. यह कांग्रेस के दोहरे चरित्र की पराकाष्ठा ही है कि पश्चिम बंगाल में एक तरफ जहाँ वह कम्युनिस्ट पार्टी के साथ गठबंधन करती है वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस केरल में कम्युनिस्ट पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़ती है. वास्तविकता यही है कि कांग्रेस को गठबंधन और गवर्नेंस से कोई मतलब नहीं है. कांग्रेस पार्टी और गाँधी परिवार का एकमात्र उद्देश्य है किसी भी प्रकार से सत्ता हासिल करना, भ्रष्टाचार फैलाना और उस राज्य को एटीएम में परिवर्तित करना ताकि गाँधी परिवार की महत्वाकांक्षा पूरी हो सके.     

 

डॉ पात्रा ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस की अपनी कोई विचारधारा नहीं बल्कि भ्रष्टाचार, परिवारवाद, धर्म और जातिवाद के नाम पर देश में वैमनस्य फैलाना ही उनकी विचारधारा है. कांग्रेस पार्टी एक तरफ आईएसएफ, वेलफेयर पार्टी ऑफ़ इंडिया, मुस्लिम लीग, एसडीपीआई और  एआईयूडीएफ के साथ गठबंधन करती है तो दूसरी तरफ महाराष्ट्र में शिव सेना के साथ पॉवर शेयरिंग करती नजर आती है. कांग्रेस के लिए इससे बड़ी विडम्बना और क्या हो सकती है.

 

डॉ पात्रा ने दो-तीन साल पूर्व राहुल गाँधी द्वारा की गई स्वीकारोक्ति का जिक्र करते हुए कहा कि एक बार राहुल गांधी ने कहा था कि हां हम मुसलमानों की पार्टी हैं, इस खबर को एक बड़े समाचार पत्र ने छापा भी था। लेकिन सत्य यही है कि कांग्रेस मुसलमानों की पार्टी भी नहीं है, ये केवल घरवालों- रॉबर्ट वाड्रा, प्रियंका वाड्रा, राहुल गाँधी और सोनिया जी की पार्टी है। कांग्रेस जितनी भी दंड-बैठकी लगा ले, कितने भी गठबंधन कर ले, कांग्रेस पार्टी की नैया जो डूब चुकी है, अब वो फिर से उबरने वाली नहीं है. इस माह के अंत में पांच राज्यों में विधान सभा चुनाव शुरू होने जा रहे हैं और इन राज्यों की जनता का प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की विकासोन्मुख गवर्नेंस पर गहरा विश्वास कायम है और निश्चित रुप से इन राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की जीत और ठगबंधन की हार होगी. आज गुजरात में जिस प्रकार लोकल बॉडी चुनाव के परिणाम आ रहे हैं, उससे स्पष्ट होता है कि देश में बंटवारे की राजनीति नहीं बल्कि केवल और केवल विकास की राजनीति ही चलेगी। इसके लिए गुजरात की जनता, गुजरात की भाजपा सरकार को बहुत बहुत बधाई और सभी कार्यकर्ताओं का हार्दिक अभिनंन्दन।

 

 

महेंद्र पांडेय

 

(कार्यालय सचिव)

 

 

 

 

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