भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ संबित पात्रा की प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु
भारतीय जनता पार्टी राजस्थान के अलवर जिले में मानसिक रूप से निशक्त 15 वर्षीय किशोरी के साथ हुए अमानवीय और वीभत्स बलात्कार की घटना और इस पर कांग्रेस की चयनात्मक राजनीति की कड़ी निंदा और भर्त्सना करती है। बेटी निर्भया का समुचित इलाज होना चाहिए जल्द से जल्द दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
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उत्तर प्रदेश में जाकर प्रियंका वाड्रा कहती हैं कि ‘‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं” लेकिन राजस्थान में जहां कांग्रेस की सरकार है, वहां उसके सुर ‘‘लड़की हो तो लड़ना मना है और चुप रहना ही पड़ेगा” में बदल जाते हैं।
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प्रियंका वाड्रा उन्नाव जा सकती हैं, लेकिन राजस्थान में नहीं जा सकतीं। उन्नाव वर्सेस यहां (राजस्थान) ना आओ! कॉंग्रेस पार्टी की यह चयनात्मक राजनीति देश की जनता देख भी रही है और भली भांति समझ भी रही है।
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क्या प्रियंका वाड्रा राजस्थान की बेटी निर्भया से मिलने गई? वह उस पीड़िता के घर गईं क्या? क्या उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री से इस संदर्भ में रिपोर्ट मांगी? प्रियंका गांधी बताएं कि राजस्थान में महिलाओं पर अत्याचार क्यों बढ़ रहे हैं?
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आज राजस्थान की बेटी निर्भया आईसीयू में अपने जीवन से लड़ रही है लेकिन यह जानकर आश्चर्य होता है जब यह घटना घट रही थी, तब प्रियंका जो खुद को ‘‘चैंपियन ऑफ महिला” कहती हैं, वह रणथम्भोर में अपना जन्मदिन मनाने में व्यस्त रहती है! वे पीड़िता से मिलने भी नहीं जाती हैं।
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भाजपा के सांसद, वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की एक टीम इस मामले में प्रियंका वाड्रा जी से बात करने रणथम्भोर गई थी लेकिन हमारी टीम को ये कहकर वापस भेज दिया गया कि प्रियंका जी अपना जन्मदिन मनाने में व्यस्त हैं, वो किसी से मिल नहीं सकतीं।
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राहुल गांधी से सवाल पूछना उचित नहीं है। वे खुद अपने आप को फेल मान चुके हैं। महिलाओं के खिलाफ अत्याचार का इस्तेमाल करते हुए, उसको राजनीति की धुरी बनाकर गांधी परिवार अपनी महत्वाकांक्षा को साधने की कोशिश कर रहा है। यह अक्षम्य है।
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राजस्थान की महिला और बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने दरिंदों के तिलक लगाने वाले बयान देकर धर्म विशेष को रेपिस्ट के साथ जोड़ा। तिलक को रेप के साथ जोड़ना कहां की राजनीति है? मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और ममता भूपेश को इस बयान पर माफी मांगना चाहिए।
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ममता भूपेश कहती हैं कि ऐसे मामले रोकने के लिए सरकार अकेले काम नहीं कर सकती है। इसमें समाज को भी आगे आना होगा। डॉ पात्रा ने कहा कि महिला होकर इस तरह के स्टेटमेंट देना जाहिर करता है कि सरकार कहीं न कहीं जिम्मेदारी से मुंह मोड़ रही है।
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ संबित पात्रा ने आज शुक्रवार को पार्टी के केंद्रीय मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में राजस्थान के अलवर जिले में मानसिक रूप से निशक्त 15 वर्षीय किशोरी के साथ हुए अमानवीय और वीभत्स बलात्कार की घटना को लेकर कांग्रेस पार्टी, उसकी महासचिव प्रियंका वाड्रा और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर जम कर निशाना साधा और उन पर महिलाओं के खिलाफ अत्याचार में चयनात्मक राजनीति करने का आरोप लगाते हुए राजस्थान की कांग्रेस सरकार की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी राजस्थान के अलवर जिले में मानसिक रूप से निशक्त 15 वर्षीय किशोरी के साथ हुए अमानवीय और वीभत्स बलात्कार की घटना और इस पर कांग्रेस की चयनात्मक राजनीति की कड़ी निंदा और भर्त्सना करती है। बेटी निर्भया का समुचित इलाज होना चाहिए जल्द से जल्द दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
डॉ पात्रा ने कहा कि ऐसा क्यों है कि उत्तर प्रदेश में जाकर प्रियंका वाड्रा कहती हैं कि ‘‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं” लेकिन राजस्थान में जहां कांग्रेस की सरकार है, वहां उसके सुर ‘‘लड़की हो तो लड़ना मना है और चुप रहना ही पड़ेगा” में बदल जाते हैं।”
राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि अलवर में एक 15-16 साल की दिव्यांग लड़की के साथ दुर्व्यवहार होता है, एक गाड़ी खून से लथपथ उस लड़की को सड़क पर छोड़कर जाती है। आज राजस्थान की वो बेटी निर्भया आईसीयू में अपने जीवन से लड़ रही है लेकिन यह जानकर आश्चर्य होता है जब यह घटना घट रही थी, तब प्रियंका जो खुद को ‘‘चैंपियन ऑफ महिला” कहती हैं, वह रणथम्भोर में अपना जन्मदिन मनाने में व्यस्त रहती है! वे पीड़िता से मिलने भी नहीं जाती हैं।
डॉ पात्रा ने कहा कि प्रियंका वाड्रा उत्तर प्रदेश में तो कहती हैं- लड़की हूं, लड़ सकती हूं। पर, राजस्थान में लड़की हूं तो लड़ना मना है। राजस्थान में चुप रहना ही पड़ेगा क्योंकि यहां कांग्रेस की सरकार है। वे उन्नाव जा सकती हैं, लेकिन राजस्थान में नहीं जा सकतीं। उन्नाव वर्सेस यहां (राजस्थान) ना आओ! कॉंग्रेस पार्टी की यह चयनात्मक राजनीति देश की जनता देख भी रही है और भली भांति समझ भी रही है। उन्होंने राहुल गांधी पर भी तंज कसते हुए कहा कि राहुल गांधी से सवाल पूछना उचित नहीं है। वे खुद अपने आप को फेल मान चुके हैं।
राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कुछ ज्वलंत सवाल पूछते हुए कहा कि आज सवाल उठता है कि क्या आप राजस्थान की बेटी निर्भया से मिलने गई? वह उस पीड़िता के घर गईं क्या? क्या उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री से इस संदर्भ में रिपोर्ट मांगी? प्रियंका गांधी बताएं कि राजस्थान में महिलाओं पर अत्याचार क्यों बढ़ रहे हैं? उत्तर प्रदेश में रेप विक्टिम को चुनाव में टिकट देने वाली प्रियंका गांधी घटना के समय अपने पति रॉबर्ट वाड्रा के साथ रणथंभौर में थीं और अपना जन्मदिन मना रहीं थीं। भाजपा के सांसद, वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की एक टीम इस मामले में प्रियंका वाड्रा जी से बात करने के लिए गई थी। लेकिन हमारी टीम को ये कहकर वापस भेज दिया गया कि प्रियंका जी अपना जन्मदिन मनाने में व्यस्त हैं, वो किसी से मिल नहीं सकतीं। पूरे देश में जहां अन्याय होता है वहां आप और राहुल जी मिलने जाते हैं। आप गले लगाकर तस्वीर भी वायरल करते हैं। आपकी ये चयनात्मक राजनीति शोभा नहीं देती है। वास्तव में आप कांग्रेसी हैं और केवल राजनीति कर सकती हैं। महिलाओं के खिलाफ अत्याचार का इस्तेमाल करते हुए, उसको राजनीति की धुरी बनाकर गांधी परिवार अपनी महत्वाकांक्षा को साधने की कोशिश कर रहा है। यह अक्षम्य है।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि प्रियंका गांधी का इस तरह की सिलेक्टिव राजनीति करना गलत है। दूसरे राज्यों में जहां आपकी सरकार नहीं है, वहां आप आवाज उठाते हैं, लेकिन आपकी सरकार वाले राज्यों में इतना जघन्य अपराध होता है और आप पीड़िता से मिलने तक नहीं जातीं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की एक महिला नेत्री खुद पर ही गोली चलवा लेती है ताकि टिकट मिल जाय और भाजपा सरकार को बदनाम किया जाय। किसके कहने पर कांग्रेस की महिला नेता ने खुद पर गोली चलवाई?
डॉ पात्रा ने राजस्थान की महिला और बाल विकास मंत्री ममता भूपेश के उस बयान पर भी आपत्ति जताई जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि महिलाओं व बच्चियों से दुष्कर्म करने वाले दरिंदे आसपास ही घूम रहे हैं, उनके माथे पर तिलक नहीं लगा होता है। ममता भूपेश का बयान सुनकर आश्चर्य हुआ। भूपेश कहती हैं कि ऐसे मामले रोकने के लिए सरकार अकेले यह काम नहीं कर सकती है। इसमें समाज को भी आगे आना होगा। डॉ पात्रा ने कहा कि महिला होकर इस तरह के स्टेटमेंट देना जाहिर करता है कि सरकार कहीं न कहीं जिम्मेदारी से मुंह मोड़ रही है। वहीं भूपेश के दरिंदों के तिलक लगाने वाले बयान पर उन्होंने कहा कि आपने धर्म विशेष को रेपिस्ट के साथ जोड़ा। तिलक को रेप के साथ जोड़ना कहां की राजनीति है? मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और ममता भूपेश को इस बयान पर माफी मांगना चाहिए।
महेंद्र कुमार
(कार्यालय सचिव)
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