Salient points of press conference of BJP National Spokesperson Dr Sambit Patra


द्वारा श्री संबित पात्रा -
06-05-2022
Press Release

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ संबित पात्रा की प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु

 

भारत में कोरोना वायरस महामारी से हुई मौतों के बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा जारी किए गए आंकड़े पूरी तरह से ‘‘गलत’’ हैं और भारत सरकार ने इस संबंध में डब्ल्यूएचओ के समक्ष अपनी आपत्तियां भी दर्ज कराई हैं।

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WHO की ओर से जारी भारत में कोविड से हुई मौतों के अनुमान के आधार आंकड़े पूरे विश्व में हिंदुस्तान के बारे में एक ‘‘भ्रामक’’ स्थिति फैलाने की कोशिश की गई है। इस संबंध में WHO की ओर से जारी ‘‘डेटा’’ (आंकड़े) और कांग्रेस का ‘‘बेटा’’ (राहुल गाँधी), दोनों गलत हैं।

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राहुल गांधी लगातार भारत को नीचा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने समय-समय पर यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को अपमानित किया है और भारत को दुनिया में नीचा दिखाने का पाप किया है। मैं राहुल गांधी से अपील करता हूं कि भगवान के लिए भारत को नीचा मत दिखाइए।

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माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत ने जिस प्रकार कोविड के खिलाफ निर्णायक लड़ाई है, वह अद्भुत और अद्वितीय होने के साथ-साथ विश्व भर के लिए एक मिसाल है।

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देश की जनसंख्या और भौगोलिक स्थिति को देखते हुए भारत ने कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ जो लड़ाई लड़ी, वह कई विकसित देशों से भी बेहतर थी। वैक्सीनेशन के मामले में भी भारत आज एक ‘‘इतिहास’’ रचता हुआ नजर रहा है। ऐसे में मृत्यु के आंकड़ों पर राजनीति करना अत्यंत दुखद है।

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चार ऐसे तथ्य हैं, जिसके आधार पर हमें पता चलता है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन का भारत में कोरोना से हुई मौतों का डेटा गलत है। पहला यह कि इस आंकड़े के लिए पूरी प्रक्रिया में WHO ने जिस प्रकार के तरीकों को अपनाया है, वही गलत है।  दूसरा, डेटा के स्रोत में एक्यूरेसी होनी चाहिए, जबकि WHO ने स्वयं माना है कि स्रोत वैरिफाइड नहीं हैं।

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तीसरा, किस मानदंड के आधार पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत को टियर-2 देश में रखा है, ये भी सटीक रूप से पता नहीं चलता। चौथा यह कि WHO द्वारा काल्पनिक तरीके से डेटा का विश्लेषण क्या गया है।

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तमाम विशेषज्ञों ने भी विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा भारत में हुई कोविड मौतों पर जारी किये गए आंकड़े को गलत करार दिया है। साथ ही, उन्होंने डब्ल्यूएचओ की कार्य प्रणाली पर भी सवाल उठाये हैं।

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भारत में पहले से ही जन्म-मृत्यु के आंकड़े दर्ज करने का व्यवस्थित और वैज्ञानिक तरीका है। साथ ही, जब पहले से ही भारत के पास कोरोना से हुईं मौतों का आंकड़ा मौजूद है, ऐसी स्थिति में उस मॉडल को तवज्जो नहीं दी जा सकती जहां पर सिर्फ अनुमान के मुताबिक आंकड़े जारी किए गए हों।

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ संबित पात्रा ने आज शुक्रवार को दिल्ली स्थित पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित किया और देश में कोरोना से हुई मौतों और विश्व स्वास्थ्य संगठन के दावे और इसके ऊपर राहुल गाँधी के मिथ्या आरोपों पर जम कर पलटवार किया।

 

डॉ पात्रा ने कहा कि भारत में कोरोना वायरस महामारी से हुई मौतों के बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी किए गए आंकड़े पूरी तरह से ‘‘गलत’’ हैं और भारत सरकार ने इस संबंध में डब्ल्यूएचओ के समक्ष अपनी आपत्तियां भी दर्ज कराई हैं। डब्ल्यूएचओ की ओर से जारी आंकड़ों को लेकर पूरे विश्व में हिंदुस्तान के बारे में एक ‘‘भ्रामक’’ स्थिति फैलाने की कोशिश की गई है। इस संबंध में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ओर से जारी ‘‘डेटा’’ (आंकड़े) और कांग्रेस का ‘‘बेटा’’, दोनों गलत हैं।

 

राहुल गाँधी पर जोरदार हमला बोलते हुए भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि राहुल गांधी लगातार भारत को नीचा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने समय-समय पर यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को अपमानित किया है और भारत को दुनिया में नीचा दिखाने का पाप किया है। भाजपा शासित राज्यों और गैर-भाजपा शासित राज्यों में मृत्यु का विश्लेषण नहीं करना चाहिए। मैं राहुल गांधी से अपील करता हूं कि भगवान के लिए भारत को नीचा मत दिखाइए।

 

डॉ पात्रा ने कहा कि पूरी दुनिया मानती है कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत ने जिस प्रकार कोविड के खिलाफ निर्णायक लड़ाई है, वह अद्भुत और अद्वितीय होने के साथ-साथ विश्व भर के लिए एक मिसाल है। देश की जनसंख्या और भौगोलिक स्थिति को देखते हुए भारत ने कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ जो लड़ाई लड़ी, वह कई विकसित देशों से भी बेहतर थी। कोविड-रोधी टीकाकरण के मामले में भारत आज एक ‘‘इतिहास’’ रचता हुआ नजर रहा है। ऐसे में मृत्यु के आंकड़ों पर राजनीति करना अत्यंत दुखद है।

 

विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों को गलत सिद्ध करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि काल्पनिक तरीके से डेटा का मंथन करना, भारत को टियर-2 देशों में रखना, इन सब विषयों पर भारत ने समय-समय पर डब्लूएचओ  से बीतचीत की है। चार ऐसे तथ्य हैं, जिसके आधार पर हमें पता चलता है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन का भारत में कोरोना से हुई मौतों का डेटा गलत है। पहला यह कि इस आंकड़े के लिए पूरी प्रक्रिया में WHO ने जिस प्रकार के तरीकों को अपनाया है, वही गलत है।  दूसरा, डेटा के स्रोत में एक्यूरेसी होनी चाहिए, जबकि WHO ने स्वयं माना है कि स्रोत वैरिफाइड नहीं हैं। तीसरा, किस मानदंड के आधार पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत को टियर-2 देश में रखा है, ये भी सटीक रूप से पता नहीं चलता। चौथा यह कि WHO द्वारा काल्पनिक तरीके से डेटा का विश्लेषण क्या गया है। ज्ञात हो कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत में कोविड से होने वाली मौतों का जो आंकड़ा पेश किया है, वह भारत के आधिकारिक आंकड़ों से करीब 10 गुना ज़्यादा है।

नीति आयोग के सदस्य श्री वी के पॉल और एम्स के निदेशक श्री रणदीप गुलेरिया सहित तमाम विशेषज्ञों ने भी विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा भारत में हुई कोविड मौतों पर जारी किये गए आंकड़े को गलत करार दिया है। साथ ही, उन्होंने डब्ल्यूएचओ की कार्य प्रणाली पर भी सवाल उठाये हैं। भारत में पहले से ही जन्म-मृत्यु के आंकड़े दर्ज करने का व्यवस्थित और वैज्ञानिक तरीका है। साथ ही, जब पहले से ही भारत के पास कोरोना से हुईं मौतों का आंकड़ा मौजूद है, ऐसी स्थिति में उस मॉडल को तवज्जो नहीं दी जा सकती जहां पर सिर्फ अनुमान के मुताबिक आंकड़े जारी किए गए हों।

 

महेंद्र पांडेय

(कार्यालय सचिव)

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