Salient points of press conference of BJP National Spokesperson Dr. Sambit Patra


द्वारा श्री संबित पात्रा -
04-08-2022
Press Release

 

राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ संबित पात्रा की प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु

 

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. संबित पात्रा ने आज प्रेस को संबोधित करते हुए नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस पर निशाना जोरदार निशाना साधा और कहा कि नेशनल हेराल्ड भ्रष्टाचार मामले में पूरी कांग्रेस पार्टी की एक ही कवायद है कि एक ही परिवार के लिए किस प्रकार से आंदोलन करें? एक ही परिवार को कैसे बचाया जाए?

 

डॉ पात्रा ने कहा कि कांग्रेस का व्यवहार आज कहीं न कहीं कठघरे में खड़ा है। अगर कुछ गलत किया नहीं है तो कांग्रेस के बड़े नेताओं एवं कार्यकर्ताओं में आखिर इतना डर क्यों है? कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी एवं राहुल गांधी यंग इंडियन लिमिटेड के 76 प्रतिशत के स्टेक होल्डर है। यह कंपनी एक परिवार के पास है।

 

भारतीय जनता पार्टी ने समय समय पर अवगत कराया है कि एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड की संपत्ति किस प्रकार से यंग इंडियन कंपनी को ट्रांसफर हुई थी? ईडी ने 3 अगस्त को नेशनल हेराल्ड के दफ्तर को सील किया था। इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने जिस प्रकार का माहौल बनाया यह आश्चर्य का विषय है।

 

कई दिनों से ईडी मल्लिकार्जुन खड़गे और यंग इंडियन के अधिकारियों को नोटिस भेज रही थी। जांच एजेंसी को इनसे कुछ दस्तावेज चाहिए थे। जब कोई नहीं आया तब ये प्रक्रिया हुई। आज सुबह कांग्रेस ने कहा कि अब याचना नहीं रण होगा। पहले कह रहे थे सत्याग्रह होगी, अब कह रहे हैं कि रण होगा। आप करने क्या जा रहे हैं। कांग्रेस सत्याग्रह करेगी, दुराग्रह करेगी, रण करेगी या युद्ध करेगी, उसे बताना चाहिए।  देश के कानून से आखिर इन्हें रण करने की क्या जरूरत है?

 

देश का कानून सबके लिए बराबर है। अब न रण अर्थात युद्ध होगा और ना ही RUN होगा अर्थात कानून से भाग नहीं पाएंगे। चाहे वे कांग्रेस के अध्यक्षा हो या पूर्व अध्यक्ष हो, चाहे वे आम जनता हो। सबके लिए देश का संविधान एवं कानून एक बराबर है। देश के संविधान एवं कानून को पीठ दिखाकर RUN अर्थात भागना यह भी संभव नहीं है। कहा जाता है कि कानून के हाथ लंबे होते हैं और कानून किसी को छोड़ता नहीं है। आज नही तो कल कानून आपके गिरेबां तक पहुंच ही जाता है।

यदि आपने कोई गलती नहीं की है तो आपको डरने की जरूरत ही नहीं है।

 

क कल बीते शाम कांग्रेस के दफ्तर में मल्लिका अर्जुन खड़गे सहित कांग्रेस के दिग्गज नेता और बड़े बड़े वकील उपस्थित थे। खड़गे जी कांग्रेस के दफ्तर जा सकते हैं किन्तु ईडी के बुलावे पर नेशनल हेराल्ड के दफ्तर क्यों नहीं जा सकते हैं?

 

जब आतंकवादियों को छुड़ाना हो तो कांग्रेस पार्टी रात के 12 बजे सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे खटखटाने पहुंच जाती है। लेकिन नेशनल हेराल्ड मामले में अब कांग्रेस पार्टी के एक भी व्यक्ति ने कोर्ट का दरवाजा नहीं खटखटाया क्योंकि कोर्ट जाने की प्रक्रिया कांग्रेस पार्टी ने पहले ही पूरी कर ली है। कांग्रेस पार्टी यह मामला कोर्ट में पहले ही हार चुकी है। निचली अदालत से लेकर दिल्ली हाईकोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक कांग्रेस पार्टी के दिग्गज वकील पहले ही जा चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि इस केस में मेरिट दिखता है, आपको ट्रायल फेस करना होगा। उसके बाद से ही ट्रायल चल रहा है।

 

इनकम टैक्स केस में राहुल गांधी यदि पाक साफ हैं, तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अनुसार, इन्होंने 2010 के इनकम टैक्स रिर्टन में सच्चाई नहीं लिखी थी। राहुल गांधी जी चुनाव नामांकन के शपथ पत्र में भी इस मामले का जिक्र नहीं किया कि ये यंग इंडियन के डायरेक्टर और स्टेक होल्डर हैं। राहुल गांधी जी आखिर क्या छिपाना चाहते थे?

 

यह सभी जानते हैं कि किस प्रकार से 68 करोड़ रुपये बताया गया और बाद में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा 154 करोड़ रुपये का इनकम टैक्स लगाया गया। इस मामले को लेकर भी राहुल गांधी कोर्ट में गए थे। कांग्रेस पार्टी लोअर कोर्ट, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट गयी थी कि इनकम टैक्स केस को भी बंद किया जाना चाहिए। 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने सख्त इंकार करते हुए कहा कि इस मामले में कोई राहत नहीं मिलेगी और केस लड़ना पड़ेगा। आज आप देश के कानून का सामना कर रहे हैं।

 

दिल्ली हाई कोर्ट ने आर्डर दिया था कि इस मामले वित्तीय अनियमितता है, धोखघड़ी के अपराधिक मामले बनते हैं इस कारण आरोपियों का समन होगा। जहां आरोपी नम्बर वन सोनिया गांधी और आरोपी नम्बर टू राहुल गांधी हैं।

 

जस्टीस काटजू और पूर्व कानून मंत्री शांतिभूषण जी, दोनों ही नेशनल हेराल्ड के स्टेक होल्डर रहे हैं। उन्होंने भी कहा है कि जब एजेएल के शेयर को यंग इंडियन को ट्रांसफर किया गया तो एक भी शेयर होल्डर की मीटिंग नहीं बुलायी गयी। शेयर होल्डर को बगैर जानकारी दिए कंपनी के शेयर को ट्रांसफर कर दिया गया। यानि नेशनल हेराल्ड की करोड़ों रुपये की संपत्ति को एक परिवार के यंग इंडियन में ट्रांसफर कर दिया गया। मतलब करप्शन भी करेंगे और रण भी करेंगे। यह दोनो काम एक साथ नहीं हो सकता है। भ्रष्टाचार और रन (भागना) यह भी नहीं हो सकता है। भ्रष्टाचार हुआ है तो पकड़े जाएंगे और कानून के सामने पेश होना ही पड़ेगा। कांग्रेस से इतना ही कहना है कि यह ड्रामा बंद करिए और अपने आप को कानून के हवाले करिए।

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