भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं सांसद डॉ सुधांशु त्रिवेदी की प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने समूचे भारत को अपना परिवार मानकर, देश को आगे बढ़ाने के लक्ष्य के साथ कार्य किया। यह परिवारवादी नेता कहते हैं मोदी जी का कोई परिवार नहीं है पर देश की 140 करोड़ जनता कह रही है ‘हम हैं मोदी का परिवार।’
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ज्यों-ज्यों देश लोकसभा चुनाव की ओर आगे बढ़ रहा है, त्यों-त्यों बेचैन और परेशान विपक्ष की तथाकथित मुहब्बत की दुकान से जहर भरे सामान निकलकर सामने आ रहे हैं।
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लालू प्रसाद यादव ने कहा था, धर्म कुछ नहीं होता, जाति होती है। खुद को गरीब-गुरबा की सरकार बताने वाला यादव परिवार, आज बिहार का सबसे अमीर परिवार है।
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अरविंद केजरीवाल किसी वकील, दलील, अपील में विश्वास नहीं करते हैं, स्वयं मुलजिम होते हुए भी वह मुंसिफ बनकर ईडी को तकनीकी ज्ञान दे रहे हैं।
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इंडी गठबंधन के लिए कोई भी हिंदू नहीं है, यह लोग देश के हिंदुओं को जाति, क्षेत्र, भाषा और राज्य में बांटकर देखते हैं। सनातन का समूल नाश और उसको गाली देना ही इनकी योजना बन गई है।
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आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी मानते हैं - देश के लिए तन समर्पित, मन समर्पित और यह जीवन समर्पित, परंतु लालू कहते हैं नौकरी चाहिए तो तुम्हारी जमीन भी मुझको अर्पित।
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इंडी अलायंस के नेता लालू प्रसाद यादव, शरद पवार, एमके स्टालिन और ममता का लक्ष्य अपने बेटे-भतीजे को मुख्यमंत्री बनाना है, लेकिन माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का लक्ष्य 2047 तक राष्ट्र को विकसित और सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाकर, विश्वगुरु बनाना है।
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देश में प्रयोगात्मक और जातिगत राजनीति के लिए कोई स्थान नहीं, आज का समय आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में विकासात्मक राजनीति का है।
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने सोमवार को नई दिल्ली स्थित भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में एक महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता को संबोधित किया और माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी पर राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव एवं इंडी गठबंधन के नेताओं की आपत्तिजनक टिप्पणी पर करारा प्रहार किया। साथ ही उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी से भागने पर घेरा और उनपर जांच में सहयोग न करने का आरोप भी लगाया। भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि देश में प्रयोगात्मक और जातिगत राजनीति के लिए कोई स्थान नहीं, आज का समय आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में विकासात्मक राजनीति का है।
डॉ त्रिवेदी ने लालू प्रसाद यादव द्वारा दिए गए आपत्तिजनक बयान की भर्त्सना करते हुए कहा कि ज्यों-ज्यों देश लोकसभा चुनाव की ओर आगे बढ़ रहा है, त्यों-त्यों बेचैन और परेशान विपक्ष की तथाकथित मुहब्बत की दुकान से जहरभरे सामान निकल कर सामने आ रहे हैं। विगत 18 वर्षों के लंबे समय से पूरे देश ने देखा है कि विपक्ष ने आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रति ईर्ष्या, द्वेष, ग्लानि, पराजय की कुंठा और हीन भावना से ग्रस्त होकर जिस प्रकार के ओछे स्तर के नितांत व्यक्तिगत बयान दिए हैं, उनकी भारतीय राजनीति में आज तक कोई मिसाल नहीं है। विपक्ष ने उनके व्यवसाय, जाति, परिवार और स्वर्गीय पिताजी एवं माताजी को लेकर अनेक बार ऐसे आपत्तिजनक बयान दिए हैं जो लोकतंत्र की मर्यादा को तार-तार कर देते हैं। इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए रविवार को पटना में इंडी गठबंधन की रैली में सभी नेताओं की उपस्थिति में लालू प्रसाद यादव ने एक बार पुनः ओछी और निम्नस्तर की भाषा का प्रयोग किया है। देश के प्रधानमंत्री के प्रति इस तरह निम्न स्तर की भाषा का प्रयोग करना दुखदः और कष्टकारक है।
राष्ट्रीय प्रवक्ता ने राजद नेता लालू प्रसाद यादव के बयान की कठोरतम निंदा करते हुए कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के परिवार के संबंध इस तरह का आपत्तिजनक बयान देने से पहले याद रखना चाहिए कि यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के लिए पूरा देश ही परिवार है। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद 2014 की पहली दिवाली सीमा पर सैनिकों के साथ मनाई थी, क्योंकि देश की सेना उनका परिवार है। 2014 से लेकर आज तक की सभी दीपावली यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने किसी न किसी सीमा की चौकी पर सुरक्षा बलों के साथ मनाई है। 15 अगस्त 2023 को लालकिले की प्राचीर से अपने संबोधन में आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने पूरे देश को “मेरे परिवारजनों” कहकर संबोधित किया था। पूरे देश के प्रति परिवार और अपनापन का भाव सिर्फ 2014 से नहीं है, अपितु जब उन्होंने अपनी युवावस्था में समाज और राष्ट्र को परम वैभव पर ले जाने के संकल्प के साथ अपने परिवार को छोड़ा था तो उसी क्षण उन्होंने ये संकल्प ले लिया था कि अब ये देश उनका परिवार है और परिवार के काम में किसी को थकान नहीं होती। इसीलिए आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने पिछले 10 वर्षों में एक भी दिन का अवकाश नहीं लिया है। ये उसी दिन का संकल्प था और यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के इस देश और राष्ट्र के प्रति समर्पण को इन पंक्तियों में बखूबी लिखा बयां किया जा सकता है -
“तन समर्पित, मन समर्पित और यह जीवन समर्पित, चाहता हूं देश की धरती तुझे कुछ और भी दूं।
स्वप्न अर्पित, प्रश्न अर्पित, आयु का क्षण क्षण समर्पित, चाहता हूं देश की धरती तुझे कुछ और भी दूं।”
डॉ त्रिवेदी ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने पिछले 10 वर्षों में 10 घंटे का भी अवकाश नहीं लिया है और आए दिन छुट्टी मनाने विदेश जाने वाले लोग आज प्रधानमंत्री जी को शिक्षा दे रहे हैं। श्री त्रिवेदी ने लालू प्रसाद यादव पर तंज कसते हुए कहा कि सूप बोले तो बोले, छलनी भी बोले, जिसमें सौ छेद। जो लोग सनातन धर्म के समूल नाश के विषय पर कॉन्फ्रेंस आयोजित करते हैं, उत्तर भारत में हिंदू धर्म को धोखा बताते हैं, जिनकी सरकार के शिक्षा मंत्री हिंदू धर्म को पोटेशियम साइनाइड यानि जहर बताते हैं और जो लोग रामचरित मानस और हिंदू धर्मग्रंथों के बारे में अनाप शनाप और अंत्यंत निंदनीय बयानबाजी करते हैं, अब वो लोग हिंदू होने के प्रमाण पत्र बांटने लगे हैं। अगर लालू प्रसाद यादव के शिक्षा मंत्री ने तनिक शिक्षा हिंदू धर्म से ली होती तो उन्हें समझ आता कि सनातन धर्म पुत्र का नहीं अपितु शिष्य को महत्व दिया जाता है, इसके पौराणिक उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि श्री राम के शिष्य हनुमान जी के हजारों मंदिर हैं लेकिन उनके पुत्र लव-कुश का मंदिर नहीं है। द्रोणाचार्य के लिए अश्वत्थामा का स्थान नहीं, अर्जुन का स्थान ऊंचा है क्योंकि वो उनके शिष्य थे। भगवान राम ने अपनी सारी शक्ति भगवान हनुमान को दी, द्रोणाचार्य ने अपनी विद्या अपने पुत्र को नहीं अपने शिष्य अर्जुन को दी और भारत की परंपरा ही गुरू शिष्य परंपरा है, पिता पुत्र परंपरा नहीं। हिंदू धर्म को ऊपर बयानबाजी करने वाली इन लोगों को पहले समझना चाहिए कि हिंदू धर्म क्या है।
राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि लालू प्रसाद यादव ने आदरणीय प्रधानमंत्री के हिंदू होने से नकार दिया। लेकिन सत्य तो ये है कि इस इंडी गठबंधन के लिए कोई हिंदू नहीं है। विपक्ष के लिए हिंदू अगड़ा, पिछड़ा, दलित, सवर्ण, उत्तर भारतीय, दक्षिण भारतीय, कन्नड, तमिल, तेलूगू, मराठी, पंजाबी, बंगाली और यहां तक हिंदी है परंतु हिंदू नहीं है। विपक्ष ने हिंदूओं को टुकड़ों बांट रखा है और इनकी नजर ही देश की टुकड़े टुकड़े करने पर है। श्री त्रिवेदी ने गांधी परिवार पर करारा हमला बोलते हुए कहा कि गांधी परिवार ने देश को टुकड़ों में बांटकर सत्ता पाई और आज ये परिवार भारत तेरे टुकड़े होंगे के नारे लगाने वालों के साथ खड़े होकर इस उम्मीद में देश के ऊपर गिद्ध-दृष्टि जमाए बैठा है कि देश के किसी टुकड़े पर राज करने को मिल जाए। श्री त्रिवेदी ने आश्वस्त करते हुए कहा कि लालू प्रसाद यादव ने जो आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का व्यक्तिगत अपमान किया है, जनता जनार्दन, शिशुपाल की तरह एक एक गाली की गिनती रही है और जिस तरह उचित समय पर भगवान ने प्रत्युत्तर दिया था उसी तरह निश्चित रूप से जनता विपक्ष के अंहकार का उचित समय पर उचित प्रत्युत्तर देगी। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी मुख्यमंत्री बनने से लेकर अब तक देश के प्रति समर्पण के भाव से प्रेरित होकर भाजपा के सभी कार्यकर्ताओं ने स्वतःस्फूर्त ही आज सोशल मीडिया के सभी प्लेटफॉर्म्स पर अपनी प्रोफाइल लोगो में “मोदी का परिवार” शब्द जोड़ लिया है। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र बनाने का, विश्व की नंबर 1 अर्थव्यवस्था बनाने का और भारत को विश्वगुरू बनाने का लक्ष्य रखा है।
राज्यसभा सांसद ने परिवारवाद पर प्रहार करते हुए हुए कहा कि राजतंत्रीय परिवारों के बरखुरदार और लोकतंत्र के अलमबरदार बन कर खड़े किसी भी विपक्षी नेता का लक्ष्य भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र और विश्वगुरू बनाने का नहीं है। विपक्ष का लक्ष्य है अगर 2047 तक इनकी पार्टी रहे तो सत्ता इनके परिवार के हाथ में रहे और सिर्फ इनके परिवार की अर्थव्यवस्था मजबूत हो, लेकिन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का लक्ष्य भारत को विकसित और मजबूत करने का है। भाजपा का संकल्प है ‘हम रहें न रहें, भारत रहना चाहिए’ जबकि विपक्ष के लिए देश नहीं बल्कि उनके परिवार का रहना महत्वपूर्ण है। श्री सुधांशु त्रिवेदी ने राष्ट्रीय अधिवेशन के दौरान गृह मंत्री श्री अमित शाह द्वारा पारिवारिक दलों पर कटाक्ष करने की बात को दोहराया। इन 7 पारिवारिक दलों के अलमबरदारों का उद्देश्य अपने भाई भतीजों को सत्ता की कुर्सी पर बिठाना है। लालू, शरद पवार, स्टालिन और ममता अपने बेटे-भतीजों को ही सीएम बनाना चाहते हैं। स्वर्गीय मुलायम सिंह अपने बेटे को सीएम बना कर ही गए। विपक्ष की सोच भारत की पहचान को टुकड़ों में बांटकर अपने परिवार का स्थान ऊंचा रखना चाहती है। ये सब नेता जो कहते हैं हम गरीब, दलित और पिछड़े की बात करते हैं सत्ता में आने के बाद सबसे तेजी से इन्ही की संपत्ति बढ़ती है।
डॉ त्रिवेदी ने लालू प्रसाद यादव पर तंज कसते हुए कहा कि 1990 में जब श्री लाल कृष्ण आडवाणी की गिरफ्तारी हुई थी तो लालू प्रसाद यादव ने कहा था ‘हिन्दू कुछ नहीं होता, जात बिरादरी का देश है और राम लला क्या अंदर खड़े थे?’ ये कहने वाले और गरीब गुरबा की सरकार बताने वाला परिवार आज बिहार का सबसे अमीर परिवार है। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी कहते हैं तन समर्पित, मन समर्पित और यह जीवन समर्पित परंतु लालू कहते हैं नौकरी चाहिए तो तेरी जमीन भी मुझको अर्पित।
राज्यसभा सांसद ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के ईडी के सामने पेश ना होने और ईडी को तकनीकी ज्ञान देने पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कभी सुना है कि मुलजिम, मुंसिफ की कुर्सी पर बैठ जाए। आरोपी, न्यायाधीश की कुर्सी पर बैठ के बताए कि यह काम इस नियम के तहत होना चाहिए। श्री त्रिवेदी ने अरविन्द केजरीवाल का पुराना बयान सुनाया जिसमें वो सोनिया गांधी की पूछताछ की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल इतने बड़े कलाकार हैं कि दिल्ली सरकार की आबकारी नीति पर सीबीआई जांच होते ही नीति वापस ले ली। अदालत के सामने जो लोग अभी तक दागदार हैं वो शीशे की अदालत में खड़े होकर पत्थर की गवाही की बात कर रहे हैं। अरविन्द केजरीवाल वो किरदार है जो न वकील, न अपील और न दलील में विश्वास रखता है।
राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा नई वाली प्रयोगधर्मी राजनीति अब रेडियोधर्मी क्षय की तरह हो गई है और पुरानी जाति, क्षेत्र, भाषा में तोड़कर बनाए रखने वाली राजनीति का समय अब चला गया है और अब असली एवं विकासात्मक राजनीति का समय है। अंत में श्री त्रिवेदी ने तथाकथित मोहब्बत की दुकान से निकले हुए असली जहर के सामान वाले इस गठबंधन के प्रति पूरी भाजपा की ओर से वेदना व्यक्त करते एवं विश्वास जताते हुए और कहा कि जनता आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी पर निरंतर की गई ओछी टिप्पणियों का उचित और करारा जवाब देगी। राज्यसभा सांसद ने इसे रहीम दास की पंक्ति के साथ बताया ‘जो बड़ेन को लघु कहें, नहिं रहीम घटि जाहिं, गिरधर मुरलीधर कहे, महिमा बदलत नाहिं’। जिसका अर्थ है कि किसी बड़े व्यक्ति छोटा सिद्ध करने के प्रयास से वो छोटा नहीं होता जैसे भगवान कृष्ण को गोवर्धन पर्वत उठाने वाला गिरधर कहा जाए या छोटी सी मुरली उठाने वाला मुरलीधर कहा जाए, उनकी महिमा में कोई अंतर नहीं आएगा। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी पर ओछी टिप्पणी करने का ये प्रयास निष्फल होगा और जनता भारतीय जनता पार्टी को भरपूर आशीर्वाद देकर इसका उचित प्रत्युत्तर देगी।
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