Salient points of Press Conference of BJP National Spokesperson & MP Dr. Sambit Patra


द्वारा श्री संबित पात्रा -
23-06-2024
Press Release

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं नवनिर्वाचित सांसद डॉ. संबित पात्रा की प्रेस वार्ता के मुख्य बिन्दु

 

देश में 32 से अधिक दलितों की प्रायोजित हत्या होने के बाद भी अगर विपक्षी दलों के नेता चुप हैं, तो यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।

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तमिलनाडु में जहरीली शराब के सेवन से 56 से अधिक लोगों की मृत्यु होने के बद भी डीएमके और इंडी गठबंधन के सभी नेताओं का मौन आश्चर्यचकित कर देने वाला है।

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे इस मुद्दे पर चुप क्यों है?

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 दशकों से अवैध शराब का व्यापार चलने के बाद भी तमिलनाडु सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किए जाने के कारण इसे राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित हत्या ही मानी जाएगी।

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दलितों के अधिकर के लिए लड़ने और मार्च निकालने वाले लोग चुप क्यों है? 40 दलितों के जीवन के साथ खिलवाड़ किये जाने के बाद भी कोई प्रश्न क्यों नहीं उठा रहा है?

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जिला कलेक्टर का बयान, जिसमें उन व्यक्तियों की मौत का कारण शराब को नकारा गया था, डीएमके नेताओं के दबाव में दिया गया था, क्योंकि अगले दिन विधानसभा सत्र शुरू होने वाला था।

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राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आदर्शों को मानकर चलने का झूठा नाटक करने वाले विपक्ष ने देश के दलितों के साथ जो किया है, वह अत्यंत शर्मनाक है।

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ओडिशा के पुरी लोकसभा से नवनिर्वाचित सांसद एवं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. संबित पात्रा ने आज केन्द्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में तमिलनाडु में जहरीली शराब के सेवन से हुई मौतों के मामले में सीएम एम के स्टालिन की डीएमके सरकार की जमकर आलोचना की। साथ ही कांग्रेस समेत इंडी गठबंधन के नेताओं की इस मामले में चुप्पी  साधने पर निशाना साधा और सवाल पूछे।

 

डॉ. पात्रा ने तमिलनाडु में हुई जहरीली शराब कांड पर संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि इस गंभीर और दुखद विषय पर विपक्षी दलों ने मौन साध लिया है, जो बहुत ही दुखद है। यह घटना तमिलनाडु में कल्लाकुरिची जिले के करुणापुरम गांव में हुई जहां दलितों की बाहुल्यता है। गाँव में जहरीली शराब के सेवन से 56 से अधिक लोगों की मृत्यु हुई है, बहुत से लोग मौत से जूझ रहे हैं और लगभग 200 से अधिक लोग अस्पताल में भर्ती हैं। डॉ. पात्रा ने कांग्रेस पार्टी के नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे जैसे सभी विपक्षी नेता इस मुद्दे पर चुप क्यों है? डीएमके और इंडी गठबंधन के सभी नेताओं का मौन आश्चर्यचकित कर देने वाला है। इस विषय पर डीएमके सरकार के बोलने से अधिक विपक्ष की चुप्पी बोल रही है। देश में 32 से अधिक दलितों की प्रायोजित हत्या होने के बाद भी अगर विपक्षी दलों के नेता चुप है, तो यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। विपक्षी दलों के एजेन्डे में यह विषय इसलिए शामिल नहीं है, क्योंकि उनका राजनैतिक हित इससे सधता नहीं है।

 

नवनिर्वाचित सांसद डॉ. पात्रा ने तथ्यों की जानकारी देते हुए कहा कि यह अवैध शराब का धंधा शहर के बीचों बीच, जिले के न्यायालय और पुलिस स्टेशन के बगल में चल रहा था। यह अवैध कारोबार कई दशकों से चल रहा था, जो प्रशासनिक और सरकारी अफसरों के सहयोग के बिना संभव नहीं है। 50 से अधिक लोगों की मृत्यु हो जाना, कोई छोटा विषय नहीं है। लगभग 1 वर्ष पहले मई 2023 में विलुप्पुरम और चेंगलपट्टू में अवैध शराब के सेवन से 23 लोगों की मृत्यु हुई थी। उस समय एक कमिटी बनाकर इस विषय की जांच की गई थी। भारतीय जनता पार्टी ने इस मुद्दे को लेकर आंदोलन किया था और आबकारी अधिकारी मस्तान के विरुद्ध कई सारे तथ्य भी प्रस्तुत किये गए थे, लेकिन इस पर कोई उचित कदम नहीं उठाया गया। अगर विगत वर्षों में हुई घटना के पश्चात उचित कदम उठाए जाते, तो आज इतने लोगों की जान नहीं जाती। दशकों से अवैध शराब का कारोबार चल रहा है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गयी, जो दर्शाता है कि यह राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित हत्याएं हैं। दलितों के अधिकरों के लिए जो लोग लड़ते हैं और मार्च निकालते हैं, वे लोग आज चुप क्यों है? लगभग 40 दलितों के जीवन के साथ खिलवाड़ किये जाने के बाद भी कोई प्रश्न क्यों नहीं उठा रहे हैं?    

 

डॉ. पात्रा ने कहा कि मीडिया जांच के बाद यह जानकारी मिली है कि इस पूरी घटना के किंगपिन गोविन्दराज के घर के बाहर डीएमके के पोस्टर लगे हुए हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि उसका संबंध डीएमके सरकार से होने की आशंका है। स्थानीय व्यक्ति ने यह जानकारी देते हुए बताया है कि जिस दुकान से जहरीली शराब का वितरण हो रहा था, उस दुकान पर सुबह 5 बजे से शाम 7 बजे तक गहमा गहमी रहती थी। डॉ. पात्रा ने कहा कि बलराज नाम के व्यक्ति ने चौंकाने वाले तथ्य पेश करते हुए बताया कि जिला कलेक्टर ने अपने बयान में कहा है कि इन सभी लोगों की मृत्यु शराब के कारण नहीं हुई है। मंगलवार को शराब सेवन के बाद लाशें सड़कों पर पड़ी मिलती है और बहुत सारे लोग अस्पताल ले जाने के दौरान रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं लेकिन कलेक्टर के बयान के कारण लोग निश्चिंत होकर बुधवार तक शराब पीते हैं और अन्य लोगों की मौत हो जाती है। कलेक्टर ने इस तरह का बयान डीएमके के नेताओं के दबाब में आकर दिया है, क्योंकि अगले दिन विधानसभा का सत्र आरंभ होने वाला था।

 

राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. पात्रा ने कहा कि 12 से अधिक लोगों की मृत्यु कलेक्टर की लापरवाही के कारण हुई। अवैध शराब के सरगनाओं को पुलिस के छापे की जानकारी पहले ही दे दी जाती थी, जिससे वो छापे के वक्त शटर को बंद करके नदारद हो जाते थे और उनपर कोई कार्रवाई नहीं हो पाती थीकल्लाकुरिची जिले के विपक्षी दल के विधायक के द्वारा इस विषय को विधानसभा में बार-बार सामने लाने के बाद भी उनको रोक दिया जाता था। डीएमके के काउंसलर, प्रशासन और मंत्रियों तक पैसा पहुंचाया जाता था और कल्लाकुरिची जिला और करुणापुरम गांव से डीएमके के कई सांसद और विधायक हैं और वहां डीएमके की मजबूत उपस्थिति के कारण भी ये जघन्य अपराध हुआ है। श्री संबित पात्रा ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी, स्टालिन, ममता बनर्जी और मल्लिकार्जुन खड़गे जैसे सभी विपक्षी नेताओं से प्रश्न करते हुए कहा कि वो इस मुद्दे पर चुप क्यों हैं? इतनी बड़ी संख्या में दलितों की मृत्यु के उपरांत भी विपक्ष का एक भी  व्यक्ति इस विषय को उठा नहीं रहा है। यदि यही विषय किसी और राज्य का होता तो इस विषय को अलग तरीके से प्रतिस्थापित किया जाता।

 

राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. पात्रा ने कहा कि लगभग 40 दलितों के घर उजड़े हैं, 56 लोगों की मृत्यु हुई है, लगभग 200 लोग अस्पताल में जिंदगी और मृत्यु से जूझ रहे हैं। डॉ. पात्रा ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि हम इस बात की उम्मीद करते हैं कि कल से संसद का सत्र प्रारंभ हो रहा है और इंडी गठबंधन के लोग महात्मा गांधी की प्रतिमा पर जाकर शोक अवश्य व्यक्त करेंगे और वो महात्मा गांधी, जो हमेशा से ही अवैध शराब के विरोधी थे और इसे अधर्म मानते थे, उनके चरणों पर जाकर पश्चाताप का ढोंग करेंगे। डॉ. पात्रा ने अंत में विपक्ष पर प्रहार करते हुए कहा कि कल संसद शुरू होने पर इंडी गठबंधन के नेताओं के हाथ में जो काली पट्टी होगी, वो उन दलितों के लिए होनी चाहिए, जिनकी जानें डीएमके  सरकार की लापरवाही के कारण गई है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आदर्शों को मानकर चलने का झूठा नाटक करने वाले विपक्ष ने देश के दलितों के साथ जो किया है, वह अत्यंत शर्मनाक है

 

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