भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया की प्रेसवार्ता के मुख्य बिंदु
अरविंद केजरीवाल ने राजकीय कोष को पहुंचाया घाटा, जनता के हित को किया टाटा।
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ईडी के आवेदन में सीएम अरविंद केजरीवाल के शिक्षा मंत्री, आबकारी मंत्री और आरोपी नंबर वन उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सहित अन्य अरोपियों द्वारा बार-बार मोबाइल फोन बदलने और उसे नष्ट करने की चर्चा की गयी है कि जो दर्शाता है कि बहुत बड़ा शराब घोटाला हुआ है।
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अभी तक उपलब्ध डॉक्यूमेंट के अनुसार केजरीवाल सरकार में 2,783 करोड़ रुपए के शराब घोटाले हुए हैं। भ्रष्टाचार के गुरु और घोटाले के किंगपिन अरविंद केजरीवाल के ईशारे पर ही कट्टर बेईमान मनीष सिसोसिदिया काम कर रहे थे, यह स्पष्ट हो चुका है।
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केजरीवाल जी, अगर आप ईमानदार हैं और आपके उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया शराब घोटाले में संलिप्त नहीं है तो मनीष सिसोदिया, आप के निजी सहायक, उनके मंत्रियों और इस घोटाले से जुड़े 36 लोग बार-बार मोबाइल क्यों बदल रहे थे?
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मामले की जांच अभी चल है रही है लेकिन केजरीवाल जी शराब घोटाले के आरोपियों को क्लीन चिट देते आ रहे हैं। केजरीवाल जी जान लें कि कानून की तलवार कट्टर बेईमान एवं महाभ्रष्टाचारी मनीष सिसोदिया पर अभी भी लटक रही है, क्योंकि मामले की विवेचना अभी चल ही रही है।
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केजरीवाल जी जनता से कौन सी मनोहर कहानियां छुपा रहे थे, ताकि उनके घपले-घोटाले उजागर नहीं हो सके? कट्टर बेईमान अरविंद केजरीवाल कट्टर ईमानदारी का सर्टिफिकेट बांटते रहते हैं लेकिन अब जनता उनसे पूछ रही है कि इधर-उधर की बात ना कर बल्कि ये बता तूने दिल्ली को लूटा क्यों?
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जांच एजेंसियां शराब घोटाले में संलिप्त लगभग 36 आरोपियों की जांच कर रही है। इन आरोपियों ने 170 मोबाइल फोन नष्ट किए हैं, जिसकी कुल कीमत लगभग डेढ़ करोड़ रुपए है। भारतीय दंड संहित के अनुसार साक्ष्य को नष्ट करना अपराध की श्रेणी में आता है।
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केजरीवाल जी के पर्सनल असिस्टेंट ने बहुत ही कम समय में मोबाइल फोन के चार हैंडसेट बदले। आरोपी नम्बर वन मनीष सिसोदिया ने 4 मोबाइल सिम और 16 हैंडसेट बदले। केजरीवाल के मंत्री कैलाश गहलोत ने मोबाईल फोन के 3 हैंडसेट बदले। आखिर ये लोग क्या छुपा रहे हैं?
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केजरीवाल सरकार ने शराब करोबार में 2% कमीशन को बढ़ाकर 12% कर दिया जिसमें से 6 प्रतिशत कमीशन कट्टर बेईमान अरविंद केजरीवाल की पार्टी की तिजोरी में गया। एक अनुमान के अनुसार केजरीवाल जी की पार्टी की तिजोरी में शराब घोटाले का 1,400 करोड़ रुपए पहुंचा।
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया ने आज केन्द्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि इनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ईडी) द्वारा 30 नवंबर 2022 को शराब घोटाले के आरोपी अमित अरोड़ा को रिमांड पर लेने के लिए अदालत में दिए गए आवेदन के अनुसार शराब घोटाले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल होने की संभावना बढ़ गयी है।
ईडी के आवेदन में सीएम अरविंद केजरीवाल के शिक्षा मंत्री, आबकारी मंत्री और आरोपी नंबर वन उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सहित अन्य अरोपियों द्वारा बार-बार मोबाइल फोन बदलने और उसे नष्ट करने की चर्चा की गयी है कि जो दर्शाता है कि बहुत बड़ा शराब घोटाला हुआ है। अभी तक उपलब्ध डॉक्यूमेंट के अनुसार केजरीवाल सरकार में 2,783 करोड़ रुपए के शराब घोटाले हुए हैं। भ्रष्टाचार के गुरु और घोटाले के किंगपिन अरविंद केजरीवाल के ईशारे पर ही कट्टर बेईमान मनीष सिसोसिदिया काम कर रहे थे, यह स्पष्ट हो चुका है। मामले की जांच अभी चल है रही है लेकिन केजरीवाल जी शराब घोटाले के आरोपियों को क्लीन चिट देते आ रहे हैं। केजरीवाल जी जान लें कि कानून की तलवार कट्टर बेईमान एवं महाभ्रष्टाचारी मनीष सिसोदिया पर अभी भी लटक रही है, क्योंकि मामले की विवेचना अभी चल ही रही है।
मैं अदालत में ईडी के आवेदन और अदालत में हुई सुनवाई के हवाले से अरविंद केजरीवाल से कुछ सवाल पूछता हूँ और उम्मीद करता हूँ कि वे जवाब भी देंगे हालांकि उनसे इसकी अपेक्षा नहीं की जा सकती:
● पहला सवाल - केजरीवाल जी, अगर आप ईमानदार हैं और आपके उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया शराब घोटाले में संलिप्त नहीं है तो मनीष सिसोदिया, आप के निजी सहायक, उनके मंत्रियों और इस घोटाले से जुड़े 36 लोग बार-बार मोबाइल क्यों बदल रहे थे?
● दूसरा सवाल - केजरीवाल जी जनता से कौन सी मनोहर कहानियां छुपा रहे थे, ताकि उनके घपले-घोटाले उजागर नहीं हो सके? कट्टर बेईमान अरविंद केजरीवाल कट्टर ईमानदारी का सर्टिफिकेट बांटते रहते हैं लेकिन अब जनता उनसे पूछ रही है कि इधर-उधर की बात ना कर बल्कि ये बता तूने दिल्ली को लूटा क्यों?
कुछ दिन पहले आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने प्रेसवार्ता करके कहा था कि शराब घोटाले में चार्जशीट दाखिल हुआ है, उसमें उनके उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का नाम नहीं है। जांच एजेंसियों के इस चार्जशीट से यह नहीं समझना चाहिए कि अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के उपर कानून की तलवार लटक नहीं रही है।
ईडी के आवेदन में उभरे तथ्य के अनुसार शराब घोटाले में जो चार्जशीट पहले दाखिल की गयी है उसकी विवेचना अभी चल रही है। उस आवेदन में एक शराब कंपनी का जिक्र किया गया है, जिसकी बाजार में 47 प्रतिशत हिस्सेदारी है और इस मामले को लेकर भी अभी जांच चल रही है। भारतीय कानून सीबीआई और ईडी जैसी जांच एजेंसियों को सप्लीमेंटरी चार्जशीट दाखिल करने का अधिकार देती है।
जांच एजेंसियां शराब घोटाले में संलिप्त लगभग 36 आरोपियों की जांच कर रही है। इन आरोपियों ने 170 मोबाइल फोन नष्ट किए हैं, जिसकी कुल कीमत लगभग डेढ़ करोड़ रुपए है। शराब घोटाले की साक्ष्य मिटाने के लिए मोबाइल फोन नष्ट किए गए हैं। भारतीय दंड संहित के अनुसार साक्ष्य को नष्ट करना अपराध की श्रेणी में आता है।
इस आवेदन में सलंग्न एक सूची के अनुसार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पर्सनल असिस्टेंट, उनके उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, मंत्री कैलाश गहलोत और आम आदमी पार्टी के कम्यूनिकेशन इंचार्ज एवं अभियुक्त विजय नायर का नाम शामिल है।
● केजरीवाल जी के पर्सनल असिस्टेंट ने बहुत ही कम समय में मोबाइल फोन के चार हैंडसेट बदले। आखिर केजरीवाल जी क्या करते थे कि उनका पर्सनल असिस्टेंट बार-बार फोन बदल रहा था?
● आरोपी नम्बर वन मनीष सिसोदिया ने बहुत ही कम अवधि में 4 मोबाइल सिम और 16 हैंडसेट बदले। मनीष सिसोदिया आखिर किस प्रकार के ईमानदार हैं कि वे मोबाईल बदल रहे थे? आखिर वे क्या छुपाना चाह रहे थे? क्या मनीष सिसोदिया ने घोटाले के साक्ष्यों को नष्ट करने के लिए अपने मोबाइल बदले?
● केजरीवाल जी के मंत्री कैलाश गहलोत ने मोबाईल फोन के 3 हैंडसेट बदले। क्या कैलाश गहलोत भ्रष्टाचार के मामले में बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे थे? आम आदमी पार्टी के कम्युनिकेशन इंचार्ज और शराब घोटाले का आरोपी विजय नायर उसी अवधि में 7 हैंडसेट बदलता है। आखिर ये किस ओर इशारा करता है?
केजरीवाल बार-बार पूछते थे कि कितने रुपये का शराब घोटाला हुआ है, कोई 100 करोड़ रुपए का घोटाला बताता है तो कोई 500 करोड़ रुपए का। केजरीवाल ने राजकीय कोष को पहुंचाया घाटा, जनता के हित को किया टाटा। उन्हें जनता से कोई मतलब नहीं है।
अभी तक उपलब्ध डाक्युमेंट के अनुसार दिल्ली के राजकीय कोष को शराब घोटाले में 2,783 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है, अर्थात 2783 करोड़ रुपए का शराब घोटाला तो स्पष्ट नजर आ रहा है। केजरीवाल सरकार में एल-7 वेंड नहीं खोलने के कारण शराब लाईसेंस फीस संग्रहण में 719 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ जिसमें एल-7 वेंड को ऑपरेशनल नहीं करने की वजह से राजकीय कोष को 135 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। एल-7 वेंडर द्वारा लाइसेंस सरेंडर करने की वजह से राजकीय कोष को 1,036 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा कोविड के दौरान शराब माफिया दोस्तों के शुल्क माफ करने की वजह से राजकीय कोष को 142.80 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। इसके बाद राजकीय कोष को 87 करोड रुपए और 20 करोड़ रुपए का भी नुकसान पहुंचाया गया।
शराब कारोबार में होलसेर्ल्स की जिम्मेदारी प्राइवेट कंपनियों को सौंपने से राजकीय कोष को 581 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ जबकि एक्सपर्ट कमिटी की सिफारिशों के अनुसार सरकारी एजेंसी को ही शराब वितरण में होलसेर्ल्स की जिम्मेदारी निभानी चाहिए थी। केजरीवाल सरकार ने शराब करोबार में 2 प्रतिशत कमीशन को बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया जिसमें से 6 प्रतिशत कमीशन कट्टर बेईमान अरविंद केजरीवाल की पार्टी की तिजोरी में गया। एक अनुमान के अनुसार केजरीवाल जी की पार्टी की तिजोरी में शराब घोटाले का 1,400 करोड़ रुपए पहुंचा।
ईडी ने आरोपी को 14 दिनों का रिमांड पर रखने की मांग की है। उस आवेदन पर कोर्ट ने कहा कि मामले में उपलब्ध साक्ष्य के अनुसार आरोपी को रिमांड भेजने की अनुमति दिया जाना चाहिए। अदालत के इस आदेश में आरोपी नंबर वन मनीष सिसोदिया का नौ बार नाम आता है जिसे अरविंद केजरीवाल जी कट्टर ईमानदार होने का सर्टिफिकेट देते हैं।
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