भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया की प्रेसवार्ता के मुख्यबिन्दु
पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था ध्वस्त है और सीएम ममता बनर्जी मस्त हैं। पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र की हत्या हो चुकी है और ममता बनर्जी जंगल राज का पर्याय बन चुकी हैं।
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तृणमूल कांग्रेस के गुंडों और अवैध रोहिंग्या घुसपैठियों द्वारा ईडी अधिकारियों पर हमले किये गए, जो बहुत ही चिंताजनक है। ममता बनर्जी को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने का कोई हक नहीं है और उन्हें तत्काल अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
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पश्चिम बंगाल में घोटालों को रोकने का दायित्व ममता बनर्जी का है, लेकिन कानून का पालन करते हुए जब प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी पश्चिम बंगाल में घोटालों की जांच करने जाते हैं तो उन पर जानलेवा हमला होते हैं।
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2 मई 2021 को जब पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित हो रहे थे, उस दौरान राज्य में हिंसा, बलात्कार, हत्या और घर जलाने जैसी घटनाएं भारी संख्या में हुई। क्योंकि, प्रदेश के सभी गुंडों को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का संरक्षण प्राप्त है।
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ममता बनर्जी ने एक नया ‘खेला होबे’ मॉडल दिया है। जिसमें अगर उनके राज्य में प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी जाते हैं, तो वह अपने गुंडे भेज कर पिटवाती हैं। ऐसा लगता है कि ममता बनर्जी ने पुलिस को निर्देश दिया है कि अधिकारियों के जान पर भी खतरा आ जाए, तब भी उनकी सहायता नहीं करना है।
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ममता बनर्जी को गलतफहमी हो गई है कि कानून के रक्षक और ईमानदारी से काम करने वाले अधिकारियों को गुंडे पीट कर डरा देंगे। जब कानून का डंडा चलेगा तो ममता दीदी किसी भी गुंडे को बचा नहीं पाएंगी। यह लड़ाई कानून के डंडे और ममता के गुंडे के बीच में है, जिसमें जीत निश्चित ही कानून की होगी।
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पश्चिम बंगाल में हुए पंचायत चुनाव मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राज्य में पंचायत स्तर पर लोकतंत्र सुचारू और प्रभावी रूप से काम नहीं कर रहा है। ये टिप्पणी वर्तमान पश्चिम बंगाल के बारे में भी पूर्णतः प्रासंगिक है।
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पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र खत्म हो गया है। मुख्यमंत्री कानून के साथ खड़े होने की बजाय गुंडों के साथ खड़ी हो गई हैं, तो ये कहना गलत नहीं है कि ममता बनर्जी का ध्यान केवल सत्ता का सुख भोगने पर है। पश्चिम बंगाल की जनता भी आज ये कह रही है कि ममता बनर्जी अराजकता की मूर्ति हो गई हैं।
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में ईमानदार सरकार है जो भ्रष्टाचार पर सख्ती से कार्रवाई कर रही है और जांच एजेंसियां स्वतंत्र रूप से निष्पक्ष काम कर रही है। जबकि, “भ्रष्टाचार की गोंद” से इंडी एलायंस के सभी नेता एक दूसरे से जुड़े हुए हैं।
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया ने आज केन्द्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में पश्चिम बंगाल में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों पर हुए हमले को शर्मनाक करार देते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था ध्वस्त है और सीएम ममता बनर्जी मस्त हैं। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के गुंडों और अवैध रोहिंग्या घुसपैठियों द्वारा ईडी अधिकारियों पर हमले किये गए, जो बहुत ही चिंताजनक है। ममता बनर्जी को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने का कोई हक नहीं है और उन्हें तत्काल अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
श्री गौरव भाटिया ने कहा कि पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र की हत्या हो चुकी है और ममता बनर्जी जंगल राज का पर्याय बन चुकी हैं। जबकि, एक मुख्यमंत्री पदभार ग्रहण करते वक्त संविधान की शपथ लेता है कि वह संविधान का पालन करते हुए संविधान और कानून की रक्षा करेगा। ममता बनर्जी ने भी भारतीय संविधान की शपथ ली थी। पश्चिम बंगाल में घोटालों को रोकने का दायित्व ममता बनर्जी की है, लेकिन कानून का पालन करते हुए जब प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी पश्चिम बंगाल में घोटालों की जांच करने जाते हैं तो उन पर जानलेवा हमले होते हैं।
ममता सरकार के काले कारनामों को उजागर करते हुए श्री भाटिया ने कहा कि 2 मई 2021 को जब पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित हो रही थी, उस दौरान राज्य में हिंसा, बलात्कार, हत्या और घर जलाने जैसी घटनाएं भरी संख्या में हुई। क्योंकि, प्रदेश के सभी गुंडों को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का संरक्षण प्राप्त है।
श्री भाटिया ने कहा कि जब ईडी टीम ने तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां शेख के आवास पर छापा मारने जा रही थी, तब ईडी टीम ने स्थानीय पुलिस से संपर्क भी किया, इसके बावजूद स्थानीय पुलिस ने उन्हें सुरक्षा नहीं दी। सीएम ममता बनर्जी पर भ्रष्टाचार को सरंक्षण देने का आरोप लगते सवाल पूछे कि यह मामला शाहजहां शेख का है, लेकिन उन्हें शह कौन दे रहा है? ये खुद को कानून से ऊपर समझते हैं क्या? ममता बनर्जी को गलतफहमी हो गई है कि कानून के रक्षक और ईमानदारी से काम करने वाले अधिकारियों को गुंडे पीट कर डरा देंगे। जब कानून का डंडा चलेगा तो ममता दीदी किसी भी गुंडे को बचा नहीं पाएंगी। यह लड़ाई कानून के डंडे और ममता के गुंडे के बीच में है, जिसमें जीत निश्चित ही कानून की होगी।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि पश्चिम बंगाल में हुए पंचायत चुनाव मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राज्य में पंचायत स्तर पर लोकतंत्र सुचारू और प्रभावी रूप से काम नहीं कर रहा है। ये टिप्पणी वर्तमान पश्चिम बंगाल के बारे में भी पूर्णतः प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र खत्म हो गया है। मुख्यमंत्री कानून के साथ खड़े होने की बजाय गुंडों के साथ खड़ी हो गई हैं, तो ये कहना गलत नहीं है कि ममता बनर्जी का ध्यान केवल सत्ता का सुख भोगने पर है। पश्चिम बंगाल की जनता भी आज ये कह रही है कि ममता बनर्जी अराजकता की मूर्ति हो गई हैं।
श्री भाटिया ने कहा कि जब पहले सीबीआई जांच के लिए बंगाल गई थी तो ममता बनर्जी की पुलिस ने उन्हें घर में बंद कर दिया था। देश के लोकतंत्र के इतिहास में ऐसा पहला बार हुआ था कि वर्दीधरी प्रशासन और शासन (टीएमसी सरकार) के साथ मिलाकर धरने पर बैठा हो।
पश्चिम बंगाल चुनाव का हवाला देते हुए भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि जिन लोगों ने ममता बनर्जी को वोट नहीं दिए, उनको ममता सरकार द्वारा टारगेट किया जाता है। इस तरह अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का दुरुपयोग किया जाना दर्शाता है कि पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र की हत्या हो चुकी है और ममता बनर्जी जंगल राज का पर्याय बन चुकी हैं।
श्री गौरव भाटिया ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में ईमानदार सरकार है जो भ्रष्टाचार पर सख्ती से कार्रवाई कर रही है और जांच एजेंसियां स्वतंत्र रूप से निष्पक्ष काम कर रही है। इधर, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल स्वयं को प्रवर्तन निदेशालय से बड़ा समझते हुए आदेश देते हैं कि समन वापस ले ली जाए। उधर, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी 7 बार समन मिलने पर जांच एजेंसी के समक्ष पेश नहीं होते हैं। बिहार में तेजस्वी यादव भी भ्रष्टाचार मामले में ईडी के समन की अनदेखी करते हैं। “भ्रष्टाचार की गोंद” से इंडी एलायंस के सभी नेता एक दूसरे से जुड़े हुए हैं।
श्री भाटिया ने कहा कि ममता बनर्जी ने एक नया ‘खेला होबे’ मॉडल दिया है। जिसमें अगर उनके राज्य में प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी जाते हैं, तो वह अपने गुंडे भेज कर पिटवाती हैं। ऐसा लगता है कि ममता बनर्जी ने पुलिस को निर्देश दिया है कि अधिकारियों के जान पर भी खतरा आ जाए, तब भी उनकी सहायता नहीं करना है। पुलिस केवल टीएमसी के गुंडों का सरंक्षण दे। देश एवं पश्चिम बंगाल की जनता बहुत समझदार है और सब देख रही है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री भाटिया ने कहा कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के शासन में कानून व्यवस्था इस तरह चरमरा गई है कि अराजकता और गुंडागर्दी ने एक घिनौना रूप धारण कर लिया है। श्री गौरव भाटिया ने मन की कि सीएम ममता बनर्जी को अपने पद से इस्तीफा देकर तत्काल जनता एवं हमले के शिकार हुए ईमानदार अधिकारीयों से माफी मांगे। जनता सब देख रही है और अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया तो लोकतंत्र में वोट की ऐसी चोट पड़ेगी कि वह राजनीति करना भूल जाएंगी।
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