Salient points of the press conference of BJP National Spokesperson Shri Gaurav Bhatia


द्वारा श्री गौरव भाटिया -
26-10-2024
Press Release

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया की प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु

 

प्रियंका वाड्रा ने अपने नामांकन हलफनामें में कई बातें छुपाई है कोई भी व्यक्ति अगर अपने हलफनामे मे गलत जानकारी देता है, तो उस व्यक्ति को चुनाव लड़ने का कोई हक नहीं। यह एक अपराध है

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प्रियंका गांधी वाड्रा का हलफनामा, गांधी परिवार के भ्रष्टाचार का कबूलनामा है। प्रियंका गांधी वाड्रा और राहुल गांधी ने जनता के साथ विश्वासघात किया है।

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भारत का संविधान और माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा तय किए गए नियम हर नागरिक और प्रत्याशी पर लागू होते हैं, मगर नकली गांधी परिवार अपने आप को कानून से भी ऊपर समझता है।

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भारतीय संविधान के अनुसार चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों को अपने से जुड़ी हर जरूरी जानकारी को साझा करना अनिवार्य होता है लेकिन प्रियंका वाड्रा के हलफनामें में नेशनल हेराल्ड, एजेएल एवं यंग इंडिया अखबार सहित अन्य जरूरी जानकारियों को इंगित नहीं किया।

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संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत मतदाता को विधानसभा और लोकसभा के उम्मीदवारों का आपराधिक इतिहास और उनके परिवारों की चल संपत्ति जानने का अधिकार है।

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प्रियंका वाड्रा ने अपने हलफनामें में अपने पति रॉबर्ट वाड्रा की केवल तीन ही कंपनी ब्लू ब्रीज कंपनी, नॉर्थ इंडिया आईटी पार्क एलएलपी और स्काइलाइट हास्पिटैलिटी के बारे में जानकारी साझा की और अन्य संपत्तियों का ब्यौरा छिपाया है।

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रॉबर्ट वाड्रा के इनकम टैक्स रिटर्न से स्पष्ट है कि उनकी हिस्सेदारी हलफनामे में दर्ज तीन कंपनियों तक सीमित नहीं, बल्कि अन्य और दो कंपनियां में भी हिस्सेदार हैं, जिनका नाम “रियल अर्थ एस्टेट” और “लंबोदर आर्ट इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड” है।
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जानकारी छिपाने के पीछे कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी वाड्रा का एक राजनैतिक हित छिपा हुआ है, क्योंकि गांधी परिवार पूरे विश्व का सबसे बड़ा भ्रष्टाचारी राजनीतिक परिवार है।

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 राहुल गांधी और प्रियंका गांधी, बंटी-बबली बनकर झूठ और फरेब की राजनीति कर रहे हैं। राहुल गांधी संविधान को हाथ में लिए घूमते रहते हैं, मगर उसमें लिखा क्या है, यह कभी पढ़ते नहीं हैं।

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया ने आज शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित एक महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता को संबोधित किया और प्रियंका गाँधी वाड्रा के चुनावी हलफनामें में जानबूझ कर छिपाए गए तथ्यों को रेखांकित करते हुए करारा हमला बोला श्री भाटिया ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत मतदाता को विधानसभा और लोकसभा के उम्मीदवारों का आपराधिक इतिहास और उनके परिवारों की चल संपत्ति की जानकारी देना अनिवार्य होता है, लेकिन प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने चुनावी हलफनामें में अपनी और अपने पति रॉबर्ट वाड्रा की संपत्ति सहित जरूरी तथ्यों को उजागर नहीं किया।

 

श्री भाटिया ने कहा कि दो दिन पहले भारतीय जनता पार्टी ने वायनाड लोकसभा उपचुनाव के लिए प्रियंका गांधी वाड्रा द्वारा दायर किए गए हलफनामे पर सवाल उठाए थे। गांधी परिवार द्वारा संरक्षण प्राप्त रॉबर्ट वाड्रा द्वारा भ्रष्टाचार किए गए। प्रियंका गांधी वाड्रा का हलफनामा, गांधी परिवार के भ्रष्टाचार का कबूलनामा है। भाजपा ने कांग्रेस पार्टी के दलित राष्ट्रीय अध्यक्ष के अपमान का मुद्दा भी बड़ी प्रखरता से उठाया और प्रियंका गांधी वाड्रा के हलफनामे को दायर करने के समय हुए वंशवाद को भी इंगित किया था।

 

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि भारत का संविधान और माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा तय किए गए नियम हर नागरिक और प्रत्याशी पर लागू होते हैं, मगर नकली गांधी परिवार अपने आप को कानून से भी ऊपर समझता है। आज प्रियंका गांधी वाड्रा और राहुल गांधी ने जनता के साथ जो विश्वासघात किया है, उसका पर्दाफाश हो जाएगा। अगर हिम्मत है तो प्रियंका गांधी वाड्रा, राहुल गांधी, सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे इन सवालों का जवाब दें। सर्वोच्च न्यायालय ने भारत सरकार बनाम ऐडीआर केस के अपने निर्णय में कहा था और निर्देशित किया था कि कोई भी प्रत्याशियों को अपना आपराधिक इतिहास और अपने जीवनसाथी सहित सभी आश्रितों की चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा देना आवश्यक है। राहुल गांधी संविधान को हाथ में लिए घूमते रहते हैं, मगर उसमें लिखा क्या है, यह कभी पढ़ते नहीं हैं। एक अन्य फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत मतदाता को विधानसभा और लोकसभा के उम्मीदवारों का आपराधिक इतिहास और उनके परिवारों की चल संपत्ति जानने का अधिकार है ताकि लोग सोच-समझकर और जानकारी के साथ अपने मत का प्रयोग कर सकें।

 

श्री भाटिया ने कहा कि भारतीय संविधान के अनुसार चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों को अपने से जुड़ी सभी जरूरी जानकारी देना अनिवार्य होता है, लेकिन प्रियंका गांधी वाड्रा के हलफनामें में नेशनल हेराल्ड, एजेएल एवं यंग इंडिया अखबार सहित जरूरी तथ्यों को नहीं दिखाया गया। इन सभी की बाग-डोर गांधी परिवार के हाथों में थी लेकिन इन तथ्यों को एक जगह भी प्रदर्शित नहीं किया गया है। जबकि एजेएल कंपनी द्वारा वर्ष 2011-12 में जारी की गई जानकारी के अनुसार इस कंपनी में राहुल गांधी सहित प्रियंका गांधी वाड्रा की एक अहम हिस्सेदारी रही है। इसके अलावा प्रियंका गांधी वाड्रा ने एजेएल के 47,513 अतिरिक्त शेयर की हिस्सेदारी भी खरीदी थी, जिसके साथ उस कंपनी में प्रियंका गांधी वाड्रा की कुल हिस्सेदारी 2,62,412 शेयर की हो जाती है जोकि पूर्ण रूप से प्रियंका गांधी वाड्रा के नाम पर अंकित है, जिसे प्रियंका वाड्रा ने रतनदीप ट्रस्ट एवं जनहित निधि ट्रस्ट से खरीदे है। अगर किसी भी कंपनी में आप कोई भी हिस्सेदारी रखते है तो यह आपकी जिम्मेदारी है की प्रत्याशी आम जनता के समक्ष एक विस्तृत जानकारी दे, लेकिन प्रियंका गांधी वाड्रा ने इसका उल्लंघन किया है।

 

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि जानकारी छुपाने के पीछे कांग्रेस की नेत्री प्रियंका गांधी वाड्रा का एक राजनैतिक हित छुपा हुआ है, क्योंकि पूरे विश्व का सबसे बड़ा भ्रष्टाचारी राजनीतिक परिवार अगर कोई है तो वो गांधी परिवार है। जब बात अपनी संपत्ति की जानकारी को सार्वजनिक करने की बात आती है तो संविधान को तार-तार, कानून को दर किनार कर और जनता को गुमराह कर लेंगे। कांग्रेस पार्टी को ये समझ जाना चाहिए कि अब उनके ये पैतरे नहीं चलेंगे। आज भारत में लाखों नागरिक सजग है और संविधान की रक्षा के लिए खड़े है। भारतीय जनता पार्टी प्रियंका गांधी वाड्रा से उनके द्वारा जानकारी छुपाने को लेकर एक विस्तृत वर्णन चाहती है, की उन्होंने जनता से यह जानकारी क्यों छिपाई। यहां केवल बात प्रियंका गांधी वाड्रा की ही नहीं है, उनके पति रॉबर्ट वाड्रा जो कि जमीन की लूट-खसोट करने और किसानों की ज़मीन हड़पने के लिए जाने जाते है। उनकी भी संपत्ति का ब्यौरा प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने चुनावी हलफनामें में छिपाया है। प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने हलफनामें में केवल तीन ही कंपनी जिसमें ब्लू ब्रीज कंपनी, नॉर्थ इंडिया आईटी पार्क एलएलपी और स्काइलाइट हास्पिटैलिटी के बारे में जानकारी दी है। जबकि असली सच रॉबर्ट वाड्रा के इनकम टैक्स रिटर्न से साफ हो जाता है की उनकी हिस्सेदारी केवल इन्हीं तीन कंपनियों तक सीमित नहीं है बल्कि अन्य और दो कंपनियां भी है जिसमें एक है “रियल अर्थ एस्टेट” और दूसरी “लंबोदर आर्ट इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड” है। रॉबर्ट वाड्रा को देश का दामाद और जीजा बनाने वाली सोनिया गांधी बताएं कि यह सभी तथ्य सही हैं कि नहीं? जनता सवाल कर रही है कि कब तक भारत की राजनीति में लूट-खसोट करते रहोगे? राहुल गांधी और प्रियंका गांधी, बंटी-बबली बनकर झूठ और फरेब की राजनीति कर रहे हैं।

 

श्री भाटिया ने कहा कि यदि कांग्रेस और गांधी परिवार देश की जनता का सम्मान करते हैं, तो प्रियंका गांधी वाड्रा द्वारा दायर हलफनामे में संपत्ति, शेयर और 2 एलएलपी जिसमें रॉबर्ट वाड्रा भागीदार हैं, का खुलासा क्यों नहीं किया गया है, जैसा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले में अनिवार्य है, इसका जवाब दें। यह बिल्कुल स्पष्ट है कि कोई भी व्यक्ति अगर अपने हलफनामे में गलत जानकारी देता है, तो उस व्यक्ति को चुनाव लड़ने का कोई हक नहीं। इसका कोई और निष्कर्ष नहीं हो सकता है। यह गुमान किसी को नहीं होना चाहिए कि हम कानून से खिलवाड़ करेंगे और जनता को मूर्ख बनाएंगे। देश में जनता ही जनार्दन है। अभी चुनाव की नामांकन प्रक्रिया पूर्ण नहीं हुई है, अभी भी संवैधानिक संस्थाएं शपथ लेकर दिए गए हलफनामे का परीक्षण कर सकती हैं। कानून के अनुसार शपथ लेकर हलफनामें में गलत जानकारी देना भी एक अपराध है। आज जनता कांग्रेस पार्टी और गांधी परिवार से हिसाब मांग रही है। भारतीय जनता पार्टी ने इस उम्मीद से यह सवाल किए हैं कि गांधी परिवार के सदस्य संविधान का पालन करते हुए, भाजपा और जनता के इन प्रश्नों का उत्तर दें और दिखाएं कि उनकी नज़रों में भी संविधान की वही इज्जत है, जो एक आम आदमी की नज़रों में है।

 

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