Salient points of press conference of BJP National Spokesperson Shri GVL Narasimha Rao(MP)


20-04-2019
Press Release

 

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं सांसद श्री जीवीएल नरसिम्हा राव की प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु

 

क्या राहुल गाँधी कभी ब्रिटिश नागरिक थे और क्या उन्होंने एक साल के अंतर में ही बीए और एमफिल की डिग्री हासिल कर ली?

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राहुल गांधी ने नामांकन में जो दस्‍तावेज दिए हैं, उसमें उन्होंने गलत जानकारी दी है

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राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर जो आपत्तियां जताई गई हैं, उनका जवाब अब तक नहीं दिया गया है।

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2004 के डिक्लेरेशन में राहुल ने कहा था कि बैक ऑप्स कंपनी में उन्होंने निवेश किया था जबकि 2005 में कंपनी (बैकऑप्स लिमिटेड) के दस्तावेजों के अनुसार राहुल गांधी को ब्रिटिश नागरिक बताया गया. क्या यह भारतीय नागरिकता कानून का उल्लंघन नहीं है?

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अगर कोई दूसरे देश का नागरिकता लेता है तो उसकी भारतीय नागरिकता चली जाती है. राहुल गांधी ने ऐसा कर भारतीय नागरिकता एक्‍ट 1955 का उल्‍लंघन किया है.

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क्या गाँधी वंशज की शैक्षणिक योग्यता कांग्रेस के घोषणापत्र की तरह है जो हर 5 वर्ष में बदल जाती है?

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राहुल गाँधी की शिक्षा पर संदेह के बादल मंडरा रहे हैं. 2004 से 2014 तक विभिन्न चुनावों के दौरान दायर राहुल गांधी के हलफनामों में घोर विसंगतियां और तथ्यों को दबाने का प्रयास देखने को मिलता है।

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2004 में किसी राहुल विन्ची को M PHIL  की डिग्री दी गई न कि राहुल गाँधी को. क्या वो हमारे राहुल गांधी ही हैं?

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क्या राहुल गांधी विभिन्न देशों में विभिन्न नामों से जाते हैं क्या?

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2019 में राहुल ने बताया कि उन्होंने 1994 में बीए किया और 1995 में एमफिल. कौन सी ऐसी यूनिवर्सिटी है जिसने बैचलर डिग्री हासिल करने के एक साल बाद ही एमफिल की डिग्री दे दी?

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं सांसद श्री जीवीएल नरसिम्हा राव ने आज केंद्रीय कार्यालय में एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी पर निशाना साधा, साथ ही उनकी शैक्षणिक योग्यता और नागरिकता पर सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या वह कभी ब्रिटिश नागरिक थे और उन्होंने एक साल के अंतर में बीए और एमफिल की डिग्री कैसे हासिल कर ली?

श्री राव ने कहा कि आज पूरा देश उस समय स्तब्ध रह गया जब अमेठी में राहुल गांधी के नामांकन की प्रक्रिया शुरू की गई और उनका नाम पुकारे जाने पर कुछ लोगों की आपत्ति किए जाने के बाद राहुल गाँधी और उनके वकील स्पष्टीकरण देने की स्थिति में नहीं थे. अमेठी संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में आज कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी की नागरिकता और डिग्री पर लगाए गए आक्षेप पत्र के आधार पर वहां के रिटर्निंग ऑफिस द्वारा राहुल गांधी के नामांकन पत्र की जांच 22 अप्रैल तक रोक दी गई है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने नामांकन में जो दस्‍तावेज दिए हैं, उसमें उन्होंने गलत जानकारी दी है.

श्री राव ने राहुल गाँधी पर आरोप लगाते हुए कहा कि राहुल गाँधी ने हर चुनाव में अपने सर्टिफिकेट बदले हैं. राहुल गांधी की नागरिकता पर यह चौंकाने वाली घटना है. उनसे यह सवाल पूछा जाना चाहिए कि क्या वह कभी ब्रिटिश नागरिक थे? क्योंकि उनके 2004 के डिक्लेरेशन में राहुल ने कहा था कि बैक ऑप्स कंपनी में उन्होंने निवेश किया था जबकि 2005 में कंपनी (बैकऑप्स लिमिटेड) के दस्तावेजों के अनुसार राहुल गांधी को ब्रिटिश नागरिक बताया गया. क्या यह भारतीय नागरिकता कानून का उल्लंघन नहीं है? अगर कोई दूसरे देश का नागरिकता लेता है तो उसकी भारतीय नागरिकता चली जाती है. राहुल गांधी ने ऐसा कर भारतीय नागरिकता एक्‍ट 1955 का उल्‍लंघन किया है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के ब्रिटेन के नागरिक होने के कई सबूत मिले हैं. यह बहुत आश्चर्य की बात है कि उनकी नागरिकता को लेकर जो आपत्तियां जताई गई हैं, उनका जवाब अब तक नहीं दिया गया है। राहुल गांधी को खुद सामने आकर इन सवालों का जवाब देना चाहिए, वो भाग नहीं सकते हैं. 

जीवीएल नरसिम्हा राव ने राहुल गाँधी की शैक्षणिक योग्यता पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनकी शिक्षा पर संदेह के बादल मंडरा रहे हैं. उन्होंने कहा कि 2004 से 2014 तक विभिन्न चुनावों के दौरान दायर राहुल गांधी के हलफनामों में घोर विसंगतियां और तथ्यों को दबाने का प्रयास देखने को मिलता है। इतने सारे कंफ्यूजन पर राहुल गांधी को जवाब देना होगा. ट्रिनिटी कॉलेज में 2004 में किसी राहुल विन्ची को M PHIL  की डिग्री दी गई न कि राहुल गाँधी को. क्या वो हमारे राहुल गांधी ही हैंश्री राव ने कहा कि हम जानना चाहेंगे कि राहुल गांधी विभिन्न देशों में विभिन्न नामों से जाते हैं क्या?

श्री राव ने राहुल गाँधी के विरोधाभासी शैक्षणिक योग्यता का जिक्र करते हुए कहा कि 2004 में उन्हें सीनियर सेकेंडरी स्कूल का प्रमाणपत्र मिला और इसके बाद उन्होंने कैंब्रिज से एमफिल की डिग्री हासिल कर ली, जबकि इस बीच उन्होंने कोई कुछ नहीं किया. श्री राव ने कहा कि 2009 में उन्होंने अपनी नई डिग्री फ्लोरिडा स्थित रोलिंग्स कॉलेज से बीए की डिग्री दिखाई. इसके बाद उन्होंने डेवलपमेंट इकोनॉमिक्स से एमफिल किया. 2014 में उनका सब्जेक्ट बदल गया और एमफिल की डिग्री डेवलपमेंट स्टडीज हो गई. 2019 में राहुल ने बताया कि उन्होंने 1994 में बीए किया और 1995 में एमफिल. अब कौन सी ऐसी यूनिवर्सिटी है जिसने बैचलर डिग्री हासिल करने के एक साल बाद ही एमफिल की डिग्री दे दी? क्या गाँधी वंशज की शैक्षणिक योग्यता कांग्रेस के घोषणापत्र की तरह है जो हर 5 वर्ष में बदल जाती है?

(महेंद्र पांडेय)

कार्यालय सचिव

 

 

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