Salient points of press conference of BJP National Spokesperson Shri Shehzad Poonawalla


द्वारा श्री शहजाद पूनावाला -
31-03-2024
Press Release

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री शहजाद पूनावाला की प्रेस वार्ता के मुख्य बिन्दु

 

कांग्रेस की इंदिरा गांधी सरकार ने तत्कालीन तमिलनाडु मुख्यमंत्री करुणानिधि के साथ राष्ट्र की अखंडता और हितों के खिलाफ समझौता करते हुए, देश की जमीन को श्रीलंका को सौंप दिया।

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कच्छथीवु द्वीप तमिलनाडु के मछुआरों के लिए आजीविका का एक स्रोत था, लेकिन केवल एक परिवार के लाभ के लिए श्रीलंका को सौंप दिया गया।

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पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने कहा था कियह छोटा सा टापू मेरे लिए कोई मायने नहीं रखता, मेरा वश चले तो इसे श्रीलंका को सौंप दूं' और अक्साई चिन पर अवैध कब्जे के दौरान कहा थाइस भूमि पर तो घास का एक टुकड़ा नहीं उगता, चला गया तो क्या फर्क पड़ता है।'

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1947 में धर्म के आधार पर देश का बंटवारा किया और आज कांग्रेस के प्रथम परिवार के युवराज कभी जाति-भाषा और उत्तर-दक्षिण के नाम पर देश को बांटने का प्रयास करते हैं।

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देश की भूमि और देश की सम्पत्ति को अपनी जागीर समझकर लुटाना कांग्रेस पार्टी की पुरानी आदत रही है।

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इंडी गठबंधन के नेता देश को बांटने और लोकतांत्रिक संस्थाओं के प्रति संदेह पैदा कर, देश को बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं।

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कांग्रेस की नीति हमेशा से देश के साथ गद्दारी और राष्ट्रीय अखंडता, एकता और सार्वभौमिकता को तोड़ने की रही है। कांग्रेस के डीएनए में भारत के टुकड़े-टुकड़े करना है।

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कांग्रेस ने सदैव अपनी महत्वाकांक्षाओं और अपने परिवार को राष्ट्र के हित के ऊपर रखा है, अपने व्यक्तिगत फायदे के लिए देश के विभाजन से भी संकोच नहीं किया।

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री शहजाद पूनावाला ने आज केन्द्रीय कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए तत्कालीन इंदिरा गाँधी की सरकार द्वारा ‘कच्छथीवु द्वीप’ को श्रीलंका को सौंपने के लिए कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि देश के लोकतंत्र की दुहाई दने वाली कांग्रेस ने राष्ट्रहितों के विरुद्ध भारत की जमीन को दूसरे देश को दी, जिसके कारण तमिलनाडु के मछुआरों, जीवनी और देश के गौरवशाली इतिहास के साथ खिलवाड़ किया गया।

 

दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित इंडी गठबंधन की रैली पर निशाना साधते हुए राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री पूनावाला ने कहा कि देश को बचाने की बातें करने वाले दरअसल अपने परिवार और भ्रष्टाचार को बचाने के लिए इकट्ठे हुए हैं। वो देश में आग लगाने, देश को बांटने और लोकतांत्रिक संस्थाओं के प्रति संदेह पैदा करते हुए उसे बदनाम करने की साजिश कर रहे हैं। कांग्रेस की नीति हमेशा से देश के साथ गद्दारी और राष्ट्रीय हितों के साथ समझौता करने तथा देश की अखंडता, एकता और सार्वभौमिकता को तोड़ने की रही है। भारत के टुकड़े-टुकड़े करना कांग्रेस के डीएनए में है।

 

एक प्रतिष्ठित अखबार द्वारा भाजपा नेता एवं कोयंबटूर उम्मीदवार श्री के अन्नामलाई द्वारा दायर एक आरटीआई के जवाब में प्रकाशित किए गए दस्तावेजों का हवाला देते हुए श्री पूनावाला ने कहा कि जो रामलीला मैदान में देश बचाओ का खोखला नारा दे रहे हैं, उनकी मानसिकता देश बांटने की रही है। 1974 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने तमिलनाडु के तत्कालीन मुख्यमंत्री के करुणानिधि को कच्छथीवु द्वीप को तत्काल प्रभाव से श्रीलंका को सौंप देने का आदेश भेजा था। बिना किसी चर्चा के रात के अंधेरे में इस तरह से देश की अखंडता के खिलाफ इतना बड़ा कदम उठाया गया, जो देश के साथ गद्दारी थी। कच्छथीवु द्वीप देश और तमिलनाडु का अभिन्न अंग था, तमिलनाडु के मछुआरों की जीविका का स्रोत था। उसे केवल परिवार हित’ में एक डील के तहत श्रीलंका को सौंप दिया गया।

 

अखबार में छपे एक अंश को पढ़ते हुए श्री पूनावाला ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने कहा था कियह छोटा सा टापू मेरे लिए कोई मायने नहीं रखता, मेरा वश चले तो इसे श्रीलंका को सौंप दूं। हमारे लिए इस भूमि क्या महत्व है, ये विषय हर दिन मेरे सामने आता है और मैं तंग होता हूं। नेहरू जी ने अक्साई चिन पर चीन के अवैध कब्जे के दौरान ऐसे ही कहा थाइस भूमि पर तो घास का एक टुकड़ा नहीं उगता, चला गया तो क्या फर्क पड़ता है 1960 में जवाहर लाल नेहरू के परिवार के करीबी अटॉर्नी जनरल एमसी सीतलवाड ने कहा था कि ये टापू हमारा है, इसे श्रीलंका को नहीं सौंपना हैउन्होंने इसे मामले में ऐतिहासिक साक्ष्य भी पेश किये गए थे। विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव के. कृष्ण राव ने भी इसे भारत की जमीन बताया था।

 

राष्ट्रीय प्रवक्ता ने बताया कि 1968 में पूरे विपक्ष ने एक साथ विरोध करते हुए कहा था कि देश की सरकार ऐसा नहीं कर सकती है, लेकिन कांग्रेस की इंदिरा गांधी सरकार ने देश की संसद में झूठ कहा कि सरकार के पास कच्छथीवु द्वीप को श्री लंका को देने का कोई प्रस्ताव नहीं है। 1969 में भी इस मुद्दे का विरोध किया गया है, तब भी इंदिरा सरकार द्वारा इस पर झूठ बोला। लेकिन 1973-74 में इंदिरा सरकार ने चोरी और चुपके से तत्कालीन मुख्यमंत्री के साथ देश की अखंडता और हितों के खिलाफ समझौता करते हुए, देश की जमीन को श्रीलंका को सौंप दिया।

 

भारतीय जनता पार्टी ने राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, सोनिया गांधी और कांग्रेस समेत इंडी गठबंधन से सवाल पूछे –

 

·       क्या कच्छथिवु द्वीप का श्रीलंका को देना देश के हितों के साथ समझौता था की नहीं?

·       देश के प्रथम राजनीतिक परिवार ने सभी उपलब्ध सबूतों के विरुद्ध जाकर एकतरफा तौर पर देश के क्षेत्र पर भारत का दावा क्यों छोड़ दिया?

·       क्या यह तमिल लोगों के अधिकारों पर सीधा हमला नहीं था?

·       क्या यह तमिलनाडु के मछुआरों की ज़िंदगी और उनकी जीवनी के साथ खिलवाड़ नहीं था?

·       क्या यह तमिलनाडु के गौरवशाली इतिहास के साथ खिलवाड़ नहीं था?

 

श्री पूनावाला ने कहा कि कांग्रेस ने सदैव अपनी महत्वाकांक्षाओं और अपने परिवार को राष्ट्र के हित के ऊपर रखा है, अपने व्यक्तिगत फायदे के लिए देश के विभाजन करने में भी संकोच नहीं किया। कांग्रेस की 1947 से 2024 तक की नीतिडिवाइड एंड रूलयानीबांटो और राज करोकी रही है। 1947 में धर्म के आधार पर देश का बंटवारा किया और आज कांग्रेस के प्रथम परिवार के युवराज जब देश में निकलते हैं तो कभी जाति-भाषा’ और उत्तर-दक्षिण’ के नाम पर देश को बांटने का प्रयास करते हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी तो देश को देश मानने से भी इनकार करते हैं, कहते हैंइंडिया इज नॉट नेशनऔर विदेशी धरती से भारत की संप्रभुता को छिन्न-भिन्न करने की मांग करते हैं।

 

कांग्रेस पर प्रहार करते हुए श्री शहजाद पूनावाला ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का डीएनए और चरित्र लगातार राष्ट्रहित के साथ समझौता करने वाला रहा है। इसीलिए अक्साई चिन को अवैध कब्जे में दे दिया, पाक अधिकृत कश्मीर की हजारों किलोमीटर हमारी जमीन पाकिस्तान के कब्जे में दे दी और कोको आइलैंड, काबो वैली, सियाचीन जैसे कई उदाहरण हैं जिनसे स्पष्ट होता है कि देश की भूमि और देश की सम्पत्ति को अपनी जागीर समझकर लुटाना कांग्रेस पार्टी की पुरानी आदत रही है। इसीलिए लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के पास इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने का काम कांग्रेस की सरकार ने कभी नहीं किया। देश की एकता, अखंडता के साथ धोखाधड़ी, गद्दारी और छलकपट करने वाले और आज तथाकथित रूप से देश को बचाने के लिए आंदोलन करने वाले इन कांग्रेसियों को आगे आकर अपने इस अपराध का उत्तर देना चाहिए।

 

श्री पूनावाला ने इंडी गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस पार्टी ने कच्छथिवु द्वीप को सौंप दिया, वह पार्टी भारतीय सेना द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक को खून की दलाली बताती है, और सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगकर सेना के मनोबल पर चोट करती है। जबकि भारतीय नौसेना देश से बाहर जाकर न केवल भारतीयों को बल्कि गैर-भारतीयों को भी सुरक्षा प्रदान करती है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी कहते हैं कि भारत एक देश नहीं है, डीएमके नेता ए राजा कहते हैं कि भारत एक देश नहीं है बल्कि हर प्रदेश एक अलग देश है। आज कांग्रेस पार्टी के एक सांसद कहते हैं कि दक्षिण के राज्यों को अपने आप को एक अलग देश घोषित कर देना चाहिए। लेकिन संविधान बचाने का स्वांग रचने वाले इंडी गठबंधन के नेता इस कथन का खंडन नहीं कर रहें हैं। मैच फिक्सिंग की बात करने वाले राहुल गांधी को बताना चाहिए कि उन्होंने कौन सी डील फिक्स की थी, जिसके तहत उन्होंने अक्साई चिन भी चीन को सौंप दिया और पीओके पाकिस्तान को अवैध तरीके से सौंप दिया।

 

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