Salient points of press conference of BJP National Spokesperson Shri Shehzad Poonawalla


द्वारा श्री शहजाद पूनावाला -
03-02-2024
Press Release

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री शहजाद पूनावाला की प्रेस वार्ता के मुख्य बिन्दु

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अरविंद केजरीवाल ने दवा से लेकर दारू तक, शिक्षा से लेकर कक्षा तक और मोहल्ला क्लिनिक के लैब टेस्ट तक में घोटाला किया, और जब जांच एजेंसी उन्हें समन भेजती है, तो वह भाग जाते हैं।

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दिल्ली का ऐसा कोई विभाग नहीं, जिसको अरविंद केजरीवाल एंड कंपनी ने ठगा नहीं। भ्रष्टाचार के बेताज बादशाह अरविंद केजरीवाल के पास प्रदर्शन करने का समय है, मगर प्रवर्तन निदेशालय जाने का नहीं।

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शीशमहल में रहने वाले 'निज़ाम-ए-केजरीवाल' स्वयं को संवैधानिक प्रक्रियाओं, कानून व्यवस्था और जांच एजेंसियों से ऊपर समझते हैं।

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जब छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर शराब घोटाले के आरोप लगे थे, तब 'आप' ने ईडी की कर्रवाई का समर्थन किया था, मगर केजरीवाल स्वयं ईडी के नोटिस को अस्वीकार कर रहें हैं। “किसी और पर कार्यवाई हो तो चमत्कार, और खुद पर हो तो गुनहगार।”

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आम आदमी पार्टी जवाब दे कि अगर शराब घोटाले में केजरीवाल का हाथ नहीं, तो क्यों जांच में शामिल होने से घबरा रहे हैं? अगर शराब घोटाला हुआ ही नहीं, तो पॉलिसी को क्यों लाई गई? अगर घोटाला हुआ ही नहीं तो कोर्ट ने आजतक 'आप' के कट्टर ईमानदार नेताओं को राहत क्यों नहीं दी?

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अरविंद केजरीवाल ने और आप के नेताओं ने भाजपा पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का झूठा आरोप लगाया, लेकिन अबतक कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया। झूठे आरोप लगाना अरविंद केजरीवाल का चरित्र बन गया है।

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अरविंद केजरीवाल की कहानी इतिहास में सियासी धर्मांतरण की पहली और इकलौते कहानी के रूप में लिखी जाएगी। लालू यादव और पोनमुडी जैसे भ्रष्ट नेताओं की संगति में अरविंद केजरीवाल ने सिद्ध कर दिया है कि उनकी संविधान के प्रति कोई आस्था नहीं है।

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री शहजाद पूनावाला ने नई दिल्ली में पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित किया। उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर जांच एजेंसी के साथ सहयोग न करने और समन से भागने पर उनकी  आलोचना की। श्री पूनावाला ने केजरीवाल एण्ड कंपनी द्वारा किए गए घोटालों को रेखांकित कर उन्हे ‘भ्रष्टाचार के बेताज बादशाह’ की उपाधि दी। 

 

श्री शहजाद पूनावाला ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भ्रष्टाचार के बेताज बादशाह माने जाते हैं, न उन्होंने शराब छोड़ी न दवा छोड़ी, न शिक्षा छोड़ी न शीशमहल छोड़ा, न कक्षा छोड़ी न लैब टेस्ट छोड़ा। ऐसा कोई भी विभाग नहीं हैं जिस में केजरीवाल एण्ड कंपनी ने ठगा नहीं और लूटा नहीं। वैसे तो केजरीवाल भ्रष्टाचार के बेताज बादशाह के रूप में प्रचलित और प्रसिद्घ हैं और आए दिन उनके भ्रष्टाचार के नए कारनामे अलग-अलग समाचार चैनलों में चलते रहते हैं और आज भी यह खबर चल रही थी कि मोहल्ला क्लिनिक में हो हल्ला करके लैब टेस्ट में भी लूटने का काम किया गया है। परन्तु दिल्ली और देश की जनता आज केवल अरविन्द केजरीवाल को भ्रष्टाचार का बेताज बादशाह नहीं कह रही है, बल्कि आज दिल्ली की जनता केजरीवाल को भगोड़ा केजरीवाल कहने के लिए भी विवश है।


श्री शहजाद पूनावाला ने कहा कि यह एक विचित्र स्थिति है, जब प्रवर्तन निदेशालय एक बेहद गंभीर शराब घोटाले में 5 समन जारी करता है, तब अरविंद केजरीवाल भाग जाते हैं, वह पेश नहीं होते हैं और एजेंसियों के साथ सहयोग नहीं करते हैं। जब दिल्ली पुलिस कि क्राइम ब्रांच उन्हीं के द्वारा लगाए गए आरोपों में उनसे सहयोग लेने के लिए और सीआरपीसी के तहत नोटिस जारी करने के लिए उनके द्वार पर पहुंचती है, तब भी अरविंद केजरीवाल भाग जाते हैं। भ्रष्टाचार के आरोप लगने पर और जब उनके द्वारा लगाए गए आरोपों की पुष्टि करने के लिए कोई पहुंचे तो इन दोनों स्थिति में अरविंद केजरीवाल भाग ही जाते हैं। यह केजरीवाल का चरित्र है, और दिल्ली की जनता कह रही है कि “भाग केजरीवाल भाग, आप तो भगोड़े बन चुके हैं”। इससे एक प्रवृति और पुष्ट होती है, जिसका प्रमाण केजरीवाल ने विधानसभा में दिया था और कहा था कि ‘आप जानते हो मैं कौन हूं, मैं दिल्ली का मालिक हूँ, हम दिल्ली के मालिक हैं’। संविधान और सांविधानिक प्रक्रियाओं को अलग कर केजरीवाल अपने आप को संविधान, कानून, कानून व्यवस्था और जांच एजेंसी से ऊपर समझते हैं और इसलिए उन्हें ‘निज़ाम ए केजरीवाल’ कहा जाता है। 

 

श्री शहजाद पूनावाला ने ‘निजाम ए केजरीवाल’ का आज एक परिचायक मिलता है की जब वह ईडी द्वारा उनको 5 बारी समन से भागते दिखते है और जब क्राइम ब्रांच उनके पास जांच के लिए पहुँचती है तब वो भागते हैं। उन्होंने केजरीवाल पर तंज कसते हुए कहा की केजरीवाल का विश्वास केवल ‘निजाम ए केजरीवाल’ में ही है और संविधान में कोई विश्वास नहीं है, इसीलिए ऑन द रन से लेकर हिट एंड रन ही इनकी राजनीति हैं। 

 

श्री पूनावाला ने बताया की हाल में अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्रियों ने सोशल मीडिया पर ट्वीट करके एक गंभीर आरोप लगाया था की भाजपा द्वारा उनके 7 विधायकों की खरीद-फरोख्त हो रही है। इस श्रेणी के गंभीर आरोपों में और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत गंभीर आरोप लगाने पर आपका यह कर्तव्य है की आप को स्वयं से इसकी सूचना या सबूत जाकर संबंधित कानूनी एजेंसियों को देनी चाहिए। क्योंकि एक जन-प्रतिनिधि को किसी भी तरीके से प्रभावित करना एक कानूनी जुर्म हैं और इसकी जानकारी देनी चाहिए ताकि इसकी जांच शुरू की जा सके। श्री शहजाद पूनावाला ने बताया कि भाजपा इसका इंतज़ार करती रही कि अगर केजरीवाल ने आरोप लगाया है तो सबूत भी देंगे और एजेंसी या पुलिस के समक्ष साक्ष्य प्रस्तुत करेंगे लेकिन वो तो केवल आरोप लगा कर चुप हो गए।

 

श्री पूनावाला ने बताया की भाजपा नैतिकता की राजनीति करती है एवं भाजपा की छवि बिल्कुल साफ-सुथरी है और भाजपा के पास छुपाने के लिए कुछ भी नहीं है। इसलिए भाजपा नेताओं के एक प्रतिनिधि मण्डल ने दिल्ली पुलिस के पास जाकर जांच करने के लिए कहा और जब आज इस पहलू में एजेंसी केजरीवाल के पास पहुंची है तो केजरीवाल उनके सभी मंत्रियों के साथ ‘भाग केजरीवाल भाग’ की स्तिथि में आ गए हैं। श्री पूनावाला ने बताया की यह आरोप बिना सर-पैर के आरोपों की तरह है। केजरीवाल ने पूर्व में श्री नितिन गडकरी के खिलाफ आरोप लगाए थे और सबूत न मिल पाने के बाद उन्हें माफी नामा देना पड़ा था। इसके अतिरिक्त अपनी इसी हिट एंड रन की राजनीति के तहत स्वर्गीय श्री अरुण जेटली के ऊपर आरोप लगाए थे और बाद में एक और माफी नामा देना पड़ा था।

श्री शहजाद पूनावाला ने केजरीवाल को धोखेबाज़ और यू-टर्न मास्टर बताते हुए कहा कि अगस्त 2022 में अरविंद केजरीवाल की पार्टी के तरफ से उनके एक नेता चिल्ला-चिल्ला कर आरोप लगाते थे कि भाजपा ने ₹800 करोड़ जमा किए है, उनके विधायकों को खरीदने के लिए और इसके साक्ष्य के तौर पर वो औडियो-टेप जारी करेंगे जो अभी तक नहीं जारी हुई।

 

श्री पूनावाला ने मौजूदा परीस्तिथि को पूर्व की घटनाओ से जोड़ते हुए बताया कि गडकरी जी के समय हिट एंड रन, स्वर्गीय अरुण जेटली जी के समय हिट एंड रन, साल भर पहले आरोप लगा कर  हिट एंड रन और आई.बी रिपोर्ट आने के बाद भी गुजरात चुनाव में लगे हुए हैं, इस तरह से बातें करके निकल जाना केजरीवाल की एक आदत बन चुकी हैं। श्री शहजाद पूनावाला ने बताया कि केजरीवाल के अलावा उनके गठबंधन में इस प्रकार की हरकत करना और जांच एजेंसियों के लिए ऐसा रवैया रखना एक चरित्र बन चुका है। और जब इनके चरित्र को एक सूत्र में बांधा जाए तो ये ABCD वाला चरित्र बन कर आता है, जिसमें A से अटैक होता है, जिसके तहत एजेंसियों पर हमला किया जाता है, जैसा तृणमूल के नेता शेख शाहजहां द्वारा बंगाल में ईडी के अधिकारियों पर हमला किया गया, B से भाग जाना जैसा एक पूर्व मुख्यमंत्री ने किया और 1-2 दिन तक गायब रहे, C से कवर-उप करना जो अरविंद केजरीवाल आरोपों को दायें-बायें कर रहे हैं, D से डाईवर्ट करना, जिसके तहत सवालों से भागना और जवाब न देना है।

 

श्री शहजाद पूनावाला ने कहा कि कोविड के दौरान मोहल्ला क्लिनिक में कितनी जाँचें हो रही थी और दिल्ली की जनता क्या सुविधाएं मिल रही थी ये वहां की जनता भली-भांति जानती है। लेकिन आज मीडिया के हवाले से पता चला कि एक प्रारंभिक जांच रिपोर्ट, जिसमें खुलासा किया गया है कि जिस मोहल्ला क्लिनिक को यह वर्ल्ड क्लास बोलते थे वहाँ भ्रष्टाचार का इस प्रकार का खेल रचा गया कि वहाँ पर 63% किए गए टेस्ट फर्जी थे, जिनके लोगों के टेस्ट किए गए असल में वो लोग है ही नहीं। टेस्ट करवाते समय लैब में आपको मोबाईल नंबर भी दर्ज करवाना होता है लेकिन 13 हजार के लगभग टेस्ट ब्लैंक नंबर पर किए गए हैं, 25000 टेस्ट ऐसे नंबर पर किए गए जिसका नंबर ज़ीरो था, 913 टेस्ट मोबाईल नंबर क्रमश 1 और 2 पर किए गए, 2500 के लगभग टेस्ट ऐसे नंबर पर किए गए जो पहले दोहराए जा चुके हैं। यह दर्शाता है कि मोहल्ला क्लिनिक में वर्ल्ड क्लास स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर थर्ड क्लास भ्रष्टाचार हो रहा था। इस पूरे प्रकरण से चाहे दवा का मामला हो, टेस्ट का मामला हो या दारू का मामला सिर्फ ध्यान भटकाने के लिए यह असहयोग आंदोलन किया जा रहा है और कहा जा रहा है कि अरविंद केजरीवाल नोटिस नहीं स्वीकारेंगे। 

 

श्री शहजाद पूनावाला ने अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी पर तंज कसते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने डिजिटल एकोसिस्टम इतना सरल बना दिया है कि आम आदमी पार्टी को अपने नेता और प्रवक्ताओं का एआई वर्ज़न बना लेना चाहिए जो कि कोई भी सवाल पूछे जाने पर हर बार की तरह घिसे पिटे जवाब देते रहें। ऐसे कहना इसलिए गलत नहीं होगा क्योंकि आज तक कोई जवाब नहीं आया कि शराब घोटाले में 5वें समन के बाद भी अरविंद केजरीवाल क्यों छुप रहे हैं, जबकि आप तो वो व्यक्ति थे जो अन्ना हजारे के नेतृत्व में कहते थे कि पहले इस्तीफा होगा और उसके बाद जांच होगी। लेकिन आज जब जांच के लिए लोग आपके पास पहुँच रहे हैं तो आप जांच में सहयोग की जगह एजेंसियों पर ही सवाल खड़े कर रहे हैं और कहते हैं कि प्रतिशोध की राजनीति हो रही है। वहीं जब कोर्ट ने मनीष सीसोदिया, संजय सिंह और विजय नायर को महीनों तक जेल में रखा और साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने भी यह स्पष्ट रूप के कहा है कि 338 करोड़ का मनी ट्रैल किया गया है। वहीं संजय सिंह के मामले में हाई कोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि कोई प्रतिशोध की राजनीति नहीं हो रही है इस तरह के आरोप लगाना गलत है। श्री शहजाद पूनावाला ने इसपर सवाल किया कि जब लोअर कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट सभी ने बेल याचिका खारिज कर दी तब क्या कोर्ट भी द्वेष या प्रतिशोध की भावना से काम कर रही है?

 

श्री शहजाद पूनावाला ने जानकारी देते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी की प्रवक्ता श्रीमती सुप्रिया श्रीनेत, जो हमेशा भाजपा सरकार के खिलाफ आवाज़ उठाती हैं, उन्होनें प्रेसवार्ता करके कहा था कि अरविंद केजरीवाल के खिलाफ यह कार्यवाई बिल्कुल सही है। जब दोनों दलों का राजनीतिक गठबंधन होने के बाद भी जब श्रीमती श्रीनेत अरविंद केजरीवाल पर हुई ईडी जांच का समर्थन कर रही हैं क्या तब भी अरविंद केजरीवाल इसे राजनीतिक ईर्ष्या कहेंगे?

 

श्री पूनावाला ने आम आदमी पार्टी पर प्रहार करते हुए कहा कि जब छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर शराब घोटाले के आरोप लगे थे, आम आदमी पार्टी ने प्रेसवार्ता कर इसका समर्थन करते हुए कहा था कि यह बिल्कुल सही है, ईडी को उन्हें गिरफ्तार करना चाहिए। इसका मतलब यह हुआ कि “किसी और पर कार्यवाई हो तो चमत्कार, और खुद पर हो तो गुनहगार।” श्री पूनवाला ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से सवाल पूंछते हुए कहा कि अगर शराब घोटाला में उन्होनें कुछ किया ही नहीं है तो क्यूँ जांच में शामिल होने से घबरा रहे हैं? अगर शराब घोटाला हुआ ही नहीं था तो पुरानी पॉलिसी से नई पॉलिसी पर क्यूँ आ गए थे? अगर शराब घोटाला हुआ ही नहीं तो कोर्ट ने आज तक उन्हें और उनके कट्टर ईमानदार साथियों को राहत क्यूँ नहीं दी?

 

श्री पूनवाला ने निशाना साधते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल की कहानी इतिहास में सियासी धर्मांतरण की पहली और इकलौते कहानी के रूप में लिखी जाएगी। जब वह अन्ना हज़ारे के साथ थे तब कुछ और थे, और अब लालू और पोनमुड़ी जेसे नेताओं के साथी हो गए हैं, जो कई प्रकार के भ्रष्टाचारी गतिविधियों में दोषी सिद्ध हुए हैं। ऐसे नेताओं की संगति में अरविंद केजरीवाल ने सिद्ध कर दिया है कि उनकी संविधान के प्रति कोई आस्था नहीं है।

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