Salient points of press conference of Hon'ble Union Minister Shri Anurag Thakur


द्वारा श्री अनुराग ठाकुर -
20-04-2022
Press Release

 

केंद्रीय मंत्री श्री अनुराग ठाकुर की प्रेसवार्ता के मुख्यबिंदु

 

न्याय, समता, स्वतंत्रता पर, आओ मिलकर एक नया पैगाम दें।

अमृत महोत्सव की इस बेला पर,

नवभारत के नवनिर्माण को,

आत्मनिर्भर भारत का स्वप्न साकार करें ।।

***************

भारत सरकार द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव, आजादी के 75 साल- देश के लोगों, उनकी संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास को मनाने की अनुठी पहल है।

***************

माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव का अर्थ है- स्वतंत्रता की उर्जा का अमृत, स्वतंत्रता संग्राम के योद्धाओं की प्रेरणा का अमृत, नए विचारों और प्रतिज्ञाओं का अमृत, आत्मनिर्भरता का अमृत.

***************

इसीलिए यह महोत्सव राष्ट्र जागरण का पर्व है, सुशासन के सपने को साकार करने का त्यौहार और वैश्विक शांति और विकास का त्यौहार है।

***************

यह महोत्सव भारत के उन महानुभावों को समर्पित है जिन्होंने न केवल भारत को अपनी विकासवादी यात्रा में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई बल्कि इतिहास के पन्नों में उन्हें वह जगह भी नहीं मिली जो उन्हें मिलनी चाहिए थी।

***************

इतिहास साक्षी है कि किसी राष्ट्र का गौरव तभी जागृत होता है जब वह अपने स्वाभिमान और बलिदान की परंपराएँ अगली पीढ़ी को​ सिखाता है, संस्कारित करता है और इसके लिए उन्हें ​निरंतर प्रेरित करता है।

***************

किसी राष्ट्र का भविष्य तभी उज्ज्वल होता है, जब वह अपने अतित के अनुभवों और विरासत के गर्व से खुद को जोड़े रखता है। भारत के पास तो गर्व करने के लिए अथाह भंडार है, समृद्ध इतिहास है, सांस्कृतिक विरासत है।

***************

इसलिए आजादी के अमृत महोत्सव का यह अवसर एक अमृत की तरह वर्तमान पीढ़ी को प्राप्त होगा, एक ऐसा अमृत जो देश के लिए प्रतिपल जीने और देश के लिए कुछ कर गुजरने के लिए प्रेरित करेगा।

***************

माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने आजादी के अमृत महोत्सव अभियान की शुरुआत 12 मार्च 2021  को साबरमती से पदयात्रा को हरी झंडी दिखाकर की थी। ज्ञात हो कि महात्मा गांधी ने 12 मार्च 1930 को दांडी मार्च की शुरुआत की थी।

***************

इस साल, 15 अगस्त 2022 को देश आजादी के 75 साल मनाने जा रही है.  इससे ठीक 75 सप्ताह पहले आजादी के अमृत महोत्सव की शुरूआत की गई थी जो 15 अगस्त 2023 तक जारी रहेगी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आजादी के अमृत महोत्सव की रुप-रेखा बनाने के लिए एक राष्ट्रीय क्रियान्वयन समिति बनाई गई थी।

***************

माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा है कि आजादी का अमृत महोत्सव के पांच स्तंभ हैं, इसमें स्वतंत्रता संग्राम, विचार@75, उपलब्धियां@75, एक्शन@75 और संकल्प@75 शामिल हैं। एक वैभवशाली भारत बनाने का यह सपना हमारे 130 करोड़ भारतीय का सामूहिक संकल्प है।

***************

आजादी का अमृत महोत्सव मतलब आजादी की उर्जा का अमृत, आजादी के अमृत महोत्सव का मतलब स्वाधीनता सेनानियों से प्रेरणा का अमृत, आजादी के अमृत महोत्सव का मतलब नए विचारों का अमृत, नए संकल्पों का अमृत, आत्मनिर्भरता का अमृत है।

***************

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के तहत 18 अप्रैल तक 25 हजार कार्यक्रम हुए हैं। इसमें मंत्रालय एवं विभागों द्वारा 8,616 कार्यक्रम अभी तक किए जा चुके हैं।

***************

राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा 9,516 कार्यक्रम और दूसरे देशों में विदेश मंत्रालय एवं अन्य संगठनों द्वारा 2,347 कार्यक्रमों का आयोजन किया जा चुका है।

***************

आजादी का अमृत महोत्सव में प्रतिदिन लगभग 50 कार्यक्रम, प्रति दो घंटे में 2 कार्यक्रम और प्रति 30 मिनट में एक कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।

***************

माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी जब सबका प्रयास के बारे में बात करते हैं तो इसका मतलब है जनभागीदारी की।

***************

आजादी के अमृत महोत्सव में जनभागीदारी पर आधारित नदी उत्सव, स्वच्छता कार्यक्रम, योग दिवस, बाइक रैली, फिट इंडिया कार्यक्रम, रंगोली, निबंध, कविता, लोरी, देशभक्ति गीत व राष्ट्रगान प्रतियोगिताओं जैसे अनेक कार्यक्रमों के द्वारा स्वाधीनता संग्राम से जुड़े नायकों, पुरोधाओं और महापुरुषों को याद किया जा रहा है।

***************

इसके लिए शहरों, कस्बों, गांवों, स्कूलों, कॉलेजों, कार्यालयों और सार्वजनिक स्थलों पर ये कार्यक्रम उत्साह के साथ मनाया जा रहा है।

***************

स्वतंत्रता सेनानियों और अनगिनत अनसंग हीरोज़ के त्याग और बलिदान को ऑनलाइन श्रद्धांजलि देने हेतु डिजिटल ज्योत की शुरूआत की गई जिसके तहत लाखों लोगों ने ऑनलाइन श्रद्धांजलि दी है।

***************

पिछले 75 सालों में आजादी के कार्यक्रमों को कुछ गिने चुने लोगों तक सीमित कर दिया गया था जबकि देश की आजादी में देशभर के कई स्वतंत्रता सेनानियों की महती भूमिका रही है। इन भूला दिए गए स्वतंत्रता सेनानियों को देश के पंचायत, ब्लॉक, जिला से निकालकर उन्हें याद करने का काम किया जा रहा है।

***************

इनके ऊपर एक श्रृंखला भी शुरू की गई है। इसमें दुरदर्शन, आल इंडिया रेडियो पर रोजाना कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। देशभर के समाचार पत्रों ने भी इसपर अच्छे लेख लिखे। इसे लेकर देशभर से सकारात्मक फीडबैक भी आ रहे हैं। रेडियो, टीवी  एवं संचार के अन्य माध्यमों से लोगों को पता चल रहा है कि उनके क्षेत्र से जो जुड़े ऐसे महान स्वतंत्रता सेनानी हैं जिन्होंने देश की स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

***************

देश की समृद्ध कला, संस्कृति और विरासत से अधिकाधिक लोगों को जोड़ने के लिए कई महत्वपूर्ण स्थानों पर भारत भाग्य विधाता, तंजावुर उत्सव, राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव, काशी उत्सव जैसे कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया।

***************

जनजातीय समुदायों के सम्मान में भगवान बिरसा मुंडा जी की जयंती को 'जनजातीय गौरव दिवस' के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया और भगवान बिरसा मुंडा ने जो देश की आजादी की अलख जनजातियों लोगों में जगाया, वह अपने आप में एक बहुत रोमांचक और ऐतिहासिक कहानी भी है। जनजातीय क्षेत्र में हजारों युवाओं ने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भू​मिका निभाई हैं, जिनकी जानकारियां भी इकठ्ठा की जा रही हैं.

***************

आजादी के अमृत महोत्सव के तहत माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की होलोग्राफिक प्रतिमा का अनावरण किया गया, शहीद दिवस पर कोलकाता में बिप्लवी भारत गैलरी का उद्घाटन किया, महिला क्रांतिकारियों को समर्पित पुस्तक का विमोचन किया गया साथ ही, ड्रोन शो द्वारा देश के स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि भी दी गई।

***************

आधुनिक भारत के निर्माण में सभी प्रधानमंत्रियों का योगदान रहा है। माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने स्वयं प्रधानमंत्री संग्रहालय का उद्घाटन किया। इस संग्रहालय के माध्यम से देश के प्रधानमंत्रियों के योगदान को दर्शाया गया है।

***************

1 करोड़ से अधिक बच्चों ने माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को पोस्ट कार्ड लिखे है। इसमें उन्होंने भविष्य के भारत के सपने को साझा किया है।

***************

आजादी के अमृत महोत्सव के तहत देश भर में उमंग उड़ान उत्सव को हर्षोल्लास से मनाया। इस दौरान 75 लाख पतंगों ने उड़ान भरी। यह दिखाता है कि पूरे देशभर में जनजागरन और जनभागीदारी के लिए विभिन्न कार्यक्रम हुए।

***************

आज की पीढ़ी को भविष्य के लिए तैयार किया जाना चाहिए। हमें एक ऐसा भारत बनाना है जिसकी जड़ें प्राचीन परंपरा से जुड़ी हो, जिसका विस्तार आधुनिकता के आकाश में अनंत तक रहे।

***************

हमें अपनी संस्कृति, सभ्यता और संस्कारों को जीवित रखना है, अपनी आध्यामिकता, अपनी विविधता को संरक्षित और संवर्धित करना है, साथ ही टेक्नोलॉजी, इंफ्रास्ट्रक्चर, एजुकेशन, हेल्थ की व्यवस्था को निरंतर आधुनिक बनाना है।

***************

अमृत काल का यह समय सोते हुए सपने देखने का समय नहीं बल्कि जागरुक होकर अपने संकल्प पूरे करने का है। आने वाले 25 वर्ष परिश्रम की पराकाष्ठा, त्याग तपस्या के 25 वर्ष हैं।

***************

सैकड़ों वर्ष की गुलामी में हमने जो गंवाया है, उसे हमें इस 25 वर्ष के कालखंड में फिर से पाना है। इसीलिए आजादी के अमृत महोत्सव में हमारा ध्यान भविष्य पर ही केंद्रित होना चाहिए।

***************

मिलकर हम सब

आजादी का अमृत महोत्सव मनाएं

जन-गण-मन, सब मिलकर

राष्ट्र चेतना की अलख जगाएं ।।

***************

 

केंद्रीय मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने आज पार्टी मुख्यालय में एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया और 7 अप्रैल से 20 अप्रैल तक भारतीय जनता पार्टी द्वारा मनाई जा रही सामाजिक न्याय पखवाड़ा दिवस के समापन के तहत आज समर्पित आजादी के अमृत महोत्सव से संबंधित माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओ पर व्यापक प्रकाश डाला।

 

न्याय, समता, स्वतंत्रता पर, आओ मिलकर एक नया पैगाम दें। अमृत महोत्सव की इस बेला पर, नवभारत के नवनिर्माण को, आत्मनिर्भर भारत का स्वप्न साकार करें- इन पंक्तियों के साथ अपनी बात रखते हुए माननीय केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत सरकार द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव, आजादी के 75 साल देश के लोगों, उनकी संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास को मनाने की अनुठी पहल है। माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव का अर्थ है- स्वतंत्रता की उर्जा का अमृत, स्वतंत्रता संग्राम के योद्धाओं की प्रेरणा का अमृत, नए विचारों और प्रतिज्ञाओं का अमृत, आत्मनिर्भरता का अमृत. इसीलिए यह महोत्सव राष्ट्र जागरण का पर्व है, सुशासन के सपने को साकार करने का त्यौहार और वैश्विक शांति और विकास का त्यौहार है। यह महोत्सव भारत के उन महानुभावों को समर्पित है जिन्होंने न केवल भारत को अपनी विकासवादी यात्रा में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई बल्कि इतिहास के पन्नों में उन्हें वह जगह भी नहीं मिली जो उन्हें मिलनी चाहिए थी।

 

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इतिहास साक्षी है कि किसी राष्ट्र का गौरव तभी जागृत होता है जब वह अपने स्वाभिमान और बलिदान की परंपराएँ अगली पीढ़ी को​ सिखाता है, संस्कारित करता है और इसके लिए उन्हें ​निरंतर प्रेरित करता है। किसी राष्ट्र का भविष्य तभी उज्ज्वल होता है, जब वह अपने अतित के अनुभवों और विरासत के गर्व से खुद को जोड़े रखता है। भारत के पास तो गर्व करने के लिए अथाह भंडार है, समृद्ध इतिहास है, सांस्कृतिक विरासत है। इसलिए आजादी के अमृत महोत्सव का यह अवसर एक अमृत की तरह वर्तमान पीढ़ी को प्राप्त होगा, एक ऐसा अमृत जो देश के लिए प्रतिपल जीने और देश के लिए कुछ कर गुजरने के लिए प्रेरित करेगा।

 

माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने आजादी के अमृत महोत्सव अभियान की शुरुआत 12 मार्च 2021  को साबरमती से पदयात्रा को हरी झंडी दिखाकर की थी। ज्ञात हो कि महात्मा गांधी ने 12 मार्च 1930 को दांडी मार्च की शुरुआत की थी। इस साल, 15 अगस्त 2022 को देश आजादी के 75 साल मनाने जा रही है. इससे ठीक 75 सप्ताह पहले आजादी के अमृत महोत्सव की शुरूआत की गई जो 15 अगस्त 2023 तक जारी रहेगी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आजादी के अमृत महोत्सव की रुप-रेखा बनाने के लिए एक राष्ट्रीय क्रियान्वयन समिति बनाई गई थी।

 

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा है कि आजादी का अमृत महोत्सव के पांच स्तंभ हैं, इसमें स्वतंत्रता संग्राम, विचार@75, उपलब्धियां@75, एक्शन@75 और संकल्प@75 शामिल हैं। एक वैभवशाली भारत बनाने का यह सपना हमारे 130 करोड़ भारतीय का सामूहिक संकल्प है। आजादी का अमृत महोत्सव मतलब आजादी की उर्जा का अमृत, आजादी के अमृत महोत्सव का मतलब स्वाधीनता सेनानियों से प्रेरणा का अमृत, आजादी के अमृत महोत्सव का मतलब नए विचारों का अमृत, नए संकल्पों का अमृत, आत्मनिर्भरता का अमृत है।

 

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के तहत 18 अप्रैल तक 25 हजार कार्यक्रम हुए हैं। इसमें मंत्रालय एवं विभागों द्वारा 8,616 कार्यक्रम अभी तक किए जा चुके हैं। राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा 9,516 कार्यक्रम और दूसरे देशों में विदेश मंत्रालय एवं अन्य संगठनों द्वारा 2,347 कार्यक्रमों का आयोजन किया जा चुका है। आजादी का अमृत महोत्सव में प्रतिदिन लगभग 50 कार्यक्रम, प्रति दो घंटे में 2 कार्यक्रम और प्रति 30 मिनट में एक कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।

 

केंद्रीय मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी जब सबका प्रयास के बारे में बात करते हैं तो इसका मतलब है जनभागीदारी की। आजादी के अमृत महोत्सव में जनभागीदारी पर आधारित नदी उत्सव, स्वच्छता कार्यक्रम, योग दिवस, बाइक रैली, फिट इंडिया कार्यक्रम, रंगोली, निबंध, कविता, लोरी, देशभक्ति गीत व राष्ट्रगान प्रतियोगिताओं जैसे अनेक कार्यक्रमों के द्वारा स्वाधीनता संग्राम से जुड़े नायकों, पुरोधाओं और महापुरुषों को याद किया जा रहा है। इसके लिए शहरों, कस्बों, गांवों, स्कूलों, कॉलेजों, कार्यालयों और सार्वजनिक स्थलों पर ये कार्यक्रम उत्साह के साथ मनाया जा रहा है।

 

स्वतंत्रता सेनानियों और अनगिनत अनसंग हीरोज़ के त्याग और बलिदान को ऑनलाइन श्रद्धांजलि देने हेतु डिजिटल ज्योत की शुरूआत की गई जिसके तहत लाखों लोगों ने ऑनलाइन श्रद्धांजलि दी है। पिछले 75 सालों में आजादी के कार्यक्रमों को कुछ गिने चुने लोगों तक सीमित कर दिया गया था जबकि देश की आजादी में देशभर के कई स्वतंत्रता सेनानियों की महती भूमिका रही है। इन भूला दिए गए स्वतंत्रता सेनानियों को देश के पंचायत, ब्लॉक, जिला से निकालकर उन्हें याद करने का काम किया जा रहा है। इनके ऊपर एक श्रृंखला भी शुरू की गई है। इसमें दुरदर्शन, आल इंडिया रेडियो पर रोजाना कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। देशभर के समाचार पत्रों ने भी इसपर अच्छे लेख लिखे। इसे लेकर देशभर से सकारात्मक फीडबैक भी आ रहे हैं। रेडियो, टीवी  एवं संचार के अन्य माध्यमों से लोगों को पता चल रहा है कि उनके क्षेत्र से जो जुड़े ऐसे महान स्वतंत्रता सेनानी हैं जिन्होंने देश की स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

 

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश की समृद्ध कला, संस्कृति और विरासत से अधिकाधिक लोगों को जोड़ने के लिए कई महत्वपूर्ण स्थानों पर भारत भाग्य विधाता, तंजावुर उत्सव, राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव, काशी उत्सव जैसे कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया। जनजातीय समुदायों के सम्मान में भगवान बिरसा मुंडा जी की जयंती को 'जनजातीय गौरव दिवस' के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया और भगवान बिरसा मुंडा ने जो देश की आजादी की अलख जनजातियों लोगों में जगाया, वह अपने आप में एक बहुत रोमांचक और ऐतिहासिक कहानी भी है। जनजातीय क्षेत्र में हजारों युवाओं ने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भू​मिका निभाई हैं, जिनकी जानकारियां भी इकठ्ठा की जा रही हैं.

 

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के तहत माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की होलोग्राफिक प्रतिमा का अनावरण किया गया, शहीद दिवस पर कोलकाता में बिप्लवी भारत गैलरी का उद्घाटन किया, महिला क्रांतिकारियों को समर्पित पुस्तक का विमोचन किया गया साथ ही, ड्रोन शो द्वारा देश के स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि भी दी गई। उन्होंने कहा कि एक भारत, श्रेष्ठ भारत' इस पर माननीय प्रधानमंत्री जी ने पिछले 7 वर्षों में विशेष बल दिया है। एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना को प्रगाढ़ करने के लिए, वंदे भारत कार्यक्रम का आयोजन करने और देश भर के कलाकारों को रिपब्लिक डे परेड में भाग लेने का मौका मिला। लद्दाख में पहली बार दुनिया का सबसे बड़ा खादी से बना 225 फीट का राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया।

 

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आधुनिक भारत के निर्माण में सभी प्रधानमंत्रियों का योगदान रहा है। माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने स्वयं प्रधानमंत्री संग्रहालय का उद्घाटन किया। इस संग्रहालय के माध्यम से देश के प्रधानमंत्रियों के योगदान को दर्शाया गया है। 1 करोड़ से अधिक बच्चों ने माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को पोस्ट कार्ड लिखे है। इसमें उन्होंने भविष्य के भारत के सपने को साझा किया है। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत देश भर में उमंग उड़ान उत्सव को हर्षोल्लास से मनाया। इस दौरान 75 लाख पतंगों ने उड़ान भरी। यह दिखाता है कि पूरे देशभर में जनजागरन और जनभागीदारी के लिए विभिन्न कार्यक्रम हुए।

 

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज की पीढ़ी को भविष्य के लिए तैयार किया जाना चाहिए। हमें एक ऐसा भारत बनाना है जिसकी जड़ें प्राचीन परंपरा से जुड़ी हो, जिसका विस्तार आधुनिकता के आकाश में अनंत तक रहे। हमें अपनी संस्कृति, सभ्यता और संस्कारों को जीवित रखना है, अपनी आध्यामिकता, अपनी विविधता को संरक्षित और संवर्धित करना है, साथ ही टेक्नोलॉजी, इंफ्रास्ट्रक्चर, एजुकेशन, हेल्थ की व्यवस्था को निरंतर आधुनिक बनाना है। उन्होंने कहा कि अमृत काल का यह समय सोते हुए सपने देखने का समय नहीं बल्कि जागरुक होकर अपने संकल्प पूरे करने का है। आने वाले 25 वर्ष परिश्रम की पराकाष्ठा, त्याग तपस्या के 25 वर्ष हैं। सैकड़ों वर्ष की गुलामी में हमने जो गंवाया है, उसे हमें इस 25 वर्ष के कालखंड में फिर से पाना है। इसीलिए आजादी के अमृत महोत्सव में हमारा ध्यान भविष्य पर ही केंद्रित होना चाहिए।

 

मिलकर हम सब

आजादी का अमृत महोत्सव मनाएं

जन-गण-मन, सब मिलकर

राष्ट्र चेतना की अलख जगाएं ।।

 

(महेंद्र कुमार)

कार्यालय सचिव

 

 

 

To Write Comment Please लॉगिन