Salient points of the press conference of senior BJP Leader and Former Union Minister Shri Ravi Shankar Prasad (M.P.)


द्वारा श्री रविशंकर प्रसाद -
25-08-2024
Press Release

 

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद की प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु

 

भारतीय जनता पार्टी यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) लागू करने के लिए आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और मोदी सरकार का अभिनंदन करती है।

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भाजपा को गर्व है कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने सरकारी कर्मचारियों की चिंता सुनी, उसे समझा, उसके लिए डॉ. रंगनाथन कमिटी बनायी और यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) लागू करने का एक सार्थक निर्णय लिया, जो बहुत ही प्रशंसनीय है।

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की सरकार सोच समझकर, विचार करके काम करती है। अस्थायी निर्णय लेकर काम नहीं करती है। मोदी सरकार जो भी निर्णय करती है वो जनहित में होता है। इस निर्णय से देश के 23 लाख सरकारी कर्मचारियों और उनके परिवार को लाभ होगा।

 

प्रधानामंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए स्पष्ट कहा है कि सरकारी कर्मचारियों के योगदान का हम सम्मान करते हैं और सम्मान करते रहेंगे। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी देश की जनता के मांगों को सुनते हैं, समझते हैं और संवेदनशील रहते हैं।

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कांग्रेस पार्टी ने ओल्ड पेंशन स्कीम का वादा क्यों किया था, जब कांग्रेस पार्टी उसे लागू नहीं कर सकती है? घोषणा वाली पार्टी “कांग्रेस पार्टी” क्या सिर्फ घोषणा ही करेगी या अपने घोषणा को कभी अमल लाने का भी काम करेगी?

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क्या कांग्रेस पार्टी की सरकार ने हिमाचल प्रदेश में ओल्ड पेंशन स्कीम लागू किया, जिसका वादा उसने और राहुल गांधी ने हिमाचल विधानसभा चुनाव में किया था?

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लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने का वादा भी नहीं किया। तेलंगाना में भी कांग्रेस ने ओपीएस लागू करने के बारे में कुछ स्पष्ट रूप से नहीं कहा। कांग्रेस पार्टी का यह कैसा रवैया है?

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राहुल गाँधी देश की जनता को कितना झांसा देगें? कभी तो सही बोलिए। अगर बोलिए तो उसे पूरा कीजिए। अगर वादा पूरा नहीं कर सकते हैं तो देश की जनता से झूठा वादा नहीं कीजिए। कांग्रेस ने शुरू में एनपीएस का समर्थन किया था लेकिन बाद में वह अपने ही वादों से मुकर गई।

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कांग्रेस ने चुनाव में वोट लेने के लिए ऐसा बोलना शुरू कर दिया है कि देश की जनता को कांग्रेस पार्टी के निर्णय और वादों पर से भरोसा उठ गया है।

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भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद ने आज पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित एक महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता को संबोधित किया और आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी सरकार के कैबिनेट द्वारा सरकारी कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) लागू करने के निर्णय का स्वागत किया। साथ ही, श्री प्रसाद ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी द्वारा “ओल्ड पेंशन स्कीम” को लेकर चुनावी वादा करने के बावजूद लागू नहीं करने पर जमकर भर्त्सना की।

 

श्री प्रसाद ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को गर्व है कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने सरकारी कर्मचारियों की चिंता सुनी, उसे समझा, उसके लिए डॉ. रंगनाथन कमिटी बनायी और यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) लागू करने का एक सार्थक निर्णय लिया, जो बहुत ही प्रशंसनीय है। इसके लिए भारतीय जनता पार्टी आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और मोदी सरकार का अभिनंदन करती है।

 

श्री प्रसाद ने भाजपा की ओर से कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी से सवाल पूछे और उनसे जवाब की उम्मीद की-

 

·       कांग्रेस पार्टी ने ओल्ड पेंशन स्कीम का वादा क्यों किया था, जब कांग्रेस पार्टी उसे लागू नहीं कर सकती है? मीडिया में यह भी बातें सामने आयी है कि कांग्रेस पार्टी के कुछ लोगों ने यहां तक कहा कि ओल्ड पेंशन स्कीम लागू होने से देश की अर्थव्यवस्था गड़बड़ा जाएगी। कांग्रेस पार्टी के इस रवैये की भारतीय जनता पार्टी कड़ी भर्त्सना करती है।

 

·       क्या कांग्रेस पार्टी की सरकार ने हिमाचल प्रदेश में ओल्ड पेंशन स्कीम लागू किया, जिसका वादा कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी ने हिमाचल विधानसभा चुनाव में किया था? कांग्रेस पार्टी ने देश की राजनीति में पिछले दो साल से ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर एक बहुत बड़ा तूफ़ान बनाया था। राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा ने भी हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करने का चुनावी वादा किया था।

 

·       कांग्रेस ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में ओपीएस लागू करने का वादा किया, किन्तु ओपीएस लागू करने में चालाकी क्यों की थी? कांग्रेस पार्टी ने कहा कि सिर्फ 2006 से पहले के कर्मचारियों को ही ओल्ड पेंशन स्कीम देंगे जबकि उनकी संख्या महज 13 हजार है।

 

·       तेलंगाना विधानसभा चुनाव में कांग्रेस द्वारा ओपीएस लागू करने के बारे में कुछ स्पष्ट रूप से नहीं कहा गया। लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने का वादा भी नहीं किया। कांग्रेस पार्टी का यह कैसा रवैया है?

 

·       देश की जनता को राहुल जी कितना झांसा देगें? कभी तो सही बोलिए, अगर बोलिए तो उसे पूरा कीजिए। अगर वादा पूरा नहीं कर सकते हैं तो देश की जनता से वादा नहीं कीजिए।

 

·       घोषणा वाली पार्टी “कांग्रेस पार्टी” क्या सिर्फ घोषणा ही करेगी या अपने घोषणा को कभी अमल लाने का भी काम करेगी?

 

श्री प्रसाद ने कहा कि हिंडेनबर्ग मामले में एक कहानी देश की जनता को बताया था कि राहुल गांधी चिट पॉलिटिक्स करते हैं। किसी ने चिट पकड़ा दिया कि ओल्ड पेंशन स्कीम ले आओ, यह बहुत अच्छा मुद्दा है। किसी ने उन्हें संविधान का चिट पकड़ा दिया। उसके पहले किसी ने उन्हें राफेल का चिट पकड़ा दिया, तो कभी किसी ने उन्हें हिंडेनबर्ग का चिट पकड़ा दिया।

 

पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी यह समझ लें कि देश ऐसे नहीं चलता है। भारत सरकार चलाना एक गंभीर और परिपक्व विषय है, जहां सोच-समझ कर फेसले लेने पड़ते हैं। निर्णय लेने में “अस्थायी सोच” नहीं चलता है। ऐसा नहीं होता कि एक चुनाव हो गया, अब उस मुद्दे को छोड़ दिए। 

 

श्री प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस ने चुनाव में वोट लेने के लिए ऐसा बोलना शुरू कर दिया है कि देश की जनता को कांग्रेस पार्टी के निर्णय और वादों पर से भरोसा उठ रहा है।

 

पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री प्रसाद ने कहा कि देश के कर्मचारियों की चिंता हो, सेवारत हो या सेवानिवृत हो, यह हमेशा बड़ा मुद्दा बनता है। राजनीति में भी बड़ा मुद्दा बनता है। पहले ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) थी। वर्ष 2004 में न्यू पेंशन स्कीम (एनपीए) बनी। इसके लिए व्यापक स्तर पर सलाह मशविरा हुआ था। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में उस वक्त मैं मंत्री भी था। उस वक्त कांग्रेस पार्टी समेत लगभग सभी दलों ने एनपीएस का समर्थन किया था। उस वक्त एनपीएस को कांग्रेस की कई सरकारों ने भी समर्थन किया था। बाद में, उसका विरोध किया।

 

श्री प्रसाद ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी देश की जनता के मांगों को सुनते हैं, समझते हैं और संवेदनशील रहते हैं। जब कर्मचारियों के अखिल भारतीय संगठन कन्फेडरेशन ऑफ सेंटल गर्वनमेंट इम्पलाइज ने ओपीएस की मांग की तो तत्कालीन वित्त सचिव, जो वर्तमान में होने वाले कैबिनेट सचिव डॉ सोमनाथन जी की अध्यक्षता में पेंशन स्कीम को लेकर कमिटी गठित की गयी थी। डॉ सोमनाथन कमिटी की सिफारिशों को कल मोदी सरकार के कैबिनेट ने स्वीकार किया।

 

सोमनाथन कमिटी की सिफारिश लागू होने के बाद

1)    23 लाख सरकारी कर्मचारियों को 50 प्रतिशत एशोर्ड पेंशन तय हो गया है। अर्थात सेवानिवृति वर्ष के अंतिम महीने का वेतन का  50 प्रतिशत राशि पेंशन के रूप में मिलेगी।

2)    अगर 25 साल सेवा पूरा किए हैं तो 50 प्रतिशत राशि पेंशन के रूप में मिलेगी। 

3)    अगर 25 साल से कम की सेवाकाल हुआ तो उसका अनुपातिक राशि मिलेगी।

4)    अगर 10 साल तक सेवाकाल रहा है तो 10 हजार रुपए पेंशन के रूप् में मिलेगा।

5)    समय के अनुसार महंगाई बढ़ती है। उसके अनुसार सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ता मिलता है।  

6)    अगर सरकारी कर्मचारी का निधन हो जाता है तो उस कर्मचारी को मिलाने वाले पेंशन का 60 प्रतिशत राशि उसके परिवार को पारिवारिक पेंशन के रूप में मिलेगा।

 

पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री प्रसाद ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के इस निर्णय में कल्याणकारी राज की सोच दिखाई पड़ती है। न्यू पेंशन स्कीम आयी थी तो लोगों में चर्चा थी कि सरकार फंडिंग करने में कमी कर रही है। मोदी सरकार ने न्यू पेंशन स्कीम में होने वाली फंडिंग भी बढाने का निर्णय लिया है। पहले एनपीएस में 10 प्रतिशत राशि कर्मचारी की होती थी और 14 प्रतिशत राशि भारत सरकार की होती थी। अब 10 प्रतिशत राशि सरकारी कर्मचारी की वेतन से और 18.5 प्रतिशत भारत सरकार देगी। देश के कर्मचारियों के हित में जितना भी संभव है उतना मोदी सरकार ने किया है। सरकारी कर्मचारी देश के लिए काम करते हैं, भले ही सत्ता में कोई पार्टी हो। उनके कार्यों के कारण देश आगे बढ़ता है। प्रधानामंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने एक्स पर अपनी टिप्पणी पोस्ट करते हुए कहा कि सरकारी कर्मचारियों के योगदान का हमे सम्मान करना है और सम्मान करते रहेंगे।

 

श्री प्रसाद ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार सोच समझकर, विचार करके काम करती है। अस्थायी निर्णय लेकर काम नहीं करती है। मोदी सरकार जो भी निर्णय करती है वो जनहित में होता है। इस मामले में जनहित निर्णय देश के 23 लाख सरकारी कर्मचारियों और उनके परिवार के लिए ली गयी है। 

 

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