Salient points of the press conference of senior BJP Leader Shri Ravi Shankar Prasad


द्वारा श्री रविशंकर प्रसाद -
06-07-2023
Press Release

भाजपा के वरिष्ठ नेता, सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री रवि शंकर प्रसाद की प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु

 

छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार के चार वर्ष के कार्यकाल में लगभग 2161 करोड़ रुपए के शराब घोटाले का आरोप लगाते हुए कहा कि यह वह राशि है जो राज्य के खजाने में जाना चाहिए था, लेकिन इसे एक सिंडिकेट बनाकर लूट लिया गया.

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इस लूट का एक बड़ा हिस्सा वहां के सत्तासीन राजनीतिक लोगों को जाता था। ये वही भूपेश बघेल जी हैं, जो गंगा जल लेकर भ्रष्टाचार नहीं करने की शपथ ली थी।

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छत्तीसगढ़ शराब घोटाले को लेकर 4 जुलाई 2023 को अदालत में 1300 पेज के डॉक्यूमेंट के साथ घोटाले के बारे मे व्यापक शिकायत दर्ज की गई है।

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शराब के माध्यम से अवैध कमाई आजकल विपक्षी सरकारों का महत्वपूर्ण औजार बन गया है। सभी जानते हैं कि दिल्ली सरकार के उप मुख्यमंत्री इसी मामले में जेल में हैं और 4 बार उनकी जमानत खारिज हो चुकी है, जबकि दिल्ली के मुख्यमत्री अरविंद केजरीवाल नैतिकता और ईमानदारी का दावा ठोकते नहीं थकते हैं।

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दरअसल, विपक्ष का हॉलमार्क ही बन गया है कि अवैध पैसों की वसूली अवैध तरीके से हो।

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छत्तीसगढ़ शराब घोटाले के मास्टर माइंड अनवर ढेबर हैं, जो कांग्रेस नेता और रायपुर के मेयर इजाज ढेबर के भाई हैं। मेयर इजाज ढेबर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेहद करीबी हैं। अनवर ढेबर द्वारा शराब घोटाले का अपना शेयर रखकर शेष राशि सिस्टम में बांट दिया जाता था।

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छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कारपोरेशन लिमिटेड शराब के होलसेल डिस्ट्रीब्यूशन से लेकर रिटेल बिक्री तक का प्रबंधन करता है। अनवर ढेबर और छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कारपोरेशन लिमिटेड के अधिकारीयों द्वारा आउट सोर्स के माध्यम से 800 सरकारी शराब की दूकानों पर अपने लोगों को बैठा दिया गया।

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अनवर ढेबर का ग्रुप शराब बिक्री के कमीशन की एक निश्चित राशि पहले ही रख लेता था। प्रति केस 75 रुपए से 150 रुपए कमीशन देना होता था। शराब के क्वालिटी के अनुसार उसके कमीशन निर्धारित की गयी। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि डुप्लीकेट हॉलोग्राम अर्थात जाली हॉलोग्राम से देशी शराब सरकारी दूकानों से बेची गयी।

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जांच एजेंसी के अनुसार अनवर ढेबर शराब बिक्री का 15 प्रतिशत कमीशन अपने पास रख लेता था और बाकी बची हुई राशि राजनेता और सिस्टम के पास चली जाती थी। इसकी वजह से छत्तीसगढ को 2,161 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान हुआ है।

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जांच एजेंसी ने अनवर ढेबर और कारपोरेशन अधिकारी अरूण त्रिपाठी और अनिल तुतेजा की 119 संपत्तियां जब्त की हैं, जो 121.87 करोड़ रुपये की है। अनवर ढेबर के नाम से 53 एकड़ जमीन रायपुर, भिलाई और मुम्बई में है।

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कांग्रेस पार्टी के लिए उनकी कुछ सरकारें एटीएम की तरह काम करती है, जिसमें छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार प्रथम स्थान पर है।

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छत्तीसगढ़ में सरकार बनने के वक्त कांग्रेस पार्टी ने ढाई-ढाई साल के लिए दो मुख्यमंत्री बनाने की बात की थी। दूसरे नेता को कांग्रेस ने क्यों मुख्यमंत्री नहीं  बनाया, वो अब समझ में आ गया है। क्योंकि कांग्रेस के लिए एटीएम ज्यादा जरुरी था, जो एटीएम राज्य खजाने के राजस्व को चुराकर चलता था।

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छत्तीसगढ़ सरकार का शराब घोटाला कांग्रेस पार्टी के भ्रष्टाचार को उजागर करती है। छतीसगढ़ की कांग्रेस सरकार को जवाब देना होगा कि शराब घोटाला कैसे किया गया और क्यों किया गया?

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भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता, सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री रवि शंकर प्रसाद ने आज पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता को सम्बोधित किया और छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार के चार वर्ष के कार्यकाल में हुए लगभग 2,161 करोड़ रुपए के शराब घोटाले का आरोप लगाते हुए कहा कि यह वह राशि है जो राज्य के खजाने में जाना चाहिए था, लेकिन इसे एक सिंडिकेट बनाकर लूट लिया गया. इस लूट का एक बड़ा हिस्सा वहां के सत्तासीन राजनीतिक लोगों को जाता था। ये वही भूपेश बघेल जी हैं, जो गंगा जल लेकर भ्रष्टाचार नहीं करने की शपथ ली थी।

 

श्री प्रसाद ने कहा कि छत्तीसगढ़ शराब घोटाले को लेकर 4 जुलाई 2023 को अदालत में 1300 पेज के डॉक्यूमेंट के साथ घोटाले के बारे मे व्यापक शिकायत दर्ज की गई है।

 

विपक्ष पर निशाना साधते हुए श्री प्रसाद ने कहा कि शराब के माध्यम से अवैध कमाई आजकल विपक्षी सरकारों का महत्वपूर्ण औजार बन गया है। सभी जानते हैं कि दिल्ली सरकार के उप मुख्यमंत्री इसी मामले में जेल में हैं और 4 बार उनकी जमानत खारिज हो चुकी है, जबकि दिल्ली के मुख्यमत्री अरविंद केजरीवाल नैतिकता और ईमानदारी का दावा ठोकते नहीं थकते हैं। दरअसल, विपक्ष का हॉलमार्क ही बन गया है कि अवैध पैसों की वसूली अवैध तरीके से हो।

 

श्री प्रसाद ने घोटाले का ब्यौरा देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में 800 सरकारी शराब की दूकानें हैं। वहां निजी दूकानों को शराब बेचने का लाईसेंस नहीं मिलता है। शराब सिंडिकेट चलाकर लूट का बड़ा हिस्सा सत्तासीन लोगों के पास जाता था।  

 

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ शराब घोटाले के मास्टर माइंड अनवर ढेबर हैं, जो कांग्रेस नेता और रायपुर के मेयर इजाज ढेबर के भाई हैं। मेयर इजाज ढेबर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेहद करीबी हैं। अनवर ढेबर द्वारा शराब घोटाले का अपना शेयर रखकर शेष राशि सिस्टम में बांट दिया जाता था।

 

छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कारपोरेशन लिमिटेड शराब के होलसेल डिस्ट्रीब्यूशन से लेकर रिटेल बिक्री तक का प्रबंधन करता है। अनवर ढेबर और छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कारपोरेशन लिमिटेड के अधिकारीयों द्वारा आउट सोर्स के माध्यम से 800 सरकारी शराब की दूकानों पर अपने लोगों को बैठा दिया गया।

 

अनवर ढेबर का ग्रुप शराब बिक्री के कमीशन की एक निश्चित राशि पहले ही रख लेता था। प्रति केस 75 रुपए से 150 रुपए कमीशन देना होता था। शराब के क्वालिटी के अनुसार उसके कमीशन निर्धारित की गयी। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि डुप्लीकेट हॉलोग्राम अर्थात जाली हॉलोग्राम से देशी शराब सरकारी दूकानों से बेची गयी।

 

शराब बिक्री में किसी बॉटल पर होलोग्राम लगता है, तो सरकार उसे ऑथराइज्ड करती है। अनअथॉराइज्ड व्यक्ति द्वारा होलोग्राम को आथराज्ड नहीं किया जाता है। होलोग्राम उस बोतल की विश्वसनीयता को दर्शाता है।

 

छत्तीसगढ़ सरकार को राजस्व नुकसान के बारे में जांच एजेंसियों ने काफी जानकारी दी है। जांच एजेंसी के अनुसार अनवर ढेबर शराब बिक्री का 15 प्रतिशत कमीशन अपने पास रख लेता था और बाकी बची हुई राशि राजनेता और सिस्टम के पास चली जाती थी। इसकी वजह से छत्तीसगढ को 2,161 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान हुआ है। गैर कानूनी तरीके से राजस्व लूटा गया है। खासबात यह है कि शराब माफिया अनवर ढेबर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री का आशीर्वाद है। इतनी बड़ी लूट प्रदेश सरकार के आशीर्वाद के बिना हो नहीं सकता है।

 

एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट ने कोर्ट मे शराब घोटाले को लेकर औपचारिक शिकायत दर्ज कर दी है, जो 1300 पेज का डॉक्यूमेंट दिया गया है, जिसमें सैकड़ों साबूत दिए गए हैं। जांच एजेंसी ने अनवर ढेबर और कारपोरेशन अधिकारी अरूण त्रिपाठी और अनिल तुतेजा की 119 संपत्तियां जब्त की हैं, जो 121.87 करोड़ रुपये की है। अनवर ढेबर के नाम से 53 एकड़ जमीन रायपुर, भिलाई और मुम्बई में है।

 

कांग्रेस पार्टी के लिए उनकी कुछ सरकारें एटीएम की तरह काम करती है, जिसमें छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार प्रथम स्थान पर है। छत्तीसगढ़ में सरकार बनने के वक्त कांग्रेस पार्टी ने ढाई-ढाई साल के लिए दो मुख्यमंत्री बनाने की बात की थी। दूसरे नेता को कांग्रेस ने क्यों मुख्यमंत्री नहीं  बनाया, वो अब समझ में आ गया है। क्योंकि कांग्रेस के लिए एटीएम ज्यादा जरुरी था, जो एटीएम राज्य खजाने के राजस्व को चुराकर चलता था।

 

छत्तीसगढ़ सरकार का शराब घोटाला कांग्रेस पार्टी के भ्रष्टाचार को उजागर करती है। भारतीय जनता पार्टी इसकी भर्त्सना करती है और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से इस पूरे प्रकरण में जवाब देने की मांग करती है।

 

कांग्रेस पार्टी हो या आम आदमी पार्टी की सरकार षराब के माध्यम से गलत काम करना और रिवन्यू जेनरेट करना एक नया मॉडल बन गया है। शुचिता और नैतिकता की बात करने वाले एक उप मुख्यमंत्री जेल में हैं। चार बार से उन्हें बेल नहीं मिल रहा है।

 

भारतीय जनता पार्टी और अन्य पार्टियों की नीतियों में अंतर समझना आवश्यक है। भारतीय जनता पार्टी का संकल्प है गरीब कल्याण। भाजपा नौ साल का हिसाब भी देती है। विभिन्न योजनाओं से जुड़ी लगभग 27.5 लाख करोड़ रुपये की राशि डायरेक्ट बेनीफिट के माध्यम से लाभार्थियों के खाते में दिया गया। खासबात यह है कि बिचौलिया और लूटने वालों से लगभग 3 लाख करोड़ रुपये बचाए गए। डिजिटल इंडिया के माध्यम से देश बदला और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा।

 

वहीं दूसरी तरफ, अन्य राजनीतिक दलों की सरकारे सिर्फ लूट करने में लगी है। जनता की गाढ़ी कमाई लूटी जा रही है। यदि छत्तीसगढ़ सरकार के पास शराब घोटाले के दो हजार करोड़ रुपये आये होते,  तो उससे गरीबों के हित में काम होता। कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दल शोर मचाते हैं कि केन्द्र सरकार की ओर से उन्हें उचित फंड नहीं मिलता है। जब ये लोग फंड के उपयोग का उपयोगिता प्रमाण पत्र भेजते ही नहीं हैं, तो आखिर फंड कहां से मिलेगी? दूसरी तरफ, 2161 करोड़ रूपये की लूट भी हो जाती है। छतीसगढ़ की कांग्रेस सरकार को जवाब देना होगा कि शराब घोटाला कैसे किया गया और क्यों किया गया?

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