Salient points of press conference of senior BJP leader Shri Ravi Shankar Prasad


द्वारा श्री रविशंकर प्रसाद -
02-02-2024
Press Release

 

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं सांसद श्री रविशंकर प्रसाद की प्रेसवार्ता के मुख्य बिन्दु

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एक ओर राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा का ढोंग कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के नेता डीके सुरेश भारत को तोड़ने की बात कर रहे हैं, कांग्रेस सांसद का यह बयान असंवैधानिक और निंदनीय है।

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कांग्रेस सांसद ने भारत की एकता और अखंडता पर आघात किया है, लेकिन इसके बावजूद राहुल गांधी, सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे सहित पूरा इंडी गठबंधन चुप्पी साधे बैठा है। कांग्रेस को इस बयान के लिए पूरे देश से मांफी मांगनी चाहिए।

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देश की संप्रभुता और एकता बनाए रखने की शपथ लेने वाले कांग्रेस सांसद ने संविधान का उल्लंघन करते हुए देश को दो हिस्सों में बांटने की बात कही, इसलिए डीके सुरेश को लोकसभा का सदस्य बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।

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जिस राज्य की यह बात कर रहे हैं, उस कर्नाटक को यूपीए कार्यकाल में 2009-14 के बीच मात्र ₹53,396 करोड़ कर हस्तांतरण किया गया था, जबकि केंद्र में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार बनने के बाद 2014-19 के बीच इस राशि को बढ़ाकर ₹1.35 लाख किया गया।

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मोदी सरकार ने कर्नाटक को देश का आईटी हब बनाया और राज्य में मोबाईल उत्पादन कारखाना भी भाजपा सरकार के प्रयासों से ही शुरू हुआ।

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भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री रविशंकर प्रसाद ने शुक्रवार को नई दिल्ली में भाजपा के केन्द्रीय कार्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित किया। प्रेस वार्ता में श्री प्रसाद ने कर्नाटक में कांग्रेस सांसद डीके सुरेश के ‘अलग देश’ की मांग के बयान पर कांग्रेस पर हमला बोला। साथ ही उन्होंने कांग्रेस द्वारा भाजपा पर लगाए जा रहे कर्नाटक के साथ सौतेला व्यवहार करने के आरोप का उत्तर दिया।

 

श्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस के सांसद डीके सुरेश ने एक वक्तव्य दिया है कि “बजट व अन्य कार्यक्रमों में कर्नाटक के साथ नाइंसाफी होती है, इसलिए हमें एक अलग देश की मांग करनी चाहिए।” श्री प्रसाद ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस के नेता राहुल गांधी देश में भारत जोड़ो न्याय यात्रा कर रहें हैं, लेकिन कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री और कर्नाटक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार के भाई देश को तोड़ने की बात कर रहें हैं। इस टिप्पणी पर कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे चुप हैं और अबतक इस टिप्पणी को कांग्रेस ने अस्वीकार तक नहीं किया है। संविधान की दुहाई देते हुए कांग्रेस आए दिन देश के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को जी भरकर गालियां देती है। उसी कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद डीके सुरेश, जो कि कर्नाटक कांग्रेस के एक महत्वपूर्ण स्तंभ भी हैं, कर्नाटक को अलग देश बनाने की मांग कर रहें हैं। अपने राजनैतिक फायदे के लिए राहुल गांधी और उनकी कांग्रेस पार्टी का इस स्तर तक गिर जाना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक बात है। संविधान की दुहाई देने वाली कांग्रेस के नेता राहुल गांधी, सोनिया गांधी, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे और उनके सभी घटक दलों का इस पर जवाब देना चाहिए। इंडी गठबंधन के किसी भी दल या नेता ने कांग्रेस संसद डीके सुरेश की असंवैधानिक टिप्पणी का विरोध नहीं किया बल्कि इस पर चुप्पी साधे बैठे हैं।

 

श्री रविशंकर प्रसाद ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 1 का हवाला देते हुए कहा भारत राज्यों का संघ है और पहली सूची में सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों का उल्लेख है। श्री प्रसाद ने बताया कि कर्नाटक इस सूची में नौवें स्थान पर है। इसके अलावा अनुच्छेद 19 के अंतर्गत अभिव्यक्ति की आजादी के तहत कोई भी व्यक्ति भारत की एकता और अखंडता के खिलाफ बयान नहीं दे सकता। ऐसा बयान देने पर उसके खिलाफ कानून कार्रवाई होगी। श्री प्रसाद ने संविधान की धाराओं को पढ़कर बताया कि किस तरह कांग्रेस सांसद डीके सुरेश का बयान असंवैधानिक और देश की एकता के खिलाफ है।

 

श्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को सांसद बनने से पहले अनुच्छेद 84 के तहत तीसरी सूची में उल्लेखित शपथ ग्रहण करनी पड़ती है। इस शपथ में साफ लिखा होता है कि शपथ लेने वाला व्यक्ति देश की संप्रुभता और एकता की रक्षा करेगा। कांग्रेस के ये सांसद पहले तो देश की संप्रुभता और एकता को बनाए रखने की शपथ लेते हैं और फिर देश को दो हिस्सों में तोड़ने का असंवैधानिक और आपत्तिजनक बयान देते हैं। डीके सुरेश का बयान संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन करता है। कर्नाटक को भारत से अलग करने का बयान देने के बाद डीके सुरेश को लोकसभा का सदस्य बने रहने का अधिकार नहीं है।

 

श्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी को इस पर माफी मांगनी चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे आए दिन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी पर आए दिन अनर्गल आरोप लगाते रहते हैं, आज उनके सांसद ने देश को तोड़ने का बयान दिया है तो इस पर खुद खड़गे को देश से माफी मांगनी चाहिए। कांग्रेस सांसद ने भारत की एकता और अखंडता पर बहुत गहरा आघात किया है लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस पार्टी चुप्पी साधे बैठी है। डीके सुरेश कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री के भाई है इनके पास 338 करोड़ की सम्पति है जब चुनाव लड़ रहे थे तब ये घोषित हुआ था।

 

श्री प्रसाद ने डीके सुरेश द्वारा लगाए कर्नाटक के साथ सौतेला व्यवहार करने के आरोप पर बताया कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा से पहले कर्नाटक में बोइंग कैम्पस का उद्घाटन किया। कर्नाटक इस समय भारत में सबसे बड़ा आईटी हब बना हुआ है। उन्होंने बताया कि उनके सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रहते हुए कर्नाटक में मोबाईल उत्पादन कारखाना में भारत सरकार के प्रयासों से खुला था। कर्नाटक भारत का गौरवशाली राज्य है और बेंगलुरू प्रौद्योगिकी, विज्ञान और चिप निर्माण में अव्वल है। इसके बावजूद डीके सुरेश के भाजपा पर कर्नाटक की उपेक्षा करने का आरोप लगाना पूरी तरह से बेबुनियाद है।

 

श्री रविशंकर प्रसाद ने भाजपा पर लगाए जा रहे कर्नाटक की उपेक्षा करने के आरोपों पर जवाब देते हुए कुछ साक्ष्य प्रस्तुत किए। उन्होंने आंकड़े प्रस्तुत करते हुए कहा कि यूपीए 2 के दौरान 2009-14 के बीच कर्नाटक को मात्र ₹53,396 करोड़ कर हस्तांतरण किया गया था जबकि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल के दौरान 2014-19 के बीच ये राशि ₹1.35 लाख को पार चुकी थी। इसके अलावा वर्षगत आंकड़े देते हुए श्री प्रसाद ने बताया कि 2019-20 में 30,919 करोड़ रुपए, 2020-21 में लगभग 24,273 करोड़ रुपए और उसके बाद 2022-23 में लगभग 30 हजार करोड़ रुपए का कर केन्द्र सरकार की ओर से कर्नाटक को हस्तांतरित किए गए हैं। इसके अलावा केन्द्र सरकार की ओर से कर्नाटक की दी गई मदद राशि भी बढ़ी है। ये आंकड़े साफ दर्शा रहे हैं कि केन्द्र सरकार पर लगाए जा रहे कर्नाटक की उपेक्षा करने के आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद और झूठे हैं। श्री प्रसाद ने जोर देते हुए कहा कि इन सभी आंकड़ों से इतर सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण ये है कि कांग्रेस सांसद ने न सिर्फ संसद की गरिमा को भंग किया है साथ ही देश की संप्रुभता और एकता को तोड़़ने वाला बयान दिया है। लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस के नेताओं ने अब तक बयान के लिए माफी नहीं मांगी है।

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