Salient points of press conference of Senior BJP Leader Shri Ravi Shankar Prasad


द्वारा श्री रविशंकर प्रसाद -
07-03-2023
Press Release

भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री रवि शंकर प्रसाद की प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु

 

क्या कांग्रेस नेत्री सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे कांग्रेस पार्टी के युवराज राहुल गांधी द्वारा लन्दन में दिए गए भारत विरोधी बयान का समर्थन करते हैं? यदि नहीं करते हैं, तो उनके बयान की निंदा करें और देश को यह भी बताएं कि राहुल गाँधी पर क्या कार्रवाई की जा रही है? अन्यथा यह स्पष्ट हो जाएगा कि कांग्रेस पार्टी भी राहुल गांधी के बयान के समर्थन में खड़ी है।

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जब राहुल गाँधी भारत को अपमान करने के लिए ब्रिटिश संसद का दुरुपयोग कर रहे थे, तब ब्रिटेन के संसद सदस्यों का भी अधिकार बनता था कि वे राहुल गांधी से यह सवाल पूछते कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में भारत दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थशक्ति बना है या नहीं? यह भी कि मोदी आज सबसे लोकप्रिय नेता है या नहीं हैं?

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भारत में लोकतंत्र बचाने के लिए यूरोप और अमेरिका को हस्ताक्षेप करना चाहिए, क्या यह राहुल गांधी के शब्द हैं? क्या वे राहुल जी के इस बयान का समर्थन करते है? राहुल गांधी ने विदेश जाकर भारत को शर्मसार करने की कोशिश की है, जब उन्होंने कहा कि भारत के आंतरिक मामलों में यूरोप और अमेरिका को हस्तक्षेप करना चाहिए।

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भारतीय जनता पार्टी भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने के लिए किसी भी विदेशी ताकत का मुखर विरोधी रही है। सरकार किसी की भी हो, हम किसी भी विदेशी ताकत के भारत में आंतरिक हस्तक्षेप के विरोधी रहे हैं। भारत में सर्वसम्मति रही है कि किसी भी विदेशी ताकतों को देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने नहीं देंगे।

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भारत की जनता को अपने लोकतंत्र पर गर्व है और जिनको अपनी क्षमता पर गर्व है, वह किसी को भी बदल सकता है। राहुल गांधी का बयान बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। भारतीय जनता पार्टी इसकी भर्त्सना करती है। राहुल गांधी विदेश जाते ही राजनीति की सारी मर्यादा, शालीनता, परंपरा और लोकतांत्रिक शर्म भूल जाते हैं।

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राहुल गांधी अपनी भारत जोड़ो यात्रा में पूरा देश घुमकर आए और हर जगह बोले। यात्रा के दौरान वे अपशब्द बोले और गाली भी दिए। अभी हाल ही में, लोकसभा में बजट सत्र के दौरान राहुल गांधी ने एक लंबा भाषण दिया और प्रधानमंत्री को लेकर भद्दी टिप्पणियां कीं। फिर भी, लन्दन में जाकर बयान देते हैं कि भारत में उन्हें बोलने नहीं दिया जाता है।

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नॉर्थ ईस्ट में, जो कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था, राहुल गांधी प्रचार करने गए लेकिन कांग्रेस को वहां जीरो बटा जीरो मिला। अब देश की जनता उनकी बातें न सुनती है और ना ही समझती है, उनको समर्थन करना तो दूर की बात है। अब राहुल गांधी विदेश में जाकर विलाप करते हैं कि भारत का लोकतंत्र खतरे में है। यह बेहद शर्मिंदगी भरी बात है।

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राहुल विदेशों में जाकर इसलिए विलाप करते हैं क्योंकि देश की जनता ना उन्हें सुनती है और ना समझती है। देश में राहुल गांधी को बार-बार हार का सामना करना पड़ रह है, तो क्या वे विदेश जाकर झूठी बातों का प्रचार करेंगे? भारतीय जनता पार्टी राहुल गांधी के बयान की कड़ी भर्त्सना करती है।

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राहुल गांधी ने भारतीय लोकतंत्र, भारतीय संसद, भारतीय जनता, भारतीय राजनीतिक व्यवस्था, भारतीय न्यायिक व्यवस्था और सामरिक सुरक्षा सहित सभी का अपमान किया है। ऐसा लगता है कि राहुल गांधी माओवादी, हिंसा और अराजक विचारधारा के प्रभाव में हैं। अन्यथा कोई व्यक्ति ऐसा नहीं बोल सकता है।

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राहुल गांधी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तुलना मुस्लिम बद्ररहूड से करते हैं, इससे ज्यादा शर्मनाक बात और क्या हो सकती है। राहुल गांधी का यह बयान अत्यंत निदंनीय है। क्या राहुल गांधी संघ का पूरा नाम भी जानते हैं? संघ के संस्थापक के नाम भी जानते हैं क्या?

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एक राष्ट्रवादी संघ हैं। आरएसएस 1925 से राष्ट्र सेवा, राष्ट्रभक्ति, राष्ट्र संकल्प और राष्ट्र समर्पण में अपना बहुत बड़ा योगदान देते आ रही है। संघ ने कोरोना में लोगों की कैसी सेवा की, आपको नहीं दिखा?

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हमे गर्व है कि हम संघ के स्वयंसेवक हैं। आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से प्रभावित एवं प्रेरित हजारो लोग देश में इस दिशा में काम कर रहे हैं। आरएसएस के कामों को राहुल गांधी ने देखा है क्या? आरएसएस ने नार्थ ईस्ट में सामाजिक समरसता का काम किया है, क्या राहुल गांधी ने उसे कभी देखा है?

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राहुल गाँधी को याद दिलाने की आवश्यकता है कि 1962 में भारत चीन युद्ध के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित नेहरु ने गणतंत्र दिवस की पैरेड में आरएसएस को आमंत्रित किया था। जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रेम और राष्ट्रभक्ति का पाठ पढ़ाती है, उस संघ के बारे में राहुल गांधी बेबुनियाद और ऐसी हल्की बातें करते हैं?

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आरएसएस की विचारधारा और प्रभाव पूरे देश के अंदर है. जबकि राहुल जी, आपकी कांग्रेस पार्टी सिमटकर कहां पहुंच गयी और 2024 में कांग्रेस पार्टी और कितनी सिमटने वाली है, इस पर चिंता करें की आवश्यकता है।

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राहुल गांधी चीन को सद्भावना का सर्टिफिकेट दे रहे हैं और सवाल भारत से पूछ रहे हैं। राहुल गांधी जी यह सवाल आपको अपने परिवार से पूछना चाहिए। जब आपके परनाना पंडित नेहरु देश के प्रधानमंत्री थे, तब 1962 युद्ध में क्या हुआ था?

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अब इतिहास में सारी बातें आ गयी हैं कि भारतीय सैनिक उस समय कपड़े के जूते में युद्ध लड़ते थे। उनके पास बुलेट प्रूफ जैकेट तक नहीं थे, अच्छी बंदूकें उनके पास नहीं थी।

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राहुल गांधी को कांग्रेस पार्टी का उस आधिकारिक स्टैंड के बारे में यह जानना चाहिए कि यूपीए II काल के तत्कालीन रक्षा मंत्री एके एंटोनी ने लोकसभा में कहा था कि देश  के सीमावर्ती क्षेत्रों में आधारभूत संरचना को विकसित कर चीन को नाराज नहीं करना चाहते हैं। कांग्रेस पार्टी की यह विदेश नीति थी।

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2014 में केंद्र में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बनने वाली सरकार ने लद्दाख से लेकर नार्थ ईस्ट तक सड़कें, पुल आदि आधारभूत संरचना को विकसित कर सेना का मनोबल बढ़ाया। इसे कहते हैं देश का स्वाभिमान और सामारिक सुरक्षा।

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राहुल गांधी देश के स्वाभिमान एवं देश की सामारिक सुरक्षा के बारे में कितना समझते-जानते हैं, यह बहस का अलग विषय है। भारतीय जनता पार्टी राहुल गांधी द्वारा चीन को लेकर की गयी सभी टिप्पणियों की भर्त्सना करती है। राहुल गांधी जी विदेश की धरती पर भारत को बदनाम करना बंद करें।

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बिहार में सीबीआई की छापेमारी और पूछताछ पर राष्ट्रीय जनता दल, जदयू सब के सब चिल्ला रहे हैं और कह रहे हैं कि सीबीआई का दुरुपयोग हो रहा है। सीबीआई द्वारा जांच की जा रही है, जांच होने के बाद सब खुलासा हो जाएगा। इस पर राजनीतिक दलों द्वारा इतना हायतौबा क्यों मचाया जा रहा है?

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कांग्रेस के कार्यकाल में लालू प्रसाद के खिलाफ चारा घोटाले को लेकर पीआईएल हुआ था। एक पीआईएल में सुषील कुमार मोदी और मैं याचिकाकर्ता थे। दूसरे पीआईएल में जदयू के वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ़ ललन सिंह थे। उस वक्त नीतीश कुमार समता पार्टी के नेता थे। लालू प्रसाद को चार घोटाले के चार मामलों में सजा हुई और कुछ केस में अपील अभी पेडिंग है। उस समय यह कहा गया कि भाजपा वाले झूठा बेबुनियाद काम कर रहे हैं।

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लालू प्रसाद जब यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे, तो रेलवे के दो बड़े होटल एक कंपनी को बेचे गए थे या नहीं? इन दो होटलों में एक होटल रांची में और दूसरा भुवनेश्वर में था। उस कंपनी ने नई नई कंपनी बनाकर पटना में अपनी बहुत बड़ी जमीन का भुभाग दिया या नहीं, जहां बिहार का सबसे बड़ा मॉल बन रहा था? क्या यह सच्चाई है या नहीं है?

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इतने पर भी संतोष नहीं हुआ, तो लालू प्रसाद अपने परिवार के हित के लिए स्पेशल स्कीम लेकर आये- जमीन दो नौकरी लो। लालू प्रसाद ने जितने को नौकरी दी उनमें से अधिकांश उन्हीं के समाज के थे, किन्तु स्पष्ट कर दिया गया था कि नौकरी तभी मिलेगी, जब जमीन गिफ्ट करोगे। लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों को 4.5 करोड़ रुपये की जमीन महज कुछ लाख रुपये में दे दी गयी।

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लालू-राबड़ी जी की सरकार में अलकातरा घोटाला हुआ था. उसमें भी भ्रष्टाचारियों को सजा मिली। उनके मंत्री और उनके अधिकारी जेल गए। चारा घोटाले में भी सजा हुई।

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रेलवे घोटाले में चार्जशीट फाइल कर दी गयी है और लालू यादव के परिवार के सदस्यों से पूछताछ हो रही है। जमीन के बदले नौकरी में चार्जशीट फाइल कर दी गयी है। जिन मामलों में सजा सुनाई गयी है, उन मामलों में लालू यादव समेत परिवार के सदस्यों को बरी नहीं किया गया है।

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सवाल नीतीश कुमार जी से भी है, जो प्रधानमंत्री बनने के लिए इतने आतुर हैं कि मर्यादा की सारी सीमाएं पार कर गए हैं। 2017 में नीतीश कुमार ने लालू यादव का साथ इसलिए छोड़ा था कि इन्हीं घोटालों का जवाब नहीं मिल रहा था, लेकिन आज सत्ता के लालच में इसी की जांच का विरोध कर रहे हैं. आज जब इन घोटालो पर चार्जशीट फाइल हो गयी है और जांच चल रही है, तो हायतौबा क्यों?

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नीतीश बाबू को सुशासन बाबू कहलवाना बंद कर देना चाहिए जो अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए भ्रष्टाचार के आरोपियों के पक्ष में खड़े हैं। बिहार की जनता नीतीश बाबू को इसका जवाब देगी।

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तेजस्वी यादव और मीसा भारती इतने कम उम्र में इतनी बड़ी संपत्ति के मालिक कैसे बन गए, यह आम व्यक्ति की सोच का विषय है। सवाल है कि उनके पास इतनी बड़ी संपत्ति आई तो कहां से आई? राजद और जदयू द्वारा भाजपा पर जो आरोप लगाए जा रहे हैं, वे सभी बेबुनियाद है।

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भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री रवि शंकर प्रसाद ने आज पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता को सम्बोधित किया और कांग्रेस पार्टी के युवराज राहुल गांधी द्वारा लन्दन में दिए गए भारत विरोधी बयान पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेत्री सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे से सवाल पूछे कि क्या वे राहुल गाँधी के भारत विरोधी बयान का समर्थन करते हैं? यदि नहीं करते हैं, तो उनके बयान की निंदा करें और देश को यह भी बताएं कि राहुल गाँधी पर क्या कार्रवाई की जा रही है? अन्यथा यह स्पष्ट हो जाएगा कि कांग्रेस पार्टी भी राहुल गांधी के बयान के समर्थन में खड़ी है। सोनिया गांधी जी, क्या आप अपने सुयोग्य पुत्र की उक्त टिप्पणी का समर्थन करती हैं?

 

राहुल गाँधी पर देश की जनता को शर्मसार करने का आरोप लगाते हुए श्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि जब राहुल गाँधी भारत को अपमान करने के लिए ब्रिटिश संसद का दुरुपयोग कर रहे थे, तब ब्रिटेन के संसद सदस्यों का भी अधिकार बनता था कि वे राहुल गांधी से यह सवाल पूछते कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में भारत दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थशक्ति बना है या नहीं? यह भी कि मोदी आज सबसे लोकप्रिय नेता है या नहीं हैं?

 

भाजपा के वरिष्ठ नेता ने सोनिया गांधी, कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे को आड़े हाथों लेते हुए पूछा कि भारत में लोकतंत्र बचाने के लिए यूरोप और अमेरिका को हस्ताक्षेप करना चाहिए, क्या यह राहुल गांधी के शब्द हैं? क्या वे राहुल जी के इस बयान का समर्थन करते है? राहुल गांधी ने विदेश जाकर भारत को शर्मसार करने की कोशिश की है, जब उन्होंने कहा कि भारत के आंतरिक मामलों में यूरोप और अमेरिका को हस्तक्षेप करना चाहिए। भारतीय जनता पार्टी भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने के लिए किसी भी विदेशी ताकत का मुखर विरोधी रही है। सरकार किसी की भी हो, हम किसी भी विदेशी ताकत के भारत में आंतरिक हस्तक्षेप के विरोधी रहे हैं। भारत में सर्वसम्मति रही है कि किसी भी विदेशी ताकतों को देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने नहीं देंगे।

 

पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि भारत की जनता को अपने लोकतंत्र पर गर्व है और जिनको अपनी क्षमता पर गर्व है, वह किसी को भी बदल सकता है। राहुल गांधी का बयान बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। भारतीय जनता पार्टी इसकी भर्त्सना करती है। राहुल गांधी विदेश जाते ही राजनीति की सारी मर्यादा, शालीनता, परंपरा और लोकतांत्रिक शर्म भूल जाते हैं।

 

राहुल गांधी अपनी भारत जोड़ो यात्रा में पूरा देश घुमकर आए और हर जगह बोले। यात्रा के दौरान वे अपशब्द बोले और गाली भी दिए। अभी हाल ही में, लोकसभा में बजट सत्र के दौरान राहुल गांधी ने एक लंबा भाषण दिया और प्रधानमंत्री को लेकर भद्दी टिप्पणियां कीं। फिर भी, लन्दन में जाकर बयान देते हैं कि भारत में उन्हें बोलने नहीं दिया जाता है।

 

नॉर्थ ईस्ट में, जो कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था, राहुल गांधी प्रचार करने गए लेकिन कांग्रेस को वहां जीरो बटा जीरो मिला। अब देश की जनता उनकी बातें न सुनती है और ना ही समझती है, उनको समर्थन करना तो दूर की बात है। अब राहुल गांधी विदेश में जाकर विलाप करते हैं कि भारत का लोकतंत्र खतरे में है। यह बेहद शर्मिंदगी भरी बात है। राहुल विदेशों में जाकर इसलिए विलाप करते हैं क्योंकि देश की जनता ना उन्हें सुनती है और ना समझती है। देश में राहुल गांधी को बार-बार हार का सामना करना पड़ रह है, तो क्या वे विदेश जाकर झूठी बातों का प्रचार करेंगे? भारतीय जनता पार्टी राहुल गांधी के बयान की कड़ी भर्त्सना करती है। राहुल गांधी ने भारतीय लोकतंत्र, भारतीय संसद, भारतीय जनता, भारतीय राजनीतिक व्यवस्था, भारतीय न्यायिक व्यवस्था और सामरिक सुरक्षा सहित सभी का अपमान किया है। ऐसा लगता है कि राहुल गांधी माओवादी, हिंसा और अराजक विचारधारा के प्रभाव में हैं। अन्यथा कोई व्यक्ति ऐसा नहीं बोल सकता है।

 

श्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राहुल गांधी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तुलना मुस्लिम बद्ररहूड से करते हैं, इससे ज्यादा शर्मनाक बात और क्या हो सकती है। राहुल गांधी का यह बयान अत्यंत निदंनीय है। क्या राहुल गांधी संघ का पूरा नाम भी जानते हैं? संघ के संस्थापक के नाम भी जानते हैं क्या? उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एक राष्ट्रवादी संघ हैं। आरएसएस 1925 से राष्ट्र सेवा, राष्ट्रभक्ति, राष्ट्र संकल्प और राष्ट्र समर्पण में अपना बहुत बड़ा योगदान देते आ रही है । संघ ने कोरोना में लोगों की कैसी सेवा की, आपको नहीं दिखा? हमे गर्व है कि हम संघ के स्वयंसेवक हैं। आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से प्रभावित एवं प्रेरित हजारो लोग देश में इस दिशा में काम कर रहे हैं। आरएसएस के कामों को राहुल गांधी ने देखा है क्या? आरएसएस ने नार्थ ईस्ट में सामाजिक समरसता का काम किया है, क्या राहुल गांधी ने उसे कभी देखा है? 

 

श्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की आलोचना राहुल गांधी के परनाना जी पंडित जवाहरलाल नेहरू करते थे। राहुल गांधी जी आपकी दादी जी इंदिरा गांधी और आपके पिता जी राजीव गांधी भी आरएसएस की आलोचना करते थे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कहां से कहां पहुंच गया, ये शायद राहुल जी को पता नहीं। राहुल गाँधी को याद दिलाने की आवश्यकता है कि 1962 में भारत चीन युद्ध के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित नेहरु ने गणतंत्र दिवस की पैरेड में आरएसएस को आमंत्रित किया था। जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रेम और राष्ट्रभक्ति का पाठ पढ़ाती है, उस संघ के बारे में राहुल गांधी बेबुनियाद और ऐसी हल्की बातें करते हैं? आरएसएस की विचारधारा और प्रभाव पूरे देश के अंदर है. जबकि राहुल जी, आपकी कांग्रेस पार्टी सिमटकर कहां पहुंच गयी और 2024 में कांग्रेस पार्टी और कितनी सिमटने वाली है, इस पर चिंता करें की आवश्यकता है।

 

राहुल गांधी चीन को सद्भावना का सर्टिफिकेट दे रहे हैं और सवाल भारत से पूछ रहे हैं। राहुल गांधी जी यह सवाल आपको अपने परिवार से पूछना चाहिए। जब आपके परनाना पंडित नेहरु देश के प्रधानमंत्री थे, तब 1962 युद्ध में क्या हुआ था? अब इतिहास में सारी बातें आ गयी हैं कि भारतीय सैनिक उस समय कपड़े के जूते में युद्ध लड़ते थे। उनके पास बुलेट प्रूफ जैकेट तक नहीं थे, अच्छी बंदूकें उनके पास नहीं थी। राहुल गांधी को कांग्रेस पार्टी का उस आधिकारिक स्टैंड के बारे में यह जानना चाहिए कि यूपीए II काल के तत्कालीन रक्षा मंत्री एके एंटोनी ने लोकसभा में कहा था कि देश  के सीमावर्ती क्षेत्रों में आधारभूत संरचना को विकसित कर चीन को नाराज नहीं करना चाहते हैं। कांग्रेस पार्टी की यह विदेश नीति थी।

 

2014 में केंद्र में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बनने वाली सरकार ने लद्दाख से लेकर नार्थ ईस्ट तक सड़कें, पुल आदि आधारभूत संरचना को विकसित कर सेना का मनोबल बढ़ाया। इसे कहते हैं देश का स्वाभिमान और सामारिक सुरक्षा। राहुल गांधी देश के स्वाभिमान एवं देश की सामारिक सुरक्षा के बारे में कितना समझते-जानते हैं, यह बहस का अलग विषय है। भारतीय जनता पार्टी राहुल गांधी द्वारा चीन को लेकर की गयी सभी टिप्पणियों की भर्त्सना करती है। राहुल गांधी जी विदेश की धरती पर भारत को बदनाम करना बंद करें।

 

भाजपा के वरिष्ठ नेता ने बिहार में सीबीआई की छापेमारी और पूछताछ पर कहा कि राष्ट्रीय जनता दल, जदयू सब के सब चिल्ला रहे हैं और कह रहे हैं कि सीबीआई का दुरुपयोग हो रहा है। रविशंकर प्रसाद ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस के कार्यकाल में लालू प्रसाद के खिलाफ चारा घोटाले को लेकर पीआईएल हुआ था। एक पीआईएल में सुषील कुमार मोदी और मैं याचिकाकर्ता थे। दूसरे पीआईएल में जदयू के वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ़ ललन सिंह थे। उस वक्त नीतीश कुमार समता पार्टी के नेता थे। लालू प्रसाद को चार घोटाले के चार मामलों में सजा हुई और कुछ केस में अपील अभी पेडिंग है। उस समय यह कहा गया कि भाजपा वाले झूठा बेबुनियाद काम कर रहे हैं।

 

रवि शंकर प्रसाद ने आरजेडी और जदयू पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि लालू प्रसाद जब यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे, तो रेलवे के दो बड़े होटल एक कंपनी को बेचे गए थे या नहीं? इन दो होटलों में एक होटल रांची में और दूसरा भुवनेश्वर में था। उस कंपनी ने नई नई कंपनी बनाकर पटना में अपनी बहुत बड़ी जमीन का भुभाग दिया या नहीं, जहां बिहार का सबसे बड़ा मॉल बन रहा था? क्या यह सच्चाई है या नहीं है?

 

इतने पर भी संतोष नहीं हुआ, तो लालू प्रसाद अपने परिवार के हित के लिए स्पेशल स्कीम लेकर आये- जमीन दो नौकरी लो। लालू प्रसाद ने जितने को नौकरी दी उनमें से अधिकांश उन्हीं के समाज के थे, किन्तु स्पष्ट कर दिया गया था कि नौकरी तभी मिलेगी, जब जमीन गिफ्ट करोगे। लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों को 4.5 करोड़ रुपये की जमीन महज कुछ लाख रुपये में दे दी गयी। सीबीआई द्वारा जांच की जा रही है, जांच होने के बाद सब खुलासा हो जाएगा। इस पर राजनीतिक दलों द्वारा इतना हायतौबा क्यों मचाया जा रहा है?

 

लालू-राबड़ी जी की सरकार में अलकातरा घोटाला हुआ था. उसमें भी भ्रष्टाचारियों को सजा मिली। उनके मंत्री और उनके अधिकारी जेल गए। चारा घोटाले में भी सजा हुई। रेलवे घोटाले में चार्जशीट फाइल कर दी गयी है और लालू यादव के परिवार के सदस्यों से पूछताछ हो रही है। जमीन के बदले नौकरी में चार्जशीट फाइल कर दी गयी है। जिन मामलों में सजा सुनाई गयी है, उन मामलों में लालू यादव समेत परिवार के सदस्यों को बरी नहीं किया गया है।

 

सवाल नीतीश कुमार जी से भी है, जो प्रधानमंत्री बनने के लिए इतने आतुर हैं कि मर्यादा की सारी सीमाएं पार कर गए हैं। 2017 में नीतीश कुमार ने लालू यादव का साथ इसलिए छोड़ा था कि इन्हीं घोटालों का जवाब नहीं मिल रहा था, लेकिन आज सत्ता के लालच में इसी की जांच का विरोध कर रहे हैं. भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों का जवाब मिलना चाहिए या नहीं? आज जब इन घोटालो पर चार्जशीट फाइल हो गयी है और जांच चल रही है, तो हायतौबा क्यों?

 

नीतीश बाबू को सुशासन बाबू कहलवाना बंद कर देना चाहिए जो अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए भ्रष्टाचार के आरोपियों के पक्ष में खड़े हैं। बिहार की जनता नीतीश बाबू को इसका जवाब देगी। तेजस्वी यादव और मीसा भारती इतने कम उम्र में इतनी बड़ी संपत्ति के मालिक कैसे बन गए, यह आम व्यक्ति की सोच का विषय है। सवाल है कि उनके पास इतनी बड़ी संपत्ति आई तो कहां से आई? राजद और जदयू द्वारा भाजपा पर जो आरोप लगाए जा रहे हैं, वे सभी बेबुनियाद है।

 

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