Salient points of the press conference of senior BJP Leader & Union Minister Shri Dharmendra Pradhan


द्वारा श्री धर्मेंद्र प्रधान -
04-09-2023
Press Release

 

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान की प्रेसवार्ता के मुख्यबिन्दु

 

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की नीति स्पष्ट है कि सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मूलमंत्र पर काम करना है।

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व मे गरीबों को घर मिला तो किसी की जाति-धर्म नहीं देखा गयी। भाजपा ने महिलाओं का सम्मान बढ़ाया और इज्जतघर दिया तो किसी जाति या धर्म के आधार पर नहीं।

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मोहब्बत की दुकान चलाने वाले, नफ़रत की पुड़िया बाँट रहे हैं। कांग्रेस पार्टी सनातन धर्म विरोधी बयान के खंडन करने के बजाए उसे महिमामंडित कर रही है।

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क्या हिन्दुत्व को गाली देना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है? क्या भारत के बहुसंख्यक समाज को आहत करना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की परिभाषा है? कांग्रेस पार्टी और घमंडिया गठबंधन सनातन धर्म विरोधी बयान पर अपना स्टैंड स्पष्ट करें।

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आईएनडीआईए यानी घमंडिया गठबंधन में नेता तो तय नहीं हो सका, लेकिन नीति  बनायी गयी कि सनातन धर्म को नीचा दिखाना है। उसके बाद भारत के मूल धर्म हिन्दू धर्म को गाली देना और अपमानित करने की प्रतिस्पर्द्धा शुरू हो गयी।

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कांग्रेस पार्टी से सवाल है कि सनातन धर्म, हिन्दू धर्म को गाली देना कांग्रेस पार्टी की नीति बन गयी है क्या?

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देश  में सभी जाति एवं धर्म के लोग एकजुट होकर कल्याणकारी व्यवस्था के साथ खड़े हैं तो परिवारवादी-वंशवादी नेताओं को पच नहीं रहा है। उदयनिधि ने एक बार फिर से वही पुरानी स्टोरी लाइन को लाने की कोशिश की है।

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भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज केंद्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में आईएनडीआईए यानी घमंडिया गठबंधन के घटक दल ‘डीएमके’ के नेता एवं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और मंत्री उदयनिधि के सनातन धर्म विरोधी बयान की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि मोहब्बत की दुकान चलाने वाले, नफ़रत की पुड़िया बांट रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी सनातन धर्म विरोधी बयान के खंडन करने के बजाए उसे महिमामंडित कर रही है।

 

कांग्रेस एवं घमंडिया गठबंधन को कठघरे में खड़ा करते हुए श्री प्रधान ने कहा कि ऐसी बयानबाजी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर नहीं चल सकती है। यह भी नहीं कहा जा सकता है कि किसी ने इस प्रकार का बयान दिया है तो यह उसकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है। क्या हिन्दुत्व को गाली देना आपकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है? क्या भारत के बहुसंख्यक समाज को आहत करना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की परिभाषा है? कांग्रेस पार्टी और घमंडिया गठबंधन सनातन धर्म विरोधी बयान पर अपन स्टैंड स्पष्ट करें।

 

आईएनडीआईए यानी घमंडिया गठबंधन पर स्तरहीन राजनीति करने का आरोप लगाते हुए श्री प्रधान ने कहा कि कुछ दिन पहले ही मुम्बई में आईएनडीएआईए यानी घमंडिया गठबंधन की बैठक हुई। वे लोग उस बैठक में नेता तो तय नहीं कर सके, लेकिन नीति जरूर बना ली। घमंडिया गठबंधन ने नीति बनायी कि सनातन धर्म को नीचा दिखाना है। उसके बाद भारत के मूल धर्म सनातन धर्म को गाली देना और अपमानित करने की प्रतिस्पर्द्धा शुरू हो गयी। कभी उदयनिध तो कभी पूर्व वित्त मंत्री के बेटे कार्तिक चिदाम्बरम, कभी कांग्रेस नेता एवं कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे तो कभी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शिक्षा मंत्री, कभी युवराज अखिलेश यादव के प्रमुख नेता स्वामी प्रसाद मौर्या जी तो कभी अरविंद केजरीवाल जी के नेता राजेंद्र गौतम, सनातन धर्म विरोधी बयान दे रहे हैं। यह सब एक रणनीति के तहत अलग-अलग समय में बयान दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के प्रमुख नेता केसी वेणुगोपाल जी ने तो सारी हदें पार कर दी हैं और उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी सर्वधर्म समभाव रखती है और कांग्रेस पार्टी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर विश्वास करती है।

 

कांग्रेस पर सनातन धर्म विरोधी अभियान चलाने का आरोप लगाते हुए श्री प्रधान ने कहा कि ये लोग विदेश  में जाकर हिन्दुत्व को डिस्मेंटल करने की वर्कशॉप करने की बात करते थे और आज तमिलनाडु में उसकी पुनरावृति होते दिख रही है। घमंडिया गठबंधन के घटक दल के नेता द्वारा तमिलनाडु में दिया गया बयान कोई अचानक बोलने के क्रम में नहीं आया है बल्कि एक सेमिनार में सोच समझकर दिया गया वक्तव्य है।

 

भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस पार्टी और घमंडिया गठबंधन के घटक दलों से सवाल पूछा और देश  की जनता को जवाब देने की मांग की-:

 

·        कांग्रेस नेता राहुल गांधी सनातन धर्म विरोध बयान पर अभी तक चुप क्यों हैं, जबकि वे जनेउ धारण करने वाले हिन्दु हैं और कभी कभी तिलक भी लगाते हैं? हम लोगों ने तब ही कहा था कि यह एक नाटक है, जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है वैसे वैसे उनका नाटक स्पष्ट हो रहा है।

 

·        पिछले तीन दिनों से तमिलनाडु से भारत की अस्मिता, मूल विचारधारा और भारतीयता पर आक्रमण हो रहा है। इस विषय पर राहुल गांधी सामने आकर बयान क्यों नहीं देते हैं, जबकि वे छोटे छोटे मुद्दों पर सामने आकर अपना वक्तव्य देते हैं? 

 

·        काशी-तमिल संगमम से यह स्पष्ट हुआ कि तमिल सर्व समाज की आस्था काशी से जुड़ी हुई है। उदयनिधि का बयान तामिलनाडु का नहीं है, वे राजनीतिक स्वार्थ के लिए इस तरह का बयान दे रहे हैं। इस मामले में राहुल गांधी चुप हैं, क्यों?

 

·        आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल सनातन धर्म विरोधी बयान पर चुप क्यों हैं? जदयू के सुप्रीमो नीतीश कुमार क्यों चुप हैं? सनातन धर्म विरोधी बयान पर राजद के प्रमुख नेता तेजस्वी यादव चुप क्यों हैं, जबकि उनके भाई तेजप्रताप तो वंशी लेकर घूमते हैं?

 

·        टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी इस तरह के बयान पर चुप क्यों हैं, जबकि ममता बनर्जी बड़े मन से दुर्गा पूजा करती हैं, भले ही टीका नहीं लगाए? समाजवादी के सुप्रीमो अखिलेश यादव सनातन विरोधी बयान पर चुप क्यों है?

 

·        एनसीपी के प्रमुख शरद पवार जी जिस शहर में रहते हैं, वह गणपति उत्सव के लिए विख्यात है। शरद पवार जी यानी शरद राव जी के प्रति मेरी भी व्यक्तिगत श्रद्धा है, क्योंकि वे बड़े हैं, किन्तु वे सनातन विरोधी बयान पर चुप क्यों हैं?

 

भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस पार्टी से सवाल पूछा कि सनातन धर्म, हिन्दू धर्म को गाली देना कांग्रेस पार्टी की नीति बन गयी है क्या? जबकि भारत में जन्में सभी पंथ संप्रदाय, उपासना पद्धति और सभी मतों को देखा जाए तो वे सनातन के ही अंश है।

 

श्री प्रधान ने कहा कि घमंडिया गठबंधन के नेताओं को सियासत ने इतना मजबूर कर दिया है कि भारत की आत्मा के विरोधी हो गए हैं। लोकसभा के ध्येय वाक्य में लिखा है "धर्म चक्र प्रवर्तनाय:", अर्थात धर्म चक्र चलता रहे। सुप्रीम कोर्ट के ध्येय वाक्य में लिखा है कि “यतो धर्मः ततो जयः यानी जहां धर्म है वहीं जय है। यह सब सनातन के विचार को दर्शाता है, दूसरी ओर कांग्रेस सहित घमंडिया गठबंधन को संविधान पर विश्वास नहीं है और ना ही न्यायपालिका पर। हिन्दुत्व का वर्णन करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हिन्दुत्व सिर्फ एक उपासना पद्धति नहीं है, बल्कि एक जीवनचर्या है, जीवनशैली है और एक जीवन प्रवाह है।

 

गांधी परिवार को 2014 एवं 2019 की हेट स्पीच की याद दिलाते हुए श्री प्रधान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी स्पष्टता के साथ कहा था कि नेता समाज में तनाव पैदा करने के लिए कोई भी काम नहीं करें। कांग्रेस ही 2014 से पहले 2011, 2012 और 2013 में भगवा आतंकवाद का शब्द लायी। किसी ने गुलाबी आतंकवाद नहीं कहा, ना ही ब्लू आतंकवाद या मैजेंटा आतंकवाद कहा। कांग्रेस ने क्यों कहा था भगवा आतंकवाद? क्योंकि उस समय कांग्रेस के पैरों की जमीन खिसक चुकी थी। इसलिए समाज में तनाव और विद्वेष बढ़ाने के लिए जानबूझकर एक नैरेटीव सेट किया था। उन्होंने कहा कि एकतरफ कांग्रेस सहित घमंडिया गठबंधन के नेता प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी से ईष्या करते हैं और दूसरी ओर गले मिलने का नाटक करते हैं। सच्चाई है कि देश  में सभी जाति एवं धर्म के लोग एकजुट होकर कल्याणकारी व्यवस्था के साथ खड़े हैं, जो परिवारवादी-वंशवादी नेताओं को पच नहीं रहा है। उदयनिधि ने एक बार फिर से वही पुरानी स्टोरी लाइन लाने की कोशिश की है।

 

श्री प्रधान ने कहा कि ये लोग मोहब्बत की दुकान के नाम पर नफरत की दुकान चलाने वाले लोग हैं। घमंडिया गठबंधन के नेता अंग्रेजों की ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति को लेकर चल रहे हैं।  इस नीति के तहत ये लोग समाज में विद्वेष पैदा करना चाहते हैं और एक तबके में भय पैदा करके उन्हें अपने पक्ष में करना चाहते हैं ताकि उन्हें सत्ता मिल जाए। उन्होंने कहा कि घमंडिया गठबंधन सनातन धर्म की एकता से डर गया है। राजकुमारों के समूहों और वंशवादियों के पास कोई तर्क और विजन नहीं है।

 

राहुल गांधी की तथाकथित भारत जोडो यात्रा में टुकड़े टुकड़े गैंग के लोगों के शामिल होने पर सवालिया निशान लगाते हुए श्री प्रधान ने पूछा कि राहुल गांधी के साथ तथाकथित भारत जोड़ो यात्रा में कौन कौन लोग शामिल थे और वे लोग लोग एक फिर से सक्रिय हो गए हैं? उन्होंने कहा कि राजनीति इतनी ओछी नहीं होनी चाहिए कि मोहब्बत की दुकान चलाने के नाम पर नफरत की पुड़िया लेकर घुमा जाए।

 

श्री प्रधान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की नीति स्पष्ट है कि “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” के मूलमंत्र पर काम करना है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व मे गरीबों को घर मिला तो किसी की जाति-धर्म को नहीं देखा गया। भाजपा ने महिलाओं का सम्मान बढ़ाया और इज्जत घर दिया तो किसी जाति या धर्म के आधार पर नहीं। वैश्विक  महामारी कोरोना काल में 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज दिया गया और जनधन एकाउंट से सीधा पैसा दिया गया, तो जात-धर्म नहीं देखा गया। भारतीय जनता पाटी के एजेंडे में जनता की सुख-समृद्धि और देश  का विकास है, जबकि घमंडिया गठबंधन के एजेंडे में नफरत, शंका, विद्वेष, बांटो और राज करो की नीति है।

 

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