Salient points of Press Conference of Senior BJP leader & Union Minister, Shri Ravi Shankar Prasad


23-11-2019
Press Release

 

 

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री श्री रवि शंकर प्रसाद की प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु

 

महाराष्ट्र विधान सभा चुनाव में जनादेश भारतीय जनता पार्टी और शिव सेना गठबंधन को मिला था। भारतीय जनता पार्टी गठबंधन में बड़ी पार्टी थी और मुख्यमंत्री पद का भी जनादेश हमारे श्री देवेन्द्र फड़णवीस जी को मिला था। श्री देवेन्द्र फड़णवीस के नेतृत्व में नया गठबंधन महाराष्ट्र में एक स्थायी और प्रमाणिक सरकार देगी

****************

महाराष्ट्र की जनता की आकांक्षा, राज्य की जनता के द्वारा भारत को नैतिक विजय दिए जाने के आधार, चुनाव परिणामों में सबसे बड़ी पार्टी और स्थायित्व के आधार पर हम महाराष्ट्र में एक प्रमाणिक, प्रभावी और ईमानदार शासन देंगे, ये हमारा आश्वसान है

****************

2014 के महाराष्ट्र विधान सभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 260 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 28% वोट शेयर प्राप्त करते हुए 47% सीटों पर विजय प्राप्त की थी। 2019 के चुनाव में भाजपा ने केवल 150 सीटों पर चुनाव लड़ा और लगभग 26% वोट शेयर प्राप्त करते हुए 70% सीटों पर विजय प्राप्त की

****************

इस बार पूरे चुनाव प्रचार में मुख्यमंत्री के रूप में श्री देवेन्द्र फड़णवीस जी का ही नाम प्रचारित हुआ था। शिव सेना को जिताने में भी भाजपा समर्थक मतों का बहुत बड़ा अंश था। इसलिए जब भाजपा-शिव सेना महायुति को बहुमत प्राप्त हुआ तो यह श्री देवेन्द्र फड़णवीस की अगुआई में भाजपा की नैतिक और चुनावी विजय दोनों थी

****************

चुनाव परिणाम आने के बाद श्री शरद पवार जी का यह सार्वजनिक बयान है कि हमें विपक्ष में बैठने का जनादेश मिला है, कांग्रेस की भी लगभग यही टिप्पणी रही तो एकाएक विपक्ष में बैठने का जनादेश कुर्सी के लिए मैच फिक्सिंग कैसे हो गया, देश की जनता यह जानना चाहती है

****************

जब शिव सेना स्वार्थ भाव से प्रेरित हो 30 साल की दोस्ती तोड़ दे और घोर विरोधी विचारधारा वाली एनसीपी, कांग्रेस का दामन थाम ले तो यह लोकतंत्र की हत्या नहीं है लेकिन श्री देवेन्द्र फड़णवीस के नेतृत्व में श्री अजित पवार द्वारा एक स्थायी सरकार को सहयोग देने का निर्णय हो तो लोकतंत्र की हत्या? ये क्या बात हुई भला!

****************

कांग्रेस-शिव सेना का गठबंधन वास्तव में चोर दरवाजे से देश के वित्तीय राजधानी पर कब्जा करने की कोशिश थी और यही षड्यंत्र था। मैं एक बात अवश्य कहना चाहूंगा कि महाराष्ट्र की एक-एक जनता सवाल कर रही थी कि हमने आपको जनादेश दिया तो आप सरकार बनाते क्यों नहीं?

****************

जो आदरणीय बाला साहब ठाकरे के आदर्शों को जीवित नहीं रख सके, उनके विषय में हमें कुछ नहीं कहना है। उनका प्रमाणिक कांग्रेस विरोध जगजाहिर है। जो सभी विरासतों को छोड़ देते हैं, वे हमसे सवाल पूछ रहे हैं!

****************

कुछ लोग छत्रपति वीर शिवाजी महाराज की विरासत की बात कर रहे हैं, सत्ता के लिए समझौता करने वाले अपने विचारों से छत्रपति शिवाजी की बात करें तो ही उचित है, इसके आगे मुझे कुछ नहीं कहना है

****************

आदरणीय राज्यपाल जी ने तीनों पार्टियों को बुलाया, भाजपा के पास उस समय संख्या बल नहीं था, शिव सेना और एनसीपी ने कहा - और समय चाहिए। आज इतने दिन हो गए लेकिन शिव सेना सरकार नहीं बना पाई

****************

मैं एक सवाल कांग्रेस, शरद पवार जी और शिव सेना से अवश्य पूछना चाहूंगा कि क्या उनका एक भी आवेदन माननीय राज्यपाल महोदय के पास लंबित था? आदरणीय राज्यपाल महोदय द्वारा बुलाने पर आप दावा पेश करेंगे नहीं, आप लिखित में आवेदन करेंगे नहीं, आप समय पर समय मांगते रहेंगे तो क्या इतना बड़ा प्रदेश बिना किसी स्थायी सरकार के चल सकता है?

****************

पिछले कुछ समय में जिस तरह के स्तरहीन शब्दों और विश्लेषणों का प्रयोग हमारे सर्वोच्च नेता एवं देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं गृह मंत्री श्री अमित शाह जी के खिलाफ किया गया, हमने उसे सहा है, हमने इस पर टिप्पणी भी नहीं की। हम आज भी शिव सेना पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे

****************

 

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री श्री रवि शंकर प्रसाद ने आज पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित किया और महाराष्ट्र में स्तरहीन राजनीति करने के लिए कांग्रेस और शिव सेना पर जम कर प्रहार किया।

 

श्री प्रसाद ने कहा कि महाराष्ट्र विधान सभा चुनाव में जनादेश भारतीय जनता पार्टी और शिव सेना गठबंधन को मिला था लेकिन भारतीय जनता पार्टी गठबंधन में बड़ी पार्टी थी और मुख्यमंत्री पद का भी जनादेश हमारे श्री देवेन्द्र फड़णवीस जी को मिला था। श्री देवेन्द्र फड़णवीस जी की स्वयं एक योग्य और ईमानदार मुख्यमंत्री की छवि थी। उन्होंने पिछले पांच वर्ष में महाराष्ट्र में अपनी छवि के अनुरूप ही एक ईमानदार और भ्रष्टाचार-मुक्त सरकार चलाई जबकि कांग्रेस शासित राजस्थान और मध्य प्रदेश में पिछले कुछ दिनों में क्या हो रहा है, यह पूरे देश की जनता देख रही है।

 

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2014 के महाराष्ट्र विधान सभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 260 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 28% वोट शेयर प्राप्त करते हुए 47% सीटों पर विजय प्राप्त की थी। 2019 के चुनाव में भाजपा ने केवल 150 सीटों पर चुनाव लड़ा और लगभग 26% वोट शेयर प्राप्त करते हुए 70% सीटों पर विजय प्राप्त की। इतना ही नहीं, इस बार पूरे चुनाव अभियान और चुनाव प्रचार में मुख्यमंत्री के रूप में श्री देवेन्द्र फड़णवीस जी का ही नाम प्रचारित हुआ था। शिव सेना को जिताने में भी भाजपा समर्थक मतों का बहुत बड़ा अंश था। इसलिए जब भाजपा-शिव सेना महायुति को प्रमाणिक बहुमत प्राप्त हुआ तो यह श्री देवेन्द्र फड़णवीस की अगुआई में भारतीय जनता पार्टी की नैतिक विजय हुई थी और यह चुनावी विजय भी थी।

 

श्री प्रसाद ने कहा कि चुनाव के नतीजे आने के बाद शिव सेना आखिर किसके इशारे पर इतनी उत्तेजक हो गई, यह बात भी समझना जरूरी है। उन्होंने कहा कि चुनाव परिणाम आने के बाद श्री शरद पवार जी का यह सार्वजनिक बयान है कि हमें विपक्ष में बैठने का जनादेश मिला है, कांग्रेस की भी लगभग यही टिप्पणी रही तो एकाएक विपक्ष में बैठने का जनादेश कुर्सी के लिए मैच फिक्सिंग कैसे हो गया, देश की जनता यह जानना चाहती है।

 

वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाया जा रहा है कि महाराष्ट्र में लोकतंत्र की ह्त्या की जा रही है। मतलब, जब शिव सेना स्वार्थ भाव से प्रेरित होकर अपने 30 साल की दोस्ती तोड़ दे और घोर विरोधी विचारधारा वाली एनसीपी और कांग्रेस का दामन थाम ले तो लोकतंत्र की हत्या नहीं है लेकिन एक स्थायी सरकार के आग्रह पर श्री देवेन्द्र फड़णवीस जी की अगुआई में श्री अजित पवार के साथ एनसीपी का बड़ा तबका आकर सरकार को सहयोग देने का निर्णय करता है तो लोकतंत्र की हत्या? ये क्या बात हुई भला! श्री देवेन्द्र फड़णवीस के नेतृत्व में नया गठबंधन महाराष्ट्र में एक स्थायी और प्रमाणिक सरकार देगी।

 

कांग्रेस-शिव सेना पर हमला करते हुए श्री प्रसाद ने कहा कि महाराष्ट्र देश का एक बड़ा प्रदेश और मुंबई देश की वित्तीय राजधानी भी है। कांग्रेस-शिव सेना का गठबंधन वास्तव में चोर दरवाजे से देश के वित्तीय राजधानी पर कब्जा करने की कोशिश थी और यही षड्यंत्र था। जो आदरणीय बाला साहब ठाकरे के आदर्शों को जीवित नहीं रख सके, उनके विषय में हमें कुछ नहीं कहना है। उनका प्रमाणिक कांग्रेस विरोध जगजाहिर है। उनकी राष्ट्रभक्ति, राष्ट्रवाद, भारत की संस्कृति और संस्कार के प्रति समर्पण प्रमाणिक था और यही कारण है कि भाजपा-शिव सेना साथ आई थी। उन्होंने कहा कि जो सभी विरासतों को छोड़ देते हैं, वे हमसे सवाल पूछ रहे हैं! कुछ लोग छत्रपति वीर शिवाजी महाराज की विरासत की बात कर रहे हैं, सत्ता के लिए समझौता करने वाले अपने विचारों से छत्रपति शिवाजी की बात करें तो ही उचित है, इसके आगे मुझे कुछ नहीं कहना है।

 

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि माननीय राज्यपाल जी के बारे में बहुत टीका-टिप्पणी की जा रही है लेकिन संविधान के छात्र के रूप में एक बात उठाई जाए तो आदरणीय राज्यपाल जी ने तीनों पार्टियों को बुलाया, भाजपा के पास उस समय संख्या बल नहीं था, शिव सेना और एनसीपी ने कहा - और समय चाहिए। आज इतने दिन हो गए लेकिन शिव सेना सरकार नहीं बना पाई। आज सुबह भाजपा और अजित पवार जी के साथ एनसीपी का एक बड़ा तबका जो आया था, उन्होंने राज्यपाल जी के समक्ष आवेदन दिया कि हमारे पास बहुमत है और श्री देवेन्द्र फड़णवीस जी के नेतृत्व में सरकार का गठन हुआ। मैं एक सवाल कांग्रेस, शरद पवार जी और शिव सेना से अवश्य पूछना चाहूंगा कि क्या उनका एक भी आवेदन माननीय राज्यपाल महोदय के पास लंबित था? आदरणीय राज्यपाल महोदय द्वारा बुलाने पर आप दावा पेश करेंगे नहीं, आप लिखित में आवेदन करेंगे नहीं, आप समय पर समय मांगते रहेंगे तो क्या इतना बड़ा प्रदेश बिना किसी स्थायी सरकार के चल सकता है?

 

श्री प्रसाद ने कहा कि अभी श्री शरद पवार जी क्या बोल रहे हैं, कांग्रेस और शिव सेना के नेता क्या-क्या बोल रहे हैं, इस पर मुझे अपनी टिप्पणी नहीं करनी लेकिन एक बात अवश्य कहना चाहूंगा कि महाराष्ट्र की एक-एक जनता सवाल कर रही थी कि हमने आपको जनादेश दिया तो आप सरकार बनाते क्यों नहीं? महाराष्ट्र की जनता की आकांक्षा, राज्य की जनता के द्वारा भारत को नैतिक विजय दिए जाने के आधार, चुनाव परिणामों में सबसे बड़ी पार्टी और स्थायित्व के आधार पर हम महाराष्ट्र में एक प्रमाणिक, प्रभावी और ईमानदार शासन देंगे, ये हमारा आश्वसान है।

 

एक प्रश्न के उत्तर में श्री प्रसाद ने कहा कि हमारे साथ गठबंधन में रहते हुए पिछले कुछ समय में जिस तरह के स्तरहीन शब्दों और विश्लेषणों का प्रयोग हमारे सर्वोच्च नेता एवं देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं गृह मंत्री श्री अमित शाह जी के खिलाफ किया गया, हमने उसे सहा है, हमने इस पर टिप्पणी भी नहीं की। हम आज भी शिव सेना पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे।

 

(महेंद्र पांडेय)

कार्यालय सचिव

To Write Comment Please लॉगिन