Salient points of the press conference of Sushri Bansuri Swaraj (M.P.)


12-07-2024
Press Release

 

भाजपा सांसद सुश्री बांसुरी स्वराज की प्रेस वार्ता के मुख्य बिन्दु

 

सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जीत नहीं है, बल्कि न्यायालय ने इस बात पर मोहर लगा दी है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शराब घोटाले में दोषी हैं और ईडी के पास पर्याप्त सबूत हैं।

**********************

 अरविंद केजरीवाल ने अर्जी जमानत के लिए नहीं, बल्कि यह सिद्ध करने के लिए लगाई थी कि न्यायालय इस बात को स्वीकार करे कि उनकी गिरफ्तारी अवैध है।

**********************

पीएमएलए एक्ट की धारा-19 की मांग है कि आरोपी को गुनाह का प्राथमिक दोषी होना चाहिए। आज न्यायालय ने इस मामले पर स्वीकृति की मोहर लगाई है।

**********************

कुछ दिन पहले ईडी ने कोर्ट में एक विस्तृत चार्जशीट पेश की थी जिसमें व्हाट्सएप चैट्स, साक्ष्य और अन्य तथ्य देखकर ये स्पष्ट है कि अरविंद केजरीवाल ही शराब घोटाले केकिंगपिनहैं।

**********************

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली, जिसमें से 45 करोड़ रुपये गोवा चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी की गतिविधियों में खर्च हुए।

**********************

आम आदमी पार्टी भारत के इतिहास में पहली राजनीतिक पार्टी है, जो भ्रष्टाचार में इतनी लिप्त है कि ईडी की चार्जशीट में आम आदमी पार्टी को भी अभियुक्त बनाया गया है। **********************

सर्वोच्च न्यायालय ने इशारा किया है कि जब भी कोई संवैधानिक पद से जुड़ा व्यक्ति इस तरह के अपराध में लिप्त होता है तो उसे अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए, लेकिन अरविंद केजरीवाल जांच एजेंसियों को गुमराह कर रहे हैं।

**********************

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जिद के कारण दिल्ली में पॉलिसी पैरालिसिस का माहौल बन गया है और संवैधानिक संकट खड़ा हो गया है। केजरीवाल सत्ता के मद में मस्त हैं और दिल्ली की जनता त्रस्त है।

**********************

 

भाजपा सांसद सुश्री बांसुरी स्वराज ने आज केन्द्रीय कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मिली अंतरिम जमानत के मामले में आम आदमी पार्टी द्वारा फैलाए जा रहे झूठ का खंडन किया और तथ्यों को पेश करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व आम आदमी पार्टी की जमकर आलोचना की। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सत्ता के मद में मस्त हैं और दिल्ली की जनता त्रस्त है।

 

सुश्री स्वराज ने कहा कि आज सर्वोच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसला दिया है, लेकिन आदत से मजबूर आम आदमी पार्टी जनता और मीडिया को गुमराह करने का प्रयास कर रही है। आज जो सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आया है, उसमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जीत नहीं है बल्कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने इस बात पर मोहर लगा दी है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शराब घोटाले में दोषी हैं और ईडी के पास पर्याप्त सबूत हैं। अरविंद केजरीवाल ने अर्जी जमानत के लिए नहीं लगाई थी बल्कि यह सिद्ध करने के लिए लगाई थी कि न्यायालय इस बात को माने कि उनकी गिरफ्तारी अवैध है।

 

भाजपा सांसद सुश्री स्वराज ने कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने अरविंद केजरीवाल की मांग पर उन्हें कोई राहत नहीं दी है, बल्कि न्यायालय ने तो यह पाया कि ईडी के पास धारा-19 की मांग पूरी करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। पीएमएलए एक्ट की धारा-19 की मांग है कि आरोपी को गुनाह का प्राथमिक दोषी होना चाहिए। आज न्यायालय ने इस पर स्वीकृति की मोहर लगाई है। अरविंद केजरीवाल को जो अंतरिम जमानत मिली है, यह सिर्फ इसलिए मिली है, क्योंकि एक कानूनी बिन्दु को बड़ी बेंच के पास भेजा गया है। जब भी मामला बड़ी बेंच के पास भेजा जाता है, तो उस मामले की सुनवाई में कुछ समय लगता है।  

 

सुश्री स्वराज ने कहा कि कुछ दिन पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोर्ट में एक विस्तृत चार्जशीट पेश की थी, जिसमें व्हाट्सएप चैट्स, साक्ष्य और अन्य तथ्य देखकर ये स्पष्ट है कि अरविंद केजरीवाल ही शराब घोटाले केकिंगपिनहैं। अरविंद केजरीवाल के दूसरे आरोपियों से भी बहुत ही निकटतम रिश्ते हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अन्य आरोपियों के साथ सांठगांठ है और केजरीवाल ने 100 करोड़ रुपए की घूस ली है। उन्हीं रुपयों में से 45 करोड़ रुपए आम आदमी पार्टी ने गोवा चुनाव के दौरान खर्च किए हैं। आम आदमी पार्टी भारत के इतिहास में पहली राजनीतिक पार्टी है, जो भ्रष्टाचार में इतनी लिप्त है कि ईडी की चार्जशीट में आम आदमी पार्टी को भी अभियुक्त बनाया गया है।

 

भाजपा सांसद सुश्री स्वराज ने कहा कि आज सर्वोच्च न्यायालय ने एक और बड़ा अवलोकन किया है। न्यायालय ने इशारा किया है कि जब भी कोई संवैधानिक पद से जुड़ा व्यक्ति इस तरह के अपराध में लिप्त होता है, तो उसे अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए। लेकिन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जांच एजेंसियों को गुमराह कर रहे हैं और अपने साथियों को भी लिप्त कर रहे हैं। ये कभी सौरभ भारद्वाज का नाम लेते हैं, कभी आतिशी मर्लेना और दुर्गेश पाठक का नाम लेते हैं। अरविंद केजरीवाल सत्ता के मोह में इतने मदमस्त हैं कि मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। केजरीवाल की जिद के कारण दिल्ली में एक पॉलिसी पैरालिसिस जैसा माहौल है और संवैधानिक संकट खड़ा हो गया है। आज जो अंतरिम बेल की शर्तें हैं, यह वही है, जो उन्हें पहले भी दी गई थी। यानी 10 मई के निर्णय के तहत जब उन्हें अंतरिम जमानत मिली थी, तब भी वही शर्तें लागू थीं। उन शर्तों के मुताबिक मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री कार्यालय नहीं जा सकते और दूसरी शर्त यह है कि वे किसी भी फाइल पर हस्ताक्षर नहीं कर सकते, जब तक उसे एलजी कार्यालय में ना भेजना हो। सुश्री स्वराज ने कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल की जिद के कारण दिल्ली में संवैधानिक संकट का माहौल बन गया है। केजरीवाल सत्ता के मद में मस्त हैं और दिल्ली की जनता त्रस्त है। अरविंद केजरीवाल को तत्काल अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए।

 

**********************

 

To Write Comment Please लॉगिन