Salient points of speech : BJP National President Shri J.P. Nadda addressing Arecanut Growers Convention at Lalbhahudur Shasthri Play Ground, Koppa, Chikkamagaluru (K’taka)


द्वारा श्री जगत प्रकाश नड्डा -
20-02-2023
Press Release

 भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा द्वारा चिकमंगलुरु, कर्नाटक में आयोजित सुपारी उत्पादकों के साथ संवाद कार्यक्रम में दिए गए उद्बोधन के मुख्य बिंदु

 

आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की की पहली प्रथामिकता किसानों की समस्याओं को दूर करना एवं उनके हित में काम करना है। कर्नाटक में डबल इंजन वाली भाजपा सरकार ने किसानों के हित में निरंतर काम किया है।

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श्री बीएस येदियुरप्पा जी ने 1982 में सुपारी किसानों की समस्या दूर करने के लिए 65 किमी की पदयात्रा निकाली थी। एरीकानट उपजाने वाले किसानों को न्याय दिलाने के लिए बीएस येदियुरप्पा जी निरंतर संघर्षरत रहे हैं।

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बहुत सारे लोगों ने यहां आकर नेता बनने की कोशिश की, किंतु उनके नारे और काम खोखले ही रहे जबकि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने समर्पित होकर किसानो की चिंता की और उनके हित में काम किए। प्रधानमंत्री श्री मोदी जी ने किसानों के लिए जितना काम 8 साल में किया है, उतना आजादी के 70 साल में भी नहीं हुआ।

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कांग्रेस की यूपीए सरकार के दौरान 2013-14 में देश का कृषि बजट लगभग 25,000 करोड़ रुपये का था जबकि आज कृषि बजट लगभग पांच गुना बढ़ कर 1.24 लाख करोड़ रुपये हो गया है। कृषि सिंचाई योजना के लिए बजट में लगभग 9,368 करोड़ रुपये आवंटित किये गए हैं।

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2017 में लगभग 2.79 लाख हेक्टेयर भूमि में सुपारी की खेती होती थी जो आज बढ़ कर 5.9 लाख हेक्टेयर हो गया है। इसके ऊपज क्षेत्र में लगभग 78 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। 2017 में सुपारी का भाव लगभग 19,000 रुपये प्रति क्विंटल था जो आज बढ़ कर 35,481 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है।

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सुपारी का आयत करके कर्नाटक के बाजार को अस्थिर करने का प्रयास भी होता है। हमारी सरकार ने प्रो-रिस्पोंसिव होते हुए बेसिक कस्टम ड्यूटी को 100 प्रतिशत कर दिया।

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हमारी सरकार ने एरिकानट आयात के न्यूनतम मूल्य को तीन गुना तक बढ़ा दिया है। इसके अलावा निम्न गुणवत्ता वाले एरिकानट को भी भारतीय बाजार में आने से रोकने के लिए भी कई कदम उठाए गए।

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भारत सरकार ने एक नेशनल सांइटिफिक कमिटी गठित की है जो एरिकानट पौधों से जुड़े बीमारियों को दूर करने पर काम कर रही है। कमिटी ने येलो लीफ डिजीज और लीफ पॉट डिजीज को खत्म करने पर अनुसांधन कर रही है। कर्नाटक सरकार ने भी इसके लिए 25 करोड़ रुपए आवंटित किया है।

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कर्नाटक सरकार ने सामान्य वर्ग के किसानों को कॉपर सल्फेट और लाइम पर 75 प्रतिशत सब्सिडी और आरक्षित वर्ग के किसानों को 90 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी ताकि ऊपज को बीमारियों से बचाया जा सके।

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जिन किसानों के एरिकानट ऊपज कीड़ों से बर्बाद हुए, उन सभी किसानों के लिए 10 करोड़ रुपए का ग्रांट भी दिया गया। लगभग 4 करोड़ रुपए लीफ डिजीज से होने वाले नुकसान के लिए किसानों को दिए गए हैं।

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भारतीय जनता पार्टी की सरकार का पूरा प्रयास रहा है कि एरिकानट की ऊपज में कोई समस्या नहीं हो और किसानों को यदि किसी प्रकार की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है तो उसका समाधान निकाला जाए। उत्तर कर्नाटक में सुपारी को जीआई टैग दिया गया है।

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प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के माध्यम से देश के लगभग 10 करोड़ से अधिक किसानों को लगभग सवा दो लाख करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं। पहली बार देश में सीमांत किसानों के लिए पीएम किसान मानधन योजना शुरू की गई।

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फसल बीमा योजना के दावे को सेटलमेंट करके हमारी सरकार ने किसानों को लगभग 1.20 लाख करोड़ रुपए का मुआवजा दिलाया। पहले किसी ने भी किसानों के लिए कोई काम नहीं किया। कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए लगभग एक लाख करोड़ रुपये आवंटित किये गए ताकि आधारभूत कृषि संरचना का विकास हो।

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा ने आज सोमवार को कर्नाटक के चिकमंगलुरु में सुपारी उत्पादकों के साथ सीधा संवाद किया और आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में कर्नाटक की डबल इंजन वाली भाजपा सरकार द्वारा उनके लिए किये जा रहे प्रयासों पर विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं कर्नाटक के प्रभारी श्री अरुण सिंह, राष्ट्रीय महामंत्री श्री सीटी रवि और केंद्रीय मंत्री केंद्रीय मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे सहित कई वरिष्ठ पार्टी पदाधिकारी और गणमान्य अतिथि उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने ही सुपारी उत्पादकों पर ध्यान दिया है, उनके लिए काम किया है जबकि अन्य राजनीतिक दलों के लिए केवल और केवल घडियाली आंसू बहाया है।

 

डबल इंजन सरकार और मोदी सरकार की प्राथमिकता बताते हुए माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की की पहली प्रथामिकता किसानों की समस्याओं को दूर करना एवं उनके हित में काम करना है। कर्नाटक में डबल इंजन वाली भाजपा सरकार ने किसानों के हित में निरंतर काम किया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार और कर्नाटक में मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई जी की सरकार में किसानों को सशक्त करने का प्रयास किया गया है। सुपारी कर्नाटक की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। भारतीय जनता पार्टी सुपारी किसानों की समस्याओं को समझती है और इस दिशा में कई कदम उठाये गए हैं।

 

श्री नड्डा ने याद दिलाते हुए कहा कि हमारे वरिष्ठ नेता श्री बीएस येदियुरप्पा जी ने 1982 में सुपारी उत्पादक किसानों की समस्या दूर करने के लिए 65 किलोमीटर की पदयात्रा निकाली थी। एरीकानट उपजाने वाले किसानों को न्याय दिलाने के लिए बीएस येदियुरप्पा जी निरंतर संघर्षरत रहे। किसान नेता बनाने का ढोंग करने वालों पर हमला करते हुए श्री नड्डा जी ने कहा कि बहुत सारे लोगों ने यहां आकर नेता बनने की कोशिश की, किंतु उनके नारे और काम खोखले ही रहे जबकि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने समर्पित होकर किसानो की चिंता की और उनके हित में काम किए। प्रधानमंत्री श्री मोदी एक सच्चे किसान नेता के रूप में उभरकर आए। यह भारतीय जनता पार्टी का ट्रैक रिकार्ड है। फसल बीमा योजना के दावे को सेटलमेंट करके हमारी सरकार ने किसानों को लगभग 1.20 लाख करोड़ रुपए का मुआवजा दिलाया। पहले किसी ने भी किसानों के लिए कोई काम नहीं किया।

 

माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के माध्यम से देश के लगभग 10 करोड़ से अधिक किसानों को लगभग सवा दो लाख करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं। पहली बार देश में सीमांत किसानों के लिए पीएम किसान मानधन योजना शुरू की गई। इस योजना में लगभग 20 लाख किसान अब तक रजिस्टर्ड हो चुके हैं। कर्नाटक में भी लगभग 40,000 किसान निबंधित हुए हैं।

 

श्री नड्डा ने कहा कि कोरोना काल के दौरान आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए लगभग एक लाख करोड़ रुपये आवंटित किये ताकि आधारभूत कृषि संरचना का विकास हो। इसमें कोल्ड स्टोरेज बनाने, कृषि लिंकेज, -नाम कृषि मंडी, कृषि मंडी का आधुनिकीकरण, दूर-दराज के गाँवों को कनेक्टिविटी देना, कृषि रेल, कृषि उड़ान जैसे कई इनिशिएटिव उठाये गए। कांग्रेस की यूपीए सरकार के दौरान 2013-14 में देश का कृषि बजट लगभग 25,000 करोड़ रुपये का था जबकि आज कृषि बजट लगभग पांच गुना बढ़ कर 1.24 लाख करोड़ रुपये हो गया है। कृषि सिंचाई योजना के लिए बजट में लगभग 9,368 करोड़ रुपये आवंटित किये गए हैं। यह भारतीय जनता पार्टी की कृषि और किसानों के लिए प्राथमिकता को दर्शाता है।

 

माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने हमेशा कृषि एवं किसान की हित को प्राथमिकता दी है। 2014 में दो कृषि मेगा पार्क है और देश में आज लगभग 22 मेगा पार्क है। यह भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिकता को दर्शाता है। हमारी सरकार सदैव इन बातों के लिए काम कर रही है कि कृषि ऊपज को कैसे बढ़ाया जाये और उन्हें अच्छा बाजार कैसे उपलब्ध कराया जा सके।

 

श्री नड्डा ने कहा कि 2017 में लगभग 2.79 लाख हेक्टेयर भूमि में सुपारी की खेती होती थी जबकि आज लगभग 5.9 लाख हेक्टेयर में एरीकानट की खेती हो रही है। इसके ऊपज क्षेत्र में लगभग 78 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। घरेलू बाजार में एरीकानट की कीमत लगातार बढ़ रही है 2017 में सुपारी का भाव लगभग 19,000 रुपये प्रति क्विंटल था जो आज बढ़ कर 35,481 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। सागर मार्केट में एरीकानट की कीमत 2017-18 में 20,847 रुपए प्रति क्विंटल थी जबकि अब यह बढ़ कर 39,000 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। सुपारी का आयत करके कर्नाटक के बाजार को अस्थिर करने का प्रयास भी होता है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने प्रो-रिस्पोंसिव होते हुए बेसिक कस्टम ड्यूटी को 100 प्रतिशत कर दिया। हमारी सरकार ने एरिकानट आयात के न्यूनतम मूल्य को तीन गुना तक बढ़ा दिया है। इसके अलावा निम्न गुणवत्ता वाले एरिकानट को भी भारतीय बाजार में आने से रोकने के लिए भी कई कदम उठाए गए।

 

माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि घरेलू बाजार में 2017 में एरिकानट का मूल्य 110 रुपए प्रति किलो था जो कि 2021-22 में 351 रुपए प्रति किलो हो गया। हमलोगों ने स्थानीय बाजार में एरिकानट के मूल्य को स्थिर रखने की भी कोशिश की है। भारत सरकार ने एक नेशनल सांइटिफिक कमिटी गठित की है जो एरिकानट पौधों से जुड़े बीमारियों को दूर करने पर काम कर रही है। कमिटी ने येलो लीफ डिजीज और लीफ पॉट डिजीज को खत्म करने पर अनुसांधन कर रही है। कर्नाटक सरकार ने भी प्रो-एक्टिव एवं प्रो-रिस्पोंसिव सरकार की भूमिका निभाते हुए इसके लिए 25 करोड़ रुपए आवंटित किया है ताकि इन डिजीज को खत्म करने के अनुसंधान में तेजी सके। इसी तरह ली शिमोगा स्थित हार्टीकल्चर एंड एग्रीकल्चर रिसर्च सेंटर को 10 करोड़ रुपए दिए गए ताकि एरिकानट की उपज बढ़ाया जा सके।

 

श्री शाह ने कहा कि कर्नाटक सरकार ने सामान्य वर्ग के किसानों को कॉपर सल्फेट और लाइम पर 75 प्रतिशत सब्सिडी और आरक्षित वर्ग के किसानों को 90 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी ताकि ऊपज को बीमारियों से बचाया जा सके। जिन किसानों के एरिकानट ऊपज कीड़ों से बर्बाद हुए, उन सभी किसानों के लिए 10 करोड़ रुपए का ग्रांट भी दिया गया। लगभग 4 करोड़ रुपए लीफ डिजीज से होने वाले नुकसान के लिए किसानों को दिए गए हैं। भारतीय जनता पार्टी की सरकार का पूरा प्रयास रहा है कि एरिकानट की ऊपज में कोई समस्या नहीं हो और किसानों को यदि किसी प्रकार की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है तो उसका समाधान निकाला जाए। उत्तर कर्नाटक में सुपारी को जीआई टैग दिया गया है। उत्तर कर्नाटक के किसानों को इसके लिए मैं बधाई देता हूँ।

 

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