Salient points of speech of Hon'ble Home Minister & Minister of Cooperation Shri Amit Shah while addressing a public rally in Baramula (J&K)


द्वारा श्री अमित शाह -
05-10-2022
Press Release

 

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री अमित शाह द्वारा बारामूला, जम्मू एवं कश्मीर में आयोजित विशाल जन-सभा को संबोधित करते हुए दिए गए उद्बोधन के मुख्य बिंदु

 

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने जम्हूरियत को गाँवों तक जम्हूरियत पहुंचाया है। जम्मू-कश्मीर में अब्दुला परिवार, मुफ्ती परिवार और गांधी परिवार ने लोकतंत्र पर कब्जा किया हुआ था। अब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने लोकतंत्र को पंच, सरपंच से लेकर जिला पंचायत तक पहुंचाया है।

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जम्मू-कश्मीर का जो इलाका पहले टेररिस्ट हॉटस्पॉट था, अब वह टूरिस्ट हॉटस्पॉट बन गया है। पहले यहाँ साल में औसतन 6 लाख सैलानी आया करते थे जबकि इस वर्ष जनवरी से लेकर अक्टूबर तक में ही लगभग 22 लाख सैलानी आ चुके हैं। हम जम्मू-कश्मीर को विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए कटिबद्ध हैं।

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यहाँ के तीन परिवार चाहते हैं कि हम पाकिस्तान से बात करें लेकिन मैं आप से बात करना चाहता हूँ। वे कहते हैं - पाकिस्तान की सुनिए, हम कहते हैं - घाटी के अवाम की सुनिए। ये लोग कहते हैं दहशतगर्दी पर कड़े एक्शन न लिए जाएँ जबकि देश और जम्मू-कश्मीर की जनता अब दहशतगर्दी को सहन करने को तैयार नहीं है।

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दहशतगर्दी या आतंकवाद से कश्मीर का भला नहीं होगा। कश्मीर का भला जम्हूरियत से होगा, उद्योग-धंधे लगने से होगा, एम्स और आईआईएम बनने से होगा। यदि कोई दहशतगर्दों का साथ देता है तो उसे आप लोग समझाएं। उसे समाज की मुख्यधारा में वापस लायें।

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यहाँ दो मॉडल हैं - एक माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का मॉडल है जो विकास, शांति, सद्भाव और रोजगार देता है जबकि दूसरा है गुपकर मॉडल जो अलगाववाद की बात करता है। यहाँ की जनता ने अब अलगाववाद की बात करने वालों को साइडलाइन कर दिया है।

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गुपकर पाकिस्तानी आतंकवादियों को करपेट बिछाकर ला रहा है। इसके कारण पुलवामा में अटैक हुआ। श्री नरेन्द्र मोदी जी ने पुलवामा में 2,000 करोड़ रुपये की लागत से अस्पताल बनाया।

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गुपकर मॉडल में युवाओं के हाथ में पत्थर हैं, हाथ में मशीनगन हैं और बंद कॉलेज हैं जबकि श्री नरेन्द्र मोदी मॉडल में युवाओं के लिए आईआईटी है, आईआईएम है, एम्स है, NEET है। विकास का मोदी मॉडल 56,000 करोड़ रुपये के नवेश को जमीन पर उतार कर बारामूला के युवाओं को रोजगार दे रहा है।

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जम्मू-कश्मीर में राजनैतिक प्रक्रिया शुरू हो गई है। निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता सूची बनाने का काम जैसे ही पूरा होगा, वैसे ही पूरी पारदर्शिता के साथ जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराये जायेंगे। अब परिसीमन इस प्रकार से हुआ है कि तीन परिवार के लोग नहीं, जनता के नुमाइंदे ही चुनाव में जीत कर आयेंगे।

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आजादी के 70 साल में जम्मू-कश्मीर में केवल 15,000 करोड़ रुपये का ही निवेश आया जबकि धारा 370 हटने के बाद के केवल तीन वर्षों में ही जम्मू-कश्मीर में लगभग 56,000 करोड़ रुपये का निवेश आ चुका है।

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आतंकवाद से कभी किसी का भला नहीं हो सकता है। जम्मू एवं कश्मीर में 1990 से लेकर आज तक लगभग 42 हजार लोग आतंकवाद दहशतगर्दी की भेंट चढ़ गए। बताइए, इन 42 हजार लोगों की मृत्यु का जिम्मेदार तीन परिवारों का शासन है। मोदी सरकार में आतंकवाद समाप्ति की ओर है।

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कुछ लोग यहां पर पाकिस्तान की बात करते हैं। बताएं कश्मीर का जो भू-भाग पाकिस्तान के अवैध कब्जे में है, वहां कितने गाँवों और कितने घरों में बिजली पहुँचती है? कितने अस्पताल हैं? सड़कें कैसी हैं?

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आज हमारे कश्मीर के हर गाँव में बिजली है। कश्मीर के हर घर को आयुष्मान भारत से जोड़ा जा चुका है। एक लाख गरीब लोगों को पक्का घर दिया गया है, 12.41 लाख परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन मिला है, 11.87 लाख किसानों किसान सम्मान निधि का लाभ मिल रहा है और 58% घरों में नल से जल पहुँचाया गया है। 

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जब यहां तीन परिवार का शासन था, तब जम्मू-कश्मीर का बजट महज 132 करोड़ रुपये का था। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 2022-23 में इस बजट को बढ़ा कर 1,515 करोड़ रुपये कर दिया।

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1947 से 2014 तक जम्मू एवं कश्मीर में केवल 4 मेडिकल कालेज थे। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 2014 से 2022 तक यहाँ 9 नए मेडिकल कॉलेज बनाए हैं। 15 नए नर्सिंग कॉलेज खोले गए हैं।

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धारा 370 के हटने से दलित, पिछड़े, गुज्जर, बकरवाल और पहाड़ी समुदाय को आरक्षण मिलने का रास्ता साफ हो गया है। जस्टिस शर्मा कमीशन ने भी अपनी रिपोर्ट में इसकी सिफारिश की है। रिपोर्ट की प्रशासनिक प्रक्रिया पूरी होते ही पहाड़ी, बकरवाल और गुर्जर भाई-बहनों को आरक्षण का लाभ मिलने वाला है।

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उमर अब्दुल्ला और कुछ लोग, लोगों को भड़का रहे हैं कि गुर्जर-बकरवाल का आरक्षण छीना जाएगा, लेकिन मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूँ कि ऐसा नहीं होने वाला। पहाड़ियों को भी मिलेगा और गुर्जर-बकरवाल का हक भी नहीं छीना जाएगा।

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केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री अमित शाह जी ने अपने तीन दिवसीय जम्मू-कश्मीर प्रवास के तीसरे और अंतिम दिन बारामूला के प्रो. शोकत अली मीर स्टेडियम में आयोजित एक विशाल जन-सभा को संबोधित किया और माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर के विकास एवं यहाँ के आम नागरिकों के कल्याण के लिए उठाये गए क़दमों पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी जम्मू-कश्मीर के सर्वांगीण विकास के लिए कृतसंकल्पित हैं। इससे पहले आज श्रीनगर में उन्होंने जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल श्री मनोज सिन्हा और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सुरक्षा समीक्षा बैठक की। बैठक में नागरिक प्रशासन, पुलिस, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और जम्मू-कश्मीर और केंद्र की खुफिया एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

 

अपने उद्बोधन की शुरुआत करते हुए श्री शाह ने कहा कि जब यहाँ रैली की योजना बनी तो कुछ लोगों ने कहा कि यहाँ बारामूला में कार्यक्रम में सुनने कौन आयेगा? मैं आज ऐसे लोगों को कहना चाहता हूँ कि कश्मीर की इस खूबसूरत वादी में हजारों लोग दूर-दूर से विकास की गाथा सुनने के लिए और आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का साथ देने के लिए आज यहाँ उपस्थित हैं। उन्होंने ‘द हीरो ऑफ बारामूला’ शहीद मक़बूल शेरवानी को नमन करते हुए कहा कि शहीद मक़बूल शेरवानी जी ने पाकिस्तान के खिलाफ लड़ते हुए अपनी जान देकर मातृभूमि की रक्षा की थी। 1947 में मकबूल शेरवानी जैसे वीर नौजवानों ने अपने सर्वोच्च बलिदान से इस भूमि की रक्षा न की होती तो यहाँ पर भी पाकिस्तान के इलाके जैसा हाल होता - न बिजली होती, न पानी होता और ना ही अस्पताल होता। उन्होंने कहा कि मैं तीन दिनों में जहां पर भी गया, आदरणीय प्रधानमंत्री जी और उप-राज्यपाल जी के विकास कार्यों से यहाँ की जनता में खुशी ही देखी है।

 

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि कुछ दिन पहले महबूबा मुफ्ती जी का एक ट्वीट पढ़ा था कि गृहमंत्री जी, आप आ रहे हो, हिसाब देकर जाना कि क्या दिया है आपने कश्मीर को? महबूबा जी, कान खोलकर सुन लीजिए और आंख खोलकर देख भी लीजिए। आप और फारूक अब्दुल्ला जी, दोनों देख लीजिये कि हमें जम्मू-कश्मीर के लिए क्या-क्या किया है। हम तो जहां भी जाते हैं, अपना हिसाब लेकर जनता के सामने जाते हैं लेकिन आजादी के 75 सालों तक कांग्रेस सहित आप दोनों के परिवारों ने जो यहाँ शासन किया तो आपने क्या दिया, इसका भी हिसाब करना। उन्होंने कहा कि सबसे पहला काम तो प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने यह किया है कि उन्होंने गाँवों तक जम्हूरियत पहुंचाया है। धारा 370 हटने के पश्चात् ग्राम पंचायत चुनाव और तहसील एवं जिला पंचायत के चुनाव हुए। धारा 370 हटने से पहले सभी सुविधाएं बस सांसदों, विधायकों और तीन परिवारों तक सीमित थी। जम्मू-कश्मीर में अब्दुला परिवार, मुफ्ती परिवार और गांधी परिवार ने लोकतंत्र पर कब्जा किया हुआ था। अब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने लोकतंत्र को पंच, सरपंच से लेकर जिला पंचायत तक पहुंचाया है।

 

श्री शाह ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में एंटी-करप्शन ब्यूरो को घुसने नहीं दिया जाता था। एक पत्रकार ने मुझे बताया कि यहाँ एंटी करप्शन ब्यूरो बनेगा तो यहाँ के सत्ता में रहे तीन परिवार के लोग ही धर लिए जायेंगे तो भला वे एंटी करप्शन ब्यूरो क्यों बनायेंगे? प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक जंग छेड़ा है। उनका स्पष्ट मानना है कि गरीबों के लिए जो योजनायें बनाई गई हैं, वे गरीबों तक बिना किसी बिचौलिए के पहुंचना चाहिए। गरीबों का पैसा भ्रष्टाचार की भेंट नहीं चढ़नी चाहिए। फारूक अब्दुल्ला जी और महबूबा जी बताएं कि उनके शासनकाल में जम्मू एवं कश्मीर में कितना निवेश आया? कितने उद्योग लगे? कितने युवाओं को रोजगार मिला? सच्चाई यह है कि आजादी के 70 साल में जम्मू-कश्मीर में केवल 15,000 करोड़ रुपये का ही निवेश आया जबकि धारा 370 हटने के बाद के केवल तीन वर्षों में ही जम्मू-कश्मीर में लगभग 56,000 करोड़ रुपये का निवेश आ चुका है।

 

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर का जो इलाका पहले टेररिस्ट हॉटस्पॉट था, अब वह टूरिस्ट हॉटस्पॉट बन गया है। जम्मू-कश्मीर में बढ़ते पर्यटन ने यहां कई युवाओं को रोजगार दिया है। पहले यहाँ साल में औसतन 6 लाख सैलानी आया करते थे जबकि इस वर्ष जनवरी से लेकर अक्टूबर तक में ही लगभग 22 लाख सैलानी आ चुके हैं। महबूबा जी, आपने घाटी के युवाओं के हाथ में पत्थर और बंदूक दिए जबकि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने जम्मू-कश्मीर में निवेश लाकर युवाओं के हाथ में लैपटॉप और मोबाइल दिया जिसे युवाओं को स्वरोजगार मिला।

 

आतंकवाद पर प्रहार करते हुए श्री शाह ने कहा कि आतंकवाद से कभी किसी का भला हो सकता है क्या? आतंकवाद ने दुनिया में कभी किसी का भला किया है क्या? आतंकवाद से कभी किसी का भला नहीं हो सकता है। जम्मू एवं कश्मीर में 1990 से लेकर आज तक लगभग 42 हजार लोग आतंकवाद दहशतगर्दी की भेंट चढ़ गए। बताइए, इन 42 हजार लोगों की मृत्यु का जिम्मेदार कौन है? जो तीन परिवारों ने यहां पर शासन किया है, वे लोग ही इसके लिए जिम्मेदार है। श्री नरेन्द्र मोदी सरकार में आतंकवाद अब धीरे-धीरे समाप्ति की ओर जा रहा है।

 

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि कुछ लोग यहां पर पाकिस्तान की बात करते हैं। बताएं कश्मीर का जो भू-भाग पाकिस्तान के अवैध कब्जे में है, वहां कितने गाँवों और कितने घरों में बिजली पहुँचती है? आज हमारे कश्मीर के हर गाँव में बिजली पहुँच चुकी है। आज कश्मीर के लगभग हर निवासी को आयुष्मान भारत योजना के तहत सालाना 5 लाख रुपये तक के स्वास्थ्य की सुविधा बिल्कुल मुफ्त मिल रही है। लगभग 77 लाख लोगों को यहाँ आयुष्मान भारत कार्ड दिया जा चुका है। यहाँ लगभग एक लाख लोग ऐसे थे कि इस बर्फीली हवाओं में भी रहने के लिए उनके पास पक्के घर नहीं थे। 70 साल तक मुफ्ती एडं कंपनी और अब्दुला एंड संस ने यहाँ शासन किया लेकिन एक लाख लोगों को पक्के घर उपलब्ध नहीं कराये गए। मगर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने जम्मू एवं कश्मीर में एक लाख लोगों को पक्का घर देने का काम किया। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने उज्ज्वला योजना के तहत यहाँ लगभग 12.41 लाख परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन देकर माताओं एवं बहनों को लकड़ी के चूल्हे के धुएं से आजादी दिलाई है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत जम्मू एवं कश्मीर के लगभग 11.87 लाख किसानों को हर साल 6 हजार रुपये उनके एकाउंट में दिए जा रहे हैं। जल जीवन मिशन योजना के तहत जम्मू-कश्मीर के लगभग 58% लोगों के घरों में नल से जल पहुंचाया जा चुका है।

 

श्री शाह ने कहा कि जिन्होंने यहां 70 सालों तक राज किया है, वे लोग सलाह देते हैं कि पाकिस्तान से बात करो। श्री शाह ने हुंकार भरते हुए कहा कि मेरा स्पष्ट मत है कि हमें पाकिस्तान से बात नहीं करना है। मुझे गुर्जर-बकरवाल और पहाड़ी भाई-बहनों से बात करनी है। हमें कश्मीर के युवाओं से बात करनी है। खुली नजर से और खुले दिमाग से सोचिये कि जिसने दहशतगर्दी फैलाई, उन्होंने कश्मीर का क्या भला किया? आज देश के सभी राज्य विकास के हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं। कश्मीर भी देश का अभिन्न अंग है। अब यहाँ भी विकास की बयार चल पड़ी है। हमें आतंक और आतंकवादियों के बाताये रास्ते पर नहीं चलना है।

 

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि यहाँ दो मॉडल हैं - एक माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का मॉडल है जो विकास, शांति, सद्भाव और रोजगार देता है जबकि दूसरा है गुपकर मॉडल जिसके कारण पुलवामा में अटैक हुआ। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने पुलवामा में 2,000 करोड़ रुपये की लागत से अस्पताल बनवाया। गुपकर मॉडल पाकिस्तानी आतंकवादियों को करपेट बिछाकर ला रहा है। विकास का मोदी मॉडल 56,000 करोड़ रुपये के नवेश को जमीन पर उतार कर बारामूला के युवाओं को रोजगार दे रहा है। गुपकर मॉडल में युवाओं के हाथ में पत्थर हैं, हाथ में मशीनगन हैं और बंद कॉलेज हैं जबकि श्री नरेन्द्र मोदी मॉडल में युवाओं के लिए आईआईटी है, आईआईएम है, एम्स है, NEET है। श्री नरेन्द्र मोदी जी ने युवाओं के हाथ से पत्थर लेकर उन्हें पढ़ाने-लिखाने का काम किया है।

 

श्री शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में राजनैतिक प्रक्रिया शुरू हो गई है। निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता सूची बनाने का काम जैसे ही पूरा होगा, वैसे ही पूरी पारदर्शिता के साथ जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराये जायेंगे। जनता द्वारा चुने हुए नुमाइंदे यहां पर शासन करेंगे। पहले परिसीमन इस प्रकार से किया गया था कि कोई कुछ भी करे, तीन परिवार के लोग ही चुनकर आएंगे। अब निर्वाचन आयोग ने पूरी पारदर्शिता के साथ परिसीमन किया है जिसके कारण अब जनता के नुमाइंदे ही चुनाव में जीत कर आयेंगे।

 

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने जम्मू-कश्मीर को दहशतगर्दी से मुक्त कर दिया है। यदि कोई दहशतगर्दों का साथ देता है तो उसे आप लोग समझाएं। उसे समाज की मुख्यधारा में वापस लायें। दहशतगर्दी या आतंकवाद से कश्मीर का भला नहीं होगा। कश्मीर का भला जम्हूरियत से होगा, उद्योग-धंधे लगने से होगा, एम्स और आईआईएम बनने से होगा।

 

श्री शाह ने कहा कि जब यहां तीन परिवार का शासन था, तब जम्मू-कश्मीर का बजट महज 132 करोड़ रुपये का था। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 2022-23 में इस बजट को बढ़ा कर 1,515 करोड़ रुपये कर दिया। डीडीसी और पीडीसी के लिए 110 करोड़ रुपये अलग से आवंटित किये गए। बारामूला में सरकारी मेडिकल कॉलेज बन रहा है। बारामूला से उरी तक एक्सप्रेस-वे बनाया गया है। बारामूला को राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ा गया है। इस पर कुल मिला कर लगभग 850 करोड़ रुपये का खर्च आया है। लगभग 8,500 करोड़ रूपये की लागत से कई सड़कों का निर्माण कार्य कराया गया है। लगभग 827 करोड़ रुपये की लागत से 1.5 लाख परिवारों को मुफ्त चिकित्सा देने का निर्णय लिया गया है। पांच नए डिग्री कॉलेज खोले गए हैं। बारामूला में सौ बिस्तर की क्षमता के साथ बच्चियों के लिए स्कूल और छात्रावास बनाया गया है। 402 पंचायतों में दो स्टेडियम और हर पंचायत में खेल के मैदान बनाने हैं। लगभग 10 करोड़ रुपये की लागत से दो दो इनडोर स्टेडियम बन रहे हैं। गुलमर्ग में पहले 4 लाख पर्यटक आए थे। इस साल अबतक 13 लाख पर्यटक आ चुके हैं। आज हजारों करोड़ रुपये के बिजली के कारखाने लगे हैं। हजारों करोड़ रुपये की सिंचाई योजनायें चल रही हैं। इससे कश्मीर घाटी में समृद्धि आएगी। रेल नेटवर्क में सुधार के लिए उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेलखंड का काम शुरू कर दिया गया है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 3,167 करोड़ रुपये की लागत से 119 नयी सड़कें बनाने का काम हुआ है।

 

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के इंडस्ट्रियल पैकेज के बल पर कश्मीर में लगभग 56,000 करोड़ रुपये का निवेश आया है। इससे यहाँ के लगभग 5 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। 1947 से 2014 तक जम्मू एवं कश्मीर में केवल 4 मेडिकल कालेज थे। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 2014 से 2022 तक यहाँ 9 नए मेडिकल कॉलेज बनाए हैं। 15 नए नर्सिंग कॉलेज खोले गए हैं। पहले यहां से 500 डॉक्टर पढ़ कर निकलते थे, अब लगभग 1,300 डॉक्टर निकल कर देश और जम्मू-कश्मीर की सेवा कर रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में एम्स, आईआईटी, आईआईएम, NEET बना। अनंतनाग और बारामूला में नए मेडिकल कॉलेज खोले गए। जम्मू-कश्मीर में दो विश्वविद्यालय बनाए गए हैं। नर्सिंग कॉलेज और दो कैंसर इंस्टीच्यूट भी बनाए गए हैं।

 

श्री शाह ने कहा कि धारा 370 के हटने से दलित, पिछड़े, गुज्जर, बकरवाल और पहाड़ी समुदाय को आरक्षण मिलने का रास्ता साफ हो गया है। जस्टिस शर्मा कमीशन ने अपनी रिपोर्ट में पहाड़ी, बकरवाल और गुर्जर, तीनों को आरक्षण देने की सिफारिश की है। इस रिपोर्ट की प्रशासनिक प्रक्रिया पूरी होते ही पहाड़ी, बकरवाल और गुर्जर भाई-बहनों को आरक्षण का लाभ मिलने वाला है। उमर अब्दुल्ला और कुछ लोग, लोगों को भड़का रहे हैं कि गुर्जर-बकरवाल का आरक्षण छीना जाएगा, लेकिन मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूँ कि ऐसा नहीं होने वाला। पहाड़ियों को भी मिलेगा और गुर्जर-बकरवाल का हक भी नहीं छीना जाएगा। यहाँ की जनता ने अब अलगाववाद की बात करने वालों को साइडलाइन कर दिया है।

 

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि दिल में बहुत दर्द होता है जब किसी भी इंसान, किसी भी व्यक्ति के मारे जाने का समाचार मिलता है। किसी भी इंसान के कंधे पर सबसे बड़ा बोझ अपने बेटे की अर्थी उठाना होता है। 42,000 लोग दहशतगर्दी की भेंट चढ़ गए लेकिन किसी नेता का बेटा इसमें हताहत नहीं हुआ। ये 42,000 गरीब मारे गए। हम चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद समाप्त हो, यहाँ से आतंकवाद समाप्त हो और यह भारत का स्वर्ग बन कर रहे। यहाँ के तीन परिवार चाहते हैं कि सरकार पाकिस्तान से बात करे लेकिन मैं आप से, यहाँ की जनता से बात करना चाहता हूँ। वे कहते हैं - पाकिस्तान की सुनिए, हम कहते हैं - घाटी के अवाम की सुनिए। ये लोग कहते हैं दहशतगर्दी पर कड़े एक्शन न लिए जाएँ जबकि देश और जम्मू-कश्मीर की जनता अब दहशतगर्दी को सहन नहीं करेगी। हमारी सरकार दहशतगर्दी को जम्मू-कश्मीर से उखाड़ फेंकेगी। हम जम्मू-कश्मीर से सर्वांगीण विकास के लिए कटिबद्ध हैं। जम्मू-कश्मीर के युवा देश के विकास में जुटें, पढ़-लिख कर नौकरी प्राप्त करें, उद्यम करें ताकि जम्मू-कश्मीर आगे बढ़े। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी सर्व-स्पर्शी और सर्व-समावेशी विकास के लिए अहर्निश कार्य कर रहे हैं। जम्मू-कश्मीर के हर नागरिक से मेरा विनम्र निवेदन है कि आप सब इसमें सहयोग करें ताकि अपना जमू-कश्मीर आगे बढ़े।

 

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