Salient points of speech of Hon'ble Prime Minister Shri Narendra Modi addressing public meetings in Parli (Beed) Satara & Pune (Maharashtra)


17-10-2019
Press Release

 

 

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा महाराष्ट्र के परली (बीड), सतारा और पुणे में आयोजित विशाल जन-सभाओं में दिए गए उद्बोधन के मुख्य बिंदु

 

एक तरफ बंटे हुए, कुछ कुनबों का जमावड़ा है और दूसरी तरफ युवा, कर्मशील नेतृत्व से भरा भाजपा नीत महायुति की मजबूत टीम है। आज अगर भाजपा-शिव सेना के पक्ष में माहौल है तो इसके पीछे बीते पांच वर्ष की हमारी कार्यशक्ति है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस-एनसीपी के नेताओं की स्वार्थशक्ति है

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हमने अपनी कार्यशक्ति के दम पर ज़मीन पर जनहित-जनकल्याण के कार्यक्रम उतारे और ये अपनी स्वार्थशक्ति की वजह से उसका मजाक उड़ाते रहे, हर योजना, हर फैसले की आलोचना करते रहे। इनके कारनामे ऐसे हैं, जिनसे भारत का अहित चाहने वालों को ऑक्सीजन मिलती है

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भाजपा को मिल रहे अपार जन-समर्थन से कांग्रेस-NCP की सांसें फूली हुई हैं। इस बार पहले के सारे रिकॉर्ड टूटने वाले हैं, हर जगह कमल ही कमल खिलने वाला है। कांग्रेस और एनसीपी जन-भावनाओं को नहीं समझ पा रहे जिसकी सज़ा उन्हें लोक सभा चुनाव में भी मिली है और इस बार भी मिलनी तय है

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आज तक भाजपा के पास सिर्फ छत्रपति शिवाजी महाराज के संस्कार थे, अब हमारे पास शिवाजी के संस्कार के साथ-साथ उनका परिवार भी है। संस्कार और परिवार का ये संगम वीर शिवाजी के सपनों का महाराष्ट्र, उनके सपनों का अखंड हिंदुस्तान बनाने में अहम सिद्ध होने वाला है

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पूरे महाराष्ट्र में कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन में दंगल मचा हुआ है, वहां दलों में भी दंगल है और दलों के नेताओँ कार्यकर्ताओं में भी दंगल है। दूसरी ओर, भाजपा-शिवसेना की महायुति महाराष्ट्र को और महान बनाने के मिशन पर निकली है

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नए भारत का नया आत्मविश्वास जो दुनिया को दिख रहा है, इसके पीछे वह प्रचंड जनादेश है जो देश की जनता ने दिया है। इसके पीछे 130 करोड़ भारतीयों की सामूहिक ताकत है

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बेहतर आज और बेहतर कल के लिए, हर घर जल, इसी भाव को लेकर हम चले हैं। इसके लिए केंद्र सरकार नेजल जीवन मिशनशुरु किया है। इस मिशन के तहत सिर्फ पानी के लिए आने वाले 5 वर्षों में लगभग साढ़े 3 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे

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महाराष्ट्र में पहली बार किसी सरकार ने जल संरक्षण, जल सिंचन, जल संचयन को लेकर सार्थक प्रयास किए हैं। जलयुक्त शिवार इसकी मिशाल है। यह महाराष्ट्र की जनता की शक्ति और उनका विश्वास ही है जिसके भरोसे पर हर घर तक जल पहुंचाने का बीड़ा हम उठा पाए हैं

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मराठा समाज को आरक्षण हो, सामान्य वर्ग के गरीब परिवारों को इतिहास में पहली बार मिला आरक्षण हो, ये महायुति की ही सरकार ने कर दिखाया है। महायुति की सरकार का हमेशा से ये प्रयास रहा है कि किसी का शोषण ना हो, किसी का हक ना मारा जाए

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हमारे लिए फाइव ट्रिलियन डॉलर सिर्फ एक आंकड़ा नहीं है, बल्कि 130 करोड़ भारतीयों के सपने हैं। जाहिर है, कुछ लोगों को ये लक्ष्य कठिन लगता है क्योंकि वो इसको आंकड़ों की नज़र से देखते हैं। हम इसलिए आश्वस्त हैं क्योंकि हमें अपने ट्रैक रिकॉर्ड और अपने युवा साथियों के सामर्थ्य पर भरोसा है

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370 का हटना सिर्फ एक व्यवस्था का हटना नहीं है। इसका मतलब है: इंटीग्रेशन, इन्क्लूजन, इंडस्ट्री, इन्वेस्टमेंट और इनोवेशन। इंटीग्रेशन से इन्क्लूजन और इन्क्लूसिव सोसाइटी से इन्वेस्टमेंट को बल मिलता है। इन्वेस्टमेंट से इंडस्ट्री बढ़ती है और इससे इनोवेशन की संस्कृति विकसित होती है

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एक बार जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में ये संस्कृति यदि हम तैयार कर पाए तो एक्सक्लूजन, अलगाव, आतंक और हिंसा के लिए स्कोप अपने आप बहुत कम हो जाएगा। इसका असर सिर्फ जम्मू कश्मीर और लद्दाख तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि संपूर्ण भारत पर इसका सकारात्मक असर होगा

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कांग्रेस-एनसीपी जब हमारे वीर जवानों के शौर्य पर सवाल उठाते हैं, राफेल पर दुष्प्रचार करते हैं, आर्टिकल 370 को लेकर अफवाहें फैलाते हैं तो राष्ट्रभक्तों की धरती को अपार पीड़ा होती है। जब वीर सावरकर जैसे राष्ट्रनायकों को ये बदनाम करने का प्रयास करते हैं तो जनता का पारा सातवें आसमान पर चढ़ जाता है

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जहां कार्यकर्ताओं में, गठबंधन में ही बंटवारा है, वो महाराष्ट्र के समाज को एकजुट भला कैसे कर सकते हैं? इनकी राजनीति का एक ही आधार है, बांटो, बांटो, बांटो और मलाई खाओ

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राष्ट्र रक्षा और राष्ट्र के एकीकरण के लिए महायुति की सरकार ने ऐसे फैसले लिए हैं, जिनको लेने की हिम्मत पहले नहीं दिखाई गई लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि आज यहां महाराष्ट्र में जो हमारे विरोध में खड़े हैं, उन्होंने राष्ट्ररक्षा के लिए उठाए गए हर कदम का विरोध किया

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जब भारत ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख से आर्टिकल 370 हटाने का फैसला लिया, जब वहां के दलितों को, वहां की बेटियों को, महिलाओं को, देश के अन्य राज्यों की तरह अधिकार दिए, तब एक बार फिर इनका स्वार्थ जाग गया और देश के खिलाफ ही बयान देने लगे

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भारत भूमि पर बुरी नज़र रखने वालों को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा लेकिन जम्मू-कश्मीर पर विपक्षी पार्टी के निंदनीय बयानों, उनकी साजिशों को देश ने देखा है। देश इन्हें इनके किए की सज़ा देगा लेकिन आज महाराष्ट्र के पास सबसे पहला अवसर आया है

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज महाराष्ट्र के परली (बीड), सतारा और पुणे में आयोजित विशाल जन-सभाओं को संबोधित किया और महाराष्ट्र की जनता से ऐतिहासिक बहुमत से देवेन्द्र फड़णवीस के नेतृत्व में भाजपा-शिव सेना महायुति सरकार के गठन की अपील की।

 

 

अब हमारे पास शिवाजी के संस्कार के साथ-साथ उनका परिवार भी

 

आज तक भाजपा के पास सिर्फ छत्रपति शिवाजी महाराज के संस्कार थे, अब हमारे पास शिवाजी के संस्कार के साथ-साथ उनका परिवार भी है। संस्कार और परिवार का ये संगम वीर शिवाजी के सपनों का महाराष्ट्र, उनके सपनों का अखंड हिंदुस्तान बनाने में अहम सिद्ध होने वाला है। बीते 5 वर्षों से महायुति की सरकार ने केंद्र में भी और महाराष्ट्र में भी शिवाजी महाराज के संस्कारों के अनुसार ही काम किया है। राष्ट्ररक्षा और राष्ट्रवाद को हमने प्राथमिकता दी है।

 

विकास ही सभी समस्याओं का समाधान

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि बेहतर आज और बेहतर कल के लिए, हर घर जल, इसी भाव को लेकर हम चले हैं। इसके लिए केंद्र सरकार नेजल जीवन मिशनशुरु किया है। इस मिशन के तहत सिर्फ पानी के लिए आने वाले 5 वर्षों में लगभग साढ़े 3 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। पानी के लिए इतना गंभीर प्रयास भारत के तो क्या विश्व के इतिहास में भी नहीं हुआ होगा। सिंचाई से लेकर कमाई तक के तमाम प्रयास हम कर रहे हैं। महाराष्ट्र के सभी किसान परिवारों को पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ पहुंच रहा है। लघु किसान परिवारों, खेत मजदूरों को, छोटे दुकानदारों को, 60 वर्ष की आयु के बाद पेंशन की सुविधा भी तय हो चुकी है। गन्ना किसानों की मुश्किलों को हल करने के लिए हर संभव कोशिश बीते 5 वर्षों में की गई है। गन्ने के लाभकारी मूल्य को लागत का डेढ़ गुणा से अधिक तय किया गया है। जब भी कोई समस्या हुई है, हमने यह कोशिश की है कि किसानों को उनका बकाया समय पर मिले। गन्ना किसानों को सिर्फ चीनी के भरोसे ना रहना पड़े, इसके लिए इथेनॉल के उत्पादन पर बल दिया जा रहा है। देशभर में इसके लिए आधुनिक फैक्ट्रियां बनाई जा रही हैं। हमारा प्रयास है कि आने वाले समय में पेट्रोल-डीजल में करीब 10 प्रतिशत तक के इथेनॉल का उपयोग किया जा सके। किसान हो, जवान हो या युवा, महायुति की सरकार हर वर्ग के लिए समर्पित है। उन्होंने कहा कि लोक सभा चुनाव के दौरान महाराष्ट्र सहित पूरे देश की जनता ने भाजपा और NDA को इसलिए अवसर दिया था क्योंकि हमने समाज के हर वर्ग के लिए ईमानदारी से काम किया। गरीबों को अपना पक्का घर मिला, मुफ्त में इलाज की व्यवस्था मिली, फ्री में बिजली कनेक्शन मिले, शौचालय का निर्माण हुआ और धुएं से मुक्ति के लिए गैस के सिलिंडर मिले। ऐसे अनेक काम बीते 5 वर्ष में हमने किए हैं। बीते 5 वर्ष अगर घर, गैस, बिजली, शौचालय जैसी व्यवस्था के लिए थे, तो आने वाले 5 वर्षों का सबसे बड़ा संकल्प हमने पानी का लिया है। हर घर जल पहुंचाने के निश्चय के साथ हम खड़े हैं।

 

महाराष्ट्र में पहली बार जल संरक्षण, जल सिंचन और जल संचयन के सार्थक प्रयास

 

श्री मोदी ने कहा कि महाराष्ट्र में पहली बार किसी सरकार ने जल संरक्षण, जल सिंचन, जल संचयन को लेकर सार्थक प्रयास किए हैं। सालों से हमारी नदियों का पानी बिना उपयोग के अरब सागर में गिर रहा है, जबकि मराठवाड़ा पानी के लिए तरस रहा है। अब जो गोदावरी को जलयुक्त करने का जो संकल्प महायुति ने किया है, उसको पीढ़ियों तक याद किया जाएगा। इसी तरह, मराठवाड़ा में वाटर ग्रिड बनाने की योजना, प्रशंसनीय कदम है। इससे पर हज़ारों करोड़ रुपए खर्च होने वाले हैं। जलयुक्त शिवार के कार्यक्रम में तो सरकार के साथ-साथ आप सभी की भी बहुत बड़ी भूमिका रही है। यह महाराष्ट्र की जनता की शक्ति और उनका विश्वास ही है जिसके भरोसे पर हर घर तक जल पहुंचाने का बीड़ा हम उठा पाए हैं।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि मराठा समाज को आरक्षण हो, सामान्य वर्ग के गरीब परिवारों को इतिहास में पहली बार मिला आरक्षण हो, ये महायुति की ही सरकार ने कर दिखाया है। महायुति की सरकार का हमेशा से ये प्रयास रहा है कि किसी का शोषण ना हो, किसी का हक ना मारा जाए। बीते 5 वर्ष में महिला सशक्तिकरण को भी अभूतपूर्व बल मिला है। हमारी बहनों की सुरक्षा से लेकर सम्मान के लिए पहली बार बड़े कदम उठाए गए हैं। सामाजिक सद्भाव की यही नीति पूरे देश को पसंद रही है, इसलिए पूरे देश का स्नेह और आशीर्वाद हमें मिल रहा है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के मेहनती शेतकरी समाज के नाम पर बातें और वादे बहुत किए गए, उनके नाम पर नेतागिरी भी बहुतों ने चमकाई। लेकिन सही मायने में शेतकरी समाज के बारे में सोचने का काम महायुति की सरकार ने ही किया है।

 

कांग्रेस-एनसीपी की स्वर्थ्शक्ति बनाम भाजपा-शिव सेना की कार्यशक्ति

 

श्री मोदी ने महाराष्ट्र की जनता को नमन करते हुए कहा कि इस बार तो लगता है कि पहले के सारे रिकॉर्ड टूट जाएंगे और सर्वत्र कमल ही कमल दिखेगा। भाजपा को मिल रहे अपार जन-समर्थन से कांग्रेस और NCP के नेताओं की सांसें फूली हुई हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और एनसीपी के नेता जन-भावनाओं को नहीं समझ पा रहे जिसकी सज़ा उन्हें लोक सभा चुनाव में भी मिली है और इस बार भी मिलनी तय है। इस बार तो उनकी हालत और भी खस्ता है। पूरे महाराष्ट्र में कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन में दंगल मचा हुआ है, वहां दलों में भी दंगल है और दलों के नेताओँ कार्यकर्ताओं में भी दंगल है। वे एक दूसरे को हैसियत बताने के लिए बिसात बिछा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर, भाजपा-शिवसेना की महायुति महाराष्ट्र को और महान बनाने के मिशन पर निकली है।

 

विपक्ष पर हमला जारी रखते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि विरोधी दल के नेताओं को को चिंता हो रही है कि भाजपा के कार्यकर्ता इतनी मेहनत क्यों कर रहे हैं? तो आज मैं उन्हें महाराष्ट्र की धरती से उन्हें बताना चाहता हूँ कि भारतीय जनता पार्टी के पास लगन से कार्य करनेवाले कार्यकर्ता हैं, तभी वो दिलों को जीतते हैं और दलों को जिताते हैं। एक तरफ बंटे हुए, कुछ कुनबों का जमावड़ा है और दूसरी तरफ युवा, कर्मशील नेतृत्व से भरा भाजपा नीत महायुति की मजबूत टीम है। आज अगर भाजपा-शिव सेना के पक्ष में माहौल है तो इसके पीछे बीते पांच वर्ष की हमारी कार्यशक्ति है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस-एनसीपी के नेताओं की स्वार्थशक्ति है। उन्होंने कहा कि हमने अपनी कार्यशक्ति के दम पर, ज़मीन पर जनहित-जनकल्याण के कार्यक्रम उतारे और ये अपनी स्वार्थशक्ति की वजह से उसका मजाक उड़ाते रहे, हर योजना, हर फैसले की आलोचना करते रहे। इनके कारनामे ऐसे हैं, जिनसे भारत का अहित चाहने वालों को ऑक्सीजन मिलती है।

 

कांग्रेस-एनसीपी की राजनीति का आधार: बांटो, बांटो, बांटो और मलाई खाओ

 

श्री मोदी ने कहा कि महाराष्ट्र ने देश की रक्षा के लिए अनेक शूरवीर दिए हैं जो राष्ट्र रक्षा का संकल्प लेकर निकले हैं। ऐसे संस्कार जहां के हों, वहां राष्ट्र का अहित करने वाली राजनीति को जगह भला कैसे सहन हो सकती है? यही कारण है कि कांग्रेस और NCP के नेता जब हमारे वीर जवानों के शौर्य पर सवाल उठाते हैं, तो महाराष्ट्र की जनता को ठेस पहुंचती है। जब ये राफेल जैसे आधुनिक जहाज को लेकर दुष्प्रचार करते हैं, तो राष्ट्रभक्तों की धरती को अपार पीड़ा होती है। जब ये आर्टिकल-370 को लेकर अफवाहें फैलाते हैं, तब पूरा महाराष्ट्र निराश होता है। जब वीर सावरकर जैसे राष्ट्रनायकों को ये बदनाम करने का प्रयास करते हैं, तब प्रदेश की जनता का पारा सातवें आसमान पर चढ़ जाता है। जहां कार्यकर्ताओं में, गठबंधन में ही बंटवारा है, वो महाराष्ट्र के समाज को एकजुट भला कैसे कर सकते हैं? इनकी राजनीति का एक ही आधार है, बांटो, बांटो, बांटो और मलाई खाओ। ये संस्कार छत्रपति शिवाजी के बिल्कुल नहीं हैं। उन्होंने तो समभाव और सद्भाव से राष्ट्रसेवा का मार्ग हमको दिखाया है। इसी रास्ते को बीते 5 वर्षों में महायुति की सरकार ने सशक्त किया है।

 

धारा 370 के हटने का मतलब: इंटीग्रेशन, इन्क्लूजन, इंडस्ट्री, इन्वेस्टमेंट और इनोवेशन

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्र रक्षा और राष्ट्र के एकीकरण के लिए महायुति की सरकार ने ऐसे फैसले लिए हैं, जिनको लेने की हिम्मत पहले नहीं दिखाई गई लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि आज यहां महाराष्ट्र में जो हमारे विरोध में खड़े हैं, उन्होंने राष्ट्ररक्षा के लिए उठाए गए हर कदम का विरोध किया। हाल ही में जब भारत ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख से आर्टिकल 370 हटाने का फैसला लिया, जब वहां के दलितों को, वहां की बेटियों को, महिलाओं को, देश के अन्य राज्यों की तरह अधिकार दिए, तब एक बार फिर इनका स्वार्थ जाग गया और देश के खिलाफ ही बयान देने लगे। इतिहास में जब भी आर्टिकल 370 की चर्चा होगी, तो इन लोगों के बयानों का जिक्र भी होगा। मैं आपको याद दिलाता हूं:

 

  • एक ने कहा कि ये फैसला, किसी की हत्या करने जैसा है। वाह क्या सीन है।
  • एक नेता ने कहा कि ये भारत की राजनीति का काला दिन है।
  • एक नेता ने कहा - केंद्र ने जो फैसला लिया, वह लोकतंत्र के खिलाफ है।
  • एक और बड़े नेता ने कहा कि भारत में लोकतंत्र ही खत्म हो गया है।
  • एक और नेता ने कहा कि इस फैसले से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया है।
  • कांग्रेस के एक नेता ने बयान दिया कि अगर कश्मीर में हिंदू होते तो बीजेपी सरकार ऐसा फैसला कभी नहीं करती।
  • कांग्रेस के एक और नेता ने कहा कि कश्मीर का मसला भारत का अंदरूनी मामला नहीं है। कांग्रेस के ही एक और दिग्गज नेता ने कहा कि ये देश को बर्बाद करने वाला फैसला है।
  • कांग्रेस के ही एक नेता ने कहा कि आर्टिकल 370 हटाकर हमने कश्मीर को खो दिया है।

 

विपक्ष पर बरसते हुए श्री मोदी ने कहा कि भारत भूमि पर बुरी नज़र रखने वालों को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा लेकिन इन लोगों के बयानों, इनकी साजिशों को देश ने देखा है। देश इन्हें इनके किए की सज़ा देगा लेकिन आज महाराष्ट्र के पास सबसे पहला अवसर आया है। शिवाजी महाराज ने राष्ट्ररक्षा के लिए एक सशक्त सेना को प्राथमिकता दी। उस काल में भी उन्होंने एक सशक्त नौसेना का निर्माण किया था। बीते 5 वर्षों में हमारी सरकार ने भारत की सेना को दुनिया की ताकतवर सेनाओं की श्रेणी में खड़ा कर दिया है।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि 370 का हटना सिर्फ एक व्यवस्था का हटना नहीं है। इसका मतलब है: इंटीग्रेशन, इन्क्लूजन, इंडस्ट्री, इन्वेस्टमेंट और इनोवेशन। इंटीग्रेशन से इन्क्लूजन और इन्क्लूसिव सोसाइटी से इन्वेस्टमेंट को बल मिलता है। इन्वेस्टमेंट से इंडस्ट्री बढ़ती है और इससे इनोवेशन की संस्कृति विकसित होती है। उन्होंने कहा कि एक बार जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में ये संस्कृति यदि हम तैयार कर पाए तो एक्सक्लूजन, अलगाव, आतंक और हिंसा के लिए स्कोप अपने आप बहुत कम हो जाएगा। इसका असर सिर्फ जम्मू कश्मीर और लद्दाख तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि संपूर्ण भारत पर इसका सकारात्मक असर होगा।

 

नए भारत का नया आत्मविश्वास

 

श्री मोदी ने कहा कि आज दुनिया में तेज़ी से बदलाव हो रहे हैं, अभूतपूर्व बदलाव हो रहे हैं। देशों के बीच के रिश्ते हों या फिर अर्थव्यवस्था से जुड़े सवाल, पूरी दुनिया में अभूतपूर्व हलचल है। ऐसी दुनिया से डील करने के लिए एक सशक्त और स्थाई सरकार की ज़रूरत देश को थी जो 130 करोड़ भारतीयों ने दी। देश की जनता ने 5 साल के लिए सरकार चुनी है। अभी 5 महीने भी पूरे नहीं हुए हैं, लेकिन इतने कम समय में ही 5 वर्षों का खाका हमने खींच लिया है। नए भारत का नया आत्मविश्वास जो दुनिया को दिख रहा है, इसके पीछे वह प्रचंड जनादेश है जो देश की जनता ने दिया है। इसके पीछे 130 करोड़ भारतीयों की सामूहिक ताकत है। हमने सिर्फ इतना प्रयास किया है कि राष्ट्र निर्माण में देश का हर नागरिक जुड़ा महसूस कर सके। हमने सिर्फ इतनी कोशिश की है कि भारत के विकास में हर भारतीय का योगदान काउंट हो।

 

युवाओं के लिए उठाये गए क़दमों की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि तेज़ी से बदलती टेक्नॉलॉजी से एम्प्लॉयमेंट का नेचर बदल रहा है। स्किल सेट्स की डिमांड बदल गई हैं। ये हमारे युवा साथियों के सामने, हमारे इंजीनियर्स के सामने बहुत बड़ी चुनौती है। स्किल डेवलपमेंट के साथ-साथ निरंतर स्किल अपग्रेडेशन की ज़रूरत है। न्यू इंडिया की नई इकॉनॉमी के लिए हमें तैयारी करनी ही होगी। उन्होंने कहा कि कोई कितनी भी निराशा फैलाने की कोशिश करे लेकिन मैं देश के युवाओं को आश्वस्त करता हूं, कि आने वाले वर्ष संभावनाओं से भरे हुए हैं। विश्व भर में जितने भी बिजनेस लीडर्स से मेरी बात होती है, हर कोई भारत आने के लिए आतुर हैं। बीते पांच वर्षों में भारत में इन्वेस्टमेंट की ग्रोथ में 5 गुणा बढ़ोतरी हुई है।

 

श्री मोदी ने कहा कि भारत आज दुनिया के अग्रणी एफडीआई डेस्टिनेशन में है। हाल में आपने देखा होगा कि सरकार ने इकॉनोमी से जुड़े बड़े फैसले लिए हैं। भारत में मैन्युफेक्चरिंग को प्रमोट करने के लिए, स्टार्ट अप्स को प्रोत्साहित करने के लिए कॉरपोरेट टैक्स में भारी छूट दी है। ये तय है कि निवेश के माहौल में सुधार लाने के लिए जो भी फैसले ज़रूरी होंगे, वो लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पॉलिसी डिसिजन के साथ-साथ अपने इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी बहुत तेज़ी से काम हो रहा है। आने वाले 5 वर्षों में सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर पर ही 100 लाख करोड़ रुपए खर्च करने की योजना है। स्पष्ट नीति और बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर के दम पर ही 5 ट्रिलियन डॉलर इकॉनॉमी के लक्ष्य को हम हासिल करने वाले हैं। जाहिर है, कुछ लोगों को ये लक्ष्य कठिन लगता है क्योंकि वो इसको आंकड़ों की नज़र से देखते हैं। हम इसलिए आश्वस्त हैं क्योंकि हमें अपने ट्रैक रिकॉर्ड और अपने युवा साथियों के सामर्थ्य पर भरोसा है।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्ष 2007 में फर्स्ट ट्रिलियन के पड़ाव तक पहुंचने में हमें 60 साल लगे। इसके बाद अगला ट्रिलियन जोड़ने में हमें करीब 8 साल लगे लेकिन इसके बाद पिछली सरकार के सिर्फ 4 साल में करीब-करीब एक और ट्रिलियन हमने अपनी अर्थव्यवस्था में जोड़ दिया। इसी ट्रैक रिकॉर्ड से हमारे हौसले भी बुलंद हैं और लक्ष्य भी ऊंचा है। हमारे लिए फाइव ट्रिलियन डॉलर सिर्फ एक आंकड़ा नहीं है, बल्कि 130 करोड़ भारतीयों के सपने हैं।

 

  • जितनी बड़ी अर्थव्यवस्था होगी, उतनी तेज़ी से हम गरीबी को हरा पाएंगे।
  • जितनी बड़ी अर्थव्यवस्था होगी, उतनी ही तेज़ी से मध्यम वर्ग का जीवन स्तर ऊपर उठा पाएंगे।
  • जितनी बड़ी अर्थव्यवस्था होगी, उतनी ही तेज़ी से युवाओं की आकांक्षाओं को हम पूरा कर पाएंगे।

 

(महेंद्र पांडेय)

कार्यालय सचिव

 

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