Salient points of the statement : Hon'ble Union Home Minister & Minister of Cooperation Shri Amit Shah while condemning opposition's behavior in Parliament


द्वारा श्री अमित शाह -
13-12-2022
Press Release

 

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री अमित शाह द्वारा संसद परिसर में मीडिया को दिए गए वक्तव्य के मुख्य बिंदु 

 

आज संसद में प्रश्नकाल को विपक्ष और ख़ास कर कांग्रेस पार्टी द्वारा बाधित किये जाने के कुप्रयास की घोर निंदा करता हूँ। जब  देश के रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह जी इस विषय पर सदन के सामने अपना बयान रखने ही वाले थे तो प्रश्नकाल को स्थगित करवाने का कई औचित्य नहीं था।

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मैं इतना स्पष्ट करना चाहता हूं कि देश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रधानमंत्री हैं। देश में जब तक भाजपा की श्री नरेन्द्र मोदी सरकार चल रही है, देश की एक इंच जमीन पर भी कोई कब्जा नहीं कर सकता।

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08 दिसंबर की देर रात और 09 दिसंबर की सुबह अरुणाचल में भारत-चीन सीमा पर हमारे वीर जवानों ने जो वीरता दिखाई है, मैं इसकी भूरि-भूरि सराहना करता हूँ और अपने जवानों के शौर्य को सलाम करता हूँ कि उन्होंने घुसे हुए चीनियों को कुछ ही घंटों में वापस खदेड़ दिया और मातृभूमि की रक्षा की।

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कांग्रेस द्वारा आज प्रश्नकाल को स्थगित करवाने का कुप्रयास इसलिए किया गया क्योंकि प्रश्न काल का पांचवां प्रश्न राजीव गांधी फाउंडेशन के एफसीआरए रजिस्ट्रेशन को रद्द करने के बारे में था।

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राजीव गांधी फाउंडेशन को 2005-06 और 2006-07 के वित्तीय वर्ष में चीनी दूतावास से 1.35 करोड़ रुपये का अनुदान प्राप्त हुआ था। राजीव गांधी फाउंडेशन ने अपना रजिस्ट्रेशन सामाजिक कार्यों के लिए करवाया था लेकिन चीनी दूतावास से फाउंडेशन को राशी भारत-चीन संबंधों के विकास पर शोध करने के लिए दिया गया था जो एफसीआरए क़ानून के अनुरूप नहीं था।

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चूंकि चीनी दूतावास द्वारा कांग्रेस पार्टी को मिला अनुदान एफसीआरए क़ानून और उसकी मर्यादाओं के अनुरूप नहीं था तो इसलिए इस संदर्भ में नोटिस देकर, पूर्णतया कानूनी प्रक्रियाओं का अनुपालन करते हुए गृह मंत्रालय ने राजीव गांधी फाउंडेशन का एफसीआरए रजिस्ट्रेशन रद्द किया था।

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क्या राजीव गांधी फाउंडेशन ने 1962 में चीन द्वारा भारत की हड़पी गई हजारों हेक्टेयर की भूमि, नेहरू जी के चीन प्रेम के कारण सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता की बलि, गलवान के समय चीनी दूतावास के अधिकारियों को रात्रिभोज देने जैसे विषयों पर शोध किया था और अगर किया तो उसका निष्कर्ष क्या निकला?

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जब देश में कांग्रेस की सरकार थी तो 2006 में भारत में चीन के दूतावास ने पूरे अरुणाचल और पूरे नेफा पर अपना दावा किया था। चीन ने कांग्रेस के ही मुख्यमंत्री दोरजी खांडू को वीजा देने से इनकार कर दिया था यह मानते हुए कि अरुणाचल तो उनका ही हिस्सा है। इस विषय पर फाउंडेशन ने शोध किया था क्या?

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मैं कांग्रेस पार्टी को कहना चाहता हूँ कि यह दोहरा और दोगला रवैया जनता के सामने नहीं चलता है। जनता सब देख रही है। कांग्रेस की ही सरकार के समय में देश की हजारों किलोमीटर भूमि अवैध रूप से चीन द्वारा हड़प ली गई। देश की जनता इन सारे विषयों को जानती और समझती है।

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राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट को जाकिर नाइक के इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन से 7 जुलाई 2011 को 50 लाख रुपये का अनुदान मिला था। ट्रस्ट को यह पैसा जाकिर नाइक ने किस मकसद के लिए दिया था?

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केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री अमित शाह ने 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश में भारत-चीन सीमा पर हुए चीनी सैनिकों के अतिक्रमण के कुप्रयास को भारतीय सेना द्वारा विफल कर दिए जाने के पश्चात् आज मंगलवार को भारतीय सेना के शौर्य एवं वीरता की भूरि-भूरि सराहना की और संसद परिसर में मीडिया को संबोधित कर कांग्रेस पर जम कर निशाना साधा।

 

श्री शाह ने संसद परिसर में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि आज संसद में प्रश्नकाल को विपक्ष और ख़ास कर कांग्रेस पार्टी द्वारा नहीं चलने दिया गया। मैं विपक्ष और विशेषकर कांग्रेस पार्टी के इस कुप्रयास की घोर निंदा करता हूँ। अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारत-चीन सीमा पर बीते 8 दिसंबर की देर रात और 9 दिसंबर की सुबह के दरम्यान घटी हुई घटनाओं का हवाला देते हुए विपक्ष ने प्रश्नकाल को स्थगित कराया जिसका कोई औचित्य नहीं था। जब संसदीय कार्य मंत्री ने स्पष्टता से कह दिया था कि आज दोपहर 12:00 बजे देश के रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह जी इस विषय पर सदन के सामने अपना बयान रखेंगे तो विपक्ष द्वारा प्रश्नकाल को स्थगित करवाना कहीं से भी सही नहीं था। मुझे भी थोड़ा आश्चर्य हुआ। फिर, मैंने प्रश्नकाल की सूची को देखा तो पांचवें नंबर का प्रश्न देख कर इनकी चिंता समझ गया क्योंकि प्रश्नकाल का पांचवां प्रश्न राजीव गांधी फाउंडेशन के एफसीआरए रजिस्ट्रेशन को रद्द करने के बारे में था और कांग्रेस के ही सदस्य के द्वारा यह प्रश्न उठाया गया था। इसका जवाब भी बहुत स्पष्ट था। अगर मौक़ा मिलता तो मैं सदन के पटल पर भी बताता कि राजीव गांधी फाउंडेशन को 2005-06 और 2006-07 के वित्तीय वर्ष में चीनी दूतावास से 1.35 करोड़ रुपये का अनुदान प्राप्त हुआ था जो एफसीआरए क़ानून के अनुरूप नहीं था।

 

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि चूंकि चीनी दूतावास द्वारा कांग्रेस पार्टी को मिला अनुदान एफसीआरए क़ानून और उसकी मर्यादाओं के अनुरूप नहीं था तो इसलिए इस संदर्भ में नोटिस देकर, पूर्णतया कानूनी प्रक्रियाओं का अनुपालन करते हुए गृह मंत्रालय ने राजीव गांधी फाउंडेशन का एफसीआरए रजिस्ट्रेशन रद्द किया था। राजीव गांधी फाउंडेशन ने अपना रजिस्ट्रेशन सामाजिक कार्यों के लिए करवाया था लेकिन जो राशि चीनी दूतावास से इस फाउंडेशन को मिली थी, वह फाउंडेशन को भारत-चीन संबंधों के विकास पर शोध करने के लिए दिया गया। अब मैं कांग्रेस पार्टी को पूछना चाहता हूं कि उन्होंने क्या शोध किया?

 

       1962 में भारत की जो हजारों हेक्टेयर की भूमि चीन ने हड़प ली थी, क्या इस विषय को अपने शोध में शामिल किया था? और, यदि इस विषय पर राजीव गांधी फाउंडेशन ने शोध किया तो रिपोर्ट क्या आई?

       नेहरू जी के चीन प्रेम के कारण सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता की बलि चढ़ गई। इस विषय को राजीव गांधी फाउंडेशन ने अपने शोध का विषय बनाया था क्या और अगर बनाया था तो इसका नतीजा क्या हुआ?

       जिस वक्त गलवान में हमारे सेना के वीर जवान चीनियों से भिड़ रहे थे, उस वक्त चीनी दूतावास के अधिकारियों को कौन रात्रि भोज दे रहा था। वह, राजीव गांधी फाउंडेशन के शोध का विषय था क्या? अगर था तो उसका निष्कर्ष क्या निकला?

       जब देश में कांग्रेस की सरकार थी तो 2006 में भारत में चीन के दूतावास ने पूरे अरुणाचल और पूरे नेफा पर अपना दावा कर दिया था, क्या इस विषय को राजीव गांधी फाउंडेशन ने अपने शोध में शामिल किया था? यदि किया था, तो इस पर क्या निष्कर्ष निकला?

       25 मई 2007 को चीन ने कांग्रेस के ही मुख्यमंत्री दोरजी खांडू को वीजा देने से इनकार कर दिया यह मानते हुए कि अरुणाचल तो हमारा ही हिस्सा है। इस पर फाउंडेशन ने शोध किया क्या?

       13 अक्टूबर 2009 को मनमोहन सिंह की अरुणाचल यात्रा पर चीन ने आपत्ति जताई थी। उस पर राजीव गांधी फाउंडेशन ने शोध किया था क्या?

       2011 में कांग्रेस की सरकार ने चीन की धमकी के बाद डेमचोक में हमारे रोड और बॉर्डर इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण रोक दिया। यह क्यों रोका गया? राजीव गांधी फाउंडेशन ने इस विषय पर शोध किया क्या?

 

कांग्रेस पार्टी पर हमला जारी रखते हुए श्री शाह ने कहा कि मैं कांग्रेस पार्टी को कहना चाहता हूँ कि यह दोहरा और दोगला रवैया जनता के सामने नहीं चलता है। जनता सब देख रही है। कांग्रेस पार्टी के एक परिवार द्वारा चलाये जा रहे राजीव गांधी फाउंडेशन का एफसीआरए रजिस्ट्रेशन फाउंडेशन को चीनी दूतावास से मिले हुए अनुदान के कारण  समाप्त हुआ है। कांग्रेस की ही सरकार के समय में देश की हजारों किलोमीटर भूमि अवैध रूप से चीन द्वारा हड़प ली गई। कांग्रेस के ही समय में हमें मिली हुई सुरक्षा परिषद की सदस्यता अपने निजी संबंधों को बनाने के लिए चीन को भेंट दे दी गई। देश की जनता इन सारे विषयों को जानती और समझती है।

 

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि मैं इतना स्पष्ट करना चाहता हूं कि देश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी देश के प्रधानमंत्री हैं और देश में जब तक भारतीय जनता पार्टी की मोदी सरकार चल रही है, देश की एक इंच जमीन पर भी कोई कब्जा नहीं कर सकता। 08 दिसंबर की देर रात और 09 दिसंबर की सुबह अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारत-चीन सीमा पर हमारे वीर जवानों ने जो वीरता दिखाई है, मैं इसकी भूरि-भूरि सराहना करता हूँ और अपने जवानों के शौर्य को सलाम करता हूँ कि उन्होंने घुसे हुए चीनियों को कुछ ही घंटों में वापस खदेड़ दिया और मातृभूमि की रक्षा की।

 

श्री शाह ने कहा कि राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट को जाकिर नाइक के इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन से 7 जुलाई 2011 को 50 लाख रुपये का अनुदान मिला था। मैं पूछना चाहता हूं राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट के कर्ताधर्ता से जो फैमिली पार्टी कांग्रेस के उस परिवार के ही सदस्य हैं, कि आपको यह पैसा जाकिर नाइक ने किस मकसद के लिए दिया था? इसकी भी स्पष्टता देश की जनता के सामने होनी चाहिए।

 

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