भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और माननीय केंद्रीय गृहमंत्री एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह द्वारा लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला के “आपातकाल” निंदा प्रस्ताव के समर्थन में जारी वक्तव्य
आपातकाल में देश को जेलखाना बना कर इंदिरा सरकार ने संविधान की भावना को कुचलने का काम किया था
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संसद का आपातकाल पर ‘निंदा प्रस्ताव’ संदेश देता है कि संसदीय लोकतंत्र समाप्त करने वाली कांग्रेसी सोच की कभी पुनरावृत्ति न हो
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'आपातकाल' रूपी 'अन्याय काल' में गरीबों, दलितों और पिछड़ों ने इंदिरा सरकार के शोषण और अत्याचार को सहन किया
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लोकसभा में आपातकाल पर ‘निंदा प्रस्ताव’ ने एक व्यक्ति के पास सारी शक्तियों का केन्द्रीकरण करने वाली कांग्रेस की तानाशाही मानसिकता को एक्सपोज किया है
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‘आपातकाल’ पर ‘निंदा प्रस्ताव’ से ज्युडीशियरी, ब्यूरोक्रेसी और मीडिया को आघात पहुँचाने वाली कांग्रेस की लोकतंत्र विरोधी सोच पुनः जगजाहिर हुई
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भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और माननीय केंद्रीय गृहमंत्री एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला जी द्वारा सदन में आपातकाल की 50वीं बरसी पर आपातकाल के खिलाफ रखे गए निंदा प्रस्ताव का समर्थन और स्वागत किया। श्री शाह ने कहा कि आपातकाल का निंदा प्रस्ताव तत्कालीन कांग्रेस सरकार के अत्याचार के विरूध आवाज उठाने वाले सत्याग्रहियों के संघर्ष का सम्मान है।
श्री शाह ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने आज सदन में 1975 के आपातकाल के विरूध निंदा प्रस्ताव रखकर बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी के संविधान का अपमान करने वाली कांग्रेस सरकार के दमन एवं शोषण के खिलाफ आवाज उठाने वाले सत्याग्रहियों के संघर्ष को सम्मान दिया है। इसके लिए मैं हृदय से आपातकाल के निंदा प्रस्ताव का समर्थन करता हूं।
माननीय श्री शाह ने कहा कि लोकसभा सदन ने आज “आपातकाल रूपी” उस “अन्याय काल” को याद करते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व की कांग्रेस सरकार के शोषण एवं अत्याचार को सहने वाले गरीबों, दलितों और पिछड़ों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की। उस “अन्याय काल” अर्थात आपातकाल के दौरान देश के नागरिकों के अधिकार समाप्त कर उनकी आजादी छीन ली गयी थी। श्री शाह ने कहा कि लोकसभा सदन ने इस बात पर दुख व्यक्त किया है कि आपातकाल में कैसे पूरे देश को जेलखाना बना दिया गया था और इंदिरा गांधी ने कैसे भारतीय संविधान की भावना को कुचल दिया था।
श्री शाह ने कहा कि संसद में रखे गए निंदा प्रस्ताव ने कांग्रेस की तानाशाही मानसिकता को एक्सपोज कर दिया है, जिस मानसिकता के तहत आपातकाल के काले कालखंड में संविधान में किए गए कई संवेदनशील संशोधन के माध्यम से एक व्यक्ति के पास सभी शक्तियों का केंद्रीकरण किया गया था। इस प्रस्ताव में आपातकाल के दौरान तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा लाखों नेताओं को अकारण डेढ़ साल से अधिक समय तक जेल में बंद करने की क्रूरता की निंदा भी की गयी है। साथ ही, न्यायालय, नौकरशाही और मीडिया जैसे लोकतंत्र के प्रमुख स्तंभों को आघात पहुंचाने वाली कांग्रेस की लोकतंत्र विरोधी सोच को उजागर किया है। सदन में रखे गए निंदा प्रस्ताव के माध्यम से संसदीय लोकतंत्र समाप्त करने वाली कांग्रेसी सोच की कभी पुनरावृति नहीं हो, इसके प्रति जागरूकता फैलाने का संदेश दिया है।
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https://x.com/AmitShah/status/1805906067626586416
आज लोकसभा में 1975 के आपातकाल के विरुद्ध प्रस्ताव रखकर लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला जी ने बाबासाहब अंबेडकर जी के संविधान का अपमान करने वाली कांग्रेस सरकार के दमन और शोषण के विरुद्ध आवाज उठाने वाले सत्याग्रहियों के संघर्ष को सम्मान देने का काम किया है, जिसका मैं ह्रदय से समर्थन…
— Amit Shah (@AmitShah) June 26, 2024
https://x.com/AmitShah/status/1805906246056448330
संसद के इस प्रस्ताव ने:
— Amit Shah (@AmitShah) June 26, 2024
- आपातकाल के काले कालखंड में संविधान में किये गए कई संवेदनशील संशोधनों से एक व्यक्ति के पास सारी शक्तियों का केन्द्रीकरण करने वाली कांग्रेस की तानाशाही मानसिकता को एक्सपोज करने का काम किया है।
- कांग्रेस द्वारा विपक्ष के लाखों नेताओं को अकारण डेढ़ साल से…
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