Salient points of speech : Hon'ble BJP National President Shri J.P. Nadda while addressing "Vibhajan Vibhishika Smriti Diwas" Karyakram in New Delhi


द्वारा श्री जगत प्रकाश नड्डा -
14-08-2023

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा द्वारा नई दिल्ली में आयोजित ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' कार्यक्रम में दिए गए उद्बोधन के मुख्य बिंदु

 

कांग्रेस की समझौतावादी एवं तुष्टिकरण की नीतियों की वजह से ही भारत और भारतवासियों को विभाजन का दंश झेलना पड़ा। उनकी स्वार्थी नीतियों की वजह से ही देश खंडित हुआ, डेढ़ करोड़ से अधिक लोग विस्थापित हुए और लाखों लोगों की हत्याएं हुई।

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कांग्रेस आज भी उसी समझौतावादी और तुष्टिकरण की नीति पर चल रही है। इतिहास के पन्नों को देखते हुए देशवासियों को सजग रहने की जरूरत है ताकि वैसी घटनाएं दोबारा नहीं हो।

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ मनाने का आह्वान किया है, ताकि देश और देशवासी यह याद रखें कि यह आजादी हमे कितने घावों पर मिली है। हमे मालूम होना चाहिए कि यह आजादी कितनी कीमतों पर मिली।

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आज जब हम लोग विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मना रहे हैं तो हमारा मूल मंत्र होना चाहिए भ्रष्टाचार - क्विट इंडिया, परिवारवाद - क्विट इंडिया और तुष्टिकरण - क्विट इंडिया। इतिहास में की गई गलतियों को देखते हुए ही आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने यह नारा दिया है।

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विभाजन का दंश झेलने वाले सभी लोगों के प्रति संवेदना है, जिन्होंने अपने परिवार में अपनों को बिछुड़ते हुए देखा, अपनों को जाते हुए देखा। आगे ऐसी घटना नहीं हो, इसके लिए सजग होकर भारत को विकसित राष्ट्र और मजबूत राष्ट्र बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ें।

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कांग्रेस पार्टी ने सौ साल से पहले 1916 में मुस्लिम लीग से समझौता कर लिया कि धर्म के आधार पर इलेक्टोरेट होगा, जो शतप्रतिशत तुष्टिकरण है। उन्हें देश और देशवासियों से कोई मतलब न था, न है।

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1922 में मोपला नरसंहार हुआ, जिसमें एक लाख हिन्दू परिवारों को केरल छोडना पड़ा था। 10 हजार परिवार इस नरसंहार में मारे गए थे। लगभग 100 हिन्दू मंदिरों को ध्वस्त कर दिया गया। इन सबके बावजूद कांग्रेस पार्टी चुप रही। तुष्टिकरण एक तरीके से नहीं होता है बल्कि अनेकों तरीके से होता है।

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पश्चिम बंगाल में जो आज घटनाएं घट रही हैं, वह सन 1946 की डायरेक्ट एक्शन डे की घटना को याद दिला रही है। उस समय भी कांग्रेस चुप रही। ठीक वैसे ही, अभी पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव में जिस तरह हिंसा हुई और हजारों लोग विस्थापित हुए, तब भी कांग्रेस चुप है। मंडिया गठबंधन के नेता चुप हैं।

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तुष्टिकरण पर चलने वाले सभी का नस्ल एक ही हैं, उनकी सोच एक ही है। तुष्टिकरण करने वाले देश को नहीं देखते हैं, वो सिर्फ अपना वोट को देखते हैं। भले हीं, देश बिक जाए या देशवासी मुसीबत में पड़ जाएँ।

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अगर 1922 में मोपला नरसंहार हुआ और 1946 में डायरेक्ट एक्शन डे हुआ, तो आज भी पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हिंसा में उसी का स्वरूप देखने को मिल रहा है।

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मुस्लिम लीग ने 1922 और 1946 का प्रयोग करने के बाद 1947 में अलग देश की मांग को आगे बढ़ाया था। कांग्रेस पार्टी समझौते पर समझौता करती चली गई और अंतत यह समझौता देश के विभाजन के रूप में  सामने आ गया।

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इतिहास के ये पन्ने बताते हैं कि सोच में तुष्टिकरण की प्रवृति किस तरह से देश और लोगों को मुसीबत में डालती है। राहुल गांधी जेएनयू में भारत तेरे टुकड़े होंगे का नारे लगाने वालों के साथ खड़े हो गए थे। संसद पर हमला करने के मास्टर माइंड अफजल गुरु की बरसी पर वहां नारे लगे, अफजल हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल जिंदा है।

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राहुल गांधी ने हाल के दिनों में बयान दिया कि मुस्लिम लीग शतप्रतिशत सेक्युलर पार्टी है। इन बातों को जिक्र करने का उद्देश्य है कि ये लोग अभी भी बदले नहीं हैं। ऐसे लोंगों के हाथों में देश देना चाहिए क्या?

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राहुल गांधी को यह भी मालूम नहीं कि जिसके नाम में ही मुस्लिम है, वह मुस्लिम लीग सेक्युलर कैसे है? अरे वायनाड में वोट की इतनी कमी पड़ गयी क्या? इतना समझौता करना पड़ रहा है, यह क्या चल रहा है?

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सी राजगोपालाचारी जी ने पंडित जवाहर लाल नेहरू जी को सेंगोल लाकर दिया था और उन्होंने कहा था कि जब आप शासन संभालेंगे तो यह सेंगोल प्रतीक होगा। यह प्रतीक होगा निडरता का, सबको विकास की ओर ले जाने का और समभाव का। यह दीगर बात है कि बाद में वह सेंगोल इलाहाबाद म्यूजियम में नेहरू की वाकिंग स्टीक के रूप में रख दिया गया।

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लियाकत पैक्ट के बाद डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी ने नेहरू कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया और देश को अखंडता का संदेश देते हुए कहा कि एक देश में दो निशान, दो विधान और दो प्रधान नहीं चलेगा। आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने 5 अगस्त 2019 को धारा 370 कर तुष्टिकरण की नीति को समाप्त कर दिया।

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा ने आज सोमवार को नई दिल्ली के एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में आयोजित ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' कार्यक्रम को संबोधित किया और कहा कि कांग्रेस की समझौतावादी एवं तुष्टिकरण की नीतियों की वजह से ही भारत और भारतवासियों को विभाजन का दंश झेलना पड़ा। उनकी स्वार्थी नीतियों की वजह से ही देश खंडित हुआ, डेढ़ करोड़ से अधिक लोग विस्थापित हुए और लाखों लोगों की हत्याएं हुई लेकिन कांग्रेस आज भी उसी समझौतावादी और तुष्टिकरण की नीति पर चल रही है। इतिहास के पन्नों को देखते हुए देशवासियों को सजग रहने की जरूरत है ताकि वैसी घटनाएं दोबारा नहीं हो। इस अवसर पर पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री विजय कुमार मल्होत्रा, दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री वीरेंद्र सचदेवा, दिल्ली विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष श्री रामबीर सिंह विधूड़ी, सांसद श्री प्रवेश वर्मा सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।

 

श्री नड्डा जी ने कहा कि आज देश की आजादी के 75 साल पूरे होंगे और कल आजादी के 76वें साल में प्रवेश करेंगे। हम सभी लोग आजादी की खुशियाँ मनाएंगे। लाखों स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना सर्वस्व न्यौछावर कर आजादी दिलायी थी। 14 अगस्त 1947 को आजादी के पहले देश विभाजित हुआ। उस दिन भारत को साम्राज्यवाद की गुलामी से तो आजादी मिली, लेकिन खंडित आजादी मिली थी। खंडित आजादी में मॉं भारती के दोनो बाजू काट दिए गए। भारत के बहुत बड़े हिस्से को दूसरे देश के रूप में पहचान मिल गयी। 1947 की ऐसी घटना को हमलोग कभी भूल नहीं सकते हैं। 

 

विभाजन के बाद उत्पन्न स्थिति की ओर आकृष्ट करते हुए माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि जब देश आजादी मना रहा था तब करोड़ों लोग अपनी जान बचाते हुए इस भूभाग -वर्तमान भारत- में प्रवेश कर रहे थे। देश के विभाजन के कारण लगभग डेढ करोड़ परिवार विस्थापित हुए थे औार लगभग 10 लाख लोगों की जानें गयी। वह कोई छोटी घटना नहीं थी, बल्कि बहुत बड़ी घटना थी, जिससे मानवता शर्मशार हुई। उस समय के नेतृत्व ने जिस तरीके से छोटी सफलता के लिए बड़े उद्देश्यों के साथ समझौता किया था, यह उसी का परिणाम था। लम्हों ने खता की,सदियों ने सजा पायी। यह उस तरह की खता -गलती थी।

 

श्री नड्डा ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जैसे महान व्यक्तित्व के नेतृत्व का हमें मार्गदर्शन मिल रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ मनाने का आह्वान किया है, ताकि देश और देशवासी यह याद रखें कि यह आजादी हमे कितने घावों पर मिली है। हमे मालूम होना चाहिए कि यह आजादी कितनी कीमतों पर मिली? उस वक्त मानवता का क्या हुआ था? विभाजन के वक्त मानवता शर्मसार हुई थी। हजारों की संख्या में बलात्कार की घटनाएं और हजारों की संख्या में आत्महत्याएं हुई। वह भी सिर्फ आबरू बचाने के लिए हमारी बहनों ने आत्महत्याएं की।

 

मजबूत देश के रूप में उभरते भारत की चर्चा करते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि जब देश 75 वें साल पूरा करके 76वें साल में प्रवेश कर रहा है, तब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व मे भारत दुनिया की अर्थव्यवस्था में पांचवीं स्थान पर खड़ा है। आज भारत दुनिया की सबसे बड़ा लोकतंत्र है और मदर आफ डेमोक्रेसी के रूप में हमने पहचान बनाई है। लेकिन हमें इतिहास के क्रमिक घटनाओं को समझना और याद रखना होगा कि किन वजहों से देश और देशवासियों को मुसीबतों का सामना करना पड़ा।

 

इतिहास के पन्ने पलटते हुए श्री नड्डा ने कहा कि सन 1906 में मुस्लिम लीग की स्थापना हुई थी और मुस्लिम लीग ने 1909 में ही सेपरेट इलेक्तोरेट की मांग की थी। 9016 में मुस्लिम लीग और इंडियन नेशनल कांग्रेस के बीच में लखनउ पैक्ट हुआ था। इस पैक्ट में कांग्रेस और मुस्लिम लीग ने तय किया कि सुनियिजित ढंग से इलेक्टोरेट धर्म के आधार पर होगा। कांग्रेस पार्टी ने मुस्लिम लीग की बात मान ली कि धर्म के आधार पर प्रोविन्सियल कांउसिल में इलेक्टोरेट मिलेगा।

 

इतिहास से आज को जोड़ते हुए श्री नड्डा ने कहा कि 9 अगस्त 1942 को महात्मा गांधी जी ने क्विट इंडिया मूवमेंट की घोषणा की थी और 9 अगस्त 2023 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कहा कि तुष्टिकरण क्विट इंडिया। कांग्रेस पार्टी ने सौ साल से पहले 1916 में मुस्लिम लीग से समझौता कर लिया कि धर्म के आधार पर इलेक्टोरेट होगा, जो शतप्रतिशत तुष्टिकरण है। उन्हें देश और देशवासियों से कोई मतलब न था, न है। इतिहास में तुष्टिकरण के एक और पन्ने को पलटते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि 1922 में मोपला नरसंहार हुआ, जिसमें एक लाख हिन्दू परिवारों को केरल छोडना पड़ा था। 10 हजार परिवार इस नरसंहार में मारे गए थे। लगभग 100 हिन्दू मंदिरों को ध्वस्त कर दिया गया। इन सबके बावजूद कांग्रेस पार्टी चुप रही। तुष्टिकरण एक तरीके से नहीं होता है बल्कि अनेकों तरीके से होता है।

 

श्री नड्डा ने कहा कि पश्चिम बंगाल में जो आज घटनाएं घट रही हैं, वह सन 1946 की डायरेक्ट एक्शन डे की घटना को याद दिला रही है। 16 अगस्त 1946 को मुस्लिम लीग ने डायरेक्ट एक्शन डे का आह्वान किया था। उस समय कोलकाता की सड़कों पर खून ही खून फैल गया था, मानवता फिर से शर्मसार हुई थी। इसमें लगभग 4000 लोग मारे गए, महिलाओं के साथ बलात्कार हुए, लाखों लोगों की संपत्तियां बर्बाद हुई और लाखों लोग विस्थापित हुए। उस समय भी कांग्रेस चुप रही। ठीक वैसे ही, अभी पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव में हुए, जिसमें हिंसा के 12 हजार मामले दर्ज हुए और 56 लोग मारे गए। 123 बलात्कार के मामले हैं। इससे कुछ साल पहले, पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 हुए, चुनाव बाद हिंसा में 60 से ज्यादा लोग मारे गए और 200 से ज्यादा बलात्कार के मामले सामने आए। ठीक वैसे ही, आज भी घमंडिया गठबंधन के नेता चुप हैं, इसे भुलाया नहीं जा सकता है। इसलिए तुष्टिकरण पर चलने वाले सभी का नस्ल एक ही हैं, उनकी सोच एक ही है। तुष्टिकरण करने वाले देश को नहीं देखते हैं, वो सिर्फ अपना वोट को देखते हैं। भले हीं, देश बिक जाए या देशवासी मुसीबत में पड़ जाएँ।

 

विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर वर्तमान और पुरानी बातों को जोड़ने के पीछे कारण बताते हुए माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि इतिहास के साथ वर्तमान की ये बातों की चर्चा करने के पीछे मुख्य कारण है कि इन लोगों की सोच में कोई अंतर नहीं आया है। अगर 1922 में मोपला नरसंहार हुआ और 1946 में डायरेक्ट एक्शन डे हुआ, तो आज भी पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हिंसा में उसी का स्वरूप देखने को मिल रहा है। मुस्लिम लीग ने 1922 और 1946 का प्रयोग करने के बाद 1947 में अलग देश की मांग को आगे बढ़ाया था। कांग्रेस पार्टी समझौते पर समझौता करती चली गई और अंतत यह समझौता देश के विभाजन के रूप में  सामने आ गया।

 

श्री नड्डा ने कहा कि इतिहास में की गयी गलतियों को देखते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कहा कि भ्रष्टाचार क्विट इंडिया, परिवारवाद क्विट इंडिया और तुष्टिकरण क्विट इंडिया। क्योंकि परिवारवाद से जुड़े लोगों को जमीनी हकीकत मालूम नहीं होती। इतिहास के ये पन्ने बताते हैं कि सोच में तुष्टिकरण की प्रवृति किस तरह से देश और लोगों को मुसीबत में डालती है। हाल के बीते दिनों को याद कीजिए, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी जेएनयू जाकर उन लोगों के साथ खड़े हुए जिन्होंने भारत तेरे टुकड़े होंगे के नारे लगाए थे। संसद पर हमला करने के मास्टर माइंड अफजल गुरु की बरसी पर वहां नारे लगे, अफजल हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल जिंदा है। सुप्रीम कोर्ट ने संसद पर हमल करने के लिए आतंकी अफजल को फांसी की सजा सुनाई थी। इसका मतलब सुप्रीम कोर्ट कातिल है, सुप्रीम कोर्ट के जज कातिल हैं। भारत के राष्ट्रपति ने आंतकी अफजल को माफी नहीं दी तो वह कातिल हो गए। राहुल गांधी ने हाल के दिनों में बयान दिया कि मुस्लिम लीग शतप्रतिशत सेक्युलर पार्टी है। इन बातों को जिक्र करने का उद्देश्य है कि ये लोग अभी भी बदले नहीं हैं। ऐसे लोंगों के हाथों में देश देना चाहिए क्या? राहुल गांधी को यह भी मालूम नहीं कि जिसके नाम में ही मुस्लिम है, वह मुस्लिम लीग सेक्युलर कैसे है? अरे वायनाड में वोट की इतनी कमी पड़ गयी क्या? इतना समझौता करना पड़ रहा है, यह क्या चल रहा है?

 

माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू एवं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री लियाकत ने 8 अगस्त 1950 को लियाकत पैक्ट किया था। यह तय हुआ कि पाकिस्तान में रहने वाले हिन्दू भाई वहीं रह जाएं। हिंदू भाई-बहनों को वहां मुसीबत में छोड़ दिया गया। उनको लाने की व्यवस्था नहीं की गयी। लियाकत पैक्ट के तहत लोगों से कहा गया कि जो जहां है वहीं रह जाओ और वहीं का नागरिकता ले लो। सबसे खास बात यह है कि खान अब्दुल गफार खां को भी कह दिया गया कि आप पाकिस्तान चले जाओ। नार्थ वेस्ट प्रोविंस बनाकर उनको भी वहां भेज दिया। खान अब्दुल गफ्फार खां ने कहा कि आप हमें भेड़ियों के सामने भेज रहे हो। उनके साथ भी दगा किया गया और सबको मालूम है कि उनके अंतिम दिन कैसे गुजरे थे। सरदार बल्लभ भाई पटेल ने कहा कि जिन्ना पागलपन का सपना देख रहा है। लियाकत पैक्ट के बाद डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी ने नेहरू कैबिनेट से इस्तीफा दिया था और उसके बाद जन संघ की स्थापना की थी। भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष बनने के बाद डॉ मुखर्जी ने कहा कि एक देश में दो निशान, दो विधान और दो प्रधान नहीं चलेगा। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 5 अगस्त 2019 को धारा 370 को धाराशायी कर दिया और उनकी तुष्टिकरण की नीति को समाप्त कर दिया। आदरणीय लाल कृष्ण अडवाणीजी  ने अपने बायोग्राफी में लिखा है कि किस तरह से वे पाकिस्तान से आए थे और उन्हें क्या-क्या झेलना पड़ा। केवल वे ही नहीं बल्कि उनके साथ लाखों परिवारों ने विभाजन का दर्द झेला है।

 

श्री नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस का आह्वान करने के पीछे मूल उद्देश्य यह है कि आने वाले पीढ़ी को भी बताएं कि हमारे देश में क्या हुआ था? कैसे लम्हों ने खता की थी और सदियां सजा पा रही है? कैसे हमारे नेताओं ने समझौता किया था, एक-एक बात सबके सामने आना चाहिए। जैसे सी राजगोपालाचारी जी ने पंडित जवाहर लाल नेहरू जी को सेंगोल लाकर दिया था और उन्होंने कहा था कि जब आप शासन संभालेंगे तो यह सेंगोल प्रतीक होगा। यह प्रतीक होगा निडरता का, सबको विकास की ओर ले जाने का और समभाव का। यह दीगर बात है कि बाद में वह सेंगोल इलाहाबाद म्यूजियम में नेहरू की वाकिंग स्टीक के रूप में रख दिया गया। आज जब हम लोग विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मना रहे हैं तो हमारा मूल मंत्र होना चाहिए भ्रष्टाचार - क्विट इंडिया, परिवारवाद - क्विट इंडिया और तुष्टिकरण - क्विट इंडिया। इस मूलमंत्र को लेकर हम लोगों को बढ़ना होगा। विभाजन का दंश झेलने वाले सभी लोगों के प्रति संवेदना है, जिन्होंने अपने परिवार में अपनों को बिछुड़ते हुए देखा, अपनों को जाते हुए देखा। आगे ऐसी घटना नहीं हो, इसके लिए सजग होकर भारत को विकसित राष्ट्र और मजबूत राष्ट्र बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ें। हम सब एकजुट हो आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में 2047 में भारत को विकसित राष्ट्र बनाएंगे।

 

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