Media byte of Hon'ble Union Minister Smt. Nirmala Sitharaman


द्वारा श्रीमती निर्मला सीतारमण -
23-06-2024
Press Release

 

केन्द्रीय वित्तमंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा तमिलनाडु में जहरीली शराब से हुई त्रासदी पर दी गई मीडिया बाइट

 

तमिलनाडु में अवैध और जहरीली शराब पीने से 200 से ज्यादा लोग अभी भी गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती हैं, 56 लोगों की मौत हो चुकी है और मरने वालों में अधिकतर अनुसूचित जाति के लोग हैं। मैं इस घटना से स्तब्ध हूँ, और इस घटना की कड़ी निंदा करती हूँ।

 

मुझे इससे भी ज़्यादा आश्चर्य इस बात पर हुआ है कि कांग्रेस पार्टी ने इस घटना के खिलाफ एक शब्द भी नहीं कहा। जिस राज्य में शराब बंदी जैसी व्यवस्था नहीं है, जहां तमिलनाडु सरकार द्वारा संचालित दुकानों से लाइसेंसी शराब मिलती है, जिसे 'तस्माक' कहते हैं। उसके बावजूद शहर के बीचों-बीच कल्लकुरिची में लोगों को अवैध शराब और रासायनिक शराब वितरित की जाती है, जिसे पीने से 56 लोगों की मौत हो जाती है। सभी गरीब अनुसूचित जाति परिवार से आते हैं।

 

कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे कहां हैं? क्या उन्हें तमिलनाडु के लोगों के प्रति कोई सहानुभूति या परवाह नहीं है? क्या उन्हें तमिलनाडु के अनुसूचित जातियों की कोई परवाह नहीं है?

 

राहुल गांधी कहाँ हैं? वे उत्तर और दक्षिण की बात करते हैं, वे दक्षिण के वोटों की बात करते हैं, वे सिर्फ़ इसलिए चुनाव लड़ते हैं क्योंकि उन्हें भरोसा है कि वे जीत जाएंगे और फिर वे दक्षिण चले जाते हैं। लेकिन आज जब तमिलनाडु में उनके गठबंधन सहयोगी, द्रुमक शासित सरकार ने नकली शराब की वजह से दलितों की मौत पर आंखें मूंद लीं, तो मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी दोनों की तरफ से कोई बयान नहीं आया। वे कहां हैं? वे कोई बयान क्यों नहीं दे रहे हैं?

 

मैं मांग करती हूं कि इस पूरे मामले की जांच सीबीआई को दी जाए और कांग्रेस पार्टी को तुरंत तमिलनाडु पर ध्यान देना चाहिए और इसे सिर्फ इसलिए नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, क्योंकि उनकी पार्टी के गठबंधन सहयोगी राज्य चलाती है।

 

कांग्रेस सोचती है कि उन्हें तमिलनाडु के लोगों की जरूरत सिर्फ़ वोट के लिए है और उसके बाद उनकी परवाह करने की ज़रूरत नहीं है। उनके कल्याण के लिए कांग्रेस पार्टी की उदासीनता बहुत स्पष्ट रूप से सामने आ गई है। उन्हें मौतों से कोई फ़र्क नहीं पड़ता, उन्हें उन अवैध गतिविधियों से कोई फर्क नहीं पड़ता जो स्पष्ट रूप से सत्ताधारी पार्टी द्वारा प्रायोजित और समर्थित हैं। और वहां की सरकार पूरी तरह से उदासीन है और कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।

 

कांग्रेस पार्टी इसलिए खुश है कि उत्तर भारत और राष्ट्रीय प्रेस में कोई भी इस बारे में बात नहीं कर रहा है। हम कांग्रेस पार्टी का ध्यान इस ओर आकर्षित करना चाहेंगे, क्या आप तमिलनाडु के लोगों के जीवन के प्रति इतने उदासीन हैं? क्या आपको तमिलनाडु में अनुसूचित जातियों की कोई परवाह नहीं है? क्या आपको वहां से सिर्फ़ वोट चाहिए और आपको अपनी गठबंधन पार्टी डीएमके से पूछने के लिए कोई सवाल नहीं है?

 

तमिल में 'के' का मतलब 'खल' होता है। खल वह होता है जो चुपके से किया जाता है। इसलिए, खल कझगम, खल सराया कझगम का मतलब है, वह जो कझगम (डीएमके) कुछ और नहीं बल्कि खल (जो चुपके से बनाया गया) सरायाम (अवैध शराब) से निपटना है। डीएमके द्रविड़ मुनेत्र कझगम से ज़्यादा खल सराया कझगम है।

 

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