Press Conference of BJP National Spokesperson & MP Dr. Sudhanshu Trivedi regarding protests against Mamata Banerjee government


द्वारा डॉ. सुधांशु त्रिवेदी -
28-08-2024
Press Release

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं सांसद डॉ सुधांशु त्रिवेदी द्वारा पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन के संदर्भ में की गई प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु

 

कोलकाता मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर के साथ रेप एवं मर्डर मामले में जांच को भटकाने, आरोपी को बचाने, सबूतों को मिटाने के बाद अब सीएम ममता बनर्जी प्रदर्शनकारी को धमकाने की एक नयी रणनीति दिखाई पड़ रही है।

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सीएम ममता बनर्जी के शब्दों पर गौर कीजिए। मीडिया के अनुसार ममता बनर्जी ने कहा है कि मैं नहीं चाहती कि एफआईआर हो। एफआईआर नहीं करना चाहते है, ताकि कैरियर बर्बाद नहीं हो। पासपोर्ट और वीजा मिलने में दिक्कत न हो।

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शब्दों के हेर फेर के साथ ममता बनर्जी ने सीधे डॉक्टरों को धमकाया है। एक प्रकार से शब्दों के मायाजाल के अंदर डॉक्टरों के कैरियर के उपर प्रश्नचिन्ह लगाया है।

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ममता बनर्जी का यह कहना कि चुनाव करा लो। यह एक प्रकार से पश्चिम बंगाल सरकार की बहुत दुखद और खिसियाहट की अभिव्यक्ति है। महोदया इस पीड़िता के साथ न्याय का विषय कोई चुनाव का विषय नहीं है। यह सोच बहुत ही खतरनाक है कि जिसकी सत्ता होगी, न्याय उसी के पक्ष में होगा।

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पश्चिम बंगाल में पीड़िता के साथ होने वाले न्याय के साथ मजाक और अघात ही नहीं है, बल्कि संविधान की मूलभावना पर सबसे बड़ा अघात है। पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र नहीं और संविधान को तार-तार किया जा रहा है। अपराध और अपराधियों को बचाने के लिए कांग्रेस समेत इंडी गठबंधन के सभी दल इसमें शामिल हैं।

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2021 में टीएमसी की सरकार का अगाज ही हिंसा के साथ हुआ था। इसके लिए कोलकाता उच्च न्यायालय ने उन्हें फटकार लगायी थी। ममता जी की सरकार की शुरूआत ही हिंसा के साथ हुई, हाईकोर्ट से उसका सर्टिफाइड सर्टिफिकेट उनके पास है।

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सीएम ममता बनर्जी की सरकार ने बलात्कार के मामलों में कितने दोषियों को फांसी की सजा दिलवायी है? पश्चिम बंगाल सरकार कन्विक्शन रेट क्या है?

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सांसद डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने आज केंद्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार एवं नृशंस हत्या मामले में पश्चिम बंगाल के सीएम ममता बनर्जी द्वारा प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को धमकाने, पीड़िता को न्याय दिलाने के बदले अपराधियों को बचाने और भाजपा के पश्चिम बंगाल बंद के दौरान कार्यकर्ताओं पर हिंसक हमला कराने के लिए जमकर आलोचना की। डॉ त्रिवेदी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में पीड़िता के साथ होने वाले न्याय के साथ मजाक और अघात ही नहीं है, बल्कि संविधान की मूलभावना पर सबसे बड़ा अघात है। पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र नहीं और संविधान को तार-तार किया जा रहा है। कांग्रेस समेत इंडी गठबंधन के सभी दल इसमें शामिल हैं।

 

डॉ त्रिवेदी ने कहा कि पश्चिम बंगाल के जन-जन को जो दिखाई पड़ रही है, वो सीएम ममता बनर्जी की टीएमसी सरकार को सुनाई नहीं पड़ रही है। कोलकाता मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर के साथ रेप एवं मर्डर मामले में जांच को भटकाने, आरोपी को बचाने, सबूतों को मिटाने के बाद अब सीएम ममता बनर्जी डॉक्टरों को धमकाने की एक नयी रणनीति दिखाई पड़ रही है। डॉ त्रिवेदी ने कहा कि आज से पहले इस तरह का बंद नहीं हुआ है कि जब बंद का आह्वान किया जाए, तो सत्ताधारी दल के नेता जाकर दूकानों को खुलवाने का प्रयास करते हैं। इसके बाद मुख्यमंत्री प्रेस को संबोंधित करे।

 

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ त्रिवेदी ने कहा कि सीएम ममता बनर्जी के शब्दों पर गौर कीजिए। मीडिया के अनुसार ममता बनर्जी ने कहा है कि मैं नहीं चाहती कि एफआईआर हो। एफआईआर नहीं करना चाहते है, ताकि कैरियर बर्बाद नहीं हो। पासपोर्ट और वीजा मिलने में दिक्कत न हो। मुझे लगता है कि देश की प्रबुद्ध जनता और पश्चिम बंगाल की प्रबुद्धता कई शताब्दियों से प्रसिद्ध है, वो इसका अर्थ, भाव और अभिव्यक्ति नहीं समझ पा रहा हो, ऐसा संभव नहीं है।

 

भारतीय जनता पार्टी की ओर से डॉ त्रिवेदी ने कहा कि शब्दों के हेर फेर के साथ ममता बनर्जी ने सीधे डॉक्टरों को धमकाया है। एक प्रकार से शब्दों के मायाजाल के अंदर डॉक्टरों के कैरियर के उपर प्रश्नचिन्ह लगाया है। प्रत्यक्ष में शब्दों के मायाजाल में जो दिख रहा है, ठीक वैसे ही जैसे पश्चिम बंगाल सरकार का मुखौटा कुछ और दिख रहा है और मुख कुछ है। उसी प्रकार से पश्चिम बंगाल के सीएम ममता बनर्जी के शब्द कुछ और हैं और भाव कुछ और हैं। यह सब को समझ में आ रहा है। इसके उपरांत प्रेसवार्ता में ममता बनर्जी का यह कहना कि चुनाव करा लो। यह एक प्रकार से पश्चिम बंगाल सरकार की बहुत दुखद और खिसियाहट की अभिव्यक्ति है।

 

डॉ त्रिवेदी ने ममता बनर्जी से कहा कि महोदया इस पीड़िता के साथ न्याय का विषय कोई चुनाव का विषय नहीं है। सबूतों के आधार पर कानून की अदालत में साबित होकर दोषियों को सजा दिलाने का विषय है। यह न्याय का विषय है चुनाव का विषय नहीं है। यह सोच बहुत ही खतरनाक है कि जिसकी सत्ता होगी, न्याय उसी के पक्ष में होगा।

 

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ त्रिवेदी ने कहा कि संविधान खतरे में कहीं है तो पश्चिम बंगाल में है। जहां का मंत्री उदयन गुहा कहते हैं कि मुख्यमंत्री के खिलाफ जो उंगली उठेगी, उसे उंगली को तोड़ दी जाएगी। जहां का सांसद अरूप चक्रवर्ती कहता है कि जो लोग (प्रदर्शनकारी डॉक्टरों)  यह कर रहे हैं उन्हें अंजाम भुगतना होगा। जहां की मुख्यमंत्री कहती हैं कि मैं नहीं चाहती कि एफआईआर हो, कैरियर खराब हो। जरा सोचिए, ख्वाबों ख्यालों में यदि केंद्र में इनकी सत्ता होती तो उंगली तोड़ दी गयी होती। अंजाम भुगतवा दिया गया होता। कैरियर बर्बाद कर दिया गया होता। इसमें किसी प्रकार का संशय नहीं है, क्योंकि पश्चिम बंगाल में यह सब बहुत साफ दिख रहा है। कांग्रेस के एक नेता अधीर रंजन चौधरी ने पहले ही कह चुके हैं कि पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र नहीं है, जब वे लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष थे। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के शब्द आज पश्चिम बंगाल में चरितार्थ होता दिख रहा है।

 

डॉ त्रिवेदी ने कहा कि ममता बनर्जी क्या वही ममता बनर्जी हैं जिन्हें बलात्कार के खिलाफ बहुत बड़ा आंदोलन और संघर्ष की थी? तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में जब ममता बनर्जी भाजपा के साथ थी तब उन्होंने स्वयं यह बताया था कि पश्चिम बंगाल में कम्यूनिस्ट सरकार की पुलिस ने उनके उपर इतने अघात किए थे कि उन्हें मृत समझकर छोड़ गए थे। शायद कम्यूनिस्ट सरकार की पुलिस को पता होता कि मैं जीवित हैं तो वे मुझे नहीं छोड़ते। डॉ त्रिवेदी ने ममता बनर्जी से सवाल पूछा कि क्या ममता जी आज आपकी संवेदना इतनी मृत हो गयी कि दोषियों को सजा दिलाने के बदले किसी को बचाने में लगी हैं? क्या आप वही ममता बनर्जी हैं? ममता जी आप किसको बचाने में लगी हैं?  

 

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ त्रिवेदी ने कहा कि कोलकाता मेडिकल कॉलेज में हुए बलात्कार और नृशंस हत्या मामले में पहले दिन से दिखाई पड़ रहा है कि कैसे प्रिंसिपल को दूसरे कॉलेज के प्रिंसिपल बना दिया गया। उसके उपरांत अपराध की घटना स्थल को सुरक्षित नहीं करना। उसके बाद क्राइम सीन के आसपास की जगहों पर तोड़फोड हो जाना। इस मामले को सीबीआई को टांसफर नहीं करना। और, अब ध्यान भटकाने के लिए ममता बनर्जी दोषियों को फांसी देने की बात करती हैं। ममता बनर्जी को मालूम होना चाहिए कि किसी दोषी को फांसी एक प्रक्रिया के तहत दी जाती है। अफसोस की बात यह है कि सर्वोच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल सरकार को कहा है कि आपने इतने सबूतों को मिटा दिए हैं और सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर दिए हैं कि इसकी जांच अब आसान नहीं है।

 

भारतीय जनता पार्टी ने ममता बनर्जी की सरकार से सवाल पूछे कि सीएम ममता बनर्जी की सरकार ने बलात्कार के मामलों में कितने दोषियों को फांसी की सजा दिलवायी है? पश्चिम बंगाल सरकार कन्विक्शन रेट क्या है?

 

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ त्रिवेदी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में जो कुछ हो रहा है, वो एक पीड़िता के साथ होने वाले न्याय के साथ मजाक और अघात ही नहीं है, बल्कि संविधान की मूलभावना पर सबसे बड़ा अघात है। इंडी गठबंधन के सभी दल इसमें शामिल हैं। तृणमूल कांग्रेस सरकार का वकील कौन है कपिल सिब्बल, जो उत्तर प्रदेश से समाजवादी पार्टी के समर्थन से राज्यसभा सांसद हैं और कांग्रेस पार्टी के पूर्व मंत्री हैं। अर्थात इस अपराध और अपराधियों को बचाने के लिए इंडी गठबंधन के सभी लोग शामिल हैं। 

 

डॉ त्रिवेदी ने कहा कि ममता बनर्जी कह रही हैं कि भारतीय जनता पार्टी का जो बंद है वह हिंसा के लिए है। जबकि भाजपा के कार्यकर्ता आज लाठी-डंडे और हिंसा सह रहे हैं। डॉ त्रिवेदी ने ममता बनर्जी को बताया कि 2021 में टीएमसी की सरकार का अगाज ही हिंसा के साथ हुआ था। इसके लिए कोलकाता उच्च न्यायालय ने उन्हें फटकार लगायी थी। ममता जी की सरकार की शुरूआत ही हिंसा के साथ हुई, हाईकोर्ट से उसका सर्टिफाइड सर्टिफिकेट उनके पास है।

 

भाजपा के राष्टीय प्रवक्ता डॉ त्रिवेदी ने देश की जनता को याद दिलाया कि एक समय था कि देश के कई राज्यों में चुनावी हिंसा होती थी। अब उन सभी राज्यों में चुनावी हिंसा समाप्त हो गयी। अब केवल एक ही राज्य है जहां से चुनावी हिंसा की खबरे आती है, वह पश्चिम बंगाल है। ममता बनर्जी की सरकार में चुनाव में हिंसा होती है और जीतने के बाद हिंसा होती है। इसलिए ममता बनर्जी के दिमाग में भी इतनी दर्दनाक और बर्बरतापूर्ण हिंसा करने वालों के बचाव की कोशिश पश्चिम बंगाल की सरकार कर रही है। डॉ त्रिवेदी ने आशंका जाहिर की कि हो सकता है कि ममता बनर्जी बहुत बेबस हो, क्योंकि जिन अपराधियों को अपने साथ ली हैं, अब उन अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि शायद सीएम ममता बनर्जी के लिए अब इसके अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है कि अब अपराधियों का बचाव करे। क्योंकि, शायद अपराधियों को रोकना अब सीएम ममता बनर्जी की क्षमता से बाहर हो गया है।

 

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