Press Release : Hon’ble National President of BJP Shri J.P. Nadda paid flowral tribute to Dr. Shyama Prasad Mukharji on Balidan Diwas in New Delhi


द्वारा श्री जगत प्रकाश नड्डा -
23-06-2024
Press Release

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा ने राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता के अग्रदूत डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी के बलिदान दिवस पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की

 

श्रद्धेय डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी भारत की एकता एवं अखंडता के अग्रदूत थे। विकसित, आत्मनिर्भर और मजबूत भारत बनना ही श्रद्धेय डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

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श्रद्धेय मुखर्जी जी ने जम्मू-कश्मीर में धारा 370 लगाने और परमिट सिस्टम का कड़ा विरोध किया तथा नेहरू जी की कैबिनेट से त्याग-पत्र देते हुए नारा दिया कि एक देश में दो निशान, दो विधान और दो प्रधान नहीं चलेंगे।

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डॉ मुखर्जी जी ने धारा 370 की समाप्ति के लिए और देश की अखंडता अक्षुण्ण रखने के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया, पुलिस हिरासत में उनकी संदिग्ध मृत्य हुई लेकिन उनकी पूज्य माताजी द्वारा जांच की मांग के बावजूद तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने जांच करवाने से इनकार कर दिया।

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इसी से पता चलता है कि उस समय देश में कैसा प्रजातंत्र रहा होगा और कांग्रेस के प्रधानमंत्री उस समय कैसा बर्ताव किया करते थे?

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भारत विभाजन के दौरान कांग्रेस नेताओं से समझौते के समय मुस्लिम लीग ने समूचा पंजाब और बंगाल लेने की ठान ली थी, उस समय श्रद्धेय डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी ने जन-आंदोलन खड़ा कर जनता को जागृत किया था, जिसके कारण पंजाब और बंगाल अखंड भारत का हिस्सा बने।

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डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी सत्ता के लिए राजनीति में नहीं आए थे बल्कि उन्होंने विचारधारा के लिए सत्ता का त्याग कर दिया।

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माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का आह्वान है किएक पेड़ मां के नामकार्यक्रम के अंतर्गत श्री श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस से उनकी जन्म जयंती तक लाखों लोग अपने परिवार के नाम पर पेड़ लगाएंगे।

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जिस तरह एक मां पूरे परिवार का संरक्षण और पोषण करती है, ठीक उसी प्रकार एक पेड़ सारे समाज को पोषित और संरक्षित करता है। इसलिए भाजपाएक पेड़ मां के नामकार्यक्रम को आगे बढ़ा रही है।

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मेरी कार्यकर्ताओं से अपील है कि सभी कार्यकर्ता बागवान या बगीचों में एक पेड़ मां नाम अवश्य लगाएं और पर्यावरण को सहेजने में अपनी भूमिका निभाएं।

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जगत प्रकाश नड्डा ने आज पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता के अग्रदूत तथा जन संघ के संस्थापक श्रद्धेय डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी के बलिदान दिवस पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित कर भाजपा के करोड़ों कार्यकर्ताओं की ओर से विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने एकात्म मानववाद के प्रणेता श्रद्धेय पंडित दीनदयाल उपाध्याय की मूर्ति पर भी माल्यार्पण किया। श्री नड्डा ने बलिदान दिवस पर भारतीय जनता पार्टी के करोड़ों कार्यकर्ताओं से आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आह्वान परएक पेड़ मां के नामअभियान को सफल बनाने की भी अपील की। उन्होंने इस अवसर पर पौधारोपण किया और पौधा वितरण भी किया।  

 

श्री नड्डा ने इस अवसर पर कहा कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता श्रद्धेय डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि को बलिदान दिवस के रूप में मनाती है। श्रद्धेय डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी ने 23 जून 1953 को श्रीनगर जेल में संदिग्ध परिस्थितियों में अपनी अंतिम सांस ली थी और यह रहस्यमयी परिस्थिति हम सभी के लिए आज तक एक प्रश्नचिह्न बना हुआ है। श्रद्धेय डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी एक महान देशभक्त, शिक्षाविद् और सामाजिक न्याय के पुरोधा थे।

 

आदरणीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि अगर मैं श्रद्धेय डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के शिक्षाविद् होने की बात करूं, तो वे कलकत्ता विश्वविद्यालय के सबसे कम उम्र के कुलपति रहे। श्रद्धेय डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी बहुआयामी प्रतिभा के धनी एवं एक महान शिक्षाविद् थे और साथ ही देशभक्ति की भावना के कारण उन्होंने राजनीति में कदम रखा था। आज यह कहा जा सकता है कि वर्तमान पंजाब और पश्चिम बंगाल श्रद्धेय डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी के कारण ही भारत का अभिन्न अंग है। भारत के विभाजन के दौरान कांग्रेस नेताओं से समझौते के समय मुस्लिम लीग ने समूचा पंजाब और बंगाल लेने की ठान ली थी, उस समय श्रद्धेय डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जन-आंदोलन खड़ा कर जनता को जागृत किया था, जिसके कारण पंजाब और बंगाल अखंड भारत का हिस्सा बने।

 

श्री नड्डा ने कहा कि श्रद्धेय डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने एक विचारधारा के लिए अपना जीवन खपा दिया। वे सत्ता के लिए राजनीति में नहीं आए थे बल्कि उन्होंने विचारधारा के लिए सत्ता का त्याग कर दिया। श्रद्धेय डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंगाल की सरकार में मंत्री थे, लेकिन विचारधारा के लिए उन्होंने मंत्री पद का भी त्याग कर दिया। इसके अलावा उन्होंने जवाहर लाल नेहरू जी की पहली कैबिनेट में मंत्री रहते हुए नेहरू जी की छद्म धर्मनिरपेक्षता के विरुद्ध प्रखर आवाज उठाई और कहा कि वह मुस्लिम लीग तथा साम्प्रदायिक ताकतों के सामने घुटने टेकने से मत भिन्नता रखते हैं। श्रद्धेय डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी ने जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर भी प्रखर आवाज उठाते हुए धारा 370 लगाने का विरोध किया एवं इसके विरोध में श्रद्धेय डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने नेहरू जी की कैबिनेट से त्याग-पत्र देते हुए नारा दिया कि एक देश में दो निशान, दो विधान और दो प्रधान नहीं चलेंगे और इसी नारे के साथ श्रद्धेय डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने सत्याग्रह किया। धारा 370 के तहत जम्मू-कश्मीर जाने के लिए परमिट बनाना पड़ता था लेकिन श्रद्धेय डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने इसका विरोध करते हुए परमिट नहीं लिया और उन्हें जम्मू-कश्मीर के बॉर्डर पर गिरफ्तार कर लिया गया। श्रद्धेय डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की गिरफ्तारी के लगभग एक महीने बाद उनकी जेल में संदेहास्पद स्थिति में उनका देहावसान हो गया। श्रद्धेय डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी की मां ने तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू से इस घटना की जांच कराने की मांग करते हुए कहा था कि मुझे नेहरू की दलील नहीं, बल्कि अपने बेटे की मौत की जांच चाहिए लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने जांच करवाने से इनकार कर दिया।

 

माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि जिस लड़ाई के लिए श्रद्धेय डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी ने बलिदान दिया, भारतीय जनसंघ और बाद में भारतीय जनता पार्टी ने अविरल रूप से उस लड़ाई को आगे बढ़ाया। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 6 अगस्त 2019 को धारा 370 को धराशायी कर दिया और एक देश मेंएक निशान, एक विधान और एक प्रधान के नारे को स्थापित किया। श्रद्धेय डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की नीतियों को मानने वाले करोड़ों लोगों ने भारतीय जनसंघ और भारतीय जनता पार्टी की तरफ से इस लड़ाई को आगे बढ़ाया और आज हम इस निर्णायक मोड़ तक पहुंच पाए हैं। उनकी संदेहास्पद मृत्यु की जांच तक नहीं की गई, इसी से पता चलता है कि उस समय देश में कैसा प्रजातंत्र रहा होगा और कांग्रेस के प्रधानमंत्री कैसा बर्ताव किया करते थे? लोकतंत्र मजबूत होते-होते आज यहां तक पहुंचा है और आज श्री श्यामा प्रसाद मुखर्जी के विचार और कार्य को आगे बढ़ाने के लिए करोड़ों कार्यकर्ता बलिदान देने के लिए तैयार हैं।

 

श्री नड्डा ने कहा कि भाजपा हर वर्ष इस बलिदान दिवस को मनाती है और इस वर्ष हमने इसे पर्यावरण से भी जोड़ा है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का आह्वान है किएक पेड़ मां के नामकार्यक्रम के अंतर्गत श्री श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस से उनकी जन्म जयंती तक लाखों लोग अपने परिवार के नाम पर पेड़ लगाएंगे। जिस तरह एक मां पूरे परिवार का संरक्षण और पोषण करती है, ठीक उसी प्रकार एक पेड़ सारे समाज को पोषित और संरक्षित करता है। इसलिए भाजपाएक पेड़ मां के नामकार्यक्रम को आगे बढ़ा रही है। मेरी कार्यकर्ताओं से अपील है कि सभी कार्यकर्ता बागवान या बगीचों में एक पेड़ मां नाम अवश्य लगाएं और पर्यावरण को सहेजने में अपनी भूमिका निभाएं। बलिदान दिवस के अवसर पर श्री नड्डा ने भारतवासियों को शक्ति देने एवं आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में देश को विकसित, आत्मनिर्भर और एक मजबूत भारत के लिए प्रार्थना की। विकसित, आत्मनिर्भर और मजबूत भारत बनना ही श्रद्धेय डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

 

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