केन्द्रीय मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने पश्चिम बंगाल विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुवेंदु अधिकारी के घर पर छापेमारी कराये जाने पर ममता बनर्जी पर जोरदार हमला बोला
टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी प्रदेश में अपनी करारी हार का पूर्ण विश्वास हो गया है, इसलिए वह छटपटाहट में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को परेशान कर रही है। ममता बनर्जी ने अपनी पुलिस से कल मंगलवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुवेंदु अधिकारी के पूर्व मेदिनीपुर में कोलाघाट स्थित घर पर बिना सर्च वारंट और बिना अदालत की अनुमति के छापेमारी करवायी। इस तरह की हरकतें अक्षम्य हैं।
भारतीय जनता पार्टी इस बार पश्चिम बंगाल में इतिहास रचने जा रही है क्योंकि प्रदेश की जनता भाजपा को अपार समर्थन दे रही है। इस जनसमर्थन के कारण मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पूरी तरह से हताश हो गई हैं। इसलिए चुनाव के बाद भी पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ हिंसा जारी है एवं ममता बनर्जी भारत सेवाश्रम और राम कृष्ण मिशन के कार्यकर्ताओं को धमकाने का प्रयास कर रही हैं।
माननीय कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन करते हुए ममता बनर्जी ने अपनी पुलिस द्वारा कोलाघाट स्थित परिसर में बिना सर्च वारंट या न्यायालय के अनुमति के और बिना सुवेंदु अधिकारी की अनुपस्थिति में छापमारी करवायी। कथित तौर पर करीब 70-80 पुलिसकर्मियों ने सुवेंदु के घर की तलाशी ली। ममता बनर्जी जी की पुलिस को छापे में कुछ भी नहीं मिला और वे खाली हाथ चले गए। सुवेंदु अधिकारी जी ने इसके खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई है। अगर पुलिस के पास सर्च वारंट होता तो पुलिस उनकी मौजूदगी में तलाशी ले सकती थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। ममता बनर्जी बौखलाहट में सुवेंदु अधिकारी के खिलाफ तरह-तरह की साजिशें रच रही हैं एवं उनके भाई व बुजुर्ग माता-पिता को भी परेशान किया जा रहा है। यह स्पष्ट नहीं है कि बंगाल पुलिस उनके घर क्यों गई। मान लीजिये, अगर पुलिस घर के मालिक की गैरमौजूदगी में घर पर टूटी हुई बंदूकें, नकदी या फिर कोई ड्रग्स छोड़ जाए तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?
ममता बनर्जी के इस कृत्य से साफ स्पष्ट हो रहा है कि पश्चिम बंगाल की राजनैतिक तस्वीर में बड़ा बदलाव देखने को मिलने वाला है और भारतीय जनता पार्टी 30 से अधिक लोकसभा सीटों पर विजयी होने वाली है। भाजपा की संभावित प्रचंड जीत से ममता बनर्जी का वैचारिक संतुलन बिगड़ चुका है और इसीलिए वह इंडी गठबंधन को समर्थन देने के लिए तैयार हो गई हैं। पश्चिम बंगाल में बदलाव की हवा चल चुकी है और प्रदेश की जनता भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में निर्णायक परिणाम लाने वाली है।
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