Salient points of joint press conference of BJP National Spokesperson Dr Sambit Patra and Delhi BJP President Shri Adesh Gupta


द्वारा श्री संबित पात्रा -
17-11-2021
Press Release

 

 

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. संबित पात्रा और दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष श्री आदेश गुप्ता की संयुक्त प्रेसवार्ता के मुख्य बिंदु

 

प्रदूषण को लेकर जिस प्रकार से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है, प्रदूषण जिस प्रकार से हमारे बच्चों के भविष्य के स्वास्थ्य पर एक कुठाराघात कर रही है, तब स्वाभाविक है कि इसमें राजनीति को दर किनार करते हुए हम सभी को एक होकर इस पर काम करना चाहिए.

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लेकिन बड़े दुःख के साथ कहना पड़ रहा है कि दिल्ली से ही ये प्रेस कांफ्रेंस हो रही है और अगर देश का कोई राज्य सर्वाधिक प्रदूषण से ग्रसित है तो वो दिल्ली है.

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दिल्ली में होने वाले प्रदूषण के लिए केजरीवाल जी ने पंजाब और हरियाणा के किसानों को जिम्मेदार ठहराया है, लेकिन अगर पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने से दिल्ली में प्रदूषण हो रहा है तो सबसे ज्यादा प्रदूषण तो पंजाब और हरियाणा में होना चाहिए। लेकिन दिल्ली की हवा की क्वालिटी ज्यादा खराब है, ऐसा क्यों? शायद दिल्ली की हवा में पराली के अलावा राजनीति भी है, कुछ न कुछ तो गड़बड़ भी है। 

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कभी गोवा तो कभी उत्तराखंड भ्रमण जैसे कई व्यस्त कार्यक्रमों के बावजूद अरविंद केजरीवाल जी दिल्ली का प्रदूषण कम करने के लिए पराली नष्ट करने पर 40 हजार रुपये खर्च किये, यह बहुत बड़ी बात है, लेकिन साथ ही इसके विज्ञापनों पर उन्होंने चार हजार गुणा ज्यादा यानि 16 करोड़ रुपये खर्च कर डाले.

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दिल्ली में 2011 की जनगणना के अनुसार, 30 हजार हेक्टेयर कृषि जमीन है और उसमें से 800 हेक्टेयर में बायो डीकंपोजर सोल्यूशन फ्री ऑफ कॉस्ट स्प्रे किया जाना था। उसमें से 744 हेक्टेयर में स्प्रे हुआ, 310 किसानों को लाभ हुआ, वह घोल 40 हजार रुपए में खरीदा गया है।

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उस घोल में गुड और बेसन मिलाने के लिए 35 हजार रुपए खर्च किए, फिर ट्रैक्टर किराए पर लिया गया, 13.20 लाख रुपए में। टेंट लगाने के लिए 9.64 लाख रुपए खर्च हुए, कुल मिलाकर 23.60 लाख रुपए का खर्च हुआ। विज्ञापन पर 15.80 करोड़ रुपए खर्च हुए बाकी राज्यों के किसानों को इस घोल के बारे में शिक्षित करने के लिए।

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प्रदूषण नियंत्रण की जिम्मेदारी एमसीडी के मत्थे डालने की कोशिश करने पर सुप्रीम कोर्ट ने भी दिल्ली सरकार को जमकर फटकार लगाते हुए कहा है कि प्रदूषण को लेकर टोपी ट्रांस्फर का काम नहीं होना चाहिए।

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सुप्रीम कोर्ट ने यहां तक कहा दिया कि हम ऑडिट कराकर देखें क्या कि आप कितनी आमदनी करते हैं और उसमें से कितना अपने विज्ञापन पर खर्च करते हैं.

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इस विषय पर चर्चा जरूर होनी चाहिए कि कितनी आमदनी हुई, कितना पैसा प्रदूषण को नियंत्रित करने पर खर्च हुआ और कितना इनके विज्ञापन पर खर्च हुआ.

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. संबित पात्रा और दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष श्री आदेश गुप्ता ने आज पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में एक संयुक्त प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल पर प्रदूषण नियंत्रण को लेकर “काम कम और दिखावा अधिक” करने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदूषण का दोष किसानों पर थोपना कतई उचित नहीं है.

 

डॉ पात्रा ने कहा कि प्रदूषण को लेकर जिस प्रकार से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है, प्रदूषण जिस प्रकार से हमारे बच्चों के भविष्य के स्वास्थ्य पर एक कुठाराघात कर रही है, तब स्वाभाविक है कि इसमें राजनीतिक को दर किनार करते हुए हम सभी को एक हो जाना चाहिए. लेकिन बड़े दुःख के साथ कहना पड़ रहा है कि दिल्ली से ही ये प्रेस कांफ्रेंस हो रही है और अगर देश का कोई राज्य सर्वाधिक प्रदूषण से ग्रसित है तो वो दिल्ली है.

 

डॉ पात्रा ने कहा कि पराली को लेकर बहुत चर्चायें हो रही हैं कि किस प्रकार पराली से सर्वाधिक प्रदूषण फैल रहा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल जी ने पराली के विषय में बहुत कुछ कहा है। डॉ. पात्रा ने अरविंद केजरीवाल पर प्रदुषण की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए सवाल किया कि दिल्ली में होने वाले प्रदूषण के लिए केजरीवाल जी ने पंजाब और हरियाणा के किसानों को जिम्मेदार ठहराया है, लेकिन अगर पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने से दिल्ली में प्रदूषण हो रहा है तो सबसे ज्यादा प्रदूषण तो पंजाब और हरियाणा में होना चाहिए। लेकिन दिल्ली की हवा की क्वालिटी ज्यादा खराब है, ऐसा क्यों? शायद दिल्ली की हवा में पराली के अलावा राजनीति भी है, कुछ न कुछ तो गड़बड़ भी है। 

 

डॉ. पात्रा ने दिल्ली और एनसीआर वासियों को प्रदूषण में छोड़कर आम आदमी पार्टी के मुखिया और सीएम अरविंद केजरीवाल के गोवा भ्रमण पर तंज कसते हुए कहा कि कभी गोवा तो कभी उत्तराखंड भ्रमण जैसे कई व्यस्त कार्यक्रमों के बावजूद अरविंद केजरीवाल जी दिल्ली के प्रदूषण कम करने के लिए 40 हजार रुपये खर्च किये, यह बहुत बड़ी बात है, लेकिन साथ ही इसके विज्ञापनों पर उन्होंने चार हजार गुणा ज्यादा यानि 16 करोड़ रुपये खर्च कर डाले.

 

डॉ. पात्रा ने अरविंद केजरीवाल की सरकार को विज्ञापनों वाली सरकार बताते हुए कहा कि दिल्ली में 2011 की जनगणना के अनुसार, 30 हजार हेक्टेयर कृषि जमीन है और उसमें से 800 हेक्टेयर में बायो डीकंपोजर सोल्यूशन फ्री ऑफ कॉस्ट स्प्रे किया जाना था। उसमें से 744 हेक्टेयर में स्प्रे हुआ, 310 किसानों को लाभ हुआ, वह घोल 40 हजार रुपए में खरीदा गया है। उस घोल में गुड और बेसन मिलाने के लिए 35 हजार रुपए खर्च किए, फिर ट्रैक्टर किराए पर लिया गया, 13.20 लाख रुपए में। टेंट लगाने के लिए 9.64 लाख रुपए खर्च हुए, कुल मिलाकर 23.60 लाख रुपए का खर्च हुआ। विज्ञापन पर 15.80 करोड़ रुपए खर्च हुए बाकी राज्यों के किसानों को इस घोल के बारे में शिक्षित करने के लिए।

 

डॉ. पात्रा ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण की जिम्मेदारी एमसीडी के मत्थे डालने की कोशिश करने पर सुप्रीम कोर्ट ने भी दिल्ली सरकार को जमकर फटकार लगते हुए कहा है कि प्रदूषण को लेकर टोपी ट्रांस्फर का काम नहीं होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने यहां तक कहा दिया कि हम ऑडिट कराकर देखें क्या कि आप कितनी आमदनी करते हैं और उसमें से कितना अपने विज्ञापन पर खर्च करते हैं. इस विषय पर चर्चा जरूर होनी चाहिए कि कितनी आमदनी हुई, कितना पैसा प्रदूषण को नियंत्रित करने पर खर्च हुआ और कितना इनके विज्ञापन पर खर्च हुआ.

 

प्रेसवार्ता में उपस्थित दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी अपनी ओर से दिल्ली सरकार को 40 हजार रुपये का चेक सौंपेगी, ताकि प्रदूषण नियंत्रण करने में दिल्ली सरकार और अच्छे ढंग से काम कर सके. 

 

 

(महेंद्र पांडेय)

कार्यालय सचिव

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