Salient points of the joint press conference of BJP National Spokesperson Dr. Sambit Patra & BJYM National President Shri Tejasvi Surya.


द्वारा श्री संबित पात्रा -
17-08-2024
Press Release

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॅा संबित पात्रा एवं भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री तेजस्वी सूर्या की साझा प्रेस वार्ता के मुख्य बिन्दु

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कर्नाटक के राज्यपाल श्री थावर चंद गहलोत जी ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ कानूनी कार्रवाई को आगे बढ़ाने की अनुमति प्रदान की है। : डॅा संबित पात्रा

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बंगाल और कर्नाटक में इंडी अलायंस की सरकारों द्वारा संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। : डॅा संबित पात्रा

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जब सिद्धारमैया उपमुख्यमंत्री थे, तो जमीन को डीनोटिफाई किया गया, फिर उनके दामाद ने इसे खरीदा और सिद्धारमैया के मुख्यमंत्री बनने के बाद पार्वती जी को उपहार के रूप दिया गया। बाद में पार्वती जी ने मूडा से मुआवजे के लिए आवेदन किया और उन्हें 14 प्रमुख प्लॉट दिए गए। : श्री तेजस्वी सूर्या

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इस पूरे घोटाले में स्पष्ट है कि जमीन के एवज में पार्वती जी को जो प्लॉट दिए गए उनकी कीमत मुआवजे से कई अधिक थी। यह लगभग 3 से 4 हजार करोड़ का घोटाला है। : डॅा संबित पात्रा

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कर्नाटक सरकार भी गांधी परिवार के पदचिन्हों पर चल रही है। नेशनल हेराल्ड केस में भी करीब 5 हजार करोड़ की जमीन का गबन हुआ था, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी बेल पर बाहर हैं। : डॅा संबित पात्रा

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यह घटनाओं का क्रम नेशनल हेराल्ड मामले और रॉबर्ट वाड्रा के भूमि सौदों से जुड़े आरोपों के तरीके से मिलता-जुलता है। : श्री तेजस्वी सूर्या

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आरोपों की गंभीरता, शिकायत की प्रकृति और संबंधित सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों के अनुसार सावधानीपूर्वक समीक्षा करने के बाद, राज्यपाल ने मामले में अभियोजन को मंजूरी देने का फैसला किया। : श्री तेजस्वी सूर्या

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यूपीए सरकार में राजनीतिक मजबूरी के कारण इस तरह के मामलों में कार्रवाई की अनुमति नहीं दी जाती थी, लेकिन माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार में किसी भी भ्रष्टाचारी को बख्शा नहीं जाएगा। : डॅा संबित पात्रा

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मल्लिकार्जुन खड़गे बेंगलुरु में घोटाले में शामिल लोगों को बचाने गए थे, क्या वो कोलकाता नहीं जाएंगे? प्रियंका वाड्रा ने कहा था, ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’, क्या प्रियंका और राहुल गांधी कोलकाता जाएंगे? : डॅा संबित पात्रा

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री संबित पात्रा एवं भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री तेजस्वी सूर्या ने आज शनिवार को नई दिल्ली स्थित भारतीय जनता पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया द्वारा किया गए मूडा घोटाले पर प्रकाश डाला। श्री पात्रा ने कहा कि यूपीए सरकार में राजनीतिक मजबूरी के कारण इस तरह के मामलों में कार्रवाई की अनुमति नहीं दी जाती थी, लेकिन माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार में किसी भी भ्रष्टाचारी को बख्शा नहीं जाएगा। श्री सूर्या ने कहा कि आरोपों की गंभीरता, शिकायत की प्रकृति और संबंधित सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों के अनुसार सावधानीपूर्वक समीक्षा करने के बाद, राज्यपाल ने मामले में अभियोजन को मंजूरी देने का फैसला किया।

श्री संबित पात्रा ने कहा कि संसद के बजट सत्र से पहले कांग्रेस और टीएमसी सहित अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने संविधान की प्रति अपने हाथों में लेकर संविधान की शपथ ली थी और फिर संसद सत्र में ही हल्ला किया था। बंगाल और कर्नाटक में इंडी अलायंस की सरकारों द्वारा संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। कुछ समय पहले ही खबर मिली है कि कर्नाटक के महामहिम राज्यपाल श्री थावर चंद गहलोत जी ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ कानूनी कार्रवाई को आगे बढ़ाने की अनुमति दी है। कुछ दिनों पहले मैसुरू अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (मूडा) के जमीन आवंटन में घोटाला हुआ, जिसको लेकर सभ्य समाज के बुद्धजीवी, श्री टी जे अब्राहम, श्री प्रदीप और श्री स्नेहमई कृष्णा ने कर्नाटक के राज्यपाल श्री थावर चंद गहलोत जी के पास मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की याचिका की थी। कर्नाटक के राज्यपाल ने राज्य की सिद्धारमैया सरकार से जवाब मांगा था, किन्तु कांग्रेस सरकार तथ्यपरक सफाई नहीं दे पाई। कांग्रेस सरकार की सफाई को दरकिनार करते हुए कर्नाटक के महामहिम ने कहा कि यह स्पष्ट होता है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के परिवार ने मूडा में घोटाला किया है, इसलिए इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की अनुमति प्रदान की जाती है। मैसुरू अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (मूडा) का नियम है कि अगर किसी ग्रामीण क्षेत्र में कोई जमीन अधिगृहित की गई है, तो उसके बदले 50:50 प्रतिशत के हिसाब से जमीन आवंटित किया जाएगा। अर्थात ग्रामीण क्षेत्र की जमीन के बदले मुआवजे के तौर पर शहरी और विकसित क्षेत्र में 50% जमीन दी जाएगी।

श्री संबित पात्रा ने कहा कि 2004 में सिद्धारमैया की धर्मपत्नी पार्वती जी के भाई ने 3.16 एकड़ जमीन केशरी गांव में खरीदी थी। 2005 में इसका मालिकाना हक पार्वती जी को दिया गया, लेकिन बाद में ये पता चल कि ये लैंड ट्रांसफर डील हो ही नहीं सकती थी, क्योंकि यह दलित की भूमि है। यह पूरा मामला उजागर इस लिए हुआ क्योंकि जिस व्यक्ति की यह जमीन थी उसने इसपर पुनः प्राप्त करने का दावा किया। उस समय जब मामले की जांच हुई तब पता चला कि मूडा द्वारा पार्वती जी को विकसित इलाकों में 14 प्लॉट दिए जा चुके हैं। इस पूरे घोटाले में यह स्पष्ट है कि जितना मुआवजा दिया जाना चाहिए था, उससे कई अधिक कीमत के 14 प्लॉट दिए गए हैं, इसका आंकलन वर्तमान में लगभग 3 से 4 हजार करोड़ रुपये में किया गया है। यानी यह 3 से 4 हजार करोड़ का घोटाला है। कर्नाटक सरकार भी गांधी परिवार के पदचिन्हों पर चल रही है। नेशनल हेराल्ड केस में भी करीब 5 हजार करोड़ की जमीन का गबन हुआ था, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी बेल पर अभी भी बाहर हैं।

श्री पात्रा ने कहा कि पहले राज्यपाल इस तरह के घोटालों पर चुप हो जाते थे। यूपीए सरकार में राजनीतिक मजबूरी थी कि इस तरह के मामलों में अनुमति न दी जाए, लेकिन आज जिसने घोटाला किया है उसके खिलाफ केस चलता है। जो पैसा वाल्मीकि समाज के लिए था, उससे कर्नाटक में लेम्बोर्गिनी गाड़ी खरीदी गई। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने विधानसभा में यह स्वीकार किया था कि भले ही पूरी राशि नहीं, लेकिन कुछ हिस्सा ट्रांसफर किया गया था। कर्नाटक में यह एक बड़ा घोटाला हुआ है और पूरा देश इस बात की गवाही देगा कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के शासन में भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों को बख्शा नहीं जाता है। आज डॉक्टर काली पट्टी बांधकर बंगाल में हुई घटना पर विरोध जता रहे हैं और डॉक्टर समुदाय का हिस्सा होने के नाते उन्होंने भी काली पट्टी बांधी है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे बेंगलुरु गए थे, जहां लोग राज्यपाल के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। मल्लिकार्जुन खड़गे बेंगलुरु में घोटाले में शामिल लोगों को बचाने गए थे, क्या वो कोलकाता नहीं जाएंगे? प्रियंका वाड्रा ने कहा था, ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’, क्या प्रियंका और राहुल गांधी कोलकाता जाएंगे? या फिर वो भी घोटालेबाज सिद्धारमैया को बचाने के लिए बेंगलुरु जाएंगे?

श्री तेजस्वी सूर्या ने कहा कि ने आज कर्नाटक के राज्यपाल ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ मूडा घोटाले से संबंधित आरोपों में मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है। कई महीनों से भाजपा और कर्नाटक में सार्वजनिक जीवन में पारदर्शिता और नैतिकता की वकालत करने वाले कई सामाजिक कार्यकर्ता मूडा द्वारा पार्वती सिद्धारमैया को मुआवजे के तौर पर आवंटित जमीन में अनियमितताएं और गैरकानूनी कार्यों को लेकर चिंताएं व्यक्त कर रहे हैं। पिछले कुछ महीनों में आरटीआई कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर लगे आरोप इतने गंभीर हैं कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने एक सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी की अध्यक्षता में एक सदस्यीय जांच आयोग गठित किया था। कुछ हफ्तों बाद राज्य सरकार ने इन आरोपों की जांच के लिए कर्नाटक हाईकोर्ट के एक पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक अन्य आयोग की नियुक्ति की। स्थिती इतनी गंभीर है कि कर्नाटक सरकार को एक नहीं, बल्कि दो जांच आयोग को गठित करने की आवश्यकता महसूस हुई।

श्री तेजस्वी सूर्या ने बताया कि 1992 में मैसूरु के पास केसर गांव में तीन एकड़ सोलह गुंटा जमीन का एक लेआउट विकसित करने के लिए अधिग्रहण किया गया था। इस भूमि अधिग्रहण के लिए अंतिम अधिसूचना 1997 में जारी की गई थी, उस समय सिद्धारमैया राज्य के उपमुख्यमंत्री थे। 1998 में अंतिम अधिसूचना के एक साल बाद ही कर्नाटक सरकार ने उस भूमि को डीनोटिफाई कर दिया। फिर 2003 में कांग्रेस सरकार के अधीन इस डीनोटिफाई की गई भूमि को इसके मूल मालिक को वापस लौटा दिया गया। 2004 में जब लेआउट पहले ही विकसित हो चुका था, सिद्धारमैया के दामाद मल्लिकार्जुन ने उसी जमीन का एक टुकड़ा खरीद लिया। यह महत्वपूर्ण है कि पहली अधिसूचना, दूसरी अधिसूचना और भूमि के डीनोटिफिकेशन के दौरान, सिद्धारमैया कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री थे। उनके दामाद द्वारा जमीन खरीदने के बाद, वही तीन एकड़ और सोलह गुंटा जमीन गिफ्ट डीड के माध्यम से पार्वती सिद्धारमैया को हस्तांतरित कर दी गई। इसके बाद उन्होंने मूडा से मुआवजे के लिए आवेदन किया। जहाँ अन्य लोगों को कम आकर्षक स्थानों में प्लॉट मिले, वहीं मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती जी को मैसूरु के सबसे उच्चस्तरीय और महंगे इलाके में 14 साइटें आवंटित की गईं।

भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री तेजस्वी सूर्या ने कहा कि जब मूडा ने सिद्धारमैया की पत्नी को उच्च वर्गीय इलाके में 14 साइटों के मुआवजे के रूप में आवंटित किया, तब सिद्धारमैया के पुत्र, यथिंद्र और तत्कालीन मैसूरु के विधायक, मूडा परिषद के सदस्य भी थे और निर्णय लेने की बैठक में शामिल हुए। घटनाओं का क्रम इस प्रकार रहा कि जब सिद्धारमैया उपमुख्यमंत्री थे, तब जमीन को डीनोटिफाइ किया गया, फिर उनके दामाद ने इसे खरीदा और बाद में सिद्धारमैया के मुख्यमंत्री बनने के बाद पार्वती जी को उपहार के रूप दिया गया। इसके बाद, पार्वती जी ने मूडा से मुआवजे के लिए आवेदन किया और तत्कालीन मैसूरु के विधायक यथिंद्र बैठक में शामिल हुए, जिसमें पार्वती जी को 14 प्रमुख साइटें आवंटित की गईं। श्री सूर्या ने कहा कि यह घटनाओं का क्रम नेशनल हेराल्ड मामले और रॉबर्ट वाड्रा के भूमि सौदों से जुड़े आरोपों के तरीके से मिलता-जुलता है।

श्री सूर्या ने कहा कि कांग्रेस के नेता जमीन से जुड़े हुए माने जाते हैं, जो जमीन से उनके मजबूत जुड़ाव को दर्शाता है। विभिन्न समाचार चैनलों ने बताया कि कांग्रेस नेता इस मामले को राज्यपाल बनाम सरकार के मुद्दे के रूप में पेश कर रहे हैं। जबकि यह दोनों के बीच संघर्ष का मामला नहीं है, बल्कि अनियमितता और भ्रष्टाचार से जुड़ा एक गंभीर मुद्दा है। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को कारण बताओ नोटिस जारी करके कानून की उचित प्रक्रिया का पालन किया है। कथित तौर पर एक विशेष कैबिनेट बैठक बुलाई गई थी, लेकिन कैबिनेट ने दिए गए कानूनी उदाहरणों का पालन नहीं किया, इसके बजाय राज्यपाल को अभियोजन को अस्वीकार करने की सलाह दी गई। आरोपों की गंभीरता, शिकायत की प्रकृति और संबंधित सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों के अनुसार सावधानीपूर्वक समीक्षा करने के बाद, राज्यपाल ने मामले में अभियोजन को मंजूरी देने का फैसला किया।

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