Salient points of the joint press conference : Hon'ble Union Minister Shri Rajeev Chandrasekhar and BJP National Spokesperson Dr. Sudhanshu Trivedi.


द्वारा डॉ. सुधांशु त्रिवेदी -
08-05-2024
Press Release

 

केन्द्रीय मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सांसद डॉ सुधांशु त्रिवेदी की संयुक्त प्रेसवार्ता के मुख्य बिन्दु

 

सैम पित्रोदा ने अपने बयान के जरिए सिर्फ अपने, बल्कि भारत के बारे में राहुल गांधी और सोनिया गांधी के विचारों को उजागर कर दिया है। : श्री राजीव चंद्रशेखर

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 एक तरफ राहुल गांधी मोहब्बत की दुकान और भारत जोड़ो यात्रा निकालते हैं और सोनिया गांधी समावेशी भारत की बात करती हैं, वहीं दूसरी तरफ सैम पित्रोदा नस्लभेदी बयान देते हैं और डीके सुरेश दक्षिण भारत को अलग देश बनाने की चेष्टा व्यक्त करते हैं। : श्री राजीव चंद्रशेखर

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कांग्रेस की मानसिकता में पाखंड, झूठ और विभाजन के अलावा कुछ नहीं है। : श्री राजीव चंद्रशेखर

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कांग्रेस और इंडी गठबंधन के दक्षिण भारतीय नेताओं को पर जवाब देना होगा कि क्या वे सैम पित्रोदा के इस आपत्तिजनक बयान का समर्थन करते हैं या नहीं करते हैं? : श्री राजीव चंद्रशेखर

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सैम पित्रोदा का विभाजनकारी बयान भारत की मूल स्वरूप के प्रति अज्ञानता और अवमानना को दर्शाता है।: डॉ सुधांशु त्रिवेदी

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कांग्रेस नेता ने भारत की जिस संस्कृति पर आइडिया ऑफ इंडिया को कमजोर करने का आरोप लगाया है, वही संस्कृति देश के लोकतंत्र और विविधता का आधार है।: डॉ सुधांशु त्रिवेदी

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 बाबरी ढांचे को बचाने के लिए अदालत तक जाने वाली कांग्रेस अब राम मंदिर के विरोध में सात समंदर पार से षड्यंत्र रच रही है।: डॉ सुधांशु त्रिवेदी

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कांग्रेस भारत को उत्तर-दक्षिण, तमिल-हिंदी, अगड़े-पिछड़े, दलित-सवर्ण, उत्तर भारतीय-मराठी, बंगाली-पंजाबी में तोड़कर अंदर से विभाजित करना चाहती है। : डॉ सुधांशु त्रिवेदी

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कांग्रेस का मूल विदेशी क्या हुआ, कांग्रेस सारे भारतीयों का मूल विदेशों में ढूंढने लगी। इनका सिद्धांत है कि भारत को अंदर से तोड़ो और विदेश से जोड़ो।: डॉ सुधांशु त्रिवेदी

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भारत की अवधारणा है किउत्तरं यत् समुद्रस्य हिमाद्रेश्चैव दक्षिणम्। वर्षं तद् भारतं नाम भारती यत्र सन्ततिः।।” : डॉ सुधांशु त्रिवेदी

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 कांग्रेस अब इस चुनाव को भारत के अस्तित्व के ऊपर ले आई है और अब ये लड़ाई विदेशी मानसिकता वाले भारत” बनाम स्वदेशी एवं स्वाभिमानी भारत” के बीच की हो गई है। : डॉ सुधांशु त्रिवेदी

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केन्द्रीय मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री राजीव चंद्रशेखर और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता व राज्यसभा सांसद डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने आज केन्द्रीय कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के नस्लभेदी और विभाजनकारी बयान के लिए कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। श्री चंद्रशेखर ने कहा कि आज सैम पित्रोदा ने अपने बयान के जरिए न सिर्फ अपने बल्कि भारत के बारे में राहुल गांधी और सोनिया गांधी के विचारों को उजागर कर दिया है। कांग्रेस की मानसिकता में पाखंड, झूठ और विभाजन के अलावा कुछ नहीं है। श्री त्रिवेदी ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने भारत को मदर ऑफ डेमोक्रेसी बताया है, लेकिन विभाजनकारी और विदेशी मानसिकता के सलाहकारों से ओत-प्रोत लोग देश के विचार को समझ ही नहीं सकते। कांग्रेस भारत को उत्तर-दक्षिण, तमिल-हिंदी, अगड़े-पिछड़े, दलित-सवर्ण, उत्तर भारतीय-मराठी, बंगाली-पंजाबी में तोड़कर अंदर से विभाजित करना चाहती है।

 

भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री चंद्रशेखर ने कहा कि इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा जो कहते हैं, राहुल गांधी उसी का अनुसरण करते हैं। सैम पित्रोदा और राहुल गांधी विदेशों में घूम-घूम पर भारत के लोकतंत्र, ईवीएम और न्यायपालिका पर प्रश्न खड़े कर इस महान देश का अपमान करते हैं। चुनावों के दौरान सैम पित्रोदा ने पहली बार ऐसा बयान नहीं दिया है, इससे पहले भी 2019 पित्रोदा में 1984 दंगों पर आपत्तिजनक बयान दे चुके हैं। उन्होंने यूपीए सरकार के भ्रष्टाचार और पुलवामा हमले के प्रश्न पर भ्रष्टाचार और आतंकवाद को जीवन जीने का एक तरीका बताया था तथा मध्यमवर्ग पर अधिक टैक्स लगाने की वकालत की थी। अब पित्रोदा ने राम मंदिर को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया है। इस तरह के बयान देने वाला ये व्यक्ति कांग्रेस में एक महत्वपूर्ण और निर्णायक भूमिका में है।  

 

श्री चंद्रशेखर ने कहा कि आज सैम पित्रोदा ने अपने बयान के जरिए सिर्फ अपने, बल्कि भारत के बारे में राहुल गांधी और सोनिया गांधी के विचारों को उजागर कर दिया है। सैम पित्रोदा भारतीयों को अफ्रीकन, चाइनीज और अरब लोगों का समूह मानते हैं। सैम पित्रोदा का ये बयान कांग्रेस की विभाजनकारी और नस्लभेदी मानसिकता एवं अज्ञानता को दर्शाता है। मोहब्बत की दुकान और भारत जोड़ो यात्रा निकालने वाले राहुल गांधी और समावेशी भारत की बात करने वाली सोनिया गांधी की पार्टी के नेता ही भारत के बारे इस तरह के विभाजनकारी और नस्लभेदी बयान दे रहे हैं एवं इनके वरिष्ठ नेता डीके सुरेश दक्षिण भारत को अलग देश बनाने की बात कर रहे हैं। भारत, भारत के लोकतंत्र, सनातन और आस्था का लगातार अपमान करने वाली कांग्रेस ने आज सभी हदें पार कर दी हैं। कांग्रेस के मानसिकता में पाखंड, झूठ और विभाजन के अलावा कुछ नहीं है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंथ रेड्डी, केरल मुख्यमंत्री पिनरई विजयन, कर्नाटक मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और तमिलनाडु मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की अपने इंडी गठबंधन के नेता सैम पित्रोदा के इस विभाजनकारी और नस्लभेदी बयान पर क्या प्रतिक्रिया है? भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सैम पित्रोदा से ऐसे आपत्तिजनक बयान के लिए पूरे देश से माफी मांगने की मांग करती है।

 

राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि ज्यों-ज्यों चुनाव का समय आगे बढ़ता जा रहा है, कांग्रेस के चेहरे से नकाब उतरता जा रहा है। कांग्रेस का यह नकाब देश के भीतर और बाहर, सभी ओर से उतर रहा है। आज पुनः राहुल गांधी के कुख्यात उस्ताद सैम पित्रोदा ने भारत, भारतीय संस्कृति, भारतीय पहचान और भारतीय लोगों के बारे में आपत्तिजनक बयान दिया है। कांग्रेस पार्टी के नेता की टिप्पणी से लगता है कि अब विषय चुनाव और राजनीति तक नहीं रह गया है, बल्कि यह विषय भारत के अस्तित्व का हो गया है। चूंकि अब भारत के अस्तित्व पर सीधा सवाल किया जा रहा है। सैम पित्रोदा ने अपने बयान में कह रहे हैं कि भारत की विविधता और लोकतंत्र राम मंदिर, राम नवमी और प्रधानमंत्री के राम मंदिर जाने से प्रभावित हो रही है। विदेशी मानसिकता के सलाहकारों से ओत-प्रोत लोग देश के विचार को समझ ही नहीं सकते। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने भारत को दुनिया की सबसे बड़ी डेमोक्रेसी नहीं, अपितु मदर ऑफ डेमोक्रेसी बताया है।

 

डॉ त्रिवेदी ने कहा कि सैम पित्रोदा का बयान भारत की मूल स्वरूप के प्रति अज्ञानता और अवमानना को दर्शाता है। इन्हें पता ही नहीं है कि चोल साम्राज्य में लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई ग्राम सभाएं की जाति थी। 11वीं-12वीं शताब्दी में भगवान बासवन्ना के अनुभव मंडपम, ब्रिटेन के मेग्ना काता से पहले स्थित थे। वैशाली में गणराज्य 2600 साल पहले से था और वेदों के काल में सभा समिति में विदत और गण बैठकर कार्य करते थे। भारत के प्राचीन काल के समय धर्म में भी साक्षरार्थ होता था, अर्थात धर्म में भी डेमोक्रेसी थी। यह लोग जिस संस्कृति पर आईडिया ऑफ इंडिया और डेमोक्रेसी कमजोर करने का आरोप लगा रहे हैं, वही संस्कृति देश की डेमोक्रेसी और विविधता का आधार है। इसीलिए भारत दुनिया के एकलौता देश है, जिसने दूसरे देश पर काभी आक्रमण नहीं किया, क्योंकि सनातन हिन्दु धर्म में धर्मांतरण की कोई अवधारणा नहीं है। सैम पित्रोदा और कांग्रेस पार्टी इसको समझे और इसपर अपना जवाब दे। बाबरी ढांचे को बचाने के लिए कांग्रेस अदालत तक खड़ी थी और अब राम मंदिर को बदनाम करने के लिए यह सात समंदर पार से खड़े हो गए हैं।

 

उन्होंने कहा कि श्रद्धेय अटल जी की कविता की यह पंक्तियां भारतीय संस्कृति के आधार को पूरी दुनिया को बताता है।

 

होकर स्वतंत्र मैंने कब चाहा है कर लूं सब को गुलाम?

मैंने तो सदा सिखाया है करना अपने मन को गुलाम।

गोपालराम के नामों पर कब मैंने अत्याचार किया?

कब दुनिया को हिंदू करने घरघर में नरसंहार किया?

कोई बतलाए काबुल में जाकर कितनी मस्जिद तोड़ी?

भूभाग नहीं, शतशत मानव के हृदय जीतने का निश्चय।

हिंदू तनमन, हिंदू जीवन, रगरग हिंदू मेरा परिचय।

 

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ त्रिवेदी ने कहा कि यह वही हिन्दु संस्कृति है जिसके लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कहा कि देश मदर ऑफ डेमोक्रेसी है। इसके आगे भी सैम पित्रोदा जी ने भारत के पूरे अस्तित्व पर सवाल उठाए। कांग्रेस के नेता ने कहा कि उत्तर भारत वाले लोग व्हाइट, पश्चिम भारत वाले लोग अरब, पूर्व भारत वाले लोग चाइनीज और दक्षिण भारत वाले लोग अफ्रीकी हैं। कांग्रेस का मूल विदेश में क्या हुआ, कांग्रेस सारे भारतीयों का मूल विदेशों में ढूंढने लगी। कांग्रेस के विदेशी मूल के नेतृत्व के आने के साथ, यह लोग उत्तर, दक्षिण, पूरब, पश्चिम सब जगह भारतीयों के अस्तित्व को ढूंढने लगे।यही है आइडिया ऑफ इंडिया की लड़ाई। अंग्रेजों और मुगलों ने देश के लोगों के दिमाग में यह बातें भरी थी कि सब बाहर सए आए थे और हिंदुस्तान तो एक सराय था। दूरदर्शन पर एक शेर आया करता था- सरजमीं हिन्द, परकवा में आलम के फिराक, काफिले बसते गए, हिंदोस्तां बनता गया।  यह काफिले में सराय बनाने की अवधारणा को भारत नहीं मानता है। भारत की अवधारणा है कि

 

उत्तरं यत् समुद्रस्य हिमाद्रेश्चैव दक्षिणम्।

वर्षं तद् भारतं नाम भारती यत्र सन्ततिः।।

 

डॉ त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस की विभाजनकारी मानसिकता साफ है। कांग्रेस भारत को उत्तर-दक्षिण, तमिल-हिंदी, अगड़े-पिछड़े, दलित-सवर्ण, उत्तर भारतीय-मराठी, बंगाली-पंजाबी में तोड़कर अंदर से विभाजित करना चाहती है। इनका सिद्धांत है कि भारत को अंदर से तोड़ो और विदेश से जोड़ो। इसलिए अब राहुल गांधी के उस्ताद की इस उस्तादी के पास उनके शागिर्द के पास कोई विकल्प नहीं बचा है। सैम पित्रोदा ने राहुल गांधी के एक्सरे करने के बयान के पीछे की मंशा को साफ कर दिया है। सोनिया गांधी के इन्क्लुजिव इंडिया के पीछे का यथार्थ भी अब साफ हो गया है। कांग्रेस अब इस चुनाव को भारत के अस्तित्व के ऊपर ले आई है। अब ये चुनाव विदेशी मानसिकता तथा विदेशी प्रभाव के भारत बनाम स्वदेशी एवं स्वाभिमानी भारत के बीच की लड़ाई बन चुका है।

 

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