भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री शहजाद पूनावाला की मीडिया बाइट के मुख्य बिंदु
जेएमएम नेता नजरूल इस्लाम ने आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को मारने एवं 400 फीट जमीन में गाड़ने की धमकी देकर देश की जनशक्ति का अपमान किया है।
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कांग्रेस ने सुरक्षा बलों की कार्रवाई पर प्रश्न चिह्न खड़े कर और नक्सलवादियों एवं आतंकवादियों को शहीद कह कर देश के साथ कुठाराघात किया है।
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सेना और सुरक्षा बलों का अपमान, आतंकी मेरे भाईजान, क्या यही कांग्रेस और इंडी गठबंधन पार्टी की बन चुकी है पहचान?
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कांग्रेस को नक्सली में शहीद और सेना के शूरवीरों में सड़क का गुंडा नजर आता है।
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पूर्वी दिल्ली से कांग्रेस उम्मीदवार कन्हैया कुमार के अनुसार नक्सलियों को मारने वाले सुरक्षा बलों के खिलाफ जंग छेड़ी जानी चाहिए।
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भाजपा का विरोध करते करते इंडी गठबंधन देश की सैन्य शक्ति, नारी शक्ति, युवा शक्ति, संवैधानिक शक्ति, सनातन शक्ति और जनशक्ति के विरोध पर उतर आया है।
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कांग्रेस एक विशेष वोटबैंक के लिए सेना को गाली और नक्सलवादियों को शहीद बताने लगी है।
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कांग्रेस मोहब्बत की दुकान नहीं नफरत की भाईजान हैं धमकी का सामान है।
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डीके शिवकुमार मूलभूत सुविधाएं देने की बजाय जनता को धमका रहे हैं।
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कांग्रेस ने देश की शान माने जाने वाले पूर्व सीडीएस श्री विपिन रावत को सड़क का गुंडा कहने का महापाप किया है।
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री शहजाद पूनावाला ने आज केन्द्रीय कार्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए नक्सलवादियों को शहीद कहने और सेना की कार्रवाई पर प्रश्न खड़े करने वाली कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत सहित पूरी कांग्रेस पार्टी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को धमकी देने पर जेएमम सहित इंडी गठबंधन की करारी आलोचना की और चुनाव आयोग जनता को धमकाने के लिए कांग्रेस नेता डी के शिवकुमार सहित अन्य नेताओं पर कार्रवाई करने की अपील की।
श्री शहजाद पूनावाला ने कहा कि कि सेना का अपमान, सुरक्षा बलों का अपमान, आतंकी मेरे भाईजान, क्या यही कांग्रेस पार्टी की है पहचान बन चुकी? क्या यही इंडी गठबंधन की बन चुकी है पहचान? कांग्रेस पार्टी का दलहित को देशहित के ऊपर और अपने वोट बैंक की सुरक्षा को राष्ट्रीय सुरक्षा से ऊपर रखने का पुराना इतिहास रहा है। लिहाजा, राष्ट्रनीति के मुद्दों पर ओछी सियासत करना, कांग्रेस का चरित्र बन चुका है और इसके लिए कांग्रेस आतंकवादियों एवं उग्रवादियों की पैरवी करने से भी पीछे नहीं हटती। कांग्रेस की ही मनमोहन सरकार ने नक्सवादियों और वाम उग्रवाद को देश का सबसे बड़ा आंतरिक खतरा बताया था, और छत्तीसगढ़ में तो नक्सवादियों ने तमाम कांग्रेसी नेताओं की हत्या कर पूरी की पूरी कांग्रेस यूनिट को ही समाप्त कर दिया था परन्तु आज वही कांग्रेस सुरक्षा बलों द्वारा नक्सलवाद पर की गई कार्रवाई पर प्रश्न चिह्न खड़े कर और नक्सलवादियों एवं आतंकवादियों को शहीद कह कर देश के साथ कुठाराघात कर रही है।
श्री पूनावाला ने कांग्रेस की प्रवक्ता के बयान पर प्रहार करते हुए कहा कि बुधवार को हुए सेना के ऑपरेशन में 29 आतंकवादी मारे गए और सुरक्षाबल के कुछ सैनिक भी घायल हुए। मरने वालों में सिर्फ नक्सली हैं और सुरक्षा बल से कोई भी शहीद नहीं हुआ है। इन सभी आतंकवादियों पर बड़े बड़े इनाम थे और और इनके पास से खतरनाक हथियार बरामद किए गए हैं। लेकिन कांग्रेस अधिकृत मंच से इस ऑपरेशन की जांच की मांग कर रही है और आतंकवादियों को शहीद बताकर उनके प्रति संवेदना प्रकट कर रही है। इसी कांग्रेस ने उत्तराखंड और गढ़वाल की शान माने जाने वाले पूर्व सीडीएस श्री विपिन रावत को सड़क का गुंडा कहने का महापाप किया था। कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत के इस आपत्तिजनक बयान का कांग्रेस न तो अब तक खंडन किया है और न ही खुद को इस बयान से दूर किया है। जिससे स्पष्ट होता है कि ये सिर्फ सुप्रिया श्रीनेत का नहीं बल्कि राहुल गांधी, खड़गे, प्रियंका वाड्रा सहित पूरी कांग्रेस का बयान है।
उत्तर पूर्वी दिल्ली से कांग्रेस उम्मीदवार कन्हैया कुमार के बयान पर आपत्ति जताते हुए श्री शहजाद पूनावाला ने कहा कि पूर्वी दिल्ली से कांग्रेस उम्मीदवार कन्हैया कुमार के अनुसार नक्सलियों को शहीद करने वाले सुरक्षा बलों के खिलाफ जंग छेड़ी जानी चाहिए। इसी कन्हैया कुमार ने आतंकवादी अफजल गुरू के समर्थन में कार्यक्रम आयोजित किया था जिसमें राहुल गांधी भी सम्मिलित हुए थे। इसके अलावा कन्हैया कुमार कहते हैं कि देश के सुरक्षाबल महिलाओं का बलात्कार करते हैं। कांग्रेस और कन्हैया कुमार को नक्सलियों एवं आतंकवादियों मे शहीद और सुरक्षा बलों में सड़क का गुंडा दिखाई देता है। कांग्रेस ने अब तक राहुल गांधी के सर्जिकल स्ट्राइक को खून की दलाली कहने वाले बयान का आज तक खंडन नहीं किया है। इसी कांग्रेस ने एयरस्ट्राइक के प्रमाण मांगे थे, कांग्रेसी नेता दिग्विजय ने 26/11 हमले में पाकिस्तान के इस्लामिक जेहाद को संरक्षण देते हुए सारा दोष हिंदुओं पर डालने का प्रयास किया और पुलवामा हमले के समय के भी अधीर रंजन चौधरी सहित कई कांग्रेसी नेताओं ने इस्लामिक जेहाद और पाकिस्तान का बचाव करते हुए देश की सुरक्षा एजेंसियों पर प्रश्न खड़े किए थे। इस पर भी कांग्रेस ने कोई कार्रवाई नहीं की। महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी सरकार में मंत्री रहे कांग्रेस नेता असलम शेख ने याकूब मेमन को मासूम बताया था। कांग्रेस ने अफजल गुरू जैसे आतंकवादी को सजा मिलने के बाद अफजल हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल अभी जिंदा है के नारे लगाए और अपनी टुकड़े टुकड़े मानसिकता का प्रदर्शन किया।
राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि जब आतंकवादी संगठन सिमी पर भाजपा सरकार ने प्रतिबंध लगाया था तो राजद और सपा ने इस संगठन के कार्यकर्ताओं को भटके हुए युवा बताते हुए इनके समर्थन में बयान दिया था। 2012 में अखिलेश सरकार ने वाराणसी में बम ब्लास्ट करने वाले आतंकियों का छोड़ने का प्रयत्न किया था और उच्च न्यायालय ने इस पर रोक लगाई थी। इंडी गठबंधन और कांग्रेस आतंकवादियों का साथ क्यों दे रहे हैं? कांग्रेस का मानना है कि सेना को दो गाली ताकि मिले एक प्रमुख वोटबैंक की ताली। कांग्रेस एक विशेष वोटबैंक के लिए सेना को गाली और नक्सलवादियों को शहीद बताने लगी है। उन्होंने बताया कि मोदी सरकार द्वारा पिछले 10 वर्षो में नक्सलवाद और वाम उग्रवाद पर की गई कठोर कार्रवाई के परिणामस्वरूप नक्सली हिंसा में 70 प्रतिशत, नागरिक मृत्यु में 85 फीसदी और सुरक्षाबलों की हत्या में 72 प्रतिशत की कमी आई है। नक्सली प्रभावित जिलों की संख्या 96 से घटकर 45 रह गई है। श्री पूनावाला कहा कि केन्द्र और छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार द्वारा चलाए गए ऑपरेशन में अब तक 80 नक्सलियों को खत्म, लगभग 125 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है और 150 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है। चुनाव हारने के कारण कांग्रेस को मोदी विरोध में आतंकवादियों के साथ खड़े रहने में भी कोई संकोच नहीं हो रहा।
श्री पूनावाला ने कहा कि राहुल गांधी ने मुंबई ने शक्ति का अपमान किया था और उसके बाद कांग्रेस के नेताओं ने युवा शक्ति और नारीशक्ति का अपमान करना शुरू कर दिया था। रणदीप सुरजेवाला ने श्रीमति हेमा मालिनी पर और सुप्रिया श्रीनेत ने सुश्री कंगना रनौत पर आपत्तिजनक टिप्पणी की। इसके अलावा सुप्रिया श्रीनेत और कन्हैया कुमार जैसे कांग्रेस के नेता भारत की की सैन्य शक्ति पर टिप्पणियां कर सवाल खड़े कर रहें हैं। शक्ति, नारी शक्ति, युवा शक्ति और सैन्य शक्ति के बाद, कांग्रेस पार्टी ने जनशक्ति के खिलाफ भी सुपारी ले ली है। बीते दिन समाचार चैनलों ने बताया है कि इंडी अलायंस और उनके साथ जेएमएम के नेता नजरूल इस्लाम ने देश की जनशक्ति का अपमान करते देश की जनता द्वारा चुने गए हुए आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को मारने एवं उन्हें 400 फीट जमीन में गाड़ने की खुलेआम धमकी दी है। ये कांग्रेस, जेएमएम और इंडी गठबंधन की मानसिकता को दर्शाता है। गाली गलौच, अपमान, धमकी की राजनीति कोई संयोग नहीं है अपितु एक सोचा समझा प्रयोग है। क्योंकि दो ही दिन पहले कांग्रेस के एक प्रत्याशी ने छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री जी को मारने की बात कही थी, उससे एक दिन पहले कांग्रेस नेता चरणदास महंत ने प्रधानमंत्री जी को लाठी से मारने की बात कही थी। कांग्रेस और उसके साथियों ने आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को मारने और गाली देने के लगभग 125 बयान और धमकियां दी हैं। इंडी गठबंधन में जो जितनी ज्यादा गाली देता है, वो उतना ही पार्टी में प्रगति करता है और इसका प्रमाण कांग्रेस से निकले हुए नेता खुद दे रहे हैं।
श्री शहजाद पूनवाला ने कांग्रेस पर प्रहार करते हुए कहा कि क्या ये मोहब्बत की दुकान है, या नफरत के भाई जान हैं और धमकी सामान हैं? कांग्रेस द्वारा आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को गाली देने का मतलब एकदम साफ है जो है कि इंडी गठबंधन और कांग्रेस बौखलाहट में अपने भ्रष्टाचार और वंशवाद को बचाने के लिए गाली गलौच की राजनीति पर उतर आए हैं। इंडी गठबंधन और कांग्रेस के नेताओं द्वारा दी जा रही गाली और धमकियों पर चुनाव आयोग स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए। मोदी और भाजपा का विरोध करते करते इंडी गठबंधन देश की सेना, नारीशक्ति, युवा शक्ति, संवैधानिक शक्ति, सनातन शक्ति और देश की जनशक्ति के विरोध पर उतर आया है।
श्री पूनावाला ने कहा कि कल कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने हाउसिंग सोसायटी के लोगों को धमकी देते हुए कहा कि मैं यहां एक बिजनेस डील के लिए आया हूं, यहां 2500 घर हैं और आपके 6000 वोट हैं, आपको कावेरी के पानी की जरूरत है और अगर मैं ये आप तक पहुंचा देता हूं तो आप मुझे क्या देंगे? डी के शिवकुमार कह रहे हैं कि अगर जनता उनके भाई को वोट देगी तो ही वे जनहित के काम करेंगे। क्या एक उपमुख्यमंत्री और एक सरकार इस प्रकार से सौदेबाजी करेगी? कर्नाटक सरकर जनता को मूलभूत सुविधाएं देने के अपने दायित्व को निभाने के बदले जनता को धमका रही है। डीके शिवकुमार को जनता को इस तरह धमकाना सीधे सीधे आचार संहिता और रिप्रेजेंटेशन ऑफ पब्लिक एक्ट का उल्लंघन है। इससे पहले कांग्रेस मंत्री सुधाकर ने भी इसी तरह से कांग्रेस उम्मीदवार को न जिताने पर 25 करोड़ अनुदान न पारित करने की धमकी दी थी। चुनाव आयोग को तुरंत प्रभाव से इन बयानों पर स्वतः संज्ञान लेते हुए कठोरतम कार्रवाई करनी चाहिए।
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