Salient points of media byte of Senior BJP Leader Shri Ravi Shankar Prasad


द्वारा श्री रविशंकर प्रसाद -
13-03-2024
Press Release

 

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता, सांसद एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद की प्रेस वार्ता के मुख्य बिन्दु

 

आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और माननीय केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी ने आस्था के नाम पर प्रताड़ित होकर पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से हिंदुस्तान आने वाले लोगों के लिए उचित निर्णय लिए और सीएए लागू किए, तो आम आदमी पार्टी, टीएमसी और कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियां विरोध कर रही है, जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।

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नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) भारत के किसी भी नागरिक की नागरिकता को रद्द नहीं करता और ही उन्हें किसी अधिकार से वंचित करता है।

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आस्था के नाम पर प्रताड़ित होकर पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से जो लोग भारत आएं हैं, सीएए कानून उनको नागरिकता प्रदान करता है।

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इन प्रताड़ित लोगों को कानूनी माध्यम से नागरिकता का संरक्षण देना, क्या भारत का नैतिक, संवैधानिक और सांस्कृतिक अधिकार नहीं है?

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ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल और वामपंथी दल अपनी राजनीतिक जमीन को खिसकता देखकर सीएए का विरोध कर रहे हैं।

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विपक्ष रोहिंग्या के पक्ष में खड़े होकर उनको अधिकार और अवसर देने की बात करता है, लेकिन आस्था के नाम पर प्रताड़ित होकर देश में आए लोगों को नागरिकता देने का विरोध कर रहा है।

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भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री व सांसद श्री रविशंकर प्रसाद ने आज नई दिल्ली में एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया। उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा सीएए को लेकर तुष्टिकरण की राजनीति करने पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि अरविन्द केजरीवाल वोटबैंक की प्रत्याशा में किसी भी हद तक जा सकते हैं। केजरीवाल समेत विपक्षी पार्टियों के नेता रोहिंग्या के पक्ष में तो खड़े हो जाते हैं, मगर पड़ोसी देशों से आये प्रताड़ित लोगों को नागरिकता देने का विरोध कर रहें हैं। उन्होंने कहा कि सीएए कानून का भारत में रह रहे किसी नागरिक से कोई संबंध नहीं है, बल्कि सीएए के माध्यम से केवल आस्था के नाम पर प्रताड़ित होकर हिंदुस्तान में आए लोगों को नागरिकता प्रदान की जाएगी।

 

श्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का एक बहुत ही विचित्र वक्तव्य आया है कि सीएए के आने से देश के बाहर के लोग नौकरी लेंगे। यह केजरीवाल का कैसा तर्क है? भारत ने अपनी आस्था के नाम पर प्रताड़ित होकर पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से हिंदुस्तान आए हिंदुओं, सिखों, ईसाइयों और पारसियों को एक अवसर प्रदान किया है। ये सभी प्रताड़ित लोग बड़ी संख्या में यहीं भारत में ही रह रहें हैं। क्या इन प्रताड़ित लोगों को कानूनी माध्यम से नागरिकता का संरक्षण देना, भारत का नैतिक, संवैधानिक और सांस्कृतिक अधिकार नहीं? भारतीय जनता पार्टी स्पष्ट रूप से कहना चाहती है कि सीएए कानून से किसी की नौकरी ली जाएगी और ही किसी की नागरिकता।

 

श्री प्रसाद ने अरविंद केजरीवाल से सवाल पूछा कि केजरीवाल जी वोटबैंक की प्रत्याशा में आप कहां तक जाएंगे? बार-बार माननीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने यह स्पष्ट किया है कि सीएए हिंदुस्तान के किसी नागरिक की नागरिकता नहीं लेगा और न ही इस कानून का हिंदुस्तान के किसी भी नागरिक के साथ कोई संबंध है। सीएए केवल आस्था के नाम पर प्रताड़ित होकर पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान आदि से जो लोग भारत आए हैं, उनको नागरिकता प्रदान करता है।

 

श्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि देश के गृह विभाग ने वक्तव्य जारी करके स्पष्ट किया है कि सीएए देश के मुसलमानों के विरोध में कुछ नहीं कहता। लेकिन फिर भी प्रोपेगंडा फैलाया जा रहा है। ये वे लोग हैं जो रोहिंग्या के पक्ष में खड़े होकर उनको अधिकार और अवसर देने की बात करते हैं। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और माननीय केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी ने आस्था के नाम पर प्रताड़ित होकर पाकिस्तान, बंगलादेश और अफगानिस्तान से हिंदुस्तान आने वाले लोगों के लिए उचित निर्णय लिए और सीएए लागू किए, तो आम आदमी पार्टी और कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियाँ विरोध कर रही है, जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।

 

विपक्ष सीएए पर झूठ फैलाकर जनता को दिग्भ्रमित करना बंद करें। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी इसलिए चिंतित हैं, क्योंकि उनकी राजनीतिक जमीन खिसक रही है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी उसी दौड़ में शामिल हो चुके हैं और  दक्षिण भारत में वामपंथी भी इसका विरोध कर रहे हैं।

 

भाजपा यह स्पष्ट करना चाहती है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम किसी भी भारतीय की नागरिकता को रद्द नहीं करता है और ही किसी भारतीय को नागरिकता के अधिकार से वंचित करता है। सीएए का उद्देश्य पूरी तरह से उन लोगों को राहत प्रदान करना है, जिन्हें अपनी आस्था के कारण उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है और जो पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भागने के लिए मजबूर हुए हैं। भारत सीएए के माध्यम से इन शरणार्थियों को सम्मान के साथ शरण प्रदान करता है।

 

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