Salient points of the press conference : BJP National General Secretary Shri Arun Singh along with the High level Committee on Rajasthan incident at BJP HQ, 6A DDU Marg, New Delhi


द्वारा श्री अरुण सिंह -
27-07-2022
Press Release

 

राजस्थान में अवैध खनन के विरोध में संत विजय दास आत्मदाह के मामले में गठित भाजपा की चार सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति की भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु

 

घटना स्थल का दौरा करने पर हमने काफी हृदय विदारक स्थिति देखी। स्थानीय लोगों में संत विजय दास जी के आत्मदाह मामले को लेकर राजस्थान की कांग्रेस सरकार के प्रति काफी गुस्सा और आक्रोश दिखा। सब लोगों का एक ही आग्रह था कि संत विजय दास जी का बलिदान व्यर्थ नहीं जाना चाहिए।

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जांच में हमने पाया कि राजस्थान में अवैध खनन कांग्रेस की गहलोत सरकार के संरक्षण में हो रहा है और इसमें कांग्रेस सरकार के मंत्री की भी संलिप्तता है। बार-बार शिकायत के बावजूद कांग्रेस सरकार ने अवैध खनन को रोकने का कोई प्रयास नहीं किया और संत को आत्मदाह के लिए विवश किया।

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भारतीय जनता पार्टी मांग करती है कि अवैध खनन के पूरे मामले की सीबीआई की जांच होनी ही चाहिए। साधु-संतों का स्पष्ट मानना है कि गहलोत सरकार निष्पक्ष जांच नहीं कर सकती, इसलिए उन्होंने मुख्यमंत्री और आदरणीय प्रधानमंत्री जी को पत्र लिख कर सीबीआई जांच की भी मांग की है।

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आदि बद्री और कंकंचल, ये दोनों पर्वत ब्रज क्षेत्र के 84 कोस परिक्रमा के अंतर्गत आते हैं और यह देश भर के लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र भी है। दोनों ही पूजा स्थली है। इन दोनों क्षेत्रों में अवैध खनन इतने व्यापक स्तर पर हो रहा था कि अब वहां पर पर्वतीय जमीन बिलकुल सपाट हो चले हैं। अवैध खनन से जमीन और पर्यावरण को भारी नुकसान हुआ है।

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अवैध खनन के विरोध में स्वामी विजय दास जी समेत अन्य साधू-संत महीनों से धरने पर बैठे थे। स्वामी विजय दास जी ने लगभग 551 दिन धरना दिया राजस्थान की कांग्रेस सरकार अवैध खनन को संरक्षित करती रही और खनन माफियाओं को छूट देती रही।

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ऐसी रिपोर्ट है कि राजस्थान सरकार में एक मंत्री जाहिदा खान और उसके बेटे साजिद के दबाव में स्थानीय प्रशासन द्वारा खुली छूट दी गई जिससे खनन अनवरत चलता रहा। राजस्थान की कांग्रेस सरकार के इस मंत्री जाहिदा खान के पास भी खनन के दो पट्टे हैं, ऐसी जानकारी मिली है।

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आत्मदाह से पहले संत विजय दास जी ने कांग्रेस सरकार को चेतावनी भी दी थी और मुंडन भी कराया था। इसके बाजवूद अशोक गहलोत की सरकार ने ध्यान नहीं दिया। इससे विपरीत राजस्थान सरकार के मंत्री जाकर साधुओं का मजाक उड़ाते रहते थे और उनका अपमान करते रहते थे।

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राजस्थान की कांग्रेस सरकार में अलवर और भरतपुर सहित हर जिले में साधु-संतों का अपमान हो रहा है। जिले में भी देखने को मिला। आत्मदाह के बाद राजस्थान की बेशर्म गहलोत सरकार ने साधु-संतों पर ही केस दर्ज करना और गाँव वालों को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया।

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स्वामी विजय दास जी संत पुरुष थे और उनका लोगों के बीच बहुत बड़ा सम्मान था। ऐसे संत पर राजस्थान की कांग्रेस सरकार द्वारा एफआईआर दर्ज किया गया। लेकिन जब खनन मंत्री और मंत्री जायदा खान के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की कोशिश की जाती है तो स्थानीय पुलिस इससे इनकार कर देती है।

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जब राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी, तब 2005 में ब्रज क्षेत्र के पर्वतों पर खनन को प्रतिबंधित कर दिया गया था। तब इस क्षेत्र में खनन को लेकर एक कमिटी भी बनायी गई थी। कमिटी की रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन भाजपा सरकार ने 2008 में 202 पट्टे रद्द भी कर दिए थे।

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जांच में ये बात सामने आई कि 12 अक्टूबर 2021 को गहलोत सरकार ने खनन को लेकर एक कमिटी बनायी और कमिटी की रिपोर्ट को लेकर कुछ निर्णय लिया लेकिन वे सभी कागजों पर ही रह गए। अवैध खनन को रोकने के लिए गहलोत सकार ने कोई कार्रवाई नहीं की।

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राजस्थान के इस क्षेत्र में खनन एक वर्ष में 17 लाख मीट्रिक टन ही होना चाहिए था किंतु नौ महीने के भीतर 30 लाख मीट्रिक टन का खनन करके पहाड़ को बिलकुल साफ कर दिया गया।

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कांग्रेस की गहलोत सरकार ने इस पवित्र पर्वत को नष्ट कर बड़ा पाप किया है। उनके पाप का घड़ा अब फूट कर रहेगा। कांग्रेस की गहलोत सरकार तुष्टिकरण की राजनीति की पराकाष्ठा कर रही है।

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जिस राज्य में सरकार साधु संतों की बातों को नहीं सुने और उनका अपमान करे, उस सरकार को जाने से कोई नहीं रोक सकता। हमारी सरकार में इस क्षेत्र को वन क्षेत्र घोषित किया गया था। राजस्थान के मुख्यमंत्री केवल और केवल सफ़ेद झूठ बोलते हैं। राजस्थान की जनता भी यह समझती है।

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राजस्थान में अवैध खनन के विरोध में संत विजय दास आत्मदाह के मामले में गठित भाजपा की चार सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति ने आज बुधवार को भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया और जांच में सामने आये तथ्यों पर मीडिया के साथ विस्तार से चर्चा की। आज इस उच्च स्तरीय समिति ने माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा जी और केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी को अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी।

 

विदित हो कि माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा जी ने 23 जुलाई 2022 को संत विजय दास आत्मदाह के मामले में एक चार सदस्यीय उच्च स्तरीय कमिटी बनाई थी जिसमें भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं राजस्थान के महासचिव श्री अरुण सिंह, सीकर (राजस्थान) से सांसद स्वामी सुमेधानंद सरस्वती, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद श्री सत्यपाल सिंह और सांसद एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक श्री बृजलाल शामिल थे। भाजपा की इस उच्च स्तरीय समिति ने भरतपुर जिले के पासोपा गांव का दौरा किया और गांव में संतों और स्थानीय लोगों से मुलाकात की। इस उच्च स्तरीय समिति ने विभिन्न स्तरों पर तथ्यों को एकत्र किया और घटना की जगह का भी दौरा किया। समिति ने उस खनन क्षेत्र का भी दौरा किया, जहां वे अवैध खनन के खिलाफ आंदोलनकारियों से मिले। समिति के सदस्यों ने भरतपुर जिले के पुलिस-प्रशासन के अफसरों से तथ्यात्मक जानकारी भी ली।

 

प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव श्री अरुण सिंह ने कहा कि घटना स्थल पर जांच पड़ताल करने के बाद हमारी उच्च स्तरीय समिति ने रिपोर्ट तैयार की है। उन्होंने कहा कि घटना स्थल का दौरा करने पर हमने काफी हृदय विदारक स्थिति को देखा। स्थानीय लोगों में राजस्थान सरकार के प्रति काफी गुस्सा और आक्रोश दिखा। एक संत ने अवैध खनन और राजस्थान सरकार की बारंबार अनदेखी के विरोध में अपने प्राणों की आहुति दी। इस घटना को लेकर आसपास के गांव के लोगों ने स्वयं आकर भाजपा की जांच समिति से मुलाक़ात की। उनका एक ही आग्रह था कि संत विजय दास जी का बलिदान व्यर्थ नहीं जाना चाहिए।

 

श्री सिंह ने कहा आदि बद्री और कंकंचल, ये दोनों पर्वत ब्रज क्षेत्र के 84 कोस परिक्रमा के अंतर्गत आते हैं और दोनों ही पूजा स्थली है। 84 कोस परिक्रमा क्षेत्र देश भर के लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र भी है। इन दोनों क्षेत्रों में अवैध खनन लगातार हो रहा था। ये अवैध खनन इतने व्यापक स्तर पर हो रहा था कि अब वहां पर पर्वतीय जमीन बिलकुल सपाट हो चले हैं। अवैध खनन से जमीन और पर्यावरण को भारी नुकसान हुआ है। इसी अवैध खनन के विरोध में स्वामी विजय दास जी समेत अन्य संत धरने पर बैठे थे। उन्होंने लगभग 551 दिन धरना दिया लेकिन इसके बावजूद राजस्थान सरकार के संरक्षण में खनन माफिया अवैध खनन करते रहे और पत्थरों की ढुलाई करते रहे। साधु-संतों की एक मात्र मांग थी कि ब्रज क्षेत्र में खनन को तत्काल रोका जाए लेकिन राजस्थान की कांग्रेस सरकार अवैध खनन को संरक्षित करती रही और खनन माफियाओं को छूट देती रही।

 

राजस्थान के भाजपा प्रभारी और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि तथ्यों से जानकारी मिली कि राजस्थान की कांग्रेस सारकार खनन माफियाओं से मिली हुई है। ऐसी रिपोर्ट है कि राजस्थान सरकार में एक मंत्री जाहिदा खान और उसके बेटे साजिद के दबाव में स्थानीय प्रशासन द्वारा खुली छूट दी गई जिससे खनन अनवरत चलता रहा। राजस्थान की कांग्रेस सरकार के इस मंत्री जाहिदा खान के पास भी खनन के दो पट्टे हैं, ऐसी जानकारी मिली है। संत विजय दास ने पर्यावरण और सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए धरना दिया। ऐसी जानकारी मिली है कि उनके सामने से हजारों की संख्या में अवैध खनन के पत्थरों से भरा ट्रक गया। जरा सोचिए कि संत विजय दास जी के सामने जब पूजनीय पर्वत को तोड़ा जा रहा था, तो उस समय उनकी मानसिक स्थिति कैसी रही होगी?

 

श्री सिंह ने कहा कि आत्मदाह से पहले संत विजय दास जी ने कांग्रेस सरकार को चेतावनी भी दी थी और मुंडन भी कराया था। इसके बाजवूद अशोक गहलोत की सरकार ने ध्यान नहीं दिया। इससे विपरीत राजस्थान सरकार के मंत्री जाकर साधुओं का मजाक उड़ाते रहते थे। जब एक साधु टॉवर पर चढ़ गए तो गहलोत सरकार के एक मंत्री ने साधु से कहा था कि वे टॉवर से कूद क्यों नहीं गए? उन लोगों ने आंदोलनरत साधुओं का यह कह कर भी अपमान किया कि ये साधु शराब का सेवन करते हैं।

 

भाजपा महासचिव ने कहा कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार में अलवर और भरतपुर सहित हर जिले में साधु-संतों का अपमान हो रहा है। जिले में भी देखने को मिला। गहलोत सरकार के मंत्री खुलेआम साधुओं का अपमान कर रहे हैं। टीवी और सोशल मीडिया पर इससे संबंधित वीडियो लगातार चल रहे हैं। इन सबसे क्षुब्ध होकर संत विजय दास जी ने आत्मदाह का निर्णय लिया। इसके बाद राजस्थान की बेशर्म गहलोत सरकार ने साधु-संतों पर केस दर्ज करने का काम शुरू कर दिया कि डीजल और पेट्रोल कहां से आया? ऐसे सवाल पूछकर स्थानीय पुलिस ने गांव वालों को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया।

 

श्री अरुण सिंह ने कहा कि पशुपति जी के मंदिर में रहते हुए साधु विजय दास जी ने एक दिन भी मंदिर का भोजन नहीं किया। स्वामी विजय दास जी गांव में भिक्षा मांगकर भोजन करते थे। स्वामी विजय दास जी संत पुरुष थे और उनका लोगों के बीच बहुत बड़ा सम्मान था। ऐसे संत पर राजस्थान की कांग्रेस सरकार द्वारा एफआईआर दर्ज किया गया। लेकिन जब खनन मंत्री और मंत्री जायदा खान के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की कोशिश की जाती है तो स्थानीय पुलिस एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर देती है। यहाँ तक कि कांग्रेस के एक विधायक ने भी अवैध खनन को लेकर गहलोत सरकार के खनन मंत्री को निलंबित करने की मांग की है। स्पष्ट है कि गहलोत सरकार ने संत विजय दास जी को आत्मदाह करने के लिए विवश कर दिया।

 

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि जब राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी, तब 2005 में ब्रज क्षेत्र के पर्वतों पर खनन को प्रतिबंधित कर दिया गया था। तब इस क्षेत्र में खनन को लेकर एक कमिटी भी बनायी गई थी। 11 नवम्बर 2005 को ब्रज 84 कोसी परिक्रमा से 500 मीटर की दूरी पर खनन को लेकर कमिटी बनायी गयी थी। 29 मई 2007 को कमिटी की रिपोर्ट आयी और उस रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन भाजपा सरकार ने 2008 में 202 पट्टे रद्द भी कर दिए थे। तब हमारी राज्य सरकार ने आदि बद्री पर्वत एवं कंकंचल पर्वत को 84 कोसी क्षेत्र में सम्मिलित करने का काम किया था। 12 अक्टूबर 2021 को गहलोत सरकार ने एक कमिटी बनायी और कमिटी की रिपोर्ट को लेकर कुछ निर्णय लिया लेकिन वे सभी कागजों पर ही रह गए। अवैध खनन को रोकने के लिए गहलोत सकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। इस क्षेत्र में खनन एक वर्ष में 17 लाख मीट्रिक टन ही होना चाहिए था किंतु नौ महीने के भीतर 30 लाख मीट्रिक टन का खनन करके पहाड़ को बिलकुल साफ कर दिया गया।

 

श्री सिंह ने कहा कि कांग्रेस की गहलोत सरकार ने इस पवित्र पर्वत को नष्ट कर बड़ा पाप किया है। उनके पाप का घड़ा अब फूट कर रहेगा। कांग्रेस की गहलोत सरकार तुष्टिकरण की राजनीति की पराकाष्ठा कर रही है। जिस राज्य में सरकार साधु संतों की बातों को नहीं सुने और उनका अपमान करे, उस सरकार को जाने से कोई नहीं रोक सकता। हमारी सरकार में इस क्षेत्र को वन क्षेत्र घोषित किया गया था। राजस्थान के मुख्यमंत्री केवल और केवल सफ़ेद झूठ बोलते हैं। राजस्थान की जनता भी यह समझती है।

 

भाजपा महासचिव ने कहा कि अवैध खनन के खिलाफ साधु-संतों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र भी लिखा था। उनके पत्र में स्पष्ट लिखा था कि अवैध खनन राजस्थान सरकार के संरक्षण में हो रहा है और इसमें कांग्रेस सरकार के मंत्री की संलिप्तता है। पत्र में यह भी लिखा था कि गहलोत सरकार निष्पक्ष जांच नहीं कर सकती है, इसलिए वे लोग सीबीआई की जांच कराने की मांग करते हैं। इस बाबत साधु-संतों ने आदरणीय प्रधानमंत्री जी को भी पत्र लिखा था। सधु-संतों की बात का हम भी समर्थन करते हैं। भारतीय जनता पार्टी मांग करती है कि इस पूरे मामले की सीबीआई की जांच होनी ही चाहिए।

 

महेंद्र कुमार

(कार्यालय सचिव)

 

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