Salient points of press conference : BJP National General Secretary Shri Dushyant Kumar Gautam


द्वारा श्री दुष्यंत कुमार गौतम -
03-05-2024
Press Release

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव श्री दुष्यंत गौतम की प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु

 

कांग्रेस लगातार धर्म के आधार पर आरक्षण देकर बाबा साहब अंबेडकर के संविधान और दलितों के अधिकारों पर कुठाराघात कर रही है।

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कांग्रेस अब भाजपा द्वारा संविधान बदले जाने का झूठ फैला रही है।

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बाबा साहब अंबेडकर कांग्रेस की दलित विरोधी नीतियों के खिलाफ थे, इसीलिए उन्हें अपने मंत्रिपद से त्याग पत्र देना पड़ा और कांग्रेस ने उनके खिलाफ प्रचार कर उन्हें चुनाव में हराया था।

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प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 27 जून 1961 को मुख्यमंत्रियों को लिखे पत्र में दलितों को दिए गए आरक्षण के प्रति नापसंदगी व्यक्त की थी।

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जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी को भारत रत्न देने वाली कांग्रेस सरकार ने बाबा साहब को भारत रत्न से सम्मानित कर दलितों की भावनाओं को लगातार ठेस पहुंचाई है।

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आर्थिक सर्वेक्षण कर और “विरासत टैक्स” लगाकर कांग्रेस दलितों तथा पिछड़ों के संसाधन छीनकर वर्ग विशेष में बांटना चाहती है।

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इंडी गठबंधन में दलित और पिछड़ा विरोधी मानसिकता इस कदर बढ़ चुकी है कि वे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा प्रभु श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा किए जाने पर प्रश्न खड़े कर रहा है क्योंकि वे तेली समुदाय से आते हैं।

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2004 में सरकार बनने के बाद कांग्रेस ने रंगनाथ मिश्रा रिपोर्ट के माध्यम से वर्ग विशेष को एससी, एसटी और ओबीसी का आरक्षण देने का षड्यंत्र रचा था।

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव श्री दुष्यंत गौतम ने आज केन्द्रीय कार्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित किया। श्री दुष्यंत गौतम ने कांग्रेस की दलित विरोधी मानसिकता की सच्चाई सामने रखते हुए  कांग्रेस द्वारा बाबा साहब डॉ. भीम राव अंबेडकर को अपमानित करने की घटनाओं का तथ्यों के साथ आलोचना की।

 

राष्ट्रीय महासचिव श्री दुष्यंत गौतम ने कहा कि बाबा साहब डॉ. अंबेडकर ने दलितों और पिछड़ों को मुख्यधारा में लाने के लिए संविधान में आरक्षण की व्यवस्था का प्रावधान किया था, लेकिन कांग्रेस लगातार उस पर कुठाराघात करती रही। कांग्रेस ने धारा 370 लगाई जिसके कारण जम्मू कश्मीर में दलितों को आरक्षण की सुविधा और बराबरी के अधिकार नहीं मिले और शिक्षा प्राप्त करने के बावजूद वहां की सरकार ने सदैव उन्हें सिर्फ सफाई कर्मी की नौकरी के लायक ही समझा। कांग्रेस ने कभी इसका विरोध भी नहीं किया। तत्पश्चात तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 27 जून 1961 को मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर आरक्षण के प्रति अपनी नापसंदगी जताई थी।

 

श्री गौतम ने कहा कि देश के सभी केंद्रीय विश्वविद्यालय संविधान सम्मत और केन्द्र की योजनाओं के अनुसार संचालित होने के लिए बाध्य हैं, लेकिन अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और जामिया मिल्लिया इस्लामिया में केन्द्र सरकार द्वारा बजट मिलने के बावजूद संविधान की मर्यादा को तार-तार करते हुए दलितों और आदिवासियों को आरक्षण नहीं दिया जाता है। कांग्रेस ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और जामिया मिल्लिया इस्लामिया में लागू व्यवस्था का कभी विरोध नहीं किया। इससे स्पष्ट होता है कि कांग्रेस का आचरण पूरी तरह दलित विरोधी रहा है। कांग्रेस के दलित विरोधी चेहरे का प्रमाण यह भी है कि 2004 में सरकार बनने के बाद कांग्रेस ने जस्टिस रंगनाथ मिश्रा रिपोर्ट के माध्यम से एक वर्ग विशेष को एससी, एसटी और ओबीसी का आरक्षण देने का षड्यंत्र रचा था। देश के कुछ हिस्सों में मुस्लिम समुदाय को पहले से ही एसटी कोटे के माध्यम से आरक्षित किया गया है। कर्नाटक में कांग्रेस ने एक वर्ग विशेष को ओबीसी बनाकर ओबीसी समुदाय के साथ कुठाराघात किया है।

 

श्री गौतम ने कहा कि आजादी के समय योगेन्द्र नाथ मंडल लाखों दलितों के साथ पाकिस्तान गए थे, जहां मोहम्मद अली जिन्ना ने उन्हें पाकिस्तान का पहला कानून मंत्री बनाया था। लेकिन, पाकिस्तान में आम दलितों के साथ अत्याचार किए गए और उनके अधिकारों का कोई ध्यान नहीं रखा गया। वे पीड़ित और प्रताड़ित दलित भाई-बहन भागकर भारत आए, जिन्हें नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) कानून के माध्यम से नागरिकता देने की बात कही गई थी, लेकिन कांग्रेस ने लगातार सीएए को लटकाए रखा। आज जब भाजपा सीएए लागू कर रही है, तो उसका विरोध कर रही है। इसीलिए बाबा साहब डॉ. अंबेडकर और कांग्रेस के बीच मतभेद रहे तथा इन्हीं मतभेदों के कारण बाबा साहब डॉ. अंबेडकर को मजबूरन अपने मंत्रिपद से त्याग पत्र देना पड़ा था। इसी मतभेद के परिणामतः 1952 चुनाव और 1953 उपचुनाव में कांग्रेस ने बाबा साहब अंबेडकर के विरुद्ध प्रचार कर उन्हें चुनाव में हरवाया था। कांग्रेस के मन में बाबा साहब और उनके अनुयायियों के प्रति इतनी कुंठा थी कि कांग्रेस की सरकार ने इंदिरा गांधी को 1971 और जवाहरलाल नेहरू को 1955 में जीवित रहते हुए तथा राजीव गांधी को मृत्यु होते ही 1991 में भारत रत्न से सम्मानित कर दिया था, लेकिन वर्षों तक बाबा साहब अंबेडकर को भारत रत्न से सम्मानित नहीं किया गया। डॉ अंबेडकर को सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित करने के लिए गैर कांग्रेसी सरकार को प्रतीक्षा करनी पड़ी। उन्हें 31 मार्च 1990 को भारत रत्न तब मिला, जब केंद्र में भाजपा के सहयोग से जनता दल की सरकार बनी। कांग्रेस डॉ अंबेडकर का अंतिम संस्कार दिल्ली में नहीं होने दिया था और बड़े-बड़े स्मारक बनाने वाली कांग्रेस पार्टी ने उनके आवास तक का सम्मान नहीं किया। पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में उस आवास में रह रहे लोगों को मुंहमांगी कीमत देकर वहां संग्रहालय बनवाया गया।

 

दुर्भाग्य यह है कि कांग्रेस ने बाबा साहब अंबेडकर द्वारा प्रयोग की गई टाई, रजिस्टर और टाइपराइटर जैसी 400 चीजों को सम्मान देने की बजाय फेंक दिया था। कांग्रेस की पिछली सरकारों ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के गुलाब की तो परवाह की, लेकिन बाबा साहब के बहुमूल्य सामान को दीमक लगने दीकांग्रेस ने डॉ अंबेडकर की विरासत के सामान का सम्मान तो दूर संरक्षण तक नहीं किया। फोटो में दर्शाया गया है कि बाबा साहब का सामान नागपुर से 35 किमी दूर किसी गांव में सड़ रहा था, लेकिन भाजपा सरकार संग्रहालय बनवाकर इस विरासत को सम्मान से संरक्षित कर रही है। कांग्रेस ने गांधी परिवार के सभी सदस्यों की समाधि बनाई, लेकिन बाबा साहब अंबेडकर की समाधि नहीं बनाई गयी, परन्तु माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने बाबा साहब की समाधि बनाकर उन्हें सम्मान दिया।

 

श्री गौतम ने कहा कि कांग्रेस अब भाजपा द्वारा संविधान बदले जाने का झूठ फैला रही है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी एससी, एसटी और ओबीसी के आरक्षण के रक्षक हैं और उन्होंने स्वयं सार्वजनिक मंचों से कहा कि जब तक वे जिंदा है, तब तक दलितों और पिछड़ों के आरक्षण को कोई हाथ नहीं लगा पाएगा। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने लाल किले की प्राचीर से दलितों को 1.25 लाख बैंक शाखाओं में दलित चैंबर्स बनाने के लिए 200 करोड़ रुपए आवंटित किए थे। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस और इंडी गठबंधन ने क्रीमी लेयर के माध्यम से आरक्षण को खत्म करने की मंशा दिखाई थी। आज आर्थिक सर्वेक्षण कर और विरासत टैक्स लगाकर कांग्रेस दलितों तथा पिछड़ों के संसाधन छीन कर वर्ग विशेष में बांटना चाहती है। इंडी गठबंधन के नेताओं में दलित और पिछड़ा विरोधी मानसिकता इस कदर बढ़ चुकी है कि वे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के तेली होने के कारण उनके द्वारा प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा किए जाने पर सवाल खड़े कर रहे हैं। अगर संविधान में आरक्षण का प्रावधान नहीं होता, कांग्रेस कभी दलितों को मुख्यधारा में नहीं आने देती।

 

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