भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह द्वारा नई दिल्ली स्थित पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में दिए गए उद्बोधन के मुख्य बिंदु
पांचवें और छठे चरण के मतदान के बाद स्पष्ट है कि भारतीय जनता पार्टी पूर्ण बहुमत का आंकड़ा पार कर चुकी है और सातवें चरण के बाद अकेले भाजपा 300 सीटों का आंकड़ा पार करने जा रही है। पिछले छह चरणों में जिस प्रकार मतदान हुए हैं उससे सुनिश्चित हो चुका है कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस चुनाव हार रही है
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कल भारतीय जनता पार्टी के रोड शो को बाधित करने के लिए तीन घंटे पहले ही हमारे बैनर-पोस्टर को तृणमूल कांग्रेस द्वारा हटाया जाने लगा और स्थानीय प्रशासन मूक दर्शक बनी रही। हमारे कार्यकर्ताओं को हिंसा के लिए बार-बार उकसाया गया लेकिन भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने तब भी शांति बनाए रखी
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ढाई घंटे तक इतना बड़ा रोड शो बिलकुल शांतिपूर्वक चला, कोई हिंसक घटना नहीं हुई लेकिन रोड शो को मिल रहे अपार जन-समर्थन से घबरा कर टीएमसी और उसके द्वारा संरक्षित गुंडों ने हताश होकर रोड शो पर तीन हमले किये- पथराव किये गए, आगजनी की गई और बोतल में केरोसिन डाल कर और आग लगा कर फेंके
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कई अवांछित पदार्थ मुझ से दो-दो फुट की दूरी पर गिरे। यह ममता सरकार की बड़ी साजिश का हिस्सा था। यह लोकतंत्र का काला अध्याय है, पश्चिम बंगाल की जनता ममता बनर्जी को कभी माफ नहीं करगी। इसके दौरान हमारे कई कार्यकर्ता और पत्रकार भी घायल हुए। मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूँ
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कल सुबह से इस बात की आशंका थी कि ईश्वर चन्द्र विद्यासागर कॉलेज से आकर कुछ छात्र दंगे करेंगे लेकिन स्थानीय पुलिस ने न किसी को हिरासत में लिया और न ही वहां सुरक्षा की कोई व्यवस्था की गयी
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टीएमसी आरोप लगा रही है कि ईश्वर चन्द्र विद्यासागर की मूर्ति को भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने तोड़ी लेकिन जब कॉलेज के अन्दर टीएमसी के कार्यकर्ता थे, विश्वविद्यालय का गेट बंद था औ रईश्वर चन्द्र विद्यासागर जी की प्रतिमा भी सार्वजनिक रूप से नहीं बल्कि विश्विद्यालय के दो कमरों के अन्दर थी तो फिर प्रतिमा हमारे कार्यकर्ताओं ने कैसे तोड़े?
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दरअसल, झूठी सहानुभूति बटोरने के लिए एक नाटक और षड़यंत्र के तहत टीएमसी कार्यकर्ताओं ने ईश्वर चन्द्र विद्यासागर की प्रतिमा तोड़ी। वोट बैंक राजनीति के कारण एक लब्ध-प्रतिष्ठित शिक्षाशास्त्री ईश्वर चन्द्र विद्यासागर जी की प्रतिमा तोडना इस बात के संकेत हैं कि तृणमूल कांग्रेस की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है
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जिस तरह से कोलकाता में भारतीय जनता पार्टी के 7 किमी लंबे ऐतिहासिक रोड शो में नागरिकों का अभूतपूर्व जनसैलाब उमड़ा, यह अपने आप में अभूतपूर्व था। इस रोड शो में लगभग दो लाख से अधिक लोग शामिल हुए जो इस बात का संकेत है कि पश्चिम बंगाल से अब ममता दीदी का समय समाप्त होने वाला है
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अभी-अभी पता चला है कि मुझ पर पश्चिम बंगाल में एफआईआर दर्ज कराई गई है लेकिन मैं ममता दीदी को बता देना चाहता हूँ कि तृणमूल सरकार में हमारे 60 से ज्यादा कार्यकर्ताओं की निर्मम हत्या की गई है, इसके बावजूद भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता सत्य और विचारधारा की लड़ाई लड़ने के लिए अडिग हैं
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ममता जी यदि यह सोचती हैं कि मुझ पर एफआईआर दर्ज कराने से सातवें चरण में भाजपा कार्यकर्ता डर जायेंगे तो उन्हें बता देना चाहता हूँ कि पार्टी कार्यकर्ता और पश्चिम बंगाल की जनता और अधिक जोश, जूनून व आक्रोश के साथ ममता सरकार को हटाने के लिए मतदान करने जा रही है
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दो दिन पूर्व ही ममता बनर्जी ने सार्वजनिक रूप से अपने भाषण में धमकी दी कि मैं इंच-इंच बदला लूंगी तो उसी वक्त चुनाव आयोग ने इसका संज्ञान क्यों नहीं लिया? ममता जी के प्रचार को प्रतिबंधित क्यों नहीं किया गया?
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अब तक छह चरण के चुनाव समाप्त हो चूके हैं लेकिन देश के किसी भी हिस्से में कहीं कोई हिंसक घटना नहीं हुई सिवाय पश्चिम बंगाल के। यदि सभी छह चरणों में सिर्फ और सिर्फ पश्चिम बंगाल में ही हिंसा हुई तो इसका स्पष्ट कारण है कि तृणमूल कांग्रेस ही हिंसा की जिम्मेवार है
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यदि पश्चिम बंगाल में हुए छह चरणों के मीडिया कवरेज का संकलन किया जाए तो उससे स्पष्ट जाहिर होगा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा लोकतंत्र का किस प्रकार गला घोंटा जा रहा है
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पंचायत चुनावों के दौरान भी पश्चिम बंगाल में 60 से भी अधिक राजनीतिक कार्यकर्ताओं की हत्याएं हुई जो सबके सब विपक्ष के थे, इसमें भी अधिकतर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता थे। देशभर में ऐसा कोई चुनाव अब तक नहीं हुआ जिसमें इतने राजनीतिक कार्यकर्ताओं की हत्याएं हुई हों
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जिस प्रदेश में व्यवस्थाएं ठीक हैं वहां तो चुनाव सही तरीके से हो रहे हैं लेकिन पश्चिम बंगाल में, जहाँ उत्पात मचा हुआ है, चुनाव आयोग मूक प्रेक्षक बनी हुई है। चुनाव आयोग को शीघ्र हस्तक्षेप करना चाहिए। चुनाव आयोग से अनुरोध है कि कम से कम वे यह सुनिश्चित करें कि सातवें चरण का मतदान पूरी तरह निष्पक्ष हो
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देश भर में जितने हिस्ट्रीशीटर हैं, पैरोल पर हैं या फरार हैं, इन्हें चुनाव के दौरान हिरासत में लिया जाता है लेकिन पश्चिम बंगाल में 107 का बांड लेकर छोड़ दिया जाता है। आखिर चुनाव आयोग ने ऐसे दो मानक क्यों बनाए?
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यदि ममता दीदी हिंसा का कीचड़ फैला कर चुनाव जीतना चाहती हैं तो मैं उन्हें स्पष्ट कर देना चाहता हूँ कि वे हिंसा जितना फैलायेंगीं, कमल उतना ही बड़ा होकर खिलेगा। ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में जिस प्रकार का भय और अराजकता का माहौल बनाया है, इसे वहां की जनता इसे कभी स्वीकार नहीं करेगी
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने आज भारतीय जनता पार्टी मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में कल पश्चिम बंगाल में उनके रोड शो पर तृणमूल कांग्रेस द्वारा किये गए हमले, आगजनी और पथराव पर गंभीर चिंता करते हुए ममता दीदी और तृणमूल सरकार पर जम कर हमला बोला। साथ ही, चुनाव आयोग द्वारा पश्चिम बंगाल में संपन्न हुए सभी छः चरणों के मतदान में तृणमूल समर्थकों द्वारा की गई व्यापक हिंसा पर मूकदर्शक बनने का आरोप लगाते हुए आश्चर्य व्यक्त किया कि आखिर चुनाव आयोग कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा?
श्री शाह ने कहा कि अब तक छह चरण के चुनाव समाप्त हो चूके हैं लेकिन देश के किसी भी हिस्से में कहीं कोई हिंसक घटना नहीं हुई सिवाय पश्चिम बंगाल के। यह हास्यास्पद है कि ममता बनर्जी इस हिंसा के लिए भारतीय जनता पार्टी को जिम्मेदार ठहरा रही है। ममता बनर्जी को यह बात याद रखनी चाहिए कि वे सिर्फ पश्चिम बंगाल के 42 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं जबकि भारतीय जनता पार्टी देश के हर राज्य में कांग्रेस या फिर स्थानीय पार्टियों से सीधे मुकाबला कर रही है लेकिन कहीं भी हिंसा नहीं हुई। यदि सभी छह चरणों में सिर्फ और सिर्फ पश्चिम बंगाल में ही हिंसा हुई तो इसका स्पष्ट कारण है कि तृणमूल कांग्रेस ही हिंसा की जिम्मेवार है। यदि पश्चिम बंगाल में हुए छह चरणों के मीडिया कवरेज का संकलन किया जाए तो उससे स्पष्ट जाहिर होगा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा लोकतंत्र का किस प्रकार गला घोंटा जा रहा है। उन्होंने पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में हुई हिंसा का जिक्र करते हुए कहा कि पंचायत चुनावों के दौरान भी पश्चिम बंगाल में 60 से भी अधिक राजनीतिक कार्यकर्ताओं की हत्याएं हुई जो सबके सब विपक्ष के थे, इसमें भी अधिकतर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता थे। देशभर में ऐसा कोई चुनाव अब तक नहीं हुआ जिसमें इतने राजनीतिक कार्यकर्ताओं की हत्याएं हुई हों।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कल घटित घटना का सिलसिलेवार ब्यौरा देते हुए कहा कि कल भारतीय जनता पार्टी का रोड शो था। भारतीय जनता पार्टी ने जो पोस्टर-बैनर लगाए थे, रोड शो से तीन घंटे पहले ही उसे अधिकृत तरीके से हटाने का कार्यक्रम तृणमूल कांग्रेस द्वारा रखा गया और स्थानीय प्रशासन मूक दर्शक बनी रही। हमारे कार्यकर्ताओं को हिंसा के लिए बार-बार उकसाने का काम किया गया लेकिन भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने तब भी शांति बनाए रखी।
श्री शाह ने कहा कि कल जिस तरह से कोलकाता में भारतीय जनता पार्टी के 7 किमी लंबे ऐतिहासिक रोड शो में नागरिकों का अभूतपूर्व जनसैलाब उमड़ा, यह अपने आप में अभूतपूर्व था और इस बात का संकेत था कि पश्चिम बंगाल से अब ममता दीदी का समय समाप्त होने वाला है। इस रोड शो में लगभग दो लाख लोग शामिल हुए। ढाई घंटे तक इतना बड़ा रोड शो बिलकुल शांतिपूर्वक चला, कोई हिंसक घटना नहीं हुई लेकिन रोड शो को मिल रहे अपार जन-समर्थन से घबरा कर टीएमसी और उसके द्वारा संरक्षित गुंडों हताश होकर रोड शो पर तीन हमले किये- पथराव किये गए, आगजनी की गई और बोतल में केरोसिन डाल कर और आग लगा कर फेंके गए। उन्होंने कहा कि कई अवांछित पदार्थ मेरे सिर से दो-दो फुट की दूरी पर गिरे। यह ममता सरकार की बड़ी साजिश का हिस्सा था जो निंदनीय और भर्त्सनीय है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि कल सुबह से इस बात की आशंका थी कि ईश्वर चन्द्र विद्यासागर कॉलेज से आकर कुछ छात्र दंगे करेंगे लेकिन स्थानीय पुलिस ने न किसी को हिरासत में लिया और न ही वहां सुरक्षा की कोई व्यवस्था की गयी। उन्होंने कहा कि टीएमसी आरोप लगा रही है कि ईश्वर चन्द्र विद्यासागर की मूर्ति को भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने तोड़ी लेकिन जब कॉलेज के अन्दर टीएमसी के कार्यकर्ता थे, विश्वविद्यालय का गेट बंद था और हमारे कार्यकर्ता बाहर रोड पर थे तो महान समाज सुधारक श्री ईश्वर चन्द्र विद्यासागर जी की मूर्ति हमारे कार्यकर्ता कैसे तोड़ सकते हैं? उन्होंने इसके लिए कई फोटोग्राफ भी मीडिया को दिखाए। उन्होंने कहा कि दरअसल, झूठी सहानुभूति बटोरने के लिए एक नाटक और षड़यंत्र के तहत टीएमसी कार्यकर्ताओं ने ईश्वर चन्द्र विद्यासागर की प्रतिमा तोड़ी। ईश्वर चन्द्र विद्यासागर जी की प्रतिमा भी सार्वजनिक रूप से नहीं बल्कि विश्विद्यालय के दो कमरों के अन्दर स्थित थी।
श्री शाह ने सवाल करते हुए पूछा कि जब घटना देर शाम 7:30 बजे की है और कॉलेज के गेट बंद थे तो आखिर उस कमरे को किसने खोलकर प्रतिमा को क्षत-विक्षत किया जबकि उस विश्वविद्यालय पर प्रशासनिक कब्ज़ा टीएमसी सरकार का है। उन्होंने कहा कि सारे सबूत इस बात के गवाह हैं विद्यासागर जी की प्रतिमा टीएमसी कार्यकर्ताओं ने हारी बाजी को पलटने के लिए ही तोड़ी है। वोट बैंक राजनीति के कारण एक लब्ध-प्रतिष्ठित शिक्षाशास्त्री ईश्वर चन्द्र विद्यासागर जी की प्रतिमा तोडना इस बात के संकेत हैं कि तृणमूल कांग्रेस की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। उन्होंने कहा कि देश भर में मेरे कार्यक्रम और रोड शो होते रहते हैं लेकिन कहीं हिंसा नहीं होती, आखिर पश्चिम बंगाल में ही ऐसा क्यों हो रहा है? उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र का काला अध्याय है, पश्चिम बंगाल की जनता ममता बनर्जी को कभी माफ नहीं करगी। रोड शो में हमारे कई कार्यकर्ता और पत्रकार भी घायल हुए। मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूँ। लोकतंत्र में हिंसा की कोई जगह नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि पिछले छह चरणों में जिस प्रकार मतदान हुए हैं उससे सुनिश्चित हो चुका है कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस चुनाव हार रही है। पश्चिम बंगाल में मैंने अब तक 16 जन सभाएं कीं है, प्रधानमंत्री जी और भारतीय जनता पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी जन सभाएं कीं है और इन सभी जन-सभाओं में जिस प्रकार जन-सैलाब देखने को मिला है, वह संकेत है कि पश्चिम बंगाल की जनता परिवर्तन चाह रही है।
श्री शाह ने प्रेस वार्ता के माध्यम से चुनाव आयोग को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि जिस प्रदेश में व्यवस्थाएं ठीक हैं वहां तो चुनाव सही तरीके से हो रहे हैं लेकिन पश्चिम बंगाल में, जहाँ उत्पात मचा हुआ है, चुनाव आयोग मूक प्रेक्षक बनी हुई है। चुनाव आयोग को शीघ्र हस्तक्षेप करना चाहिए। उन्होंने कहा कि देशभर में जितने हिस्ट्रीशीटर हैं, पैरोल पर छुटे हैं या फिर फरार हैं, इन्हें चुनाव के दौरान हिरासत में लिया जाता है लेकिन पश्चिम बंगाल में 107 का बांड लेकर छोड़ दिया जाता है। आखिर चुनाव आयोग ने ऐसे दो मानक क्यों बनाए? पश्चिम बंगाल में एक भी हिस्ट्रीशीटर को चुनाव के समय हिरासत में नहीं लिया गया, चुनाव आयोग और उनके पर्यवेक्षक इस पर मौन क्यों हैं? पर्यवेक्षक की रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि जब तक गुंडों को हिरासत में नहीं लिया जाता, तब तक पश्चिम बंगाल में सही से चुनाव नहीं हो सकते, इस तरह की रिपोर्ट पहले से है तो चुनाव आयोग ने अपराधियों को हिरासत में लेने के आदेश पारित क्यों नहीं किये? यदि इसी प्रकार से चुनाव होने हैं तो चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवालिया निशान खड़ा होता है। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने चुनाव आयोग से अपील करते हुए कहा कि एक चरण का चुनाव शेष है और मेरा चुनाव आयोग से अनुरोध है कि कम से कम वे यह सुनिश्चित करें कि सातवें चरण का मतदान पूरी तरह निष्पक्ष हो।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि दो दिन पूर्व ही ममता बनर्जी ने सार्वजनिक रूप से अपने भाषण में धमकी दी कि मैं इंच-इंच बदला लूंगी तो उसी वक्त चुनाव आयोग ने इसका संज्ञान क्यों नहीं लिया? ममता जी के प्रचार को प्रतिबंधित क्यों नहीं किया गया? यदि ममता दीदी मानती हैं कि हिंसा का कीचड़ फैला कर वे चुनाव जीत जायेंगी तो मैं उन्हें स्पष्ट कर देना चाहता हूँ कि वे हिंसा जितना फैलायेंगीं, कमल उतना ही बड़ा होकर खिलेगा। पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी की ऐतिहासिक विजय निश्चित है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कल मेरे रोड शो पर हुए हमले पर एक इलेक्ट्रॉनिक चैनल ने अपना शीर्षक बनाया अमित शाह के रोड शो में हुई हिंसा जबकि शीर्षक होना चाहिए था अमित शाह के रोड शो पर तृणमूल कांग्रेस ने हमला किया जोकि मीडिया फुटेज और सबूतों के आधार पर स्पष्ट है। उन्होंने कहा कि मीडिया का एक विशेष वर्ग जितना भी चाह लें, वे कल की हिंसा को जस्टिफाई नहीं कर सकती। पश्चिम बंगाल की जनता तय कर चुकी है कि तृणमूल कांग्रेस की पराजय निश्चित है।
श्री शाह ने कहा कि अक्सर मुझसे पूछा जाता है कि इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को कितनी सीटें आएँगी तो पांचवे और छठे चरण के मतदान के बाद मैं पूर्णतया आश्वस्त हूँ कि भारतीय जनता पार्टी पूर्ण बहुमत का आंकड़ा पार कर चुकी है और सातवें चरण के बाद अकेले भारतीय जनता पार्टी 300 सीटों का आंकड़ा पार करने जा रही है। मुझे पूर्ण भरोसा है कि पश्चिम बंगाल की जनता का आक्रोश हमारे पक्ष में मतों में तब्दील होने जा रहा है। ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में जिस प्रकार का भय और अराजकता का माहौल बनाया है, इसे वहां की जनता इसे कभी स्वीकार नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि अभी-अभी पता चला है कि मेरे रोड शो पर हमले के बाद मुझ पर ही पश्चिम बंगाल में एफआईआर दर्ज कराई गई है लेकिन मैं ममता दीदी को बता देना चाहता हूँ कि तृणमूल सरकार में हमारे 60 से ज्यादा कार्यकर्ताओं की निर्मम हत्या की गई है, इसके बावजूद भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता सत्य और विचारधारा की लड़ाई लड़ने के लिए अडिग हैं, हमने अपना अभियान रोका नहीं है। ममता जी यदि यह संदेश देना चाहती हैं कि मुझ पर एफआईआर दर्ज कराने से सातवें चरण में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता डर जायेंगे तो उन्हें बता देना चाहता हूँ कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता और पश्चिम बंगाल की जनता और अधिक जोश, जूनून व आक्रोश के साथ ममता सरकार को हटाने के लिए मतदान करने जा रही है। 23 मई का राह देखें ममता दीदी, आपके दिन समाप्त हो चुके हैं।
(महेंद्र पांडेय)
कार्यालय सचिव
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