भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. संबित पात्रा की प्रेसवार्ता के मुख्य बिन्दु
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीआरएस नेता के कविता के साथ शराब घोटाले की साजिश रची और अन्य लोगों के साथ 100 करोड़ रुपये प्राप्त किए।
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राउज़ ऐवन्यू कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि अरविंद केजरीवाल प्रथम दृष्ट्या आरोपी हैं और उन्हें पेश होना पड़ेगा।
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अरविंद केजरीवाल भी सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी और रॉबर्ट वाड्रा की तरह 15 हजार के मुचलके पर जेल से बाहर हैं।
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पहले दिवाली, फिर विपश्यना, कभी विधानसभा सत्र और फिर मध्य प्रदेश के चुनाव, 9 समन के लिए अरविंद केजरीवाल ने 18 बहाने बनाए।
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वे अरविन्द केजरीवाल, जो प्रतिदिन प्रेसवार्ता करके दूसरों पर आरोप लगाते थे और जांच कराने के बाद चुनावी मैदान में उतरने की बात करते थे, आज वे लोग समन से भाग रहें हैं, डर रहें हैं।
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अरविंद केजरीवाल ने देश के संवैधानिक धाराओं और ढांचे की मान्यताओं का अपमान और देश के हजारों-करोड़ों लोगों के विश्वास और सच्चाई का कत्ल किया है।
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री संबित पात्रा ने आज केन्द्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ईडी के समन और ईडी द्वारा बीआरएस नेता के कविता की गिरफ्तारी पर कहा कि ईडी ने दिल्ली शराब घोटाले के संबंध में कहा है कि मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने बीआरएस नेता के कविता के साथ साजिश रची, जिन्होंने कथित तौर पर अन्य लोगों के साथ ₹100 करोड़ प्राप्त किए हैं।
ईडी समन से निरंतर भागने वाले अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए डॉ. पात्रा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने जनता के विश्वास का कत्ल किया है और उनका स्वयं को तथाकथित सत्यवान बताना एक धब्बे के समान है। जनता जनार्दन है, उन्हें पता है कि विकास की गारंटी किसके पास है और भ्रष्टाचार की गारंटी किसके पास है। अरविंद केजरीवाल ने देश के संवैधानिक धाराओं और ढांचे की मान्यताओं का सम्मान न कर लाखों-करोड़ों लोगों के विश्वास का कत्ल किया है। अरविंद केजरीवाल ने 9 समन के लिए 18 बहाने प्रस्तुत किए और अब जब ये बहाने नहीं चल पा रहें हैं, तकनीकी बहाने बना रहें हैं।
डॉ. संबित पात्रा ने कहा कि आश्चर्य होता है कि लोग ऐसे भी होते हैं, जो इस प्रकार रंग बदलते हैं। वह लोग जो कहते थे कि “समन ‘सम्मान’ होता है, अगर रत्तीभर संशय है तो समन भेजकर जांच करवाकर, दूध का दूध और पानी का पानी करवाइए।“ वह अरविन्द केजरीवाल जो प्रतिदिन प्रेसवार्ता करके दूसरों पर आरोप लगाते थे और जांच कराने के बाद चुनावी मैदान में उतरने की बात करते थे, आज वे लोग समन से भाग रहें हैं और डर रहे हैं। विगत 6 महीने में, अक्टूबर से लेकर मार्च तक, श्री अरविंद केजरीवाल को लगभग 9 समन भेजे गए। केजरीवाल ने देश के संवैधानिक धाराओं और ढांचे की मान्यताओं का सम्मान नहीं किया। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसियां किसी राजनैतिक दल के कहने पर नहीं, बल्कि तथ्यों के आधार पर अपने कार्य को पूरा करती हैं। जब कातिल कत्ल करता है, तो चाहे वह कितना भी शातिर क्यों न हो, कहीं न कहीं खून के धब्बे छूट ही जाते हैं। और अंततोगत्वा कानून कातिल तक पहुंच ही जाता है। केजरीवाल ने देश के हजारों-करोड़ों लोगों के विश्वास, सच्चाई और विकास का कत्ल किया है और इसी लिए जांच एजेंसियों ने उन्हें समन भेजा है।
अरविन्द केजरीवाल के ‘बहाने” पर तथ्यों को प्रस्तुत करते हुए डॉ. पात्रा ने कहा कि 9 समन के लिए केजरीवाल ने 18 बहाने प्रस्तुत किए। पहले समन में दिवाली, दूसरे समन में शासन, तीसरे समन में विपश्यना, चौथे समन ने विधानसभा सत्र और पांचवे समन में चुनावी राज्यों का बहाना दिया गया। और अब यह बहाने नहीं चल पा रहे हैं, तो कल से तकनीकी बहाने दिए जा रहें हैं। अब केजरीवाल कह रहे हैं कोर्ट ने समन को खारिज कर दिया, कोर्ट ने हमें बेल दिया, किस आधार पर ईडी हमें बुला रही है और किस आधार पर जांच एजेंसियां हमें समन भेज रही हैं। तथ्य प्रस्तुत करते हुए श्री पात्रा ने कहा कि राउज़ ऐवन्यू कोर्ट में अरविंद केजरीवाल ने अपील की कि ईडी द्वारा भेज गया समन गैर-कानूनी है और इसे वापस लिए जाएं। न्यायालय ने इसके जवाब में कहा कि वह दस्तावेज़ों को ठीक से जांच-परख कर इसपर अपना निर्णय करेगी। धारा 174 के तहत जांच एजेंसियों के समन का सम्मान न करने पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है। लेकिन केजरीवाल ने कहा कि उनपर कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए, क्योंकि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि कोर्ट ने यह स्पष्ट कहा है कि अरविंद केजरीवाल प्रथम दृष्ट्या आरोपी हैं और उन्हे पेशी के लिए हाजिर होना पड़ेगा। लेकिन अरविंद केजरीवाल केवल यही दोहरा रहे हैं कि उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। साथ ही, श्री पात्रा ने अरविंद केजरीवाल को नया नाम देते हुए ‘आरोपी अरविंद केजरीवाल’ (एएके) कहकर संबोधित करते हुए कोर्ट द्वारा जारी एक दस्तावेज का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि कार्रवाई पर कोई रोक नहीं लगेगी, संवैधानिक प्रावधान के मुताबिक इसमे गिरफ़्तारी भी हो सकती है, लेकिन इसमें यह प्रावधान भी है कि आरोपी को बेल भी मिल सकती है। डॉ. पात्रा ने खुलासा किया कि ₹15,000 रुपए के मुचलके पर अरविंद केजरीवाल बाहर खुलेआम घूम रहे हैं और संवैधानिक नियमों की अवहेलना कर रहे हैं। उन्होंने अरविंद केजरीवाल से सवाल किया कि अगर वे निर्दोष हैं तो उन्हें बेल और मुचलके की जरूरत क्यों पड़ी? आज के समय में अरविंद केजरीवाल भी उसी कतार में खड़े हैं जिस कतार में सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी और रॉबर्ट वाड्रा खड़े हैं क्योंकि ये सभी लोग मुचलके पर जेल से बाहर हैं।
दिल्ली जल बोर्ड धांधली मामले में अरविंद केजरीवाल को हाल ही में भेजे गए समन पर एक दस्तावेज पेश करते हुए डॉ. पात्रा ने कहा कि यह मामला सार्वजनिक है जिसमें सभी शिकायत और शिकायतकर्ताओं की जानकारी भी उपलब्ध है। अरविंद केजरीवाल पर व्यंग्य करते हुए श्री पात्रा ने कहा कि “शुतुरमुर्ग अगर बालू में सिर दबा ले तो इसका अर्थ यह नहीं है कि तूफान नहीं आ रहा है”।
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