Salient points of the press conference of BJP National Spokesperson Dr. Sudhanshu Trivedi


द्वारा डॉ. सुधांशु त्रिवेदी -
21-05-2024
Press Release

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता व सांसद डॉ सुधांशु त्रिवेदी की प्रेसवार्ता के मुख्य बिन्दु

 

 

भारत के लोकतांत्रिक इतिहास का यह विचित्र उदाहरण है कि दिल्ली में जिस पार्टी की सरकार है उसी पार्टी की एक महिला सांसद के साथ सीएम आवास में दुर्व्यवहार किया गया।

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राज्य के सत्ताधारी दल की सांसद के साथ मुख्यमंत्री आवास में ही मारपीट कर तथाकथित ‘‘नई राजनीति’’ करने वालों ने एक नया ही अध्याय लिखा डाला है। दिल्ली का येसीएम हाउस कांडलखनऊ के स्टेट गेस्ट हाउस कांड’ से भी ज्यादा भयावह प्रश्न खड़े करता है।

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इसी से मिलता जुलता प्रकरण 1995 में उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के साथ हुआ था जिसे ‘स्टेट गेस्ट हाउस कांड’ कहा जाता है और मायावती ने कहा था कि समाजवादी पार्टी के गुंडे उनकी जान लेना चाहते हैं।

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अपनी ही पार्टी की सांसद की शिकायत और राज्यसभा मेंआपके नेता संजय सिंह की स्वीकार्यता के बाद भी केजरीवाल ने प्रकरण की जांच नहीं की और बिना जांच के ही निष्कर्ष पर पहुंच गए।

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अपना घर 24 घंटे आम आदमी के लिए खुला रखने की बात कहने वाले केजरीवाल आज अपनी ही पार्टी की एक महिला सांसद को बिना समय दिए मिलने से इनकार करते हैं और उनके साथ दुर्व्यवहार करते हैं।

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भाजपा की आतंरिक खबरें रखने का दावा करने वाले केजरीवाल जी को 20 वर्ष से उनके साथ काम कर रही स्वाती मालीवाल आज अचानक से भाजपा की एजेंट लगने लगी हैं।

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एक राजनैतिक सवाल ये है कि आम आदमी पार्टी के दो सांसदों ने जब उक्त दुर्व्यवहार स्वीकार किया है, तो अब तक आम आदमी पार्टी ने कोई राजनैतिक या प्रशासनिक जांच क्यों नहीं कारवाई?

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एक नैतिक प्रश्न ये है कि बड़े-बड़े नेताओं की गिरफ्तारी पर केजरीवाल ने वो प्रतिक्रिया नहीं दी जो बिभव कुमार की गिरफ्तारी पर दी है। इस तथ्य से आम आदमी पार्टी पर्दा उठाए।

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बिना किसी सरकारी और राजनीतिक पद के बिभव कुमार किस हैसियत से मुख्यमंत्री आवास के अंदर थे?

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हर मुख्यमंत्री के हर दिन का दैनिक कार्यक्रम जारी होता है. यदि केजरीवाल जी मुख्यमंत्री आवास में नहीं थे, तो उस दिन का दैनिक कार्यक्रम जारी कर दीजिए या तो इस बात को स्वीकार कर लें कि वे आवास में थे और मिलना नहीं चाहते थे.

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केजरीवाल जी अपॉइंटमेंट लिस्ट को जारी कर दें और बता दें कि उनका स्वाति मालीवाल के साथ कोई अपॉइंटमेंट ही नहीं था. अगर अपॉइंटमेंट नहीं था तो स्वाति मालीवाल अंदर कैसे आ गईं?

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  2014 के चुनावों के समय आम आदमी पार्टी की सर्वोच्च कमेटी के लोगों ने भाजपा कार्यालय पर हमला किया था, डंडे लेकर पथराव किया था, यह स्वभावत: उत्पात और अराजकता फैलाने वाले लोग हैं।

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केजरीवाल जी जब भी बिभव कुमार को देखते होंगे तो उनके दिल में यही ख्याल आता होगा मानो बिभव उनसे कह रहे होंबैठा हूं दिल में इतने राज छुपाये, जरा सा होंठ हिले तो तुम्हारा दिल डगमगाए

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता व राज्यसभा संसद डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने आज केन्द्रीय कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित किया। इस प्रेसवार्ता में डॉ त्रिवेदी ने राज्यसभा सांसद स्वाती मालीवाल के साथ सीएम हाउस में हुए दुर्व्यवहार पर कोई कार्रवाई करने के बजाय उनका चरित्र हनन करने के लिए आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो एवं दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर करारा प्रहार किया । 

 

राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि दिल्ली में मुख्यमंत्री आवास के अंदर के घटनाक्रम ने आम आदमी पार्टी की असलियत को इस सीमा तक उजागर किया है कि उस घटना के 8 दिन बाद भी कई प्रश्न दिल्लीवासियों के मन में गहराई से खड़े हुए हैं। केजरीवाल जी कभी कहा करते थे कि वे तीन कमरे के घर में ही रहेंगे और उनका घर 24 घंटे आम आदमी के लिए खुला रहेगा, लेकिन आज अपने शीशमहल में बंद होकर अपनी ही पार्टी की एक महिला सांसद से बिना समय लिए मिलने से मना कर रहे हैं एवं उसके साथ दुर्व्यवहार कर रहे हैं। केजरीवाल के चरित्र में ये भारी बदलाव आया है।

 

केजरीवाल के पास गिने चुने सांसद हैं, जिनमें से अधिकतर तो उनके करीबी हैं और इन लोगों को केजरीवाल से मिलने की ज़रूरत भी नहीं है क्योंकि इन्होंने पार्टी में इतनायोगदानदिया है कि यह तय करना मुश्किल हैयोग ज्यादा है या दान इसके बावजूद अगर केजरीवाल कहते हैं कि उस दिन अपाइंटमेंट नहीं था तो केजरीवाल को अन्य मुख्यमंत्रियों की तरह उस दिन का दैनंदिन कार्यक्रम जारी करना चाहिए और बताना चाहिए कि वे मुख्यमंत्री आवास में नहीं थे अन्यथा केजरीवाल को ये स्वीकार करना चाहिए कि मुख्यमंत्री आवास में होने के बावजूद वे स्वाती मालीवाल से नहीं मिलना चाहते थे। इसके अलावा, अरविंद केजरीवाल को अपाइंटमेंट सूची जारी करनी चाहिए और अगर स्वाती मालीवाल के पास अपाइंटमेंट नहीं था तो वो अंदर कैसे आ गई? मुख्यमंत्री होने के कारण उनके पास जेड सिक्योरिटी है लेकिन किसी अवांछित व्यक्ति के घर में घुसने पर सिक्योरिटी ने कोई कार्रवाई नहीं की और चार दिन बाद रिपोर्ट दर्ज कराई। बिना किसी सरकारी और राजनीतिक पद के बिभव कुमार मुख्यमंत्री आवास के अंदर थे तो केजरीवाल को अपाइंटमेंट सूची में बिभव कुमार का अपाइंटमेंट दिखाना चाहिए। अगर अपाइंटमेंट नहीं था, तो बिभव कुमार किस हैसियत से मुख्यमंत्री आवास में थे? घटना घटित होने के तुरंत बाद बिभव कुमार गायब हो गए और सीधे केजरीवाल के साथ लखनऊ हवाई अड्डे पर दिखाई दिए। इसके बाद फिर से गायब होने के बाद बिभव कुमार मुख्यमंत्री आवास से गिरफ्तार हुए हैं।

 

डॉ त्रिवेदी ने कहा कि आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद ने दुर्व्यवहार की प्राथमिकी दर्ज कराई और राज्यसभा में उसी पार्टी के संसदीय नेता संजय सिंह ने इस प्रकरण को स्वीकार्यता दी। अपनी पार्टी की राज्यसभा सांसद की शिकायत और संसदीय नेता की स्वीकार्यता के बाद भी केजरीवाल ने इस प्रकरण पर कोई जांच तक नहीं गठित की है। बिना जांच के किस आधार पर आम आदमी पार्टी निष्कर्ष पर पहुंच गई है। ये देश का पहला मामला है जहां राज्य के सत्ताधारी दल की ही सांसद के साथ मुख्यमंत्री आवास में दुर्व्यवहार और मारपीट हुई है। ऐसा कोई उदाहरण भारत की राजनीति में उपलब्ध नहीं है। हालांकि इसी से मिलता जुलता प्रकरण 1995 में उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के साथ हुआ था जिसे स्टेट गेस्ट हाउस कांड कहा जाता है और मायावती ने कहा था कि समाजवादी पार्टी के गुंडे उनकी जान लेना चाहते हैं। लेकिन तथाकथित नई राजनीति’ करने की बात कहने वालों ने एक नया ही अध्याय लिख दिया है। दिल्ली का ये सीएम हाउस कांड लखनऊ के स्टेट हाउस कांड से ज्यादा भयानक प्रश्न खड़े करता है। आए दिन भारतीय जनता पार्टी की आतंरिक खबरें बताने का दावा करने वाले केजरीवाल को 20 वर्ष से उनके साथ काम करने वाली वरिष्ठ सहयोगी स्वाती मालीवाल के बारे में कुछ नहीं पता था एवं अचानक से उन्हें भाजपा का एजेंट बताने लगे। इसे कहते हैं ‘दूसरों को नसीहत, खूद मियां फजीहत’। किसी महिला सांसद के साथ हुआ इस प्रकार का दुर्व्यवहार करने के बावजूद, जिसे पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राज्य सभा सांसद संजय सिंह द्वारा प्रेस कांफ्रेंस कर स्वीकार किया जा चुका है, उस प्रकरण का निदान करने की जगह पूरी पार्टी पीड़िता का चरित्र हनन करने में लगी है।

 

डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि सांसद, पार्टी, पूर्व पीए, घर, मुख्यमंत्री- सबआपका और लड़ाई भीआपके दो लोगों के बीच हुई, लेकिन आरोप भाजपा पर लगाए जा रहे हैं। भ्रष्टाचार में डूबकर नए कीर्तिमान स्थापित कर चुकी आम आदमी पार्टी के अनेक नेता जेल जा चुके हैं, लेकिन अरविंद केजरीवाल कभी इतने विचलित नहीं दिखे कि सड़क पर आकर प्रदर्शन करने लगें। बिभव कुमार तकनीकी रुप से पार्टी में कुछ भी नहीं हैं, बावजूद इसके केजरीवाल उनके लिए सड़क पर आकर प्रदर्शन करने लगे। देश और दिल्ली की जनता जानना चाहती है कि आखिर इसके पीछे राज क्या है? मनीष सिसोदिया, सत्येन्द्र जैन, संजय सिंह की गिरफ्तारी पर केजरीवाल ने भाजपा मुख्यालय का घेराव नहीं किया, लेकिन बिभव कुमार की गिरफ्तारी से क्यों इतने विचलित हो गए हैं? आम आदमी पार्टी पत्रकारों के साथ भी दुर्व्यवहार कर रही है।

 

आम आदमी पार्टी एक मात्र ऐसी पार्टी है जिसके ऊपर आरोप लगा कि तत्कालीन चीफ सेक्रेटरी अंशु प्रकाश को घर बुलाकर इन्होंने उनके साथ मारपीट की, इनके खिलाफ चीफ सेक्रेटरी ने लिखित शिकायत भी की थी। भारत की राजनीति में कोई ऐसा दूसरा उदाहरण नहीं है। 2014 के चुनावों के समय आम आदमी पार्टी की सर्वोच्च कमेटी के लोगों ने भाजपा कार्यालय पर हमला किया था, डंडे लेकर पथराव किया था, यह स्वभावत: उत्पात और अराजकता फैलाने वाले लोग हैं। मुख्यमंत्री बनने से पहले केजरीवाल ने बिजली के वायर भी काटे थे। यही इनकी प्रवत्ति है।

 

राज्यसभा सांसद ने कहा कि कहीं ऐसा तो नहीं कि केजरीवाल जी जब भी बिभव कुमार को देखते होंगे तो उनके दिल में यही ख्याल आता होगा मानो बिभव उनसे कह रहे हों “बैठा हूं दिल में इतने राज छुपाये, जरा सा होंठ हिले तो तुम्हारा दिल डगमगाए”। केजरीवाल को इन तकनीकी प्रश्नों का जवाब देना चाहिए। एक राजनैतिक सवाल ये है कि आम आदमी पार्टी के दो सांसदों ने दुर्व्यवहार स्वीकार किया है, तो अब तक आम आदमी पार्टी ने कोई राजनैतिक या प्रशासनिक जांच क्यों नहीं कारवाई? एक नैतिक प्रश्न ये है कि बड़े-बड़े नेताओं की गिरफ्तारी पर केजरीवाल ने वो प्रतिक्रिया नहीं दी जो बिभव कुमार की गिरफ्तारी पर दी है। इस तथ्य से आम आदमी पार्टी पर्दा उठाए।

 

प्रेसवार्ता में उपस्थित भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमती शाजिया इल्मी ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक पर प्रश्न उठाने वाले केजरीवाल जी अभी तक स्वाती मालिवाल के मामले पर शांत हैं। स्वाति मालिवाल आम आदमी पार्टी के 10 राज्यसभा सासदों में से सबसे पुरानी हैं लेकिन उन पर अब आरोप लगाया जा रहा है कि वो भाजपा की एजेंट हैं। इस घटना के सीसीटीवी का डीवीआर पूरी तरह से खाली था, 13 मई को घटना होने के बाद 14 मई को बिभव कुमार अपना फोन फॉर्मेट कर देते हैं। आखिर ऐसी क्या मजबूरी थी कि दो वीडियो के बीच की जो फुटेज है, वो नहीं मिल रही है। पहली वीडियो से पूर्व शीश महल में क्या हुआ, उसका वीडियो भी नहीं है। अपनी सबसे पुरानी साथी पर आम आदमी पार्टी ने आरोप लगा दिया है कि वो महिला राजनीति से प्रेरित है और पूरे मामले को भाजपा प्रायोजित कर रही है। स्वाती मालिवाल पर ये आरोप भी लगाया जा रहा है कि वो भ्रष्टाचार में सलिप्त हैं जबकि जिस मामले की बात की जा रही है वो 2016 का है। इसके बाद दो बार एलजी और सीएम ने स्वाती मालिवाल को महिला आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया। सुनने में आ रहा है कि स्वाती मालिवाल के रिश्तेदारों की गाड़ियों के नंबर ट्वीट किए जा रहे हैं और उनके रिश्तेदारों को भी स्वाती को बदनाम करने के लिए भड़काया जा रहा है।

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