राज्यसभा सांसद एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी की प्रेसवार्ता के मुख्य बिन्दु
अयोध्या (उत्तर प्रदेश) में समाजवादी पार्टी के एक नेता मोईद खान पर एक नाबालिग के साथ बलात्कार का आरोप लगा, लेकिन उस वीभत्स घटना पर निर्लज्जता के साथ राजनीति की गई।
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कन्नौज में एक बार फिर सपा से जुड़े एक नेता पर नाबालिग के साथ बलात्कार के प्रयास के गंभीर आरोप लगे हैं। अपराध एक तरफ है, परन्तु अपराध के प्रति संवेदनहीनता उससे भी बड़ा गंभीर विषय है।
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समाजवादी पार्टी का राजनीतिक डीएनए ही अपराध और अपराधी का साथ देना है। यह पूरे उत्तर प्रदेश की जनता को पता है कि अपराधियों के हौसले सबसे ज्यादा समाजवादी पार्टी के शासनकाल में बुलंद होते थे।
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पश्चिम बंगाल में हुई जघन्य घटना और जिस तरह से अपराधियों को संरक्षण देने का प्रयास किया जा रहा है, वह अत्यंत दुखद है।
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यदि पश्चिम बंगाल की सरकार इस मामले पर ईमानदारी से जांच कराना चाहती थी, तो यह मामला सीबीआई को स्थानांतरित करने के लिए समय का इंतज़ार क्यों कर रही थी?
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यह तो कोलकाता हाई कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वतः संज्ञान लेते हुए मामला सीबीआई को स्थानांतरित किया है।
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ममता बनर्जी सीबीआई जांच की मांग पर आखिर समय क्यों मांग रही थीं ? यह संदेह होता है कि क्या रिपोर्ट को बदलने के लिए साजिश रची जा रही थी? यह स्थिति संदेशखाली में भी देखी जा चुकी है।
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कांग्रेस पार्टी की नेता प्रियंका गांधी, जो यह कहती हैं कि ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’, उनके होंठ अयोध्या और कन्नौज तक के मामले में क्यों सिल जाते हैं?
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राहुल गांधी की सियासी दुकान में मोहब्बत केवल अपराधियों, आतंक के आरोपी, भ्रष्टाचारियों, दंगाइयों और बलात्कारियों के लिए है। इंडी गठबंधन के सभी दल एक-दूसरे के आपराधिक तत्वों को संरक्षण (क्राइम को कवर फायर) दे रहे हैं।
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भारतीय जनता पार्टी का मानना है कि इस तरह के विषयों में दलगत भावना से ऊपर उठकर राजनीतिक स्वार्थ के हिसाब से नहीं, बल्कि संवेदनशीलता से बात होनी चाहिए।
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सांसद डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने आज केन्द्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में इंडी गठबंधन और समाजवादी पार्टी द्वारा अपराधियों और नाबालिगों के साथ दुष्कर्म करने वालों को संरक्षण देने और उस पर निर्लज्जता के साथ राजनीति करने के लिए जमकर आलोचना की। डॉ त्रिवेदी ने कहा कि सपा, टीएमसी, कांग्रेस और इंडी गठबंधन के नेता अपराधियों को संरक्षण देने के साथ साथ गंभीर अपराधों के प्रति अपनी असंवेदनशीलता का परिचय दे रहे हैं। अयोध्या और कन्नौज में सपा नेताओं द्वारा यौन उत्पीडन करने और पश्चिम बंगाल में सीएम ममता बनर्जी सरकार द्वारा अपराधियों-बलात्कारियों को बचाने के मामले उजागर हुए हैं, जो अत्यंत ही निंदनीय है।
डॉ त्रिवेदी ने कहा कि इंडी गठबंधन के आचरण की उच्छृंखलता और उद्दंडता को जनता अबतक देख ही रही थी, लेकिन अब उनसे जुड़े हुए लोगों का अपराध में संलिप्तता भी पूरा देश देख रहा है। यहां सिर्फ अपराध की संलिप्तता ही नहीं है, बल्कि अपराध करने की उनकी हिम्मत, हिमाकत और उसके बाद उसे संरक्षण देने की इंडी गठबंधन के दलों की सियासत को आज देश अत्यंत दुखी और भारी मन से देख रहा है। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में सभी लोगों ने देखा कि किस प्रकार समाजवादी पार्टी के नेता मोईद खान पर नाबालिग के साथ बलात्कार करने का आरोप लगा। इस मामले की संवेदनशीलता को समझने की बजाय विपक्षी पार्टियां निर्लज्जता के साथ राजनीति कर रही है। अयोध्या का ममला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि कन्नौज में एक बार फिर सपा से जुड़े एक नेता के ऊपर एक नाबालिग के साथ बलात्कार के प्रयास के गंभीर आरोप लगे हैं।
अपराध एक तरफ है, परन्तु अपराध के प्रति संवेदनहीनता उससे भी बड़ा गंभीर विषय है। पहले समाजवादी पार्टी का यह कहते रहे कि आरोपी से सम्बद्ध ऐसा मामला कुछ है ही नहीं, उसके ठीक बाद समाजवादी पार्टी की एक नेत्री ने यह स्वीकार किया है कि कन्नौज का आरोपी उनकी ही पार्टी का पूर्व नेता है। साथ ही सपा ने बेहद संवेदनहीन और अशोभनीय बयान भी दिए कि 15 साल की वह लड़की कौन सी नौकरी प्राप्त करने के लिए रात को गई थी? यह सपा की असली फितरत है और इस प्रकार के अपराधियों को कवर फायर देने की सीमा को दर्शाता है।
डॉ त्रिवेदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में एक दौर में दुष्कर्म की शिकार दो लड़कियों ने न्याय न मिलने के कारण आत्महत्या कर ली थी। उस समय समाजवादी पार्टी के एक बड़े नेता ने असंवेदनहीन बयान दिया था कि “लड़कों से गलती हो जाया करती है”। डॉ त्रिवेदी ने कहा कि चुनाव के समय यूपी के जो दो लड़के थे, उन दो लड़कों के साथ के जो जो लोग हैं, वह गलती नहीं अपराध कर रहे हैं। जब से इन दो लड़कों की ताकत बढ़ी है, तब से अपराधियों की हिम्मत और हिमाकत भी बढ़ती जा रही है। भारतीय जनता पार्टी यह मानती है कि अपराध और अपराधी के जात-पात, पंथ और मजहब को राजनीतिक दल के तराजू पर नहीं तौला जाना चाहिए, उसे सिर्फ अपराधी के रुप में ही देखा जाना चाहिए। इसके बावजूद, दुखद बात है कि जहां नाबालिग बच्चियों के साथ इस प्रकार के दुष्कर्म के आरोप हों, वहां डीएनए टेस्ट जैसी मांगें की जा रही हैं।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ त्रिवेदी ने समाजवादी पार्टी पर तंज कसते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी का डीएनए ही अपराध और अपराधी का साथ देना है और यह पूरे उत्तर प्रदेश की जनता को मालूम है कि समाजवादी पार्टी के शासनकाल में अपराधियों के हौसले सबसे ज्यादा बुलंद होते थे। समाजवादी पार्टी के पुराने नेता और शायर रहे अदम गोंडवी साहब ने पार्टी में आए आपराधिक तत्वों के संदर्भ में लिखा था-
“काजू भुने प्लेट में व्हिस्की गिलास में,
उतरा है रामराज विधायक निवास में,
पक्के समाजवादी हैं तस्कर हों या डकैत,
इतना असर है खादी के उजले लिबास में”।
गुजरे जमाने के समाजवादी नेता के दिल का यह दर्द आज की समाजवादी पार्टी के असली राजनैतिक डीएनए को बताने के लिए पर्याप्त है।
डॉ त्रिवेदी ने कहा कि पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल में एक महिला डॉक्टर के साथ जिस प्रकार की जघन्य घटना हुई और जिस तरह से अपराधियों को शासनिक-प्रशासनिक संरक्षण देने का प्रयास किया जा रहा है, वह अत्यंत दुखद है। उस मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के प्रिन्सिपल को 24 घंटे के अंदर वहां से हटाकर दूसरे मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में नियुक्त कर दिया गया, जो टीएमसी सरकार द्वारा उन अपराधियों के प्रति संरक्षण की भावना को दर्शाता है।
भारतीय जनता पार्टी पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से कुछ सवालों का जवाब चाहती है-
· जिस मेडिकल कॉलेज में घटना हुई, उस कॉलेज के प्रिंसिपल के प्रति पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री की इतनी ममता क्यों है?
· सीबीआई जांच की मांग की जाने पर वह समय की मांग क्यों कर रही थीं ?
· इतने दिन की मोहलत किस लिए मांगी जा रही थी?
· क्या यह मोहलत रिपोर्ट को बदलने के लिए मांगी जा रही थी?
· यह स्थिति संदेशखाली में भी देखी जा चुकी है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ त्रिवेदी ने कहा कि यदि पश्चिम बंगाल की सरकार कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल में एक महिला डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या मामले को ईमानदारी से जांच कराना चाहती थीं, तो वह इस मामले को सर्वोच्च जांच एजेंसी को त्वरित स्थानांतरित क्यों नहीं किया? कांग्रेस पार्टी की नेता प्रियंका गांधी, जो यह कहती हैं कि ‘लड़की हूँ लड़ सकती हूँ’ उनके होंठ अयोध्या और कन्नौज मामले में क्यों सिल जाते हैं? राहुल गांधी की सियासी दुकान में मोहब्बत सिर्फ अपराधियों, आतंक के आरोपी, भ्रष्टाचारियों और दंगाइयों के लिए ही है। इंडी गठबंधन के सभी दल एक-दूसरे के आपराधिक तत्वों को संरक्षण देने और कवर फायर करने का काम कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी का मानना है कि इस तरह के विषयों में दलगत भावना से ऊपर उठकर राजनीति के हिसाब से नहीं, बल्कि संवेदनशीलता से बात होनी चाहिए। अपराधियों को किसी भी तरह का संरक्षण, उनका मनोबल बढ़ाने अथवा उन्हें मोहलत देने का प्रयास नहीं होना चाहिए।
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