Salient points of press conference of BJP National Spokesperson Shri Gaurav Bhatia and West Bengal BJP State President Shri Sukanta Majumder


द्वारा श्री गौरव भाटिया -
31-01-2024
Press Release

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया एवं पश्चिम बंगाल प्रदेशाध्यक्ष श्री सुकांता मजूमदार की प्रेसवार्ता के मुख्य बिन्दु

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कैग की हालिया रिपोर्ट में सामने आया है कि पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने प्रदेश में वित्तीय गड़बड़ियां की हैं और लगभग ₹2 लाख करोड़ के घोटाले की आशंका है। बंगाल में टीएमसी राज में ‘खाता न बही, जब चोर हो ममता बनर्जी तो भ्रष्टाचार भी सही’।

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कैग की रिपोर्ट के अनुसार, पश्चिम बंगाल सरकार ने 2.4 लाख परियोजनाओं के ₹1.95 लाख करोड़ के उपयोगिता प्रमाण पत्र अभी तक जारी नहीं किए हैं, यानी इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि बंगाल में आवंटित पैसा काम पर खर्च हुआ भी है या नहीं।

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₹3400 करोड़ के कन्टिन्जन्सी खर्च का लगभग एक तिहाई हिस्सा लगभग ₹1169 करोड़, बंगाल सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा खर्च किया गया और हैरत की बात यह है कि यह विभाग स्वयं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पास है।

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2018 से मार्च 2021 तक महज 3 साल के भीतर 2.4 लाख सर्टिफिकेट में से 1.6 लाख सर्टिफिकेट जारी नहीं हुए, उपयोगिता प्रमाणपत्र जारी नहीं करने का मतलब है कि ममता सरकार ने बड़ा भ्रष्टाचार किया है।

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ममता बनर्जी को लगता है कि जनता की खून-पसीने की कमाई, उनकी जमींदारी का पैसा है। तृणमूल सरकार में कुल ऐसे 160 पर्सनल खाते हैं, जिसमें कुल ₹3465 करोड़ जमा हुए, जो वित्तीय नियम का घोर उल्लंघन है।

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ममता राज में निर्दोषों की हत्या होती है, महिलाओं के साथ बलात्कार होता है, अधिकारियों को धमकाया और पीटा जाता है और संस्थानों को डराने का काम किया जाता है।

पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था ध्वस्त है, मगर ममता बनर्जी मस्त हैं।

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एक तरफ इंडी गठबंधन है जो लोकतंत्र के विरुद्ध कार्य कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ जनता के लिए समर्पित केंद्र की मोदी सरकार है, जिसका संकल्प भारत को भ्रष्टाचार मुक्त बनाना है।

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भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया एवं पश्चिम बंगाल प्रदेशाध्यक्ष श्री सुकांता मजूमदार ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित किया। इस प्रेसवार्ता में उन्होंने कैग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए ममता सरकार द्वारा लगभग 2 लाख करोड़ के घोटालों का खुलासा किया और पत्रकारों के सामने टीएमसी सरकार की काली करतूतों के तथ्य प्रस्तुत किए। श्री मजूमदार ने कहा कि मुखमंत्री ममता बनर्जी जनता के पैसों को अपनी जमींदारी का पैसा समझती हैं।

 

श्री सुकांता मजूमदार ने कहा कि कैग की हालिया रिपोर्ट में सामने आया है कि पश्चिम बंगाल की ममता सरकार में प्रदेश में वित्तीय गड़बड़ियां पाई गई हैं और लगभग ₹2 लाख करोड़ के घोटाला की आशंका है। इस रिपोर्ट को गौर से पढ़ने पर पता चलता है कि सरकार खर्चे पर चल रही किसी भी परियोजना के पूरा होने के एक वर्ष अंदर सरकार को उपयोगिता प्रमाण पत्र जारी करना पड़ता है। लेकिन कैग की रिपोर्ट के अनुसार पश्चिम बंगाल में 2.4 लाख प्रोजेक्ट्स के उपयोगिता प्रमाण पत्र जारी होना बाकी है, जिनका कुल मूल्य ₹1.95 लाख करोड़ है। जिसका मतलब है कि बंगाल में आवंटित पैसा काम में खर्च हुआ या नहीं हुआ, इसकी कोई जानकारी ही नहीं है। 2018 से लेकर मार्च 2021, मात्र 3 साल के भीतर 2.4 लाख प्रमाण पत्र में से 1.6 लाख प्रमाण पत्र जारी नहीं किए गए। इन जानकारियों का अभाव बंगाल सरकार के तीन मुख्य विभागों में हैं, जो हैं ग्रामीण विकास, शहरी विकास और स्कूल शिक्षा विभाग। बीते दिनों तृणमूल सरकार के इन तीन विभागों में भ्रष्टाचार के मामले सामने आए हैं। बंगाल सरकार के पूर्व शिक्षा मंत्री जेल में हैं और राज्य में इतने भारी भ्रष्टाचार के चलते, ग्रामीण विकास के आवंटित पैसे को रोकना पड़ा है। उपयोगिता प्रमाण पत्र जारी न करने का अर्थ है कि ममता सरकार ने भ्रष्टाचार किया है।

 

भाजपा बंगाल प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि राज्य में सरकार चलाने के लिए कभी-कभी बजट के अतिरिक्त अग्रिम धन लिया जाता है, जिसे कन्टिन्जन्सी फंड कहा जाता है। बंगाल के वित्तीय विभाग का नियम है कि आपात स्थिति में एडवांस में पैसा लेकर जनता का काम किया जाए, किन्तु 1 महीने के भीतर उसका डीसी बिल (डीटेल कन्टिन्जन्सी बिल) देना होगा। बंगाल सरकार के मुखमंत्री के रूप में वेतन न लेने वाली ममता बनर्जी की सरकार ने 2018 से मार्च 2021 तक एक भी डीसी बिल जमा नहीं किया है, जिसका कुल जोड़ ₹3400 करोड़ है। जनता के खून-पसीने की कमाई के पैसे को बिना किसी बिल को दिए खर्च कर दिया गया और यह पैसा कहां खर्च हुआ, किसके पास गया, इसका कुछ अता-पता नहीं है। ₹3400 करोड़ के कन्टिन्जन्सी खर्च का लगभग एक तिहाई हिस्सा अर्थात ₹1169 करोड़, बंगाल सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा खर्च किया गया है और यह विभाग स्वयं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पास है।

 

श्री सुकांता मजूमदार ने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह सरकार के पैसों को अपना पैसा समझती हैं, उन्हें लगता है कि यह पैसा उनकी जमीदारी का पैसा है। इन पैसों का उपयोग पर्सनल अकाउंट के नाम से खर्च किया गया, जिसका कोई हिसाब-किताब नहीं है। पश्चिम बंगाल के वित्तीय नियम के अनुसार अगर किसी प्रोजेक्ट का पैसा पर्सनल अकाउंट में रखा जाता है तो काम खत्म होने पर वित्तीय वर्ष के अंत में फिर से वह फंड सरकार की संचित निधि में जमा कर दिया जाता है। लेकिन तृणमूल सरकार में कुल ऐसे 160 पर्सनल खाते हैं, जिसमें कुल 3465 करोड़ रुपया जमा है, जो वित्तीय नियम का पूर्णत: उल्लंघन करता है।

 

श्री सुकांता मजूमदार ने तृणमूल सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि कैग रिपोर्ट इस बात का सबूत कि ममता बनर्जी की सरकार जनता के पैसे लूटने का काम कर रही है। यह रिपोर्ट ममता बनर्जी की सरकार पर एक तमाचा है जो हमेशा यह दावा करती है कि पूरे भारत में उनकी सरकार से ईमानदार सरकार नहीं है और रिपोर्ट से पता चलता है कि कैसे जनता के पैसों को लूटने की व्यवस्था की गई और धांधली की गई।

 

 

श्री गौरव भाटिया ने कहा कि इस देश में दो विचारधाराओं की लड़ाई चल रही है, एक तरफ ईमानदार जनता के प्रति समर्पित केंद्र सरकार है जिसका एक ही प्रण और लक्ष्य है कि भारत को भ्रष्टाचार से मुक्त करेंगे। ये जो कैग रिपोर्ट  सामने आई है यह बिल्कुल स्पष्ट कर देती है कि इंडी गठबंधन का हर घटक दल भारत की जनता और लोकतंत्र के खिलाफ है। मां, माटी और मानुष की बात करने वाली ममता बनर्जी के प्रदेश से सबसे बड़ा भ्रष्टाचार का मामला सामने आना वाकई चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि कैग रिपोर्ट में कई तथ्य सामने आए हैं, जिनमें एक तथ्य है कि 2जी घोटाले को दिया गया काल्पनिक मूल्य लगभग तक ₹1 लाख 76 हजार करोड़ के आसपास था और उस समय कांग्रेस की भ्रष्टाचारी सरकार केंद्र में काबिज थी। वहीं पश्चिम बंगाल में ₹2 लाख करोड़ से ज्यादा का घोटाला हो जाता है तो ममता बनर्जी को सभी घोटालों की जननी कहना गलत नहीं होगा। संविधान के नियमों और निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन करने की शपथ को पूरी तरह भूल चुकी भ्रष्ट नेता ममता बनर्जी के बारे में यह कहना गलत नहीं होगा कि खाता न बही, जब चोर हो ममता बनर्जी तो भ्रष्टाचार भी सही। ऐसा बोलना इसलिए सही है क्योंकि पश्चिम बंगाल में ममता सरकार में जंगलराज इस तरह हावी है कि ईडी के अफसर जब बंगाल जाते हैं तो उन पर हमला कर दिया जाता है। श्री भाटिया ने ममता बनर्जी से सवाल किया कि ईडी के अफसरों पर हमला करवाकर क्या वे क्या संदेश देना चाहती थी?

 

श्री भाटिया ने ममता बनर्जी पर तंज कसते हुए कहा कि ममता दीदी का मानना है कि वे कानून से ऊपर हैं, केंद्र से भी अगर पैसा आएगा या प्रदेश की आमदनी जो होगी तो उसे वे लुटा देंगी और जब कैग जैसी कोई संवैधानिक संस्था उनसे हिसाब मांगेगी तो वे ठेंगा दिखा देंगी। वे भूल गई हैं कि जब कानून का डंडा पड़ता है तो अच्छे अच्छे भ्रष्टाचारी भी सीधे हो जाते हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सुनिश्चित करना था कि उनके भ्रष्टाचारी नेता शाहजहां शेख प्रवर्तन निदेशालय का सहयोग करें लेकिन वे फरार हैं। ममता बनर्जी खुद इन भ्रष्टाचारियों की मुख्य सरगना हैं। उन्होंने कहा कि जब कोई भी राजकीय कोष से खर्चा होता है तो उपयोग हुए पैसे का प्रमाण पत्र देना अनिवार्य है जिससे यह सुनिश्चित होता है कि जनता का पैसा जनता के काम में आया और मुख्यमंत्री ने अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी का निर्वहन किया। लेकिन कैग ने बिल्कुल स्पष्ट कहा है कि बंगाल में उपयोगिता प्रमाण पत्र, बेहिसाब आकस्मिक निधि, व्यक्तिगत जमा खाता सहित सभी योजनाओं में पारदर्शिता की कमी है। इसलिए भारतीय जनता पार्टी अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए ममता बनर्जी से सवाल पूछ रही है कि वे जवाबदेही से क्यों भाग रही हैं? उन्होंने कहा कि कैग ने उनसे हिसाब मांगा कि यह उपयोगिता प्रमाण पत्र जिसमें कुल राशि ₹3.94 लाख करोड़ थी जिसमें ₹2.29 लाख करोड़ के उपयोगिता प्रमाण पत्र दिए ही नहीं गए और यह एक बार नहीं कई बार मांगे गए हैं। यह एक चिंताजनक विषय है और पश्चिम बंगाल की जनता के साथ विश्वासघात है । वहीं दूसरी ओर बेहिसाब आकस्मिक निधि की बात करे तो कोई आकस्मिक स्थिति के दौरान उसका प्रयोग किया जाता है तो नियमों के अनुसार इस्तेमाल किया गया पैसा 1 महीने के अंदर उसे पुनः जमा करना होगा जिससे आगामी परिस्थितियों के लिए सरकार के पास पैसा हो। लेकिन ऐसा नहीं हुआ, 3400 करोड़ रुपए के बिल पेश ही नहीं किया गए। श्री गौरव भाटिया ने ममता बनर्जी पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि “पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था ध्वस्त है, ममता बनर्जी मस्त है”। उन्हें आरोप लगाया कि 3400 करोड़ रुपये का घोटाला करके वह पैसा आतंकवाद या दंगे करने के लिए या अपनी पार्टी के भ्रष्ट नेताओं को ईडी की जांच से बचाने के लिए तो नहीं प्रयोग किया गया।

 

श्री भाटिया ने जानकारी देते हुए बताया कि कैग रिपोर्ट के अनुसार कुल 160 पर्सनल खाते थे और उनमें मार्च 2021 तक की समय सीमा तक 3465 करोड़ रुपये थे, और खातों का विवरण देखे जाने से पहले ही भ्रष्टाचार का खेला शुरू हुआ और सभी खातों को बंद करके नए खाते खोल दिए गए। श्री भाटिया ने ममता बनर्जी पर निशान साधते हुए कहा कि वह चोरी भी करती है और सीना जोरी भी, अगर कोई उनसे सवाल पूछता है तो पश्चिम बंगाल में उनके गुंडे हैं। ममता बनर्जी के राज में निर्दोषियों को मार दिया जाता है, महिलाओं के साथ बलात्कार हो जाते हैं, अफसरों को पीटा जाता है, सारी संस्थाओं को डराने का काम किया जाता है।

 

श्री गौरव भाटिया ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि भ्रष्टाचारी ममता बनर्जी हो या चाहे अरविंद केजरीवाल हो या भ्रष्टाचार की जननी कांग्रेस पार्टी हो, किसी को यह गलतफहमी नहीं होनी चाहिए कि वह कानून से ऊपर हैं या वर्दी को डराया जा सकता है। जनता किसी से दबने वाली नहीं है, एक-एक रुपये का हिसाब देना पड़ेगा। वह समय जल्द जब ममता बनर्जी को जनता को हिसाब देना होगा, क्योंकि जिन नेताओं को ये गुरूर था कि वे कानून से ऊपर हैं वे आज जेल की सलाखों के पीछे हैं।

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