Salient points of press conference of BJP National Spokesperson Shri Rajyavardhan Singh Rathore.


18-11-2020
Press Release

 

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ की प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु

 

रक्षा सौदों में दलाली का कांग्रेस का लंबा इतिहास रहा है। कांग्रेस शासन में हुआ ऐसा एक भी रक्षा सौदा नहीं है जिसमें कांग्रेस पार्टी या उसके कुछ नेताओं का नाम नहीं आया हो। जीप घोटाला, बोफोर्स घोटाला, टाटा ट्रक घोटाला, स्कार्पियन पनडुब्बी घोटाला से लेकर अगस्ता वेस्ट लैंड घोटाला तक हर डिफेंस डील में कांग्रेस नेताओं द्वारा किकबैक लिए जाने की बात सामने आई है यह दुर्भाग्यपूर्ण है।

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आज फिर एक प्रमुख अंग्रेजी अखबार में डिटेल में यह बात सामने आई है कि किस तरह फर्जी कंपनियों के द्वारा अगस्ता वेस्टलैंड में मामले में ली गई रिश्वत की मोटी रकम को कुछ लोगों में बांटा गया जिसमें कांग्रेस के कई बड़े नेताओं के नाम हैं।

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देश जानना चाहता है कि अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में कांग्रेस पार्टी के बड़े नेताओं का नाम सामने आने पर सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी का क्या कहना है? आखिर क्या बात है कि हर डिफेंस डील में कांग्रेसी नेताओं की दलाली की बात सामने आती है?

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देश की सुरक्षा के साथ कांग्रेस का खिलवाड़ दुर्भाग्यपूर्ण है और देश की जनता कांग्रेस पार्टी को कभी भी माफ़ नहीं करेगी। कांग्रेस के पास कहने को कुछ भी नहीं है क्योंकि कांग्रेस और भ्रष्टाचार एक ही सिक्के के दो पहलू हैं और ये दोनों शब्द पर्यायवाची हो गए हैं।

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कल हमारे वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री श्री रवि शंकर प्रसाद जी ने भी प्रेस वार्ता कर कांग्रेस पार्टी, सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी से इस घोटाले में अपने बड़े नेताओं का नाम आने पर स्पष्टीकरण और जवाब देने को कहा था लेकिन कांग्रेस खामोश है। इस चुप्पी का क्या मतलब समझा जाए?

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मैं आज पुनः कांग्रेस पार्टी, सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी से इस पर सवाल पूछता हूँ कि वे अपने नेताओं के नाम सामने आने पर क्या कहेंगे। कुछ कहेंगे भी या कि चुप ही रहेंगे।

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ईडी की चार्जशीट में राजीव सक्सेना के बयानों पर आधारित 1000 पेज के सरकारी दस्तावेज, बैंक स्टेटमेंट्स, ईमेल चैट्स और फर्जी कंपनियों के विवरणों के अध्ययन से खुलासा हुआ है कि हवाला कारोबार और फर्जी कंपनियों का एक बड़ा नेटवर्क था, जिससे सभी आरोपित जुड़े हुए थे।

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सक्सेना ने खुलासा किया है कि इनमें से बड़ी रकम कई ऐसे नेताओं और अधिकारियों को भी दी गई, जो उस वक्त सरकारी निर्णयों को प्रभावित करने की क्षमता रखते थे। इन्हें निवेश के माध्यम से भारत में लाया गया और अवैध लेनदेन का एक नेटवर्क बन गया।

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने आज पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया और अगस्त वेस्टलैंड घोटाला मामले में एक बार पुनः कांग्रेस पर करारा प्रहार किया। ज्ञात हो कि ईडी ने इस मामले में कोर्ट में जो चार्जशीट फ़ाइल की है, उसके अनुसार 3000 करोड़ रुपए के अगस्ता-वेस्टलैंड VVIP हेलिकॉप्टर घोटाले के मामले में गवाह राजीव सक्सेना ने कई बड़े खुलासे किए हैं। राजीव सक्सेना ने इस मामले में मध्य प्रदेश के पूर्व-मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे बकुल नाथ, नकुल नाथ और उनके भतीजे रतुल पुरी के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद और सोनिया गाँधी के विश्वस्त अहमद पटेल का नाम भी लिया है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार यूपीए कार्यकाल के दौरान हुए इस डील में 70 मिलयन यूरो की रिश्वत ली गई।

 

श्री राठौड़ ने कहा कि रक्षा सौदों में दलाली का कांग्रेस का लंबा इतिहास रहा है। कांग्रेस शासन में हुआ ऐसा एक भी रक्षा सौदा नहीं है जिसमें कांग्रेस पार्टी या उसके कुछ नेताओं का नाम नहीं आया हो। जीप घोटाला, बोफोर्स घोटाला, टाटा ट्रक घोटाला, स्कार्पियन पनडुब्बी घोटाला से लेकर अगस्ता वेस्ट लैंड घोटाला तक हर डिफेंस डील में कांग्रेस नेताओं द्वारा किकबैक लिए जाने की बात सामने आई जिसकी मीडिया रिपोर्टों ने सुर्खियाँ बटोरी। कल हमारे वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री श्री रवि शंकर प्रसाद जी ने भी प्रेस वार्ता कर कांग्रेस पार्टी, सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी से इस घोटाले में अपने बड़े नेताओं का नाम आने पर स्पष्टीकरण और जवाब देने को कहा था लेकिन कांग्रेस खामोश है। इस चुप्पी का क्या मतलब समझा जाए?

 

भाजपा प्रवक्ता ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि आज फिर एक प्रमुख अंग्रेजी अखबार में डिटेल में यह बात सामने आई है कि किस तरह फर्जी कंपनियों के द्वारा रिश्वत की मोटी रकम को कुछ लोगों में बांटा गया जिसमें कांग्रेस के कई बड़े नेताओं के नाम हैं। मैं आज पुनः कांग्रेस पार्टी, सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी से इस पर सवाल पूछता हूँ कि वे अपने नेताओं के नाम सामने आने पर क्या कहेंगे। कुछ कहेंगे भी या कि चुप ही रहेंगे। वैसे भी कांग्रेस के पास कहने को कुछ भी नहीं है क्योंकि कांग्रेस और भ्रष्टाचार एक ही सिक्के के दो पहलू हैं और ये दोनों शब्द पर्यायवाची हो गए हैं।

 

श्री राठौड़ ने कहा कि ईडी की चार्जशीट में राजीव सक्सेना के बयानों पर आधारित 1000 पेज के सरकारी दस्तावेज, बैंक स्टेटमेंट्स, ईमेल चैट्स और फर्जी कंपनियों के विवरणों के अध्ययन के बाद खुलासा हुआ है कि हवाला कारोबार और फर्जी कंपनियों का एक बड़ा नेटवर्क था, जिससे इस मामले के सभी आरोपित जुड़े हुए थे। राजीव सक्सेना ने बताया कि किस तरह यूपीए-2 द्वारा कैंसिल कर दिए गए इस करार के किकबैक रकम को अन्य कंपनियों और फर्जियों कंपनियां बनाकर इसमें में निवेश किया गया था। इनमें राजीव सक्सेना की इंटरस्टेलर टेक्नोलॉजीज और क्रिस्चियन मिशेल की ग्लोबल सर्विसेज प्रमुख हैं। मिशेल को दिसंबर 2018 में भारत लाया गया था और वो तभी से जेल में है। सक्सेना ने खुलासा किया है कि इनमें से बड़ी रकम कई ऐसे नेताओं और अधिकारियों को भी दी गई, जो उस वक्त सरकारी निर्णयों को प्रभावित करने की क्षमता रखते थे। इन्हें निवेश के माध्यम से भारत में लाया गया और अवैध लेनदेन का एक नेटवर्क बन गया।

 

राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि सीबीआई ने सितंबर 17, 2020 को दायर की गई चार्जशीट में बताया है कि सन 2000 में सक्सेना के पास इंटरस्टेलर टेक्नोलॉजीज के 99.9% शेयर्स थे। उसने गौतम खेतान के साथ मिल कर अपनी कंपनी के बैंक खाते में अगस्ता-वेस्टलैंड से 12.4 मिलियन यूरो प्राप्त किए थे। इसके बाद इस रकम को आगे दलालों, नेताओं और अधिकारियों में बाँटे गए। इसमें दलाल सुषेण मोहन गुप्ता और कमलनाथ के भतीजे रतुल पुरी ने प्रमुख भूमिका निभाई।

 

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि राजीव सक्सेना ने ईडी को बताया किजैसा कि मैट्रिक्स ग्रुप लिमिटेड (सक्सेना की कंपनी) द्वारा भारत में ऑप्टिमा इंफ्रास्ट्रक्चर पी लिमिटेड में अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडी रिगेल पावर लिमिटेड के माध्यम से किए गए निवेश के संबंध की बात है, मैं इस बात की पुष्टि कर सकता हूं कि इंटरस्टेलर टेक्नोलॉजीज लिमिटेड और ग्लोबल सर्विसेज FZC से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से धन प्राप्त हुआ है। यह निवेश ... इस निवेश का एक हिस्सा उनके (रतुल पुरी) द्वारा ग्लोबल सर्विसेज एफजेडसी के प्रेषणों से व्यवस्थित किया गया था जिसे अगस्ता वेस्टलैंड से धन प्राप्त हुआ था, जिससे मैं उस समय अनजान था।

 

राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि सक्सेना ने गुप्ता और पुरी दोनों को विस्तृत रूप से बताया और 9 अक्टूबर, 2019 को पूछताछ के दौरान उनका वर्णन किया। उन्होंने कहा कि इन तीनों ने मोजर पावर की परियोजनाओं के लिए सौर पैनलों में व्यापार सहित विभिन्न व्यापार प्रस्तावों पर चर्चा की। वे मोजर पावर और आपूर्तिकर्ताओं के बीच "मध्यस्थ" के रूप में कार्य करने वाले थे। सक्सेना ने ईडी को एक फ्लो चार्ट दिया, जिससे उनकी कंपनी मिडास मेटल्स इंट लिमिटेड ने मध्यस्थ इकाई के रूप में काम किया। सक्सेना ने जिस दूसरे संयुक्त उद्यम पुरी की कंपनी ऑप्टिमा इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड में एक निवेश "संरचना" के बारे में बताया कि जो एक पनबिजली परियोजना में निवेश कर रहा था। आंशिक रूप से घाटे को कवर करने के लिए, अक्टूबर 2014 में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे जिसके द्वारा रतुल पुरी की कंपनी, इक्विनॉक्स ओशन होल्डिंग्स लिमिटेड की वित्तीय संपत्तियों को मैट्रिक्स समूह में स्थानांतरित किया जाने का प्रावधान था।

 

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि 2019 में पुरी को बैंक धोखाधड़ी धोखाधड़ी के लिए प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत गिरफ़्तार किया गया था। हेलिकॉप्टर घोटाले में पुरी जाँच एजेंसी के सामने पेश हुए थे, जिसके बाद जुलाई 2019 में उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था। इसके बाद सीबीआई की FIR का संज्ञान लेते हुए उनके और अन्य के ख़िलाफ़ आपराधिक मामला दर्ज किया गया था। एक मामला मामला सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा अपने साथ ₹354 करोड़ की धोखाधड़ी (फ्रॉड) किए जाने के आरोप का था। राजीव सक्सेना को जुलाई 2019 में दुबई से प्रत्यर्पित कर लाया गया था। वो फ़िलहाल जमानत पर बाहर हैे। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उनकी 385 करोड़ रुपए की संपत्ति को अटैच करने के साथ-साथ उनसे पूछताछ भी की थी। इसके अलावा राजीव सक्सेना ने एकप्रिस्टिन रिवर इन्वेस्टमेंट्सनामक कम्पनी का भी नाम लिया है। उसने और गुप्ता ने इसी कम्पनी के माध्यम सेब्रिज फंडिंगप्राप्त किया। राजीव सक्सेना को जुलाई 2019 में दुबई से प्रत्यर्पित कर लाया गया था। वो फ़िलहाल जमानत पर बाहर हैे। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उनकी 385 करोड़ रुपए की संपत्ति को अटैच करने के साथ-साथ उनसे पूछताछ भी की थी।

 

श्री राठौड़ ने कहा कि देश जानना चाहता है कि अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में कांग्रेस पार्टी के बड़े नेताओं का नाम सामने आने पर सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी का क्या कहना है? आखिर क्या बात है कि हर डिफेंस डील में कांग्रेसी नेताओं की दलाली की बात सामने आती है? देश की सुरक्षा के साथ कांग्रेस का खिलवाड़ दुर्भाग्यपूर्ण है और देश की जनता कांग्रेस पार्टी को कभी भी माफ़ नहीं करेगी।

 

(महेंद्र पांडेय)

कार्यालय सचिव

 

 

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