Salient points of press conference of Former Chief Minister of Madhya Pradesh and Senior BJP Leader Shri Shivraj Singh Chauhan


द्वारा श्री शिवराज सिंह चौहान -
23-05-2024
Press Release

 

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री शिवराज सिंह चौहान की प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु

 

पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की वोटबैंक की राजनीति पर कलकत्ता उच्च न्यायालय ने करारा तमाचा मारते हुए 2010 के बाद जारी हुए सभी ओबीसी प्रमाण पत्र रद्द करने का निर्णय लिया है।

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लेकिन न्यायालय के निर्णय की अवमानना कर तुष्टीकरण पर उतारू पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी संविधान का ही अपमान कर रही हैं।

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सत्ता संभालते ही ममता बनर्जी ने वोटबैंक की राजनीति करते हुए बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं को ओबीसी प्रमाण पत्र बनाकर दिए।

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बिना किसी नियम का पालन करते हुए 118 जातियों को ओबीसी में शामिल किया गया और अल्पसंख्यकों को भी ओबीसी प्रमाण पत्र जारी कर दिए गए, जिसे कलकत्ता उच्च न्यायालय ने असंवैधानिक बताते हुए रद्द करने का निर्णय लिया है।

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टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी का बयान अहंकार एवं अराजकता की पराकाष्ठा है और धर्म के आधार पर असंवैधानिक आरक्षण देने वाली ममता बनर्जी को एक दिन भी मुख्यमंत्री पद पर रहने का अधिकार नहीं है।

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जवाहर लाल नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और डॉ मनमोहन सिंह पिछड़ी जातियों के विरुद्ध थे और  कल राहुल गांधी ने सिस्टम को पिछड़ा विरोधी बताकर स्वयं इस सत्य को स्वीकारा है।

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कांग्रेस ने सदैव दलित, पिछड़े और आदिवासियों के हक पर डाका डाला है और आंध्र प्रदेश एवं कर्नाटक में ओबीसी का हक छीन कर अल्पसंख्यकों को आरक्षण देने का अपराध किया है।

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बाबा साहब डॉ. भीम राव अंबेडकर ने कदम कदम पर कांग्रेस का विरोध किया, जिसके परिणामस्वरूप पंडित नेहरू और इंदिरा गांधी को तो जीवित रहते भारत रत्न मिल गया, लेकिन बाबा साहब को ये सम्मान भाजपा सरकार बनने के बाद मिल पाया।

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 चाहे रंगनाथ मिश्र कमेटी हो या सच्चर कमेटी, कांग्रेस ने हर बार दलितों और पिछड़ों का हक छीनने का षड्यंत्र रचा है और कांग्रेस शासनकाल में ऐसे कुकृत्य भरे पड़े हैं।

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 जनता के सामने अब इंडी गठबंधन का सत्य उजागर हो चुका है और लोकसभा चुनाव में भाजपा 370 और एनडीए 400 पार कर फिर एक बार मोदी सरकार बनाने वाली है।

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मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज केन्द्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा पिछड़ा वर्ग प्रमाण पत्रों के रद्द करने संबंधी निर्णय की अवमानना करने के लिए टीएमसी प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी पर जमकर प्रहार किया। साथ ही,  कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान का उल्लेख करते हुए कांग्रेस के दलित एवं पिछड़ा विरोधी चरित्र को उजागर किया।

 

श्री चौहान ने कहा कि तुष्टीकरण ही कांग्रेस और टीएमसी जैसी पार्टियों की खुराक और खाद पानी है एवं तुष्टीकरण के बिना ये पार्टियां एक दिन भी नहीं चल सकती हैं। सिर्फ अपने वोटबैंक के लिए ओबीसी का आरक्षण छीन कर एक वर्ग विशेष को देना बिल्कुल भी न्यायसंगत नहीं है। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की वोटबैंक की राजनीति पर कलकत्ता उच्च न्यायालय ने करारा तमाचा मारते हुए 2010 के बाद जारी हुए सभी ओबीसी प्रमाण पत्र रद्द करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि  सत्ता संभालते ही ममता बनर्जी ने वोटबैंक की राजनीति करते हुए बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं को ओबीसी प्रमाण पत्र बनाकर दिए, बिना किसी नियम का पालन करते हुए 118 जातियों को ओबीसी में शामिल किया और अल्पसंख्यकों को भी ओबीसी प्रमाण पत्र जारी कर दिए। इसे कलकत्ता उच्च न्यायालय ने असंवैधानिक बताते हुए रद्द करने का निर्णय लिया है।

 

भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री चौहान ने कहा कि सिर्फ वोटबैंक की राजनीति करने वाली ममता बनर्जी का सच जनता के समक्ष उजागर हो गया है, लेकिन तुष्टीकरण पर उतारू ममता बनर्जी उच्च न्यायालय के निर्णय की अवमानना कर संविधान का ही अपमान कर रही हैं। आजादी के बाद संवैधानिक पद पर बैठे किसी व्यक्ति ने कभी न्यायालय के निर्णय का पालन करने से इनकार नहीं किया। ममता बनर्जी का यह बयान  अहंकार और अराजकता की पराकाष्ठा है। धर्म के आधार पर असंवैधानिक आरक्षण देने वाली मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक दिन भी सीएम पद पर रहने का अधिकार नहीं है।

 

कल राहुल गांधी ने भी एक बड़ा सत्य स्वीकार किया है। राहुल गांधी ने ‘संविधान सम्मान सम्मेलन’ नामक एक कार्यक्रम में स्वयं कहा है कि पूरा सिस्टम ही पिछड़ा विरोधी है, इसका अर्थ है कि पंडित जवाहरलाल नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और मनमोहन सिंह द्वारा चलाया गया पूरा सिस्टम पिछड़ी जातियों के विरुद्ध रही। भारतीय जनता पार्टी पिछले कई वर्षों से कह रही है कि कांग्रेस दलित, गरीब, आदिवासी और पिछड़ा वर्ग विरोधी है तथा कल राहुल गांधी ने स्वयं इस सत्य को स्वीकार किया है। पिछड़े वर्गों के विरुद्ध कांग्रेस ने जमकर अन्याय किया है। कांग्रेस ने 40 वर्षों तक पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा नहीं दिया, लेकिन माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने इस कार्य को पूर्ण किया है। कांग्रेस ने सदैव दलित, पिछड़े और आदिवासियों के हक पर डाका डाला है और आंध्र प्रदेश एवं कर्नाटक में ओबीसी का हक छीन कर अल्पसंख्यकों को आरक्षण देने का अपराध किया है।

 

कांग्रेस सरकार ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और जामिया मिल्लिया इस्लामिया जैसे संस्थानों में भी दलित, पिछड़ा वर्ग और आदिवासियों के आरक्षण को समाप्त करने का पाप किया है। बाबा साहब डॉ. भीम राव अंबेडकर ने कांग्रेस का कदम कदम पर विरोध किया और बाबा साहब को चुनाव जीतने से रोकने के लिए कांग्रेस सरकार ने कई बार रोड़े अटकाए। पंडित नेहरू और इंदिरा गांधी को उनके जीवित रहते हुए भारत रत्न मिल गया था, लेकिन बाबा साहब को यह सम्मान भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद मिला। कांग्रेस सरकार ने बाबा साहब के चित्र को संसद में नहीं लगने दिया था। बाबा साहब ने पंजाब की एक रैली में कहा था कि कांग्रेस की मानसिकता शुरू से ही दलित विरोधी रही है और पंडित नेहरू ने दलितों और पिछड़ा वर्ग के लोगों के लिए कोई काम नहीं किया। चाहे रंगनाथ मिश्र कमेटी हो या सच्चर कमेटी, कांग्रेस के पूरे कालखंड में हर बार दलितों और पिछड़ो का हक छीनने के लिए कई षड्यंत्र किए गए।

 

कांग्रेस का पूरा कार्यकाल ऐसे पापों से भरा हुआ है, कल राहुल गांधी ने भी इस बात को स्वीकारा है। आज भी कांग्रेस और इंडी गठबंधन के सारे घटक दल इसी तुष्टिकरण की राजनीति पर चलकर दलित और पिछड़े लोगों का हक मारने में लगे हुए हैं। जनता के सामने अब इंडी गठबंधन का सत्य उजागर हो चुका है और लोकसभा चुनाव में भाजपा 370 और एनडीए 400 पार कर फिर एक बार मोदी सरकार बनाने वाली है। ।

 

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