भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद की प्रेस वार्ता के मुख्य बिन्दु
क्या राहुल गांधी में किसी और धर्म के लिए इस तरह के अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करने की हिम्मत है? वे बार-बार हिंदू आस्था का ही अपमान क्यों करते हैं?
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वोटबैंक की राजनीति के लिए हिन्दू आस्था का अपमान करना विपक्ष की फितरत बन चुकी है।
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राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस पार्टी माओवादी, अलगाववादी और विभाजनकारी विचारों पर चलने लगी है। राहुल गांधी आपत्तिजनक बयान देते हैं और देश की आस्था का अपमान करते हैं।
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राहुल गांधी अपनी सुविधानुसार चुनावी हिंदू बन जाते हैं, लेकिन अब राहुल गांधी, एमके स्टालिन, उदयनिधि स्टालिन और ए. राजा में कोई अंतर नहीं रह गया है।
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जिस चुनाव आयोग और ईवीएम के माध्यम से कांग्रेस कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में चुनाव जीती है, राहुल गांधी उसी चुनाव आयोग और ईवीएम पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
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कांग्रेस पार्टी की दरबारी संस्कृति के कारण उनका बेड़ा गर्क होता जा रहा है।
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भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद श्री रविशंकर प्रसाद ने आज केंद्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा हिंदू धर्म और “शक्ति” के विरोध के आपत्तिजनक बयान दिए जाने पर जमकर निशाना साधा। श्री प्रसाद ने राहुल गांधी से सवाल पूछे कि क्या वे इस तरह के शब्दों का प्रयोग किसी और धर्म के लिए कर सकते हैं? उन्होंने राहुल गांधी पर सनातन विरोधी व चुनावी हिंदू होकर वोटबैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि विपक्ष देश के लोकतंत्र का मजाक बनाना बंद करे।
श्री प्रसाद ने कहा कि राहुल गांधी ने हिंदू आस्था, हिंदू चिंतन, हिंदू संस्कार और हिंदू संस्कृति का अपमान किया है। उनके गलती पर माफी मांगने की बजाय, उनके दरबारी प्रवक्ता उनकी टिप्पणी में ज्ञान खोज रहे हैं। कांग्रेस पार्टी अब महात्मा गांधी की प्रेरणा पर चलने वाली कांग्रेस नहीं रह गई है, अपितु राहुल गांधी की अगुवाई में ये कांग्रेस पार्टी माओवादी, अलगाववादी और विभाजनकारी विचारों पर चलने लगी है। राहुल गांधी ने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि “हिंदू धर्म में शक्ति शब्द होता है, हम शक्ति से लड़ रहे हैं।” श्री प्रसाद ने राहुल गांधी से पूछा कि क्या राहुल गांधी में किसी और धर्म के लिए इस तरह के अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करने की हिम्मत है? बार-बार हिंदू आस्था का अपमान क्यों करते हैं?
पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी सुविधानुसार चुनावी हिंदू बनते हैं, लेकिन उनके मन में हिंदू आस्था के लिए अपमान ही है। उनके इस बयान से पूरा देश गुस्से में है और हिंदुओं की आस्था का अपमान अब देश सहन नहीं करेगा। “या देवी सर्व भूतेषू, शक्ति रूपेण संस्थिता, नमस्तस्ये, नमस्तस्ये, नमस्तस्ये नमो नमः” ये श्लोक इस देश की प्रेरणा है। आज आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने भी देश की शक्तियों की व्याख्या की है। राहुल गांधी, एमके स्टालिन, उनके पुत्र और ए राजा में कोई अंतर नहीं रह गया है। बिहार के पूर्व शिक्षा मंत्री भी इसी तरह के बयान देते और राहुल गांधी ने कभी उनका विरोध नहीं किया। भारतीय जनता पार्टी राहुल गांधी की इस टिप्पणी की भर्त्सना करती है।
श्री प्रसाद ने कहा कि देश की जनता इस टिप्पणी का जवाब देगी। भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी की टिप्पणी को मुद्दा बनाएगी। देश की आस्था का सम्मान भी लोकतांत्रिक प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण अंग होता है। वोटबैंक की राजनीति के लिए हिन्दू आस्था का अपमान करना, इन लोगों की फितरत बन चुकी है। राहुल गांधी ने अपनी टिप्पणी के स्पष्टीकरण में आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को ही शक्ति का मुखौटा बता दिया और जांच एजेंसी एवं मीडिया की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था में विश्वास नहीं करते हैं, इसलिए उन्हें और उनकी पार्टी को वोट भी नहीं मिलता है। राहुल गांधी आपत्तिजनक बयान देते हैं, देश की आस्था का अपमान करते हैं और जब मीडिया उनसे सवाल करती है तो कहते हैं, मीडिया चंगुल में फंसी है।
कांग्रेस द्वारा ईवीएम पर निरंतर सवाल उठाए जाने पर तंज कसते हुए श्री प्रसाद ने कहा कि देश के निर्वाचन आयोग और उसकी ईवीएम के माध्यम से ही कांग्रेस कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में चुनाव जीती है, फिर भी राहुल गांधी उस पर ही सवाल खड़े कर रहें हैं। इसके दो ही अर्थ हो सकते हैं, या तो वह चुनाव में अपनी जबरदस्त हार को छुपाने के लिए बहाना ढूंढ रहे हैं या ये लोग ईमानदारी से चुनाव लड़ना नहीं चाहते हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि अगर राहुल गांधी को कुछ अच्छे सहयोगियों की आवश्यकता है, तो भाजपा देश को समझने वाले कुछ अच्छे व्यक्तियों को उनके पास भेज सकती है।
श्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ‘राहुल गांधी की एक विशेषता है कि वह 10 साल से चुनाव हार रहे हैं, फिर भी कहते हैं मैं ठीक हूं और मुझे कोई बदलाव करने की जरूरत नहीं है।’ हिन्दू धर्म की शक्ति पर हाल ही में उनका दिया गया बयान इस बात की पुष्टि करता है कि राहुल गांधी स्वयं को सदैव ही सही मानते है।
राहुल गांधी के पूर्व की टिप्पणियों को उल्लेख करते हुए श्री प्रसाद ने कहा कि राहुल गांधी द्वारा ऐसा सनातन विरोधी वक्तव्य पहली बार नहीं आया है। राहुल गांधी ने यूरोप भ्रमण के दौरान देश की संस्कृति के विरुद्ध बयान दिया था और अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के सामने हिन्दू धर्म की आतंकवाद से आपत्तिजनक तुलना की थी। राहुल गांधी को देश के इतिहास के बारे में ठीक से जानकारी नहीं है। कांग्रेस पार्टी की दरबारी संस्कृति के कारण उनका बेड़ा गर्क हो रहा है। भाजपा चाहती है कि मजबूत विपक्ष रहे, मगर विपक्ष को सुधारने का काम हमारा नहीं है। श्री प्रसाद ने कांग्रेस को सलाह दी कि कृपया कर लोकतंत्र का मजाक बनाना और जांच एजेंसियों पर दबाव बनाना बंद करें। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने संसद के अंदर और बाहर दोनों स्थानों पर कहा है कि भ्रष्टाचार पर लगाम लगाया जाएगा, कांग्रेस ऐसे दबाव बनाने से भ्रष्टाचार के खिलाफ हो रही मुहिम को बंद नहीं किया जाएगा।
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