केन्द्रीय मंत्री एवं भाजपा की वरिष्ठ नेत्री श्रीमती स्मृति ईरानी की प्रेस वार्ता के मुख्य बिन्दु
आम आदमी पार्टी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने सेवा के बहाने सत्ता पर कब्जा कर जनता की तिजोरी को लूटा है।
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केजरीवाल सरकार के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के बेल आवेदन पर दिल्ली उच्च न्यायलय की तीन प्रमुख टिप्पणियां सामने आई हैं, जो मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार को प्रतिबिंबित करती है।
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मनीष सिसोदिया ने सरकारी तंत्र का दुरुपयोग करते हुए लगभग ₹100 करोड़ का घोटाला किया है।
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मनीष सिसोदिया ने केस से संबंधित सबूतों को मिटाया है।
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मनीष सिसोदिया के पास आम आदमी पार्टी सरकार की प्रशासनिक और शासकीय ताकत हैं, जिसके आधार पर वे केस से संबंधित गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।
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मनीष सिसोदिया ने स्वयं शराब घोटाले के माध्यम से जो ₹100 करोड़ रुपए उगाहे हैं, उसके लाभार्थी आम आदमी पार्टी के अन्य नेता भी हैं।
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न्यायालय ने मनीष सिसोदिया के मामले में कहा है कि मनीष सिसोदिया द्वारा प्रयुक्त दो मोबाइल फोन डैमेज बताकर पेश नहीं किए गए और इसीलिए साक्ष्यों को प्रभावित करने की आशंका बनी हुई है, इसी कारण मनीष सिसोदिया को बेल नहीं मिल रही है।
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केन्द्रीय मंत्री एवं भाजपा की वरिष्ठ नेत्री श्रीमती स्मृति ईरानी ने आज केंद्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया के बेल आवेदन मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय की सख्त टिप्पणियों का स्वागत करते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने सेवा के बहाने सत्ता पर कब्जा कर सिर्फ जनता की तिजोरी को लूटने का काम किया है। दिल्ली उच्च न्यायालय का निर्णय आम आदमी पार्टी की सरकार के “घिनौने सच” को पुनर्स्थापित करता है।
श्रीमती ईरानी ने कहा कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और शराब घोटाले के मुख्य आरोपी मनीष सिसोदिया के बेल आवेदन पर कल दिल्ली उच्च न्यायालय की तीन मुख्य टिप्पणियां सामने आई हैं, जो केजरीवाल सरकार में हुए भ्रष्टाचार को प्रतिबिंबित करती है। कोर्ट ने स्पष्ट रूप से उल्लेख किया कि मनीष सिसोदिया ने सरकारी तंत्र का दुरुपयोग करते हुए लगभग ₹100 करोड़ का घोटाला किया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि मनीष सिसोदिया ने केस से संबंधित सबूतों को मिटाया है। कोर्ट ने यह भी माना कि मनीष सिसोदिया के पास आम आदमी पार्टी की सरकार की वजह से प्रशासनिक और शासकीय ताकत है और वे केस से संबंधित गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। न्यायालय ने मनीष सिसोदिया के मामले में कहा है कि मनीष सिसोदिया द्वारा प्रयुक्त दो मोबाइल फोन डैमेज बताकर पेश नहीं किए गए और इसीलिए साक्ष्यों को प्रभावित करने की आशंका बनी हुई है, इसी कारण मनीष सिसोदिया को बेल नहीं मिल रही है।
श्रीमती ईरानी ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ शराब घोटाले में प्रमुख भूमिका निभाने वाले मनीष सिसोदिया के संदर्भ में कोर्ट का यह निर्णय अपने आप में गवाही देता है कि मनीष सिसोदिया ने स्वयं शराब घोटाले के माध्यम से जो ₹100 करोड़ रुपए पाये हैं, उसके लाभार्थी आम आदमी पार्टी के अन्य नेता भी हैं। दिल्ली उच्च न्यायालय का निर्णय आम आदमी पार्टी की सरकार के “घिनौने सच” को पुनर्स्थापित करता है। कोर्ट का यह निर्णय सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध है, जो दर्शाता है कि जिस आम आदमी पार्टी ने सेवा के बहाने सत्ता पर कब्जा किया, उसी पार्टी ने जनता को संघर्ष के बीच में छोड़ते हुए उनकी तिजोरी को लूटने में जुट गए।
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